HomeHindi NewsAmalaki Ekadashi 2021: क्या आमलकी एकादशी पर व्रत करना सही है?

Amalaki Ekadashi 2021: क्या आमलकी एकादशी पर व्रत करना सही है?

Date:

भारत ही पूरे विश्व में एक ऐसा देश है जहां कई त्यौहार मनाये जाते हैं, उन्हीं में से एक है आमलकी एकादशी (Amalaki Ekadashi 2021)। हिंदू पंचांग में फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को आमलकी एकादशी कहा गया है. आमलकी एकादशी का व्रत 24 मार्च या 25 मार्च को है, इसे लेकर लोंगों में शंका है आखिर यह व्रत कब रखा जायेगा। तो चलिए जानते हैं इसके बारे में।

Amalaki Ekadashi 2021 की खास बातें

  • आमलकी एकादशी कब है? 
  • क्या होता है आमलकी एकादशी को? 
  • क्या है इतिहास
  • क्या कहते हैं सदग्रंथ? 
  • क्या है साधना की असली विधि? 
  • कौन है असली संत? 

आमलकी एकादशी (Amalaki Ekadashi 2021) कब मनाई जाती है? 

इस साल आमलकी एकादशी (Amalaki Ekadashi 2021) की तारीख को लेकर लोगों में शंका है। कुछ लोगों का कहना है कि एकादशी का व्रत 24 मार्च को रखा जाएगा, जबकि कुछ लोगों का कहना है कि 25 मार्च को एकादशी है। लेकिन ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, एकादशी व्रत हमेशा उदया तिथि में रखा जाता है। 24 मार्च की सुबह 10 बजकर 23 मिनट तक दशमी उसके बाद एकादशी तिथि लगेगी। जो कि 25 मार्च की सुबह 09 बजकर 47 मिनट तक रहेगी। इसके बाद द्वादशी तिथि लग जाएगी।

Also Read: Kamika Ekadashi 2020 [Hindi]: क्या कामिका एकादशी पर व्रत करना सही है?

आमलकी एकादशी का इतिहास

ऐसा माना जाता है कि प्राचीन काल में चित्रसेन नामक राजा था जो आमलकी एकादशी का व्रत करता था, लेकिन एक दिन शिकार खेलते हुए उस पर डाकुओं ने हमला कर दिया। ऐसा माना जाता है कि उन्हें देखकर राजा बेहोश हो गया और फिर उस में से किसी शक्ति ने निकलकर उन डाकुओं को मार दिया। वही जब राजा को होश आया तो उसी वक़्त भविष्यवाणी हुई कि आमलकी एकादशी का व्रत करने के कारण उसमे वो शक्ति प्रकट हुई और उसकी रक्षा हुई। उसी दिन से लोग इस व्रत में विश्वास करने लगे। वास्तव में हमारी रक्षा सिर्फ पूर्ण परमेश्वर ही कर सकता है

हमारे सदग्रंथ व्रत के बारे में क्या कहते हैं? 

वैसे तो उपर आप व्रत की जानकारी पढ़ चुके हैं लेकिन कभी आपने सोचा है हमारे सदग्रंथ व्रत के बारे में क्या कहते हैं? आखिर कहाँ लिखा है कि व्रत करना चाहिए? यह एक ऐसा सवाल है जिसका उत्तर पता होना जरूरी है। गीता अध्याय 6 श्लोक 16 में व्रत करने से मना किया गया है। कहा गया है कि  जो व्रत करते हैं, उनका योग यानि भक्ति कर्म कभी सफल नहीं होता।  गीता अध्याय नं. 16 का श्लोक नं. 23 में गीता ज्ञानदाता कहता है जो मनुष्य शास्त्र विधि को त्याग कर मनमाना आचरण करते हैं उनको न उनको कोई लाभ होता है न ही कोई सिद्धि की प्राप्ति होती है, इसीलिए हमे शास्त्र अनुकूल साधना ही करनी चाहिए। इसके अलावा कबीर साहेब कहते हैं कि तीनों देवताओं की जो भक्ति करते हैं उनकी कभी मुक्ति नहीं होती है।

कबीर साहेब अपनी वाणी में कहते हैं:-

कबीर, तीन देव की जो करते भक्ति, उनकी कभी न होवे मुक्ति।

गुण तीनो की भक्ति में, भूल पड़ो संसार।

कहे कबीर निज नाम बिना, कैसे उतरो पार।।

आखिर कौन है सुखदायी परमात्मा? 

