Last Updated on 19 May 2025 IST| विश्व तंबाकू निषेध दिवस 2025: हर साल 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस (World No Tobacco Day in Hindi) मनाया जाता है। यह दिन लोगों को तंबाकू और अन्य नशीले पदार्थों के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक करने के लिए समर्पित है। ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, दुनिया भर में हर साल करीब 80 लाख (8 मिलियन) लोगों की मौत तंबाकू सेवन से जुड़ी बीमारियों के कारण होती है, जिनमें लगभग 12 लाख मौतें तो सिर्फ परोक्ष धुएं (passive smoking) के चलते होती हैं।
तंबाकू सेवन आज न सिर्फ एक स्वास्थ्य समस्या है बल्कि एक सामाजिक और आर्थिक चुनौती भी बन चुका है। विशेष रूप से भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश जैसे दक्षिण एशियाई देशों में ओरल कैंसर, फेफड़ों के रोग, हृदय संबंधी बीमारियाँ और स्ट्रोक जैसी घातक स्थितियाँ तेज़ी से बढ़ रही हैं, जिनका मुख्य कारण गुटखा, बीड़ी, सिगरेट और खैनी जैसी तंबाकू-उत्पादों का अत्यधिक उपयोग है।
विश्व तंबाकू निषेध दिवस 2025 थीम (World No Tobacco Day Theme in Hindi)
विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर प्रत्येक वर्ष डबल्यू एच ओ की ओर से थीम निर्धारित की जाती है। 2025 में विश्व तंबाकू निषेध दिवस (World No Tobacco Day) का विषय (थीम) “Unmasking the Appeal: Exposing Industry Tactics on Tobacco and Nicotine Products” है, जिसका हिंदी अनुवाद है: “आकर्षण का पर्दाफाश: तंबाकू और निकोटिन उत्पादों पर उद्योग की रणनीतियों का खुलासा”।
2025 की थीम का उद्देश्य
इस वर्ष की थीम का उद्देश्य तंबाकू और निकोटिन उद्योगों द्वारा अपनाई गई उन रणनीतियों को उजागर करना है, जिनके माध्यम से वे अपने हानिकारक उत्पादों को विशेष रूप से युवाओं के लिए आकर्षक बनाते हैं। इन रणनीतियों में शामिल हैं:
आकर्षक फ्लेवर: तंबाकू और निकोटिन उत्पादों में विभिन्न स्वादों का उपयोग करके उन्हें युवाओं के लिए आकर्षक बनाना। अनुमानित रूप से, दुनिया भर में 13-15 वर्ष की आयु के लगभग 37 मिलियन बच्चे तंबाकू का उपयोग करते हैं ।
ग्लैमरस मार्केटिंग: सोशल मीडिया और अन्य प्लेटफार्मों पर ग्लैमरस विज्ञापनों के माध्यम से युवाओं को लक्षित किया जाता है।
भ्रामक उत्पाद डिज़ाइन: उत्पादों को इस प्रकार डिज़ाइन करना कि वे कम हानिकारक या सुरक्षित प्रतीत हों, जैसे कि कैंडी या अन्य आकर्षक वस्तुओं की तरह दिखना।
तंबाकू उद्योग अक्सर बच्चों और युवाओं को ध्यान में रखकर अपने उत्पादों का प्रचार करता है, जिससे बच्चों का स्वास्थ्य खतरे में पड़ने के आसार बढ़ जाते हैं। तंबाकू उद्योग के बढ़ते हस्तक्षेप से बच्चों की सुरक्षा के लिए हमें सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।
यह आवश्यक है कि हम:
1. सख्त कानून लागू करें: तंबाकू उत्पादों की बिक्री और प्रचार पर नियंत्रण पाने के लिए सख्त कानून लागू करें, खासकर उन स्थानों पर जहां बच्चे और युवाओं का घनत्व अधिक हैं।
2. जन जागरूकता अभियान चलाएं: बच्चों और उनके माता-पिता को तंबाकू के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूक करने के लिये उन्हें शिक्षित करें।
3. स्कूलों में शिक्षा प्रदान करें: स्कूल पाठ्यक्रम में तंबाकू के खतरों के बारे में ज़रूरी जानकारी शामिल कर बच्चों को इसके दुष्प्रभावों से अवगत कराएं।
4. तंबाकू उद्योग के विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाएं: तंबाकू उत्पादों के विज्ञापनों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाएं, ताकि बच्चे इनसे प्रभावित न हों।
5. सामुदायिक सहयोग बढ़ाएं: समुदाय के सदस्यों, संगठनों और सरकारी निकायों के साथ मिलकर बच्चों की सुरक्षा के लिए सामूहिक प्रयास करें।
हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम तंबाकू उद्योग के हस्तक्षेप से बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करें और उनके स्वस्थ भविष्य की दिशा में कदम बढ़ाएं।
तंबाकू क्या है (What is Tobacco)?
