November 23, 2024

देश का दुर्भाग्य बने बिकाऊ मीडिया चैनल, संत रामपाल जी महाराज की छवि को पहुँचा रहे है ठेस

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पत्रकारिता लोकतंत्र का चौथा स्तंभ यों ही नहीं कही जाती असल पत्रकारिता का फर्ज है सच को सामने लाना। वर्तमान का मीडिया झूठी खबर बताने में भी गुरेज़ नहीं करता। ऐसे मीडिया का समाज में होना शर्मनाक है। आज तक, TV 9 भारतवर्ष (TV9 Bharatvarsh), एबीपी न्यूज़ (ABP News), न्यूज़ नेशंस (News Nations), जैसे प्रतिष्ठित चैनल भी ऐसा करने से बाज़ नहीं आ रहे और सुधीर चौधरी जैसे प्रतिष्ठित एंकर भी सही गलत का निर्णय नहीं ले पा रहे। सच और झूठ का ख़्याल करते हुए इन्हें कम से कम संत रामपाल जी महाराज जैसे महान संत की छवि खराब करते हुए शर्म आनी चाहिए थी। संत रामपाल जी महाराज बहुत बड़े समाज सुधारक के रूप में जाने जाते हैं, उन्हें झूठे आरोपों में रणनीति के तहत जेल में बंद किया गया है किंतु बलात्कार जैसा कोई आरोप उन पर नहीं लगा है जिसे दिखाकर ये मीडिया चैनल सुर्खियां बटोर रहे हैं। इस प्रकार के कार्य निंदनीय हैं और इन चैनलों की घिनौनी मानसिकता को प्रदर्शित करता हैं। 

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हाल ही में जो हाथरस में हुआ वह निंदनीय है। ऐसे नकली धर्मगुरुओं और बाबाओं से देश भर पड़ा है जिन्हें कोई ज्ञान नहीं बस वे कथा सुनाकर, बहला फुसलाकर जनता को स्वयं से जोड़े रहते हैं। धन ऐंठते हैं और झूठी प्रतिष्ठा में लगे रहते हैं। समाचार समूह का यह फर्ज़ है ऐसी घटनाओं और ऐसे बाबाओं का पर्दाफाश करना किंतु इस खबर में टीआरपी के लिए सच्चे, निर्दोष और प्रतिष्ठित संत रामपाल जी महराज जैसे संत को जोड़ना भर्त्सना योग्य कार्य है। ऐसी स्थिति में गलत खबरों से एक अच्छे संत का नाम जोड़कर उनकी छवि खराब करने वाले इन न्यूज़ चैनलों का बहिष्कार किया जाना चाहिए।

संत रामपाल जी महाराज पर बलात्कार का कोई आरोप नहीं है और न कभी लगाया गया था। किंतु 2014 में हुई बरवाला घटना के समय भी टीआरपी के भूखे इन न्यूज़ चैनलों ने अपनी ओर से बलात्कार और अन्य घिनौनी बातें जोड़कर अपनी बेशर्मी ढिठाई जगज़ाहिर की। संत रामपाल जी महाराज के अनुयाइयों ने जब इसका विरोध किया और उन्हें ज्ञापन सौंपा तब इन्होंने माफी मांगी जिसे आप यहां चेक कर सकते हैं। हालांकि जिस जोर-शोर से इन निम्न स्तरीय खबरों में संत रामपाल जी महाराज की छवि को ठेस पहुंचाई उसी जोर-शोर के साथ क्षमा मांगने में इनकी सिट्टी पिट्टी गुम रही। संत रामपाल जी महाराज ने कभी जनता को बरगलाने का कार्य नहीं किया और न कभी बहला फुसलाकर उनसे नाम दीक्षा दिलाई, सत्य पर अड़े रहने के कारण किसी बड़े राजनेता उनके सान्निध्य में नहीं रहे, उन पर सभी आरोप झूठे लगाए गए, कोर्ट ने आधे से अधिक मामलों में उन्हें बरी कर दिया लेकिन याद रहे बलात्कार का कोई आरोप तो उन पर लगा ही नहीं।

