Body Donation News, Jabalpur MP | विश्व के सबसे बड़े समाज सुधारक प्रसिद्ध संत रामपाल जी महाराज के दो अनुयायियों ने एक बार फिर नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज, जबलपुर में देहदान किया। इससे पहले अप्रैल में भी संत जी के अनुयायी इस मेडिकल कॉलेज में देहदान कर चुके हैं।
Body Donation News, Jabalpur MP: संत रामपाल जी के दो शिष्यों द्वारा मेडिकल कॉलेज जबलपुर में देहदान
रक्तदान हो चाहे देहदान संत रामपाल जी महाराज के अनुयायी हर संभव मदद करने के लिए खड़े रहते है। इसी कड़ी में 12 जुलाई और आज 13 जुलाई को संत जी के दो अनुयायियों द्वारा मेडिकल कॉलेज, जबलपुर (मध्यप्रदेश) में देहदान किया गया। सबसे बड़े समाज सुधारक संत रामपाल जी महाराज के अनुयायी आए दिन जबलपुर जिले के सभी हॉस्पिटलों में जरूरत मंद लोगों के लिए रक्तदान करने के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं।
संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों ने बताया कि गंभीर बीमारियों से ग्रसित बच्चों, बुजुर्गों, महिलाओं आदि जिन्हें रक्त (Blood) की आवश्यकता होती है उनकी मदद के लिए जिले के सभी अस्पतालों में आये दिन हम सभी अनुयायी रक्तदान करते रहते हैं। मेडिकल कॉलेज के छात्रों के अनुसंधान के कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए उन्हे शवों की आवश्यकता होती है। इसके लिए संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों ने जुलाई माह में दो देहदान किए हैं। इससे पहले इसी साल अप्रैल माह में भी संत जी के एक अन्य शिष्य द्वारा देहदान किया गया था।
Body Donation News, Jabalpur MP: मेडिकल कॉलेज, जबलपुर में हुआ देहदान
जबलपुर के गौर इलाके में रहने वाले नीरज दास की 42 वर्षीय माँ मीरा महोबिया का 12 जुलाई की सुबह देहांत हो गया जो कि विजय मेमोरियल हॉस्पिटल पर नर्स के पद पर कार्यरत थी और संत रामपाल जी महाराज की अनुयाई थीं। मीरा दासी की पूर्व में की गई इच्छा तथा उनके बेटे नीरज दास व परिवार की इच्छा अनुसार मेडिकल में देहदान करने का निर्णय लिया और नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज, जबलपुर में देहदान किया गया। जिससे डॉक्टर की पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों को इस देहदान से कुछ सीखने को मिल सके।
Body Donation News, Jabalpur MP: कटनी निवासी का हुआ देहदान
मानव एवं विश्व कल्याण के लिए निरंतर प्रयत्नशील जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के शिष्य सुनील दास निवासी कारीपाथर, जिला-कटनी के 58 वर्षीय पिता बदरी दास का 13 जुलाई को जबलपुर स्थित नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में देहदान किया गया। यह देहदान मृतक बदरी दास की पूर्व में की गई इच्छा व उनके परिजनों की स्वीकृति से पूर्ण हो सका। संत रामपाल जी महाराज जी की नैतिक एवं आध्यात्मिक शिक्षाओं पर चलकर उनके अनुयायियों द्वारा यह ऐतिहासिक कदम उठाया गया।
गुरुदेव जी से मिलती है महापरोपकार के कार्य करने की प्रेरणा
संत जी के अनुयायियों का कहना है कि यह परोपकार के कार्य की प्रेरणा हमें अपने गुरुदेव संत रामपाल जी महाराज जी के सत्संगों से मिलती है। उन्होंने बताया कि संत रामपाल जी महाराज जी अपने सत्संगों में बताते हैं कि यह मनुष्य जीवन अनमोल है और किसी के जीवन की रक्षा करना महापरोपकार का कार्य होता है। उन्होंने यह भी बताया कि पूरे विश्व में संत रामपाल जी महाराज के लाखों, करोड़ों अनुयायी हैं जो कि अपने अपने क्षेत्रों में रक्तदान हो या देहदान जैसे महा परोपकार के कार्य करते रहते हैं। और यह सब प्रेरणा उन्हें अपने गुरुदेव संत रामपाल जी महाराज से मिलती है।