निकोटानिया प्रजाति के पत्तों से तंबाकू तैयार किया जाता है। यह शरीर के लिए बहुत घातक होता है। इसको लोग अलग- अलग तरीके से खाते, पीते, चबाते और प्रयोग करते हैं। गुटका, तंबाकू, सिगरेट, बीड़ी, पान में मिलाकर लेना आदि इसके ही रूप हैं।
World No Tobacco Day in Hindi | तंबाकू का प्रभाव
तंबाकू को धीमा ज़हर भी कहा जाता है। यह व्यक्ति को धीरे-धीरे मौत के मुंह में ले जाता है। डाक्टरों की मानें तो इसके धुएं में लगभग 7000 प्रकार के केमिकल होते हैं जिनसे 50 प्रकार का कैंसर हो सकता है। तंबाकू का सेवन करने से हमारे शरीर पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। दुनिया भर में लगभग 1.1 बिलियन लोग तंबाकू का सेवन करते हैं, जिसमें से 80% से अधिक निम्न और मध्यम आय वाले देशों में रहते हैं. यह संख्या धूम्रपान, चबाने और अन्य तरीकों से तंबाकू के सेवन को शामिल करती है। हर साल दस में से एक व्यक्ति इसका सेवन करने से मर जाता है। इसका कुप्रभाव फेफड़ों पर सबसे ज़्यादा पड़ता है। इसके सेवन से मुँह का कैंसर, सिर का कैंसर, लीवर आदि की बीमारियां भी हो सकती हैं।
तंबाकू का बुरा प्रभाव (Bad Effects of Tobacco)
- सिगरेट बनाने के लिए 600,000,000 पेड़ काटे जाते हैं
- हर साल 84,000,000 टन CO2 उत्सर्जन होती है जिससे वैश्विक तापमान बढ़ रहा है
- हर साल 22,000,000,000 लीटर पानी सिगरेट बनाने में इस्तेमाल होता है
- 4.5 ट्रिलियन सिगरेट बट्स हर साल पर्यावरण को प्रदूषित करते हैं
- तंबाकू से हर साल 8 मिलियन से अधिक लोगों की मौत होती है
तंबाकू से होने वाली बीमारियां (Causes of Consuming Tobacco)
- कैंसर-फेफड़ों और मुंह का कैंसर होना
- फेफड़ों का खराब होना
- दिल की बीमारी
- आंखों से कम दिखना
- मुंह से दुर्गंध आना
- दांतों का सड़ना
- कम आयु में मृत्यु होना
तंबाकू की उत्पत्ति से संबंधित कथा (Story of Origin of Tobacco in Hindi)
एक ऋषि तथा एक राजा साढ़ू थे। एक दिन राजा की रानी ने अपनी बहन ऋषि की पत्नी के पास संदेश भेजा कि पूरा परिवार हमारे घर भोजन के लिए आऐं। मैं आपसे मिलना भी चाहती हूँ, बहुत याद आ रही है। अपनी बहन का संदेश ऋषि की पत्नी ने अपने पति से साझा किया। ऋषि जी ने कहा कि तेरी बहन वैभव का जीवन जी रही है। राजा को धन तथा राज्य की शक्ति का अहंकार होता है। हमें भी उन्हें हमारे घर भोजन के लिए बुलाना पड़ेगा। हम उन जैसी भोजन-व्यवस्था जंगल में नहीं कर पाऐंगे। आप यह विचार त्याग दें। परंतु ऋषि की पत्नी नहीं मानी। ऋषि तथा पत्नी व परिवार राजा का मेहमान बनकर चले गये। भोजन करने के पश्चात् ऋषि की पत्नी ने भी कहा कि आप हमारे यहाँ भी इस दिन भोजन करने आईएगा।