हाथरस में बेशक एक निंदनीय कांड हुआ है। जिस नकली धमर्गुरुओं को सत्संग का अधिकार ही नहीं जब वे धर्म का ठेका लेंगे तो इसी प्रकार की घटनाएं होंगी। इस घटना की जानकारी देने का कार्य पत्रकारों का था लेकिन इस चैनल ने हदें पार करते हुए नकली धर्मगुरुओं द्वारा किए जा रहे गोरखधंधे में संत रामपाल जी महाराज का नाम जोड़ दिया। यह शर्मनाक है कि NBT न्यूज़ चैनल के द्वारा संत रामपाल जी महाराज का नाम नकली बाबाओं की लिस्ट में शामिल कर दिया है जिसमें इनका महिलाओं, युवतियों से संबंध बताया गया है। संत रामपाल जी महाराज पर ऐसा कोई आरोप नहीं है। यह अत्यंत शर्मनाक है कि ऐसे न्यूज़ चैनल अपनी खबर दिखाने से पहले उसके सत्य असत्य होने की पुष्टि भी नहीं करते हैं।

जिस देश में प्रेस वायर 18 (press wire 18) जैसे मीडिया चैनल प्रकाश में आए उस देश में पत्रकारिता गर्त में है। प्रेस वायर 18 की खबर संत रामपाल जी महाराज जी की छवि को ठेस पहुंचाती है। संत रामपाल जी महाराज के विषय में बिना जाने ही झूठी खबर NBT न्यूज़ की अगली कड़ी में अंग्रेज़ी में प्रकाशित की है जिसकी कोई बात का संत रामपाल जी महाराज तथा उन पर लगे झूठे आरोपों से लेना देना नहीं है।

बहुत बार व्यक्ति अपने द्वारा किए गए या अपने भीतर मौजूद अपराधों, कुंठाओं और घिनौनी सोच को दूसरों पर प्रकट करता है। यही हाल zee न्यूज़ का है। अपने इरादों के पूर्णतः नग्न भाव प्रकट करते हुए ज़ी न्यूज ने ऐसी ख़बर संत रामपाल जी महाराज के बारे में छापी है जिसका वास्तविकता से कोई लेना देना ही नहीं है। संत रामपाल जी महाराज जी पर झूठे आरोप लगे हैं किंतु अवैध गर्भपात के सेंटर खोलने जैसा कोई आरोप नहीं। साथ ही अन्य आरोपों में भी वे माननीय न्यायालय द्वारा बरी किए जा चुके हैं। तो क्या यह झूठी खबर बताकर ज़ी न्यूज अपनी क्या जानकारी देना चाहता है? देश का दुर्भाग्य है कि zee न्यूज़ एक प्रतिष्ठित चैनल के रूप में सामने आया। संत रामपाल जी महाराज के विषय में ऐसी झूठी खबर के माध्यम से zee न्यूज़ अपने विषय में क्या बता रहा है? क्या अवैध गर्भपात सेंटर खोलना zee न्यूज़ का ठेका है? 

आज तक जैसा मीडिया पत्रकारिता पर स्पष्ट रूप से कलंक है। पत्रकारिता जो सामने न हो उसे सामने लाती है, गलत पर अंकुश रखती है किंतु यदि कोई खबर न मिले तो स्वयं ही गढ़ने और किसी की छवि खराब करने का अधिकार पत्रकारिता को नहीं है। यह न केवल निंदनीय है बल्कि आज तक का दुर्भाग्य है कि संत रामपाल जी महाराज जैसे संत जिन्होंने एक एक धर्मग्रंथ को खोलकर तत्वज्ञान समझाया है, सच को सामने लाया और नकली धमर्गुरूओं की पोल खोली है। ऐसे महान संत के विषय में जिस प्रकार के शब्द आज तक ने इस्तेमाल किए हैं वे निश्चित रूप से ईश्वरीय दंड प्रक्रिया से अनभिज्ञ हैं। आज तक निश्चित तौर पर निम्न स्तर का चैनल है जिसे स्थापना के वर्षों बीतने के बाद भी फैक्ट चेक करना नहीं आया। 

