November 18, 2025

अभिनेता यूसुफ हुसैन (Yusuf Hussain) का निधन, चूके वास्तविक कर्तव्य से

Published on

spot_img

मुंबई में शनिवार 30 अक्टूबर को दिग्गज चरित्र अभिनेता यूसुफ हुसैन (Yusuf Hussain) का कोविड-19 के कारण निधन हो गया। वह 73 वर्ष के थे। अभिनेता का मुंबई में लीलावती अस्पताल में निधन हुआ। यूसुफ हुसैन एक भारतीय फिल्म अभिनेता थे, जोकि मुख्य तौर से हिंदी सिनेमा में सक्रिय थे।

Yusuf Hussain: दामाद हंसल मेहता ने लिखी ससुर के लिए ये बात

हंसल मेहता अपने ससुर के बहुत करीब थे। युसूफ के दामाद हंसल मेहता ने ट्विटर पर पोस्ट में लिखा कि आज मैं पूरी तरह से ही अनाथ हो गया हूं। वह मेरे ससुर नहीं बल्कि एक पिता थे। अगर जिंदगी का भी कोई रूप होता तो वह उनके रूप में होता। जिंदगी अब फिर कभी पहले जैसी नहीं रहेगी। मुझे आपकी बहुत याद आएगी। मेरी उर्दू खराब रहेगी और हां लव यू, लव यू, लव यू। 

बॉलीवुड के कई एक्टर एक्ट्रेसेस ने की संवेदना व्यक्त

अभिषेक बच्चन ने हुसैन को श्रद्धांजलि देते हुए ट्विटर पर लिखा, ‘‘हमने कई फिल्मों में साथ में काम किया, ‘कुछ ना कहो’ से लेकर ‘बॉब बिस्वास’ तक। वह सौम्य, दयालु और गर्मजोशी से भरे हुए थे। उनके परिवार के प्रति संवदेनाएं।’’

■ Also Read: Kannada Superstar Puneeth Rajkumar Passed Away

मेहता के करीबी मित्र मनोज बाजपेयी ने ट्वीट किया, ‘‘दुखद खबर। पूरे परिवार के प्रति संवेदनाएं।’’ एक्ट्रेस पूजा भट्ट ने भी लिखा परिवार के प्रति मेरी गहरी संवेदना।

अभिनेता यूसुफ (Yusuf Hussain) क्यों नहीं करवा पाए अपना उद्धार?

समाज में एक अच्छा व्यक्ति होना अलग बात है लेकिन अगर आप पवित्र कुरान शरीफ सूरत फुरकानी 25 आयत नंबर 52, 58, 59 के अनुसार इबादत नहीं करते हैं तो ना ही अल्लाह ताला का दीदार होगा और ना ही आपको मोक्ष प्राप्त होगा और ऐसा ही हुआ हुसैन के साथ उनका अनमोल मनुष्य जीवन बर्बाद हो गया। जबकि यह मनुष्य जीवन सच्चे अल्लाह ताला की इबादत के लिए मिला था। अब 84 लाख योनियों में जाकर कष्ट पर कष्ट उठाने पड़ेंगे। सभी लोगों से प्रार्थना है कि कम से कम आप तो समझिए अपने मनुष्य जीवन के मूल उद्देश्य को, नहीं तो आपका जीवन भी बर्बाद हो जाएगा।

प्रत्येक आत्मा, चाहे वे किसी भी धर्म में जन्मी और पली हों भगवान के लिए खोज अवश्य करनी चाहिए।

क्या इस्लाम के अनुसार पुनर्जन्म एक मिथक है या वास्तविकता?