निश्चित दिन को राजा हजारों सैनिक लेकर सपरिवार साढ़ू ऋषि जी की कुटी पर पहुँच गया। ऋषि जी ने स्वर्ग लोक के राजा इन्द्र से निवेदन करके सर्व कामना यानि इच्छा पूर्ति करने वाली एक कामधेनु गाय माँगी। जिसके बदले में ऋषि जी को अपने पुण्य कर्म संकल्प करने पड़े! इन्द्र देव ने एक कामधेनु तथा एक लम्बा-चौड़ा तम्बू भेजा और कुछ सेवादार भी भेजे। टैंट के अंदर गाय को छोड़ दिया। ऋषि परिवार ने गऊ माता की आरती उतारी। अपनी मनोकामना बताई। उसी समय छप्पन (56) प्रकार के भोग चांदी की परातों, टोकरियों, कड़ाहों में स्वर्ग से आए और टैण्ट में रखे जाने लगे। लड्डू, जलेबी, कचौरी, दही बड़े, हलवा, खीर, दाल, रोटी (मांडे) तथा पूरी, बूंदी, बर्फी, रसगुल्ले आदि-आदि से आधा एकड़ का टैण्ट भर गया।
राजा के मन में ईर्ष्या की आग
World No Tobacco Day in Hindi | ऋषि जी ने राजा से कहा कि भोजन जीमो। राजा ने बेइज्जती करने के लिए कहा कि मेरी सेना भी साथ में भोजन खाएगी। घोड़ों को भी चारा खिलाना है। ऋषि जी ने कहा कि प्रभु कृपा से सब व्यवस्था हो जाएगी। पहले आप तथा सेना भोजन करें। राजा उठकर भोजन करने वाले स्थान पर गया। वहाँ भी सुंदर कपड़े बिछे थे। राजा देखकर आश्चर्यचकित रह गया। फिर चांदी की थालियों में भिन्न-भिन्न प्रकार के भोजन ला-लाकर सेवादार रखने लगे। अन्नदेव की स्तुति करके ऋषि जी ने भोजन करने की प्रार्थना की। राजा ने देखा कि इसके सामने तो मेरा भोजन-भण्डारा कुछ भी नहीं था। मैंने तो केवल ऋषि-परिवार को ही भोजन कराया था। वह भी तीन-चार पदार्थ बनाए थे। राजा शर्म के मारे पानी-पानी हो गया। खाना खाते वक्त बहुत परेशान था। ईर्ष्या की आग धधकने लगी, बेइज्जती मान ली। सर्व सैनिको ने खाना खाया और ऋषि जी की सराहना की। राजा का रक्त जल रहा था।
■ Read in English | World No Tobacco Day | Know the True Story About the Origin of Tobacco
अपने टैण्ट में जाकर ऋषि को बुलाया और पूछा कि यह भोजन जंगल में कैसे बनाया? न कोई कड़ाही चल रही है, न कोई चुल्हा जल रहा है। ऋषि जी ने बताया कि मैंने अपने पुण्य तथा भक्ति के बदले स्वर्ग से एक गाय उधार माँगी है। उस गाय में विशेषता है कि हम जितना भोजन चाहें, तुरंत उपलब्ध करा देती है। राजा ने कहा कि मेरे सामने कामधेनु गाय से भोजन उपलब्ध कराओ तो मुझे विश्वास हो। ऋषि तथा राजा टैण्ट के द्वार पर खड़े हो गए। अन्दर केवल गाय खड़ी थी। द्वार की ओर मुख था। टैण्ट खाली था क्योंकि सबने भोजन खा लिया था। शेष बचा सामान तथा सेवक ले जा चुके थे। गाय को ऋषि की अनुमति का इंतजार था।
कामधेनु गाय का स्वर्ग जाना