Body Donation News, Jabalpur MP: देहदान से होने वाले लाभ
संत रामपाल जी के अनुयायियों ने बताया कि देहदान से अनेकों लाभ होते हैं। यदि आध्यत्मिक दृष्टिकोण से देखा जाये तो मृत्यु के पश्चात् लोग मुर्दे के अंतिम संस्कार के नाम पर कर्मकांड जैसे तेरहवीं, छःमाही, बरखी, पितृ पूजा, श्राद्ध, पिण्डदान आदि में लगे रहते हैं जो कि भूत, पितृ पूजा होती है। इस प्रकार की पूजाओं का श्रीमद्भगवत गीता अध्याय 9 श्लोक 25 खंडन करता है, जिससे यह शास्त्रविरुद्ध क्रिया है। श्रीमद्भगवत गीता अध्याय 16 श्लोक 23 में कहा गया है कि शास्त्र विधि को त्यागकर जो मनमाना आचरण करते हैं उन्हें कोई लाभ नहीं होता। देहदान करने से हम सभी इन कर्मकांडों, शास्त्रविरुद्ध क्रियाओं से बच जाते हैं।
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वहीं दूसरी ओर मेडिकल की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों के प्रैक्टिकल के लिए भी शवों (Dead Body) की आवश्यकता होती है। जिस पर अनुसंधान कर नई नई खोजे की जाती हैं और विद्यार्थी एक अच्छे डॉक्टर बन पाते हैं।
Body Donation News, Jabalpur MP: संत रामपाल जी महाराज के अन्य समाज सुधार के कार्य
जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के अनुयायी ने बताया कि संत रामपाल जी महाराज समाज को नशा, दहेजप्रथा, चोरी, जारी, लूट खसौट, भ्रष्टाचार, रिश्वत खोरी, कुरीति, पाखंडवाद, जातिवाद आदि अवांछित पाप कर्मों से दूर कर एक स्वच्छ समाज तैयार करना चाहते हैं जहाँ सभी एक साथ प्रेम पूर्वक सौहार्दपूर्ण वातावरण में रह सके। अनुयायियों ने बताया कि हमारे गुरुदेव के लगभग एक करोड़ से अधिक अनुयायी हैं जो कि न तो नशा करते हैं और न ही नशा करने वाले का सहयोग करते हैं। साथ ही दहेज मुक्त विवाह भी संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में आये दिन होते रहते हैं। तथा हमारे गुरुदेव सर्व धर्म ग्रंथों से प्रमाणित आध्यात्मिक ज्ञान और भक्ति विधि बताते हैं जिससे अनुयायियों को अनेकों लाभ होते हैं।
मेडिकल स्टाफ ने की संत रामपाल जी महाराज की प्रशंसा
देहदान के दौरान मेडिकल स्टाफ के साथ संत रामपाल जी महाराज जी के अनुयायी भी उपस्थित रहे। मेडिकल स्टाफ की टीम ने इस महा परोपकारी कार्य की सराहना की और संत रामपाल जी महाराज का धन्यवाद किया। उन्होंने बताया कि संत रामपाल जी महाराज के अनुयायी अपने सतगुरुदेव जी की प्रेरणा से लगातार रक्तदान, देहदान के महा परोपकारी कार्य करते रहते हैं। साथ ही, उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज में 90 – 100 प्रतिशत जो देहदान हो रहे हैं यह संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों के ही हैं।
डॉक्टर को संत रामपाल जी महाराज द्वारा लिखित पुस्तक दी गई
मेडिकल कॉलेज एनाटॉमी विभाग के डॉक्टर एन. एल. अग्रवाल को संत रामपाल जी महाराज द्वारा लिखित पुस्तक “सच्चखंड का संदेश” दी गई और साथ ही अनुयायियों ने डॉक्टर अग्रवाल जी को संत रामपाल जी महाराज के अद्भुत, अद्वितीय, अलौकिक ज्ञान से अवगत कराया।
ऐसे महान संत रामपाल जी महाराज के ज्ञान को कैसे जानें
सामाजिक कार्यों और अद्वितीय आध्यात्मिक ज्ञान के लिए मशहूर संत रामपाल जी महाराज जी के सत्संग सुनिए प्रतिदिन Sant Rampal Ji Maharaj YOUTUBE चैनल पर या साधना टीवी चैनल पर प्रतिदिन सायं 7:30-8.30 बजे। आप Sant Rampal Ji Maharaj App गूगल प्ले स्टोर से डाऊनलोड करके सतज्ञान को ग्रहण कर सकते हैं।