हमारे सदग्रंथो में प्रमाण है पूर्ण परमात्मा सर्व कष्ट दूर कर सकता है, वो परमात्मा कबीर साहेब है। कबीर साहेब ही पूर्ण परमात्मा हैं, इसका प्रमाण हमारे सभी सदग्रंथो में हैं। कबीर साहेब ही भगवान है इसका प्रमाण पवित्र बाइबल, पवित्र कुरान शरीफ, पवित्र गीताजी, पवित्र श्री गुरु ग्रंथ साहिब में भी है। वो परमात्मा हमारे सर्व कष्ट हर सकता है, वो परमात्मा अपने साधक की आयु भी बढ़ा सकता है।

श्री नानक साहेब ने अपनी वाणी में स्पष्ट किया है वो पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब हैं:-

यक अर्ज गुफतम् पेश तो दर कून करतार।

हक्का कबीर करीम तू बेअब परवरदिगार। ।

क्या है साधना की असली विधि, जिससे सर्व सुख प्राप्त हो सकते हैं?

जैसे कि ऊपर बताया जा चुका है कि व्रत करने की हमारे सदग्रंथों में मनाही की हुई है तो अब आप सोच रहे होंगे क्या है असली साधना जिससे सब सुखों की प्राप्ति हो सकती है? तो चलिए हम आपको बताते हैं । गीता अध्याय 15 श्लोक 1 में तत्वदर्शी सन्त की पहचान बताई है कि तत्वदर्शी सन्त संसार रुपी वृक्ष के सर्व भागों को सही-सही बताता है। सच्चे गुरु के बारे में हमारे सदग्रंथों में भी प्रमाण है कि उसकी बताई भक्ति से सर्व कष्ट दूर हो सकते हैं। अगर बात करें आज के युग की तो सभी शांति की तलाश करते हैं लेकिन किसी को वो शांति हासिल नही हो रही, सच्चा संत जो भक्ति बताता है उससे शांति हासिल की जा सकती है। अगर शास्त्रो की माने तो वो सच्चा सतगुरु पूर्ण परमात्मा की भक्ति बताता है।

कबीर साहेब कहते हैं:-

‘‘सतगुरु शरण में आने से आई टलै बला, जै भाग्य में मृत्यु हो कांटे में टल जा’’

कबीर साहिब ने कहा है:

कबीर, गुरु बिन माला फेरते, गुरु बिन देते दान।

*गुरु बिन दोनों निष्फल हैं, पूछो वेद पुराण।।

अधिक जानकारी के लिए सुने जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के मंगल प्रवचन सतलोक आश्रम youtube channel पर।

SA NEWS
SA NEWShttps://news.jagatgururampalji.org
SA News Channel is one of the most popular News channels on social media that provides Factual News updates. Tagline: Truth that you want to know

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

World Heart Day 2023: Know How to Keep Heart Healthy

Last Updated on 29 September 2023 IST | World...

Eid Milad-un-Nabi 2023: Know on Eid ul Milad Why Prophet Muhammad Had to Suffer in his life?

Eid Milad-un-Nabi 2021 Festival: On this Eid ul-Milad or (Eid-e-Milad) know why Muslims celebrate this day, and according to the Holy Quran, should we really celebrate this day.

Eid e Milad India 2023 [Hindi]: ईद उल मिलाद पर बाखबर से जानिए अल्लाह बैचून नहीं है

Eid Milad-un-Nabi 2021 (Eid e Milad in Hindi): प्रत्येक मजहब और धर्म में अलग-अलग तरह से अल्लाह की इबादत और पूजा की जाती है । उसकी इबादत और पूजा को शुरू करने वाले अवतार पैगंबर पीर फकीर होते हैं। प्रत्येक धर्म में उन अवतारों, पैगंबरों, फकीरों, फरिश्तों, व संतो के जन्मदिन को उस धर्म के त्योहार के रूप में मनाया जाता है। उन महापुरुषों से जुड़ी हुई कुछ घटनाएं एक याद के स्वरूप में स्थापित हो जाती है जो एक त्योहार का स्वरूप ले लेती है।