राजा ने कहा कि ऋषि जी! यह गाय मुझे दे दो। मेरे पास बहुत बड़ी सेना है। उसका भोजन इससे बनवा लूंगा। तेरे किस काम की है? ऋषि ने कहा, राजन! मैंने यह गऊ माता उधारी ले रखी है। स्वर्ग से मँगवाई है। मैं इसका मालिक नहीं हूँ। मैं आपको नहीं दे सकता। राजा ने दूर खड़े सैनिकों से कहा कि इस गाय को ले चलो।
ऋषि ने देखा कि साढ़ू की नीयत में खोट आ गया है। उसी समय ऋषि जी ने गऊ माता से कहा कि गऊ माता! आप अपने लोक अपने धनी स्वर्गराज इन्द्र के पास शीघ्र लौट जाऐं। उसी समय कामधेनु टैण्ट को फाड़कर सीधी ऊपर को उड़ चली। राजा ने गाय को गिराने के लिए गाय के पैर में तीर मारा। गाय के पैर से खून बहने लगा और पृथ्वी पर गिरने लगा। गाय घायल अवस्था में स्वर्ग में चली गई। जहाँ-जहाँ गाय का रक्त गिरा था, वहीं-वहीं तम्बाकू उग गया। फिर बीज बनकर अनेकों पौधे बनने लगे। संत गरीबदास जी ने कहा है कि:-
तमा + खू = तमाखू।
गरीबदास जी अपनी वाणी में कहते हैं:
खू नाम खून का तमा नाम गाय।
सौ बार सौगंध इसे न पीयें-खाय।।
विश्व तंबाकू निषेध दिवस 2025 पर उद्धरण (Quotes)
- “नशा नाश की जड़ है भाई – इसने ही है सब आग लगाई”
- “बीड़ी पीकर खांस रहा है – मौत के आगे नाच रहा है”
- “हुक्का हरदम पीवते, लाल मिलावे धुर। इसमें संशय है नहीं,जन्म पिछले सुअर।।” – गरीब दास जी महाराज
- “खू नाम खून का तमा नाम गाय ।सौ बार सौगंध इसको न खांय।” – गरीब दास जी महाराज
- “सौ नारी जारी करै, सुरा पान सौ बार। एक चिलम हुक्का भरै, डूबै काली धार।।” – गरीब दास जी महाराज
- पीवत तम्बाकू गुरु चेला, दूभे दोनों एक। जो गुरु चरस पियावई, ताको छाड़ि दे नेक॥ ~ कबीर साहेब जी
- बिना किए जो मिलै, सोई साचा दान। जो छाड़ै तम्बाकू, सोई वीर मुसलमान॥~ कबीर साहेब जी
विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर जानिए तंबाकू के सेवन की आदत को कैसे छोड़ सकते हैं?
कहते हैं जब तक किसी बुराई के बुरे प्रभाव न पता हों तब तक इंसान उसे छोड़ नहीं सकता, लेकिन तंबाकू के बुरे प्रभावों से सभी परिचित हैं फिर भी लोग इसका सेवन करते हैं। बहुत से लोग इसे छोड़ना चाहते हैं लेकिन इसके इतने आदि हो चुके हैं कि छोड़ नहीं पाते। तो चलिए हम आपको बताते हैं कि तंबाकू की आदत को कैसे छोड़ा जा सकता है?
World No Tobacco Day in Hindi | अगर सच्चे गुरु की शरण में जाकर उनके द्वारा बताए हुए सत मन्त्रों का जाप किया जाए तो भक्ति की शक्ति से हर तरह का नशा छोड़ा जा सकता है। लेकिन अब आप यह सोच रहे होंगे आखिर सच्चा गुरु कौन है और सच्चे गुरु की क्या पहचान है?
विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर जानिए सच्चे गुरु की क्या पहचान है?