Aaj Tak मीडिया के सुधीर चौधरी एक प्रतिष्ठित एंकर रहे हैं, लेकिन अफसोस है कि वे प्रतिष्ठित चैनल के माध्यम से जो मुंह में आया बोल रहे हैं। सुधीर चौधरी जी को निश्चित तौर पर फैक्ट चेक तो कर ही लेना चाहिए। इतना समय हो गया और आज तक वे संत रामपाल जी महाराज पर सही खबर नहीं जुटा पाए और ना पता लगा पाए। उन्हें खबर ही नहीं है कि वे किस संत के विषय में क्या बोल रहे हैं, उन्हें होश ही नहीं कि जो वे जोश में आकर बोल रहे हैं उसमें कितनी सच्चाई है? उन्हें इस बात का बिल्कुल ध्यान नहीं है कि पत्रकारिता का उसूल होता है सत्य को न छुपाना। वे संत रामपाल जी महाराज जी की छवि खराब कर रहे हैं। जानकारी के लिए वे याद रखें कि संत रामपाल जी महाराज ने ना तो सत्संग से पैसा कमाया है और न ही उनके किसी बड़े राजनेता से संबंध रहे है। जानबूझकर गलती करता हुआ बेहोश पत्रकार पूरी पत्रकारिता को शर्म के कटघरे में खड़ा करता है।

किसी घटना पर किसी और की छवि खराब करना अब न्यूज़ चैनलों का धंधा बन चुका है। संत रामपाल जी महाराज जो वर्ष भर अधिक से अधिक दो महीने के अंतराल में ही विशाल समागमों का आयोजन और चाहे जब सत्संग का आयोजन निशुल्क करते हैं ऐसे संत का धन से प्रेम बिलकुल वैसा ही है जैसा ईश्वर का पाप से प्रेम हो। न्यूज़ नेशंस के एडिटर्स या तो बेहोशी की स्थिति में न्यूज़ दिखा रहे हैं या फिर इनमें टीआरपी बढ़ाने की हैवानियत सवार है। गलत खबर दिखाकर पैसे कमाने का गोरखधंधा News Nations ने अपनाया हुआ है जिसके चलते वे संत रामपाल जी महाराज जी की छवि खराब कर रहे हैं। देश का समाज का दुर्भाग्य है कि इस तरह के चैनल भी अस्तित्व में हैं जो पूरी पत्रकारिता के लिए कलंक हैं।

वेश्याओं की भांति बिकाऊ मीडिया पत्रकारिता के लिए कलंक है। भड़ास मीडिया ठीक अपने नाम को सार्थक करता हुआ अपने मन की भड़ास निकाल रहा है क्योंकि खबर और फैक्ट चेक की शिक्षा (तालीम) इनके पास है ही नहीं। जब न्यूज़ चैनल के पास निम्न स्तर के एडिटर्स होते हैं तो वे इसी तरह की खबरें मन से बनाकर छापकर और दिखाकर समाज में शील और अश्लील का अंतर खो देते हैं। अब इस चैनल की बेशर्मी का आलम ये है कि यह चैनल संत रामपाल जी महाराज जी के तत्वज्ञान, उनके किए गए समाज सुधार, उनके दहेजमुक्त, नशामुक्त और पाखंडमुक्त कार्यों से अनजान है। या फिर इस चैनल को सही समाज सुधारक के रूप में संत रामपाल जी महराज का प्रसिद्ध होना भाया नहीं। इस चैनल के एडिटर्स को चाहिए कि वे न्यूज लिखने, खबर की सत्यता की पुष्टि करने की तालीम कहीं से लें। इस चैनल को यह संदेश है कि संत रामपाल जी महाराज के सतसंगों में या विशाल समागमों में जाकर देखें कि यहां स्त्री और पुरुष कितने हैं।  भड़ास मीडिया ने वेश्याएं पीछे छोड़ दीं अब ये जो जी में आएगा बेचेंगे, चाहे बात एक बेगुनाह सच्चे संत की छवि खराब करना हो या स्वयं की प्रतिष्ठा बेचना हो। 

