July 30, 2025

Actor Rajiv Kapoor Dies at 58: सतभक्ति के अभाव में मनुष्य जीवन के मूल उद्देश्य से रह गए वंचित

Published on

spot_img

मंगलवार को हिन्दी फिल्म जगत के प्रसिद्ध अभिनेता, निदेशक, निर्माता राज कपूर के सबसे छोटे बेटे और 90 के दशक के हिन्दी फिल्म अभिनेता राजीव कपूर का ह्रदयघात से 58 साल की उम्र में निधन हो गया (Actor Rajiv Kapoor Dies at 58)। राजीव कपूर के आकस्मिक निधन से सारा फ़िल्म जगत स्तब्ध तथा शोकाकुल है। अभिनेता राजीव बॉलीवुड में थे हिट, पर सतभक्ति के अभाव में मनुष्य जीवन के मूल उद्देश्य में फ्लॉप। आइये जानेंगे कि मनुष्य जीवन के मूल उद्देश्य में कैसे हों सफल?

Actor Rajiv Kapoor Dies के मुख्य बिंदु

  • हृदयाघात से 58 साल की उम्र में निधन
  • राजीव कपूर 90 के दशक के थे चर्चित अभिनेता
  • राजीव कपूर के निधन से फ़िल्म जगत में शोक की लहर
  • एक साल में ही कपूर खानदान ने खोया दूसरा अनमोल हीरा
  • बॉलीवुड में हिट पर मनुष्य जीवन के मूल उद्देश्य सतभक्ति में फ्लॉप
  • सद्गुरु तथा सतभक्ति के अभाव में जीवन के वास्तविक लक्ष्य से रह गए वंचित

Actor Rajiv Kapoor Dies at 58: राजीव कपूर का हुआ आकस्मिक निधन

मंगलवार को हिन्दी फिल्म जगत के प्रसिद्ध कलाकार, निदेशक, निर्माता राज कपूर के सबसे छोटे बेटे हिन्दी फिल्म कलाकार राजीव कपूर का हृदयाघात से 58 साल की उम्र में निधन हो गया। दिल का दौरा पड़ने पर राजीव कपूर के बड़े भाई रणधीर कपूर उन्हें अस्पताल लेकर आये, अस्पताल में चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस समाचार के प्रसारित होते ही सम्पूर्ण फ़िल्म जगत में शोक की लहर दौड़ गयी। राजीव कपूर के निधन से सारा फ़िल्म जगत स्तब्ध है। कपूर खानदान के ऋषि कपूर के निधन को अभी एक साल भी नहीं हुआ कि एक औऱ सदस्य राजीव कपूर चल बसे।

राजीव कपूर का जीवन परिचय

जाने-माने फ़िल्म जगत के अभिनेता तथा कपूर खानदान के सदस्य राजीव कपूर का जन्म 25 अगस्त 1962 को मुंबई (महाराष्ट्र) में हुआ था। राजीव कपूर, भारतीय सिनेमा में चार्ली चैप्लिन नाम से प्रसिद्ध राज कपूर तथा कृष्णा कपूर के छोटे बेटे थे।

सतभक्ति के अभाव में पिता और पुत्र में क्यों नहीं रहे अच्छे सम्बन्ध?

ऐसा कहा जाता है कि राजीव कपूर ने फिल्मी करियर में मिली नाकामी का सारा ठीकरा अपने पिता पर फोड़ दिया था। राजीव कपूर की अपने पिता से नाराजगी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब राज कपूर का निधन हुआ तब राजीव कपूर उनके अंतिम संस्कार में भी नहीं पहुंचे थे।

Actor Rajiv Kapoor Dies at 58: फ़िल्म जगत में तो हो गए हिट पर तो क्यों हुए सतभक्ति में फ्लॉप?

कबीर, मानुष जन्म दुर्लभ है, मिले न बारं-बार।
तरवर से पत्ता टूट गिरे, बहुर ना लागे डार।।

कबीर परमात्मा जी ने समझाया है कि यह मानव देह (स्त्री/पुरुष) बहुत कठिनता से युगों पर्यंत प्राप्त होती है। यह बार-बार नहीं मिलती। इस शरीर के रहते-रहते शुभ कर्म तथा परमात्मा की भक्ति कर, अन्यथा यह शरीर समाप्त हो गया तो आप पुनः इसी स्थिति अर्थात मानव शरीर को प्राप्त नहीं कर पाओगे। जैसे वृक्ष से पत्ता टूटने पश्चात पुनः उसी डाल पर नहीं लगता। इसलिये मानव शरीर के अवसर को व्यर्थ न गवांएं।

गरीब, चली गई को जान दे, ले रहती कूं राख।
उतरी लाव चढ़ाईयो, करो अपूठी चाक।।

सतभक्ति के अभाव में मनुष्य जीवन के मूल उद्देश्य से क्यों रह गए कोसों दूर?

मानुष जन्म पाय कर, नहीं रटै हरि नाम।
जैसे कुआं जल बिना, बनवाया क्या काम।।

मनुष्य जीवन में यदि कोई भक्ति नहीं करता तो वह जीवन ऐसा है जैसे सुंदर कुआं बना रखा है। यदि उसमें जल नहीं है या जल है तो खारा (पीने योग्य नहीं) है, उसका नाम भले ही कुआं है, परन्तु गुण कुएं वाले नहीं हैं। इसी प्रकार मनुष्य भक्ति नहीं करता तो उसको भी मानव कहते हैं, परन्तु मनुष्य वाले गुण नहीं हैं। अधिक जानकारी के सतलोक आश्रम यूट्यूब चैनल पर तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के सत्संग सुनकर सतज्ञान को ठीक प्रकार जानें।

कौन हैं आदिराम?

धर्मदास यह जग बौराना। कोई न जाने पद निरवाना।।
यही कारन मैं कथा पसारा। जग से कहियो राम न्यारा।।

भरम गए जग वेद पुराना। आदि राम का भेद न जाना।।
राम-राम सब जगत बखाने। आदि राम कोई बिरला जाने।

उपरोक्त अमृतवाणी में पूर्ण परमात्मा कविर्देव जी अपने प्रिय शिष्य को बता रहे हैं कि हे धर्मदास यह सब संसार तत्वज्ञान के अभाव से विचलित है किसी को पूर्ण मोक्ष तथा पूर्ण सृष्टिरचना का सही ज्ञान नहीं है। इसलिये मैं आपको मेरे द्वारा रची सृष्टि की कथा सुनाता हूं। ब्रह्मा, विष्णु, महेश तीनों देव नाशवान हैं दशरथ पुत्र राम (विष्णु के अवतार) भी नाशवान हैं। सिर्फ मैं (कविर्देव) ही आदिराम हूँ अर्थात अविनाशी हूँ, सर्व का उत्पत्तिकर्ता हूँ।

मनुष्य देह को सार्थक बनाने हेतु ग्रहण करें सद्गुरु रामपाल जी महाराज की शरण

गरीब नर सेती तू पशुवा कीजै, गधा बैल बनाई।
छप्पन भोग कहाँ मन बोरे, कुरड़ी चरने जाई।।

यह जीवन हरहट का कुआं लोई। या गल बन्धा है सब कोई।।
कीड़ी-कुंजर औऱ अवतारा। हरहट डोर बंधे कई बारा।।

प्रिय पाठकगणों से निवेदन है कि मनुष्य देह के मूल उद्देश्य की प्राप्ति हेतु तथा मनुष्य जीवन के पश्चात होने वाली दुर्गति से बचने हेतु जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी से निःशुल्क नाम दीक्षा प्राप्त करें तथा मनुष्य जीवन में रहते अपना कल्याण करवाएं।

Latest articles

Nag Panchami 2025: The Scriptural Guide To Observe Nag Panchami

Nag Panchami India: Know the Date, History, Significance, and the Snake god for Nag Panchami along with knowing the true way of Worship to perform.

अन्नपूर्णा मुहिम: गरीबी और भूख के विरुद्ध संत रामपाल जी महाराज की राष्ट्रव्यापी प्रेरणा

क्या आप जानते हैं कि भारत में आज भी करोड़ों लोग ऐसे हैं जिन्हें...

Death Anniversary of Two Great Freedom Fighters: Udham Singh & Bal Gangadhar Tilak

Udham Singh & Balgangadhar Tilak Death Anniversary: The last day of the month of...
spot_img

More like this

Nag Panchami 2025: The Scriptural Guide To Observe Nag Panchami

Nag Panchami India: Know the Date, History, Significance, and the Snake god for Nag Panchami along with knowing the true way of Worship to perform.

अन्नपूर्णा मुहिम: गरीबी और भूख के विरुद्ध संत रामपाल जी महाराज की राष्ट्रव्यापी प्रेरणा

क्या आप जानते हैं कि भारत में आज भी करोड़ों लोग ऐसे हैं जिन्हें...