इस्लाम धर्म में एक अस्पष्ट धारणा है कि कोई पुनर्जन्म नहीं है, जबकि सच्चाई इसके विपरीत है।  मुस्लिम संतों के अनुसार, एक व्यक्ति सिर्फ एक बार जन्म लेता है। मृत्यु के बाद, उस व्यक्ति को कब्र में दफना दिया जाता है जहां वह कयामत आने तक रहता है। कयामत के दिन यानी जब महाप्रलय होगी, उस समय सभी को जिनके शरीर को कब्र में दफनाया गया था, उन्हें जीवित कर दिया जाएगा और उनके अच्छे और बुरे कर्मों का लेखा-जोखा होगा। जिन्होंने अच्छे कर्म किए वे स्वर्ग (जन्नत) में जाएंगे और जिन्होंने पाप किए हैं उन्हें नरक (दोजख) में भेजा जाएगा, जहां वे हमेशा के लिए रहेंगे।

यह धारणा गलत है। सबसे पहले, मृत्यु के बाद, शरीर निश्चित रूप से मृत रूप में कब्र में रहता है लेकिन आत्मा के साथ ऐसा नहीं है। आत्मा को धर्म राज के पास भेजा जाता है, जो भगवान के दरबार में मुख्य न्यायाधीश होता है, जहाँ वह अच्छे और बुरे कर्मों का हिसाब लेता है। अच्छे कर्मों का फल स्वर्ग में भोगा जाता है, जबकि बुरे कर्मों का फल नरक में जहां आत्मा को उन तरीकों से प्रताड़ित किया जाता है, जिन्हें अभिव्यक्त नहीं किया जा सकता है। फिर कर्माधार से आत्मा को इस नश्वर पृथ्वी पर चौरासी लाख जूनियों में पटक दिया जाता है। 

कुरान शरीफ के अनुसार अल्लाह कौन है?

आयत 59:- अल्ल्जी खलकस्समावाति वल्अर्ज व मा बैनहुमा फी सित्तति अय्यामिन् सुम्मस्तवा अलल्अर्शि अर्रह्मानु फस्अल् बिही खबीरन् (कबीरन्)।

सूरह अल-फुरकान 25:59

जिसने आसमानों और जमीन और जो कुछ उनके बीच में है (सबको) छः दिन में पैदा किया, फिर तख्त पर जा विराजा (वह अल्लाह बड़ा) रहमान है, तो उसकी खबर किसी बाखबर (इल्मवाले) से पूछ देखो।

वर्तमान में कौन है बाखबर संत?

बाख़बर से अर्थ है, एक तत्वदर्शी संत (अल्लाह के बारे में असली ज्ञान से युक्त संत)। हम सबका रचनहार और हमारी पूजा का एकमात्र असली अधिकारी वह सर्वशक्तिमान अल्लाहु अकबर है। वर्तमान में तत्वदर्शी बाखबर संत कोई और नहीं बल्कि हिंदुस्तान की पावन धरा पर मौजूद संत रामपाल जी महाराज ही हैं, जो अल्लाह कबीर की संपूर्ण जानकारी रखते और बताते हैं। संत रामपाल जी नाम दीक्षा देने के एकमात्र अधिकारी संत हैं। यही कारण है कि करोड़ों लोग तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी से जुड़कर सुखमय और निरोगी जीवन जी रहे हैं ।  आप सभी से प्रार्थना है अवश्य पढ़ें कुरान शरीफ  – सूरह अल-अंबिया में जन्म और पुनर्जन्म की अवधारणा और बहुचर्चित पुस्तक ज्ञान गंगा

Latest articles

World Television Day 2025: Its History, Impact, and True Purpose

Every year on November 21st, the world observes World Television Day—a time dedicated to...

हरियाणा के पपोसा गांव में संत रामपाल जी महाराज का आशीर्वाद: करुणा ने बदल दी बाढ़ से तबाह धरती की तक़दीर

हरियाणा की मिट्टी सदा से परिश्रम, श्रम और संत परंपरा की गवाह रही है।...

संत रामपाल जी महाराज द्वारा हरियाणा के महम नगर पालिका क्षेत्र में बाढ़ पीड़ित किसानों को बड़ी राहत

Haryana Flood: हरियाणा के रोहतक जिले के महम नगर पालिका क्षेत्र में आई बाढ़...
spot_img

More like this

World Television Day 2025: Its History, Impact, and True Purpose

Every year on November 21st, the world observes World Television Day—a time dedicated to...

हरियाणा के पपोसा गांव में संत रामपाल जी महाराज का आशीर्वाद: करुणा ने बदल दी बाढ़ से तबाह धरती की तक़दीर

हरियाणा की मिट्टी सदा से परिश्रम, श्रम और संत परंपरा की गवाह रही है।...