नकली धर्मगुरुओं के साथ संत रामपाल जी महराज का नाम जोड़ना गलत है, निंदनीय है और इन चैनलों के लिए शर्मनाक है। एक सच्चे संत की पहचान यदि ये नहीं कर सके तो उसकी छवि को ठेस पहुंचाने का भी इन्हें अधिकार नहीं। वास्तव में मीडिया का स्तर इतना गिर चुका है कि झूठ बोलकर किसी के विषय में कुछ भी बोलने से इन्हें कोई शर्म और परहेज नहीं है। इन्होंने गलत संतों के साथ संत रामपाल जी महाराज का नाम जोड़ा है। संत रामपाल जी महाराज का धोखेबाजी, धन बटोरने अथवा झूठ बोलकर किसी को बरगलाने से कोई संबंध ही नहीं है। संत रामपाल जी महाराज जी पर बलात्कार या यौन उत्पीड़न का कोई आरोप नहीं हैं न कभी थे। इसलिए इन सभी न्यूज़ चैनलों को माफी मांगनी चाहिए।

संत रामपाल जी महराज जैसे संत और उनके चरण रज की इस पूरे विश्व को आवश्यकता है। वे हरियाणा सरकार के अंतर्गत जूनियर इंजीनियर रहे किंतु समाज हित के लिए अपनी नौकरी और परिवार सब छोड़कर परमात्मा का तत्वज्ञान बताने लगे। संत रामपाल जी महाराज ने स्थान स्थान पर सत्संग किया, ज्ञान समझाया, धर्मग्रंथ खोलकर एक एक कथा समझाई, नकली धर्मगुरुओं की पोल खोली और उनका अत्याचार भी सहा। उन्होंने आज एक सच्चे संत की परिभाषा सबके समक्ष स्पष्ट की है। देश भर में और देश के बाहर उनके कुल 11 सतलोक आश्रम हैं। इन सभी आश्रमों में आना जाना निशुल्क है। स्त्री पुरुष दोनों के अलावा संत रामपाल जी ने लिंग, जाति, रंग और धर्म के भेद के परे भक्ति के दरवाज़े सबके लिए खोले हैं। आज अधिकतम दो महीने के भीतर ही प्रत्येक आश्रम में विशाल समागमों का आयोजन होता है। संत गरीबदास जी महाराज जी के अमर सतग्रंथ साहेब के अखंड पाठ के साथ साथ निशुल्क चिकित्सा कैंप लगाए जाते हैं, हजारों यूनिट रक्तदान होता है, सैकड़ों दहेजमुक्त विवाह होते हैं। शुद्ध देसी घी से भंडारा कराया जाता है। लाखों की संख्या में लोग प्रत्येक आश्रम में आते जाते हैं, सभी के लिए सभी सुविधाएं समान होती हैं और किसी शख्स से एक रुपए भी नहीं लिया जाता। ऐसे संत पर सवाल उठाने का अर्थ है ईश्वर से दंड का भागी बनना। 

संत सताए, तीनों जाएं, तेज बल और वंश |

ऐसे ऐसे कई गए, रावण, कौरव, कंस |

संत रामपाल जी महाराज पूर्ण संत हैं, जो समाज से बुराइयों को दूर करने के लिए कार्यरत हैं और एक परमात्मा की भक्ति का प्रचार करते हैं। पहले भी कई न्यूज़ चैनलों ने संत रामपाल जी पर झूठे और बेबुनियाद आरोप लगाए थे, लेकिन बाद में उन्हें अपनी गलतियों के लिए माफी मांगनी पड़ी। आज फिर से न्यूज़ चैनल्स वही मनगढ़ंत आरोप लगा रहे हैं। आपको बता दें कि संत रामपाल जी पर महिलाओं से छेड़छाड़ या किसी भी प्रकार के दुराचार का कोई भी आरोप या मुकदमा नहीं है। संत रामपाल जी महाराज को अन्य बाबाओं की श्रेणी में रखना अनुचित है। संत रामपाल जी महाराज हमेशा सत्संग में बताते हैं कि सत्संग करना बच्चों का खेल नहीं है। नकली गुरु और उनके शिष्य बनना बालकों का खेल नहीं है। 

“देखा देखी गुरु शिष्य बन गए, किया न तत्व विचारा। गुरु शिष्य दोनुआ के सर पे काल ठोंके पंजारा।।” 

नकली गुरु के पास न ज्ञान होता है न समाधान, जिससे वह अपने और अपने शिष्यों के जीवन को नष्ट कर रहा है। संत रामपाल जी महाराज का तत्व ज्ञान सभी धर्म ग्रंथों पर आधारित है और उनके सत्संग के माध्यम से भक्तों को अलौकिक लाभ प्राप्त होते हैं। सोशल मीडिया पर उनके सत्संग और अनुयायियों के अनुभव के प्रमाण उपलब्ध हैं। अन्य बाबाओं से उनकी तुलना नहीं हो सकती।

संत रामपाल जी महाराज बताते हैं कि सत्संग में आने से बड़े से बड़ा कष्ट दूर हो जाता है, जैसा कि हमारे धर्म ग्रंथों में प्रमाणित है। 

“सत्संग में जाने से तो आई टले बला जे मस्तक में सूली हो कांटे में टल जा।” 

अर्थात, सत्संग में जाने से हमें लाभ ही होता है, हानि नहीं। अगर कुछ हानि भी होती है, तो वह भी कष्ट में बदल जाती है।

आज तक, Zee News, NBT News, TV9 Bharat Varsh, पब्लिक Interest, News Nation, नवभारत टाइम्स इन सभी न्यूज चैनल्स ने हाथरस में हुए हादसे के बाद विभिन्न धर्मगुरुओं और बाबाओं को घेरते हुए यह कहा है कि सभी बाबा ढोंगी और पाखंडी होते हैं। वे जनता की धार्मिक आस्था से खिलवाड़ कर अपना धंधा चलाते हैं। जिसमें उन्होंने जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज का नाम लेकर ऐसी टिप्पणियां की है, जिसका कोई आधार भी नहीं है, ना ही कोई सच्चाई है।

लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहे जाने वाली मीडिया को यदि हम झूठ की दुकान कहें तो इसमें कोई शंका नहीं है। हाल ही में Zee न्यूज़ ने संत रामपाल जी महाराज के बारे में अपनी वेबसाइट पर एक झूठी खबर छापी है जिसमें उन्होंने झूठे और बेबुनियाद आरोप लगाए हैं।

Zee न्यूज़ का दावा है:

“संत रामपाल उत्तर भारत में एक जाना-पहचाना नाम है। वह पहले हरियाणा के सिंचाई विभाग में इंजीनियर था। फिर आध्यात्म की आड़ में उसने अपने गैर-कानूनी धंधे शुरू कर दिए थे। उस पर अवैध गर्भपात सेंटर खोलने, हत्या करने, हथियार रखने और सरकारी काम में बाधा डालने के आरोप लगे। 2014 में वह गिरफ्तार हुआ था।”

इंडिया टीवी ने अपने चैनल में संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा लिखित शास्त्रों से प्रमाणित पुस्तकों को नारायण स्वामी की पुस्तकें प्रदर्शित किया है और उसे गलत तरीके से पेश किया है। इस मीडिया हाऊस को चाहिए कि पहले सच्चाई जाने फिर कुछ टिप्पणी करें नहीं तो चुल्लू भर पानी में डूब मरे।

नवंबर 2014 में संत रामपाल जी के आश्रम को चारों तरफ से घेरकर जलियांवाला बाग पार्ट – 2 हरियाणा पुलिस द्वारा बनाया गया, जिसमें महिलाओं और वृद्धों तक को लाठियों और डंडों से पीटा गया और एक्सपायर आंसू गैस के गोले छोड़े गए। पुलिस प्रशासन ने नीचता की सारी हदें पार कर दीं, लेकिन इसके बारे में न्यूज़ वालों ने कुछ नहीं दिखाया।

भारतीय न्यूज़ चैनल्स सिर्फ दलाली करने का काम कर रहे हैं। मीडिया का काम सत्यता बताना होता है, लेकिन आजकल की मीडिया के पास सत्यता का एक प्रतिशत भी नहीं बचा है। पूरा झूठ और बेबुनियाद आरोप लगाए जाते हैं।

संत रामपाल जी महाराज पर लगाए गए झूठे आरोपों और मीडिया के दोगलेपन का पर्दाफाश करते हुए, हमें यह समझना चाहिए कि मीडिया का असली कार्य सत्यता को उजागर करना और समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाना है। जब तक मीडिया अपने असली कार्य से भटकी रहेगी, तब तक समाज में भ्रम और अराजकता बनी रहेगी।

बिना किसी जांच पड़ताल के संत रामपाल जी महाराज को ढोंगी बाबाओं के साथ दिखाना अनुचित है। संत रामपाल जी महाराज अब तक 7-8 केसों में बाइज्जत बरी हो चुके हैं, फिर भी आप लोगों की आंखों पर जो पर्दा पड़ा है, वह हट नहीं रहा।

2006 में इन आर्य समाज के आचार्यों ने संत रामपाल जी का एक आश्रम हरियाणा करौंथा पर हमला किया जिसमें एक व्यक्ति की जान चली गई। इस घटना का झूठा आरोप भी इन आचार्यों ने संत जी पर लगाया। 

वर्ष 2006 में संत रामपाल जी महाराज पर अनेकों आरोप लगाए गए, जो आज तक सिद्ध नहीं हो पाए हैं। संत रामपाल जी महाराज जी के सत्संग अनेकों जगह होते हैं, और कहीं भी किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं आती। लाखों की संख्या में माताएं, बहनें, बुजुर्ग, और श्रद्धालु उनके सत्संग में शामिल होते हैं, जिनके रुकने, खाने, पीने की व्यवस्था की जाती है। आजतक किसी भी प्रकार का कोई हादसा नहीं हुआ है।

2014 में घटित बरवाला कांड आर्य समाज के आचार्यों और हरियाणा के मुख्यमंत्री, जो आर्य समाज के समर्थक थे, द्वारा रचित एक साजिश था। इसमें संत रामपाल जी महाराज और उनके अनुयायियों को फंसाया गया क्योंकि संत रामपाल जी महाराज वेदों का सही अर्थ और आर्य समाज के सत्यार्थ प्रकाश के गलत सिद्धांतों को जनता के सामने प्रस्तुत कर रहे थे। इससे इन आचार्यों की दुकानें बंद होने लगीं और उनके अनुयायी उनसे सवाल करने लगे कि क्या संत रामपाल जी महाराज द्वारा बताई गई प्रमाण सत्य हैं। इन नकली गुरुओं के पास इसका कोई जवाब नहीं था, जिससे उन्हें संत रामपाल जी महाराज से ईर्ष्या होने लगी और वे संत रामपाल जी महाराज एवम उनके अनुयायियों को धमकियां देने लगे।

संत रामपाल जी महाराज जी और उनके भक्तों की जब भी कोर्ट में पेशी होती थी, उनके परिवार वाले उनसे मिलने जाते थे, तो उनके परिजनों के साथ मारपीट की जाती थी। माताओं और बहनों के साथ बदतमीजी की जाती थी, उनके मोबाइल छीन लिए जाते थे। ये सब बातें आज तक किसी मीडिया वाले ने नहीं दिखाईं। संत रामपाल जी महाराज के भक्तों को जहां कहीं भी देखा जाता था, उनके साथ मारपीट की जाती थी।

आज तक एक भी सबूत नहीं है कि संत रामपाल जी के आश्रम में कोई गर्भपात सेंटर था। संत रामपाल जी ने न किसी की हत्या की है और न ही उनके पास कोई हथियार थे। सरकारी काम में बाधा डालने और डिस्पेंसरी के झूठे मुकदमे (मुकदमा नंबर 443) में हिसार की जिला अदालत ने संत रामपाल जी महाराज को बाइज्जत बरी किया है। 

साँच कहूं तो जग न मानें, झुठों जग पत्यायी हों। जिस संत रामपाल जी महाराज ने देश को सही दिशा और दशा देने का कार्य किया है, जिनका योगदान अतुलनीय है, जिनको पलकों पर बिठाना चाहिए, उस परमात्मा स्वरूप संत पर गलत तरीके से बयानबाजी करके मीडिया ने समाज को संशय में डाल दिया है। 