- श्रीमदभगवत गीता के अध्याय नं.15 के श्लोक नं. 1 से 4 तथा श्लोक नं. 16 व 17 मे प्रमाण है कि जो संत उल्टे लटके संसार रूपी वृक्ष के सभी हिस्सों को समझा देगा, वही पूर्ण संत है।
- गीता अध्याय 15 श्लोक 1 में तत्वदर्शी सन्त की पहचान बताई है कि तत्वदर्शी संत संसार रुपी वृक्ष के सर्व भागों को सही-सही बताता है।
- कबीर साहेब ने धर्मदास को बताया था कि मेरा संत सतभक्ति बतायेगा लेकिन सभी संत व महंत उसके साथ झगड़ा करेंगे। यही सच्चे संत की पहचान होगी।
जो मम संत सत उपदेश दृढ़ावै (बतावै), वाके संग सभी राड़ बढ़ावै।
या सब संत महंतन की करणी, धर्मदास मैं तो से वर्णी।।
- यजुर्वेद अध्याय 19 मंत्र 25 व 26 में लिखा है कि वेदों के अधूरे वाक्यों अर्थात् सांकेतिक शब्दों व एक चौथाई श्लोकों को पूरा करके विस्तार से बताएगा व तीन समय की पूजा बताएगा। सुबह पूर्ण परमात्मा की पूजा, दोपहर को विश्व के देवताओं का सत्कार व संध्या आरती अलग से बताएगा वह जगत का उपकारक संत होता है।
- पूर्ण संत का वर्णन कबीर सागर ग्रंथ पृष्ठ नं. 265 बोध सागर में मिलता है व गीता जी के अध्याय नं. 17 श्लोक 23 व सामवेद संख्या नं. 822 में मिलता है। पूर्ण संत तीन स्थिति में सारनाम प्रदान करता है तथा चौथी स्थिति में सारशब्द प्रदान करता है। यह उस सच्चे संत की पहचान है।
श्रीमदभगवत गीता जी में “ओम, तत्, सत्” का प्रमाण है। श्रीमदभगवत गीता में गीता ज्ञान दाता कहता है कि उस परमात्मा को हासिल करने का तीन मंत्रों का प्रमाण है। गीता ज्ञान दाता कहता है कि तू सच्चे संत की तलाश करके उनकी शरण में जा और उससे सत मन्त्र प्राप्त करके उसका जाप कर।
श्री गुरु नानक जी अपनी वाणी द्वारा समझाना चाहते हैं कि पूरा सतगुरु वही है जो दो अक्षर के जाप के बारे में जानता है।
- सतगुरु संत गरीबदास जी महाराज ने भी अपनी वाणी में कहा कि वो सच्चा संत चारों वेदों, छः शास्त्रों, अठारह पुराणों आदि सभी ग्रंथों का पूर्ण जानकार होगा अर्थात् उनका सार निकाल कर बताएगा। प्रमाण:- यजुर्वेद अध्याय 19 मंत्र 25 व 26
सतज्ञान को अपना कर नशे का नाश करें
इस समय में परम संत सतगुरु रामपाल जी महाराज एक पूर्ण संत के रूप में प्रकट हैं। उनसे सतज्ञान तथा सतभक्ति प्राप्त करने वाले व्यक्ति का मोक्ष तो निश्चित है ही, साथ ही हर प्रकार का नशा, भक्ति की शक्ति से छूट जाता है। संत रामपाल जी के अनुयायी किसी प्रकार का नशा न करते हैं न ही किसी और को इस बुराई को करने में सहयोग ही करते हैं। भक्त समाज से हमारी प्रार्थना है की संत रामपाल जी महाराज जी की शरण ग्रहण करके हर प्रकार के नशे और तंबाकू के प्रयोग को छोड़ने में विजय प्राप्त करें।
संत रामपाल जी की शरण में आने के बाद अब तक लाखों लोग सतभक्ति करना शुरू कर चुके हैं और तंबाकू प्रयोग को सदा सदा के लिए छोड़कर स्वस्थ और सादा जीवन जी रहे हैं। तंबाकू और अन्य नशा छोड़ चुके लोगों के इंटरव्यू देखने के लिए आप Youtube पर SA True Story पर जाए।
तंबाकू निषेध दिवस 2025 (World No Tobacco Day in Hindi) FAQ
प्रत्येक वर्ष 31 मई को
तंबाकू निषेध दिवस तंबाकू महामारी और रोकथाम पर वैश्विक ध्यान आकर्षित करने के लिए बनाया गया था।
विश्व तम्बाकू निषेध दिवस 2025 की थीम है, “तंबाकू उद्योग के हस्तक्षेप से बच्चों की सुरक्षा” (Protecting children from tobacco industry interference)
नो टोबैको डे या विश्व तम्बाकू निषेध दिवस प्रतिवर्ष 31 मई को मनाया जाता है।
तंबाकू कैंसर, हृदय रोग, फेफड़ों के रोग, मधुमेह के अतिरिक्त गंभीर बीमारियों को जन्म देता है। तम्बाकू से आध्यात्मिक हानियां भी होती हैं।
हर साल, लगभग 600 मिलियन पेड़ काटे जाते हैं और 200,000 हेक्टेयर भूमि तम्बाकू की खेती के लिए साफ की जाती है और हर साल तम्बाकू को ठीक करने के लिए अनुमानित 11.4 मिलियन मीट्रिक टन लकड़ी जलाई जाती है। