September 16, 2025

World Organ Donation Day 2024। विश्व अंगदान दिवस : जीवन बचाने और किसी की मुस्कान का कारण बनने का अनमोल मौका”

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World Organ Donation Day 2024: अंगदान जिसे महादान के रूप में भी देखा जाता है, यह एक ऐसा दान है जिसे करने से हम किसी की जिंदगी बचा सकते हैं। हर 10 मिनट में एक नया नाम अंग प्रत्यारोपण की प्रतीक्षा सूची में जुड़ जाता है, और भारत में हर दिन 20 लोग अंग के इंतजार में अपनी जान गंवा देते हैं। यह आंकड़ा एक चिंताजनक सच्चाई को उजागर करता है: मांग और आपूर्ति के बीच विशाल अंतर। वर्तमान में, 3 लाख से ज़्यादा मरीज़ अंगदान की प्रतीक्षा कर रहे हैं, जबकि दानकर्ताओं की संख्या कुछ हजार ही है। अंग के लिए इंतज़ार कर रहे केवल 10% मरीज़ों को ही समय पर अंग मिल पाता है, और प्रति दस लाख आबादी पर केवल एक दानकर्ता उपलब्ध है।

“अच्छी सोच नेक इरादा,

अंगदान से समाज को भारी फायदा”

इस असमानता को कम करने और जीवन बचाने के लिए, 13 अगस्त को विश्व अंगदान दिवस मनाया जाता है। यह दिन अंगदान के महत्व पर जागरूकता बढ़ाने और समाज को इसके प्रति संवेदनशील बनाने का अवसर है। अंगदान केवल एक चिकित्सा प्रक्रिया नहीं, बल्कि जीवन देने की एक अमूल्य जिम्मेदारी है। इस दिन हमें अपने समुदाय में अंगदान के प्रति सकारात्मक विचार फैलाने और दान के लिए प्रेरित करने का प्रयास करना चाहिए, ताकि हर इंतज़ार करने वाले को समय पर अंग मिल सके और जीवन की एक नई उम्मीद जगी रहे।

Table of Contents

विश्व अंगदान दिवस एक  ऐसा खास दिन है जो 1954 में अमेरिका में किए गए पहले जीवित दाता अंग प्रत्यारोपण की याद में मनाया जाता है।

रोनाल्ड ली हेरिक अपने अंग दान करने वाले पहले व्यक्ति थे। 1954 में, उन्होंने अपनी किडनी अपने जुड़वां भाई को दान कर दी, और डॉ. जोसेफ मरे वह डॉक्टर थे जिन्होंने इस सफल अंग प्रत्यारोपण प्रक्रिया को अंजाम दिया। बाद में 1990 में, अंग प्रत्यारोपण में प्रगति लाने के लिए उन्हें फिजियोलॉजी और मेडिसिन में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

यह दिन हर साल अंगदान के बारे में जागरूकता बढ़ाने और अधिक लोगों को अंगदान करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए मनाया जाता है। हालाँकि, कई देश इस दिन को अंगदान के अपने इतिहास के अनुसार मनाते हैं।

भारत में अंगदान के कार्य को बढ़ावा देने के लिए 27 नवंबर को राष्ट्रीय अंग दिवस मनाया जाता है, जिसे 2010 में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (NOTTO) द्वारा 2022 तक के लिए शुरू किया गया था।

इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को मृत्यु के बाद अंगदान करने का संकल्प याद दिलाना है। एक व्यक्ति अंगदान करके 8 लोगों की जान बचा सकता है और 75 लोगों की जिंदगी को बेहतर बना सकता है।

अंगदान बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे अंगों की बीमारी से जूझ रहे लोगों को नया जीवन मिल सकता है। हाल ही के कुछ वर्षों में, चिकित्सा प्रगति ने अंगदान से जुड़ी कई गलतफहमियों को दूर किया है।

यह दिन अंगदान की अहमियत को बताने और लोगों को इसके लिए प्रोत्साहित करने के लिए होता है। अंगदान किसी भी उम्र में किया जा सकता है, लेकिन 18 साल से छोटे दाताओं को इसके लिए माता-पिता की मंजूरी लेनी आवश्यक है।

विश्व अंगदान दिवस की थीम (World Ogran Donation Day Theme) मुख्य रूप से इस बातों पर केंद्रित है:

लोगों में अंगदान के प्रति जागरूकता लाना।

यह दिवस मुख्य रूप से लोगों को अंगदान की आवश्यकता तथा अंग प्राप्तकर्ता के जीवन पर इसके प्रभाव के बारे में जागरूक करने के लिए मनाया जाता है।

अंगों की कमी

इस दिवस का मुख्य उद्देश्य अधिक से अधिक लोगों को अंगदान करने का संकल्प दिलाना है

जिससे अंगों की  आपूर्ति और मांग के बीच के अंतर को कम किया जा सके।

दानकर्ताओं का जश्न मनाना

इस दिन दानदाताओं की सराहना की जाती है और यह उनके योगदान को मान्यता देता है, जो प्राप्तकर्ताओं की जान बचाने में मदद करता है। इसके साथ ही, दान करने के निःस्वार्थ प्रयासों को मान्यता देकर औरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित किया जाता है।

अंग प्राप्तकर्ताओं की मदद करना

इस दिन अंग प्राप्तकर्ताओं की कहानियाँ साझा करने के लिए विभिन्न कार्यक्रम और सेमिनार आयोजित किए जाते हैं, ताकि लोगों को अंग दान के लाभ और इसके सकारात्मक प्रभाव के बारे में जानकारी मिल सके।