TV9 Bharatvarsh चैनल का दावा है कि संत रामपाल जी महाराज लोगों से पैसा लूटने के लिए भीड़ इकट्ठी करते हैं। उन्हें चाहिए कि वे संत रामपाल जी महाराज के आश्रम में जाकर देखें। वहां की सारी व्यवस्थाएं, जैसे कि खाना, पीना, नहाना, सोना, और फर्स्ट ऐड की व्यवस्था मुफ्त में होती है। क्या ऐसा संत किसी से पैसे लूटने के लिए बुलाएगा? संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में हजारों दहेज मुक्त विवाह और रक्तदान होते हैं, और वहां कोई पैसा नहीं लिया जाता। मीडिया को सोच समझकर न्यूज़ छापनी चाहिए और TV9 Bharatvarsh से निवेदन है कि एक बार संत रामपाल जी के आश्रम की व्यवस्था देखकर आएं, तब उन्हें सच्चाई का पता चलेगा।

आज तक वालों को देश का No1 न्यूज चैनल कहना सही नहीं होगा। फेक न्यूज़ दिखाकर जनता को भ्रमित कर उन्होंने अपना विश्वास खोया है। संत रामपाल जी महाराज के लाखों अनुयायियों की भावनाओं को ठेस पहुँचाई है और साथ ही सच का दामन छोड़ दिया है। संत रामपाल जी महाराज का सत्संग सभी धर्म ग्रंथों से प्रमाणित होता है। सभी सोशल मीडिया साइट्स और टेलीविजन पर उनके सत्संग और अनुयायियों के अनुभव उपलब्ध हैं। यह कोई मनगढ़ंत या ढोंगी भाट के गीत नहीं हैं, तभी तो सभी अनुयायियों को लाभ मिल रहे हैं। जेल में होने के बावजूद संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों की संख्या देश-विदेश में भी बढ़ती जा रही है। उनके अनुयायी पढ़े-लिखे और बुद्धिजीवी वर्ग के होते हैं, जिन्हें सभी धर्म ग्रंथों का ज्ञान होता है। संत रामपाल जी महाराज के लाखों अनुयायी अंध श्रद्धा के तहत नहीं जुड़े हैं।

आज तक न्यूज ने संत रामपाल जी महाराज के बारे में निराधार टिप्पणी करते हुए कहा है कि संत रामपाल जी महाराज अपने अनुयायियों से पैसा वसूलते हैं जबकि संत रामपाल जी महाराज ना तो सत्संग की फीस लेते हैं, ना ही उनसे नाम दीक्षा लेने के लिए कोई फीस होती है अपितु उनके आश्रम में रहने-खाने की सर्व सुविधाएं निःशुल्क रहती हैं। संत रामपाल जी महाराज अन्य संतों व धर्मगुरुओं से बिल्कुल हटकर हैं। वे एक सच्चे संत हैं जो सभी धर्मों के पवित्र सद्ग्रंथों को खोल-खोलकर दिखाते हैं और शास्त्र अनुकूल भक्ति साधना करवाते हैं जिससे उनके अनुयायियों को अद्भुत लाभ भी प्राप्त हो रहे हैं। आज तक न्यूज ने संत रामपाल जी महाराज के एक करोड़ से अधिक अनुयायियों की भावना को ठेस पहुंचाई है जिसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए या फिर कानूनी कार्यवाई के लिए तैयार रहना चाहिए।

संत रामपाल जी महाराज के अनुयायी और समर्थक मीडिया से अपेक्षा करते हैं कि वे अपने गलत बयानों के लिए माफी मांगें और भविष्य में सच्चाई के आधार पर ही समाचार प्रस्तुत करें।

जेल में होना कभी यह सिद्ध नहीं करता कि कोई व्यक्ति अपराधी है। भगवान कृष्ण का जन्म भी जेल में हुआ था और महात्मा गांधी भी कई बार जेल गए थे। इसी प्रकार, संत रामपाल जी महाराज का जेल में होना उनके अपराधी होने का प्रमाण नहीं है। ऐसा भी नहीं है कि जो जेल के बाहर हैं वे पाक साफ़ हैं। सभी का हिसाब होगा परमात्मा के दरबार में 

