Attorney General of India | सीनियर एडवोकेट आर. वेंकटरमणी को तीन साल के लिए भारत का नया अटॉर्नी जनरल नियुक्त किया गया है। उन्होंने 1 अक्टूबर को पद संभाला। मौजूदा अटॉर्नी जनरल (AG) के.के. वेणुगोपाल का कार्यकाल 30 सितंबर को समाप्त हो गया है। तीन साल के लिए महान्यायवादी के रूप में सीनियर एडवोकेट आर. वेंकटरमणी (R Venkataramani) को चुना गया है।
Attorney General of India (R Venkataramani) : मुख्य बिंदु
- सीनियर एडवोकेट आर. वेंकटरमणि को भारत का नया अटॉर्नी जनरल नियुक्त किया गया।
- उन्होंने देश के महान्यायवादी (Attorney General) के रूप में 1 अक्टूबर को पद संभाला।
- सीनियर एडवोकेट आर. वेंकटरमणी (R Venkataramani) का तीन साल का होगा कार्यकाल।
- मौजूदा अटॉर्नी जनरल (AG) के.के. वेणुगोपाल का कार्यकाल 30 सितंबर को समाप्त हो गया है।
- केंद्र सरकार ने वेंकटरमणी (R. Venkataramani) से पहले पूर्व ए.जी. मुकुल रोहतगी को अटॉर्नी जनरल के लिए प्रस्ताव दिया था जिसे उन्होंने ठुकरा दिया था।
- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 76 में देश के महान्यायवादी (Attorney General of India-AG) के पद का प्रावधान किया गया है।
Attorney General of India | वर्तमान अटॉर्नी जनरल (AG) कार्यकाल समाप्त
वर्तमान महान्यायवादी (Attorney General) के. के. वेणुगोपाल जिनका कार्यकाल 30 सितंबर को समाप्त हो गया है, 91वर्ष के हो चुके हैं। उन्होंने बढ़ती उम्र की वजह से इस संवैधानिक पद पर बने रहने से मना किया था। के. के. वेणुगोपाल को जुलाई 2017 में देश के शीर्ष कानून अधिकारी यानि अटॉर्नी जनरल के पद पर 3 साल के लिए नियुक्त किया गया था। तीन साल का कार्यकाल पूरा होने पर सरकार ने ए.जी. वेणुगोपाल का कार्यकाल लगातार तीन बार बढ़ाया था।
पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने ठुकराया पद
पूर्व अटॉर्नी जनरल और वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी को कुछ दिन पहले भारत सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल बनने की पेशकश की गई थी जिसे उन्होंने अस्वीकार कर दिया था। जिसके बाद भारत सरकार द्वारा सीनियर एडवोकेट आर. वेंकटरमणि (R. Venkataramani) को अटॉर्नी जनरल नियुक्त किया गया है।
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हम आपको याद दिला दें कि मुकुल रोहतगी पूर्व में जून 2014 से जून 2017 के बीच महान्यायवादी (Attorney General) के पद पर रह चुके हैं।
कौन हैं एडवोकेट आर. वेंकटरमणि (R Venkataramani) ?
भारत सरकार द्वारा देश के शीर्ष कानून अधिकारी यानि अटॉर्नी जनरल (AG) के पद पर नियुक्त किये गए सीनियर एडवोकेट आर. वेंकटरमणि (R Venkataramani) सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ वकील और लॉ कमीशन ऑफ इंडिया के सदस्य हैं। इसके अलावा 2010 में वे विधि आयोग के भी सदस्य रह चुके हैं। एडवोकेट वेंकटरमणी ने 1 अक्टूबर को महान्यायवादी (Attorney General) का पद संभाला।
अटॉर्नी जनरल एक संवैधानिक पद
अटॉर्नी जनरल यानि महान्यायवादी एक संवैधानिक पद है, जिसका प्रावधान भारतीय संविधान के अनुच्छेद 76 में किया गया है। भारत का महान्यायवादी (AG) संघ की कार्यकारिणी का एक अंग होता है। अटॉर्नी जनरल देश का सर्वोच्च कानून अधिकारी होता है। जिसकी नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा सरकार की सलाह पर की जाती है।
न्याय क्या है ?
भारतीय संविधान की उद्देशिका/प्रस्तावना (Preamble) में सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक तीन प्रकार के न्याय की बात कही गई है। लेकिन वर्तमान समय में न्यायालयों में न्याय मिलने की देरी के कारण गरीब और मध्यमवर्गीय व्यक्ति को या तो न्याय नहीं मिल पाता है, या फिर वह व्यक्ति न्याय की आस ही छोड़ देता है। लेकिन असल में न्याय तो परमात्मा ही करता है। इसलिए परमात्मा को सच्चा न्यायाधीश कहा जाता है। परमेश्वर कबीर जी कहते हैं –
दुर्बल को न सताइये, जाकी मोटी हाय।
बिना जीव की स्वाँस से, लोह भस्म ह्नै जाय।।
सच्चा न्यायाधीश है कबीर परमात्मा
कबीर परमेश्वर (God KABIR) सच्चा न्यायाधीश है जो कभी अन्याय नहीं करता और उसे किसी के साक्ष्य की भी आवश्यकता नहीं पड़ती है, क्योंकि वह मन तक कि जानने वाला है। जिनके विषय में संत गरीबदास जी ने कहा है
“चींटी पायल बाजे पैर, साहिब सुनता है सब लैर।”
इसलिए परमेश्वर को अंतर्यामी कहा जाता है। न्यायकारी होने की वजह परमेश्वर को संतों ने अदली अर्थात न्यायकारी कहकर संबोधित किया है। संत गरीबदास जी महाराज कहते हैं –
गरीब, जम जौरा जासे डरैं, धर्म राय धरै धीर।
ऐसा सतगुरु एक है, अदली असल कबीर।।
गरीब, जम जौरा जासे डरैं, मिटें कर्म के लेख।
अदली असल कबीर हैं, कुल के सतगुरु एक।।
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