अंग दान मुख्य रूप से दो प्रकार से किया जाता है:

1:- जीवित दान

जब कोई जीवित व्यक्ति अंग या अंग का हिस्सा दान करता है, इसे जीवित दान कहा जाता है। इसके सामान्य उदाहरणों में किडनी दान, लिवर दान, और रक्त दान शामिल हैं। अंग दान करने के लिए व्यक्ति को चिकित्सकीय रूप से स्वस्थ होना चाहिए और उसका blood group और tissue उस व्यक्ति से मेल खाना चाहिए जिसे अंग की आवश्यकता है।

2:- शव दान

जब किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसके अंग दान किए जाते हैं, तो इसे शव दान कहते हैं। इस प्रक्रिया में अंगों को जल्द से जल्द निकालना जरूरी होता है। जो लोग अपनी मृत्यु के बाद अंग दान करना चाहते हैं, उन्हें पहले इसके लिए पंजीकरण कराना होता है। यह भी महत्वपूर्ण होता है कि व्यक्ति की मृत्यु किस प्रकार हुई है, क्योंकि इससे तय होता है कि कौन से अंग दान किए जा सकते हैं।

1:- मस्तिष्क मृत्यु की स्थिति में हृदय, फेफड़े, अग्न्याशय, गुर्दे, और यकृत जैसे महत्वपूर्ण अंगों का दान किया जा सकता है।

2:- प्राकृतिक मृत्यु के बाद केवल ऊतकों जैसे कॉर्निया, अस्थि मज्जा, और हृदय वाल्व का दान संभव होता है, क्योंकि अंगों को ऑक्सीजन की कमी से नुकसान पहुँचता है और वे काम नहीं करते।

1:- मिथक: अंगदान से स्वास्थ्य पर असर पड़ता है।

वास्तविकता: अंगदान से दाता की सेहत पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता।

2:- मिथक: अंगदान की स्थिति का सही पता नहीं लगाया जा सकता।

वास्तविकता: अंगदान मस्तिष्क मृत्यु की स्थिति में ही किया जाता है, जब डॉक्टर पूरी तरह से पुष्टि कर लेते हैं।

3:- मिथक: अंगदान से शरीर में बदलाव होते हैं।

वास्तविकता: अंगदान के बाद शरीर की पहचान या रूप में कोई बदलाव नहीं होता।

कोई भी स्वस्थ व्यक्ति, आपकी उम्र, लिंग या धर्म की परवाह किए बिना, अंग दाता बन सकता है। अंग दान एक महान कार्य है और सभी को इसे अपनाना चाहिए। अंग दाता बनने के लिए आप ऑर्गन इंडिया की वेबसाइट पर ऑनलाइन फॉर्म भर सकते हैं। पंजीकरण के बाद, NOTTO द्वारा एक डोनर कार्ड जारी किया जाएगा जिसमें एक अद्वितीय पंजीकरण संख्या होगी। ध्यान दें कि भारत में अंगदान के लिए परिवार की सहमति भी जरूरी है।

संत रामपाल जी महाराज विश्व में एकमात्र ऐसे संत हैं जो सम्पूर्ण मानव जाति को सतभक्ति का मार्ग प्रदान कर रहे हैं। इनके  द्वारा बताए गए मार्ग पर चलकर सतभक्ति से न केवल कैंसर जैसी लाइलाज बीमारियाँ ठीक होती हैं, इसके साथ साथ बहुत से अनुयायी अपने interview में बता भी चुके हैं कि सतभक्ति से उनके अंग बिना किसी ऑपरेशन या अंगदाता के ही ठीक हो गए हैं।

इतना ही नहीं , संत रामपाल जी महाराज का समाज सुधार में भी महत्वपूर्ण योगदान है। हर साल, वे देहदान और रक्तदान के शिविर आयोजित करते हैं, जिसमें उनके अनुयायी सक्रिय रूप से भाग लेते हैं। इसके साथ ही, संत रामपाल जी महाराज जी  समाज को नशा और दहेज जैसी कुप्रथाओं से भी निज़ात दिला रहें हैं।

आप सभी से अनुरोध है कि अपनी सभी समस्याओं, बीमारियों, और जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्ति पाने के लिए संत रामपाल जी महाराज द्वारा बताई गई सतभक्ति प्राप्त करके पूर्ण लाभ उठाएं।

1. अंगदान क्या है?

   अंगदान का मतलब है अंगों को दान करना ताकि दूसरों की जान बच सके या उनकी जीवन गुणवत्ता सुधर सके।

2. क्या कोई भी अंग दान कर सकता है?

   हां, स्वस्थ व्यक्ति, चाहे उसकी उम्र या लिंग कुछ भी हो, अंग दान कर सकता है।

3. पंजीकरण कैसे करें?

   आप ऑर्गन इंडिया की वेबसाइट पर ऑनलाइन फॉर्म भरकर पंजीकरण कर सकते हैं।

4. परिवार की सहमति क्यों जरूरी है?

   भारत में अंगदान के लिए परिवार की सहमति जरूरी है ताकि अंगों का सही तरीके से उपयोग हो सके।

5. अंगदान के लाभ क्या हैं?

   अंगदान से लोगों की जान बचाई जा सकती है और उनकी जीवन गुणवत्ता में सुधार हो सकता है।

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