असत्य के साथ सत्य जोड़ना अनुचित है। संत रामपाल जी महाराज पर कोई भी रेप या दुष्कर्म का केस नहीं लगा है और वे सभी आरोपों से बरी हो चुके हैं। उनके सतलोक आश्रम में लाखों लोग आते हैं और आज तक वहां कोई अव्यवस्था नहीं हुई है। न्यूज़ चैनलों को चाहिए कि वे बेबुनियाद आरोप लगाने से पहले तथ्यों की जांच करें और सच्चाई को जनता के सामने प्रस्तुत करें। संत रामपाल जी महाराज का नाम नकली गुरुओं के साथ जोड़ना अनुचित है।

बाबा राम रहीम का रेप केस सुप्रीम कोर्ट में सिद्ध हुआ है, जबकि संत रामपाल जी महाराज पर लगाया गया केस न्यायालय द्वारा खारिज कर दिया गया और उन्हें बइज्जत बरी कर दिया गया। 

संत रामपाल जी महाराज कोई आरोपी नहीं हैं। उन्हें इन नकली गुरुओं के साथ जोड़ना महापाप है। वे वर्तमान में केवल एक तत्वदर्शी संत और पूर्ण गुरु हैं। हाल में संत रामपाल जी ने आयोजित अपने ग्यारह  सतलोक आश्रमों में विशाल जन कल्याण अभियान किया था। 

परमेश्वर कबीर प्रकट दिवस 2024 के शुभ अवसर पर भारत और नेपाल के सतलोक आश्रमों में एक व्यापक जन कल्याण अभियान का आयोजन किया था। इस अभियान में रक्तदान, देहदान संकल्प और दहेज मुक्त रमैणी विवाह के लिए शामिल थे।

अभी हाल के समागम के कुछ आंकड़े:

– कुल रक्तदान: 2,022 यूनिट

– देहदान संकल्प: 8,333 से अधिक

– रमैणी (दहेज मुक्त विवाह प्रवचन): 297

संत रामपाल जी के सान्निध्य में इस तरह के परमार्थ के अभियान पूरे वर्ष चलते रहते हैं।  समाज के विभिन्न वर्गों में सकारात्मक प्रतिक्रिया प्राप्त होती है। यह अभियान न केवल तत्काल मानवीय सहायता प्रदान करता है, बल्कि समाज में दीर्घकालिक सकारात्मक परिवर्तन की नींव भी रखता है। यह परमेश्वर कबीर जी के उपदेशों को व्यावहारिक जीवन में लागू करने का एक ज्वलंत उदाहरण है।

संत रामपाल जी महाराज ने रिश्वतखोरी, चोरी, ठगी, और दहेज प्रथा जैसी बुराइयों को समाप्त करने के लिए कठोर नियम बनाए हैं। उनके अनुयायी इन नियमों का पालन करके समाज में सकारात्मक बदलाव ला रहे हैं। संत रामपाल जी महाराज कोई आरोपी नहीं हैं, उन्हें नकली गुरुओं के साथ जोड़ना महापाप है।

संत रामपाल जी के शिष्य नशा नहीं करते और न ही किसी को नशे का साधन लाकर देते हैं। वे समाज में नशामुक्त वातावरण बना रहे हैं। 

संत रामपाल जी महाराज के शिष्य बेटा और बेटी में कोई अंतर नहीं करते। उनका मानना है कि दोनों परमात्मा के बच्चे हैं और समानता का अधिकार रखते हैं।उनके आश्रम जीवंत उदाहरण हैं।

दूसरी ओर, कुछ अन्य बाबाओं का मुख्य उद्देश्य धन कमाना और अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए लोगों की भावनाओं का शोषण करना होता है। उनके कार्यक्रम और अभियानों का प्रमुख उद्देश्य अपने अनुयायियों से अधिक से अधिक धन एकत्रित करना होता है, जिसमें समाज की भलाई या कल्याण का कोई वास्तविक लक्ष्य नहीं होता।

इस प्रकार, जहां एक ओर संत रामपाल जी महाराज अपने अनुयायियों को समाज सेवा और मानवता की भलाई के लिए प्रेरित करते हैं, वहीं दूसरी ओर, अन्य बाबा अपने अनुयायियों से केवल धन अर्जित करने का प्रयास करते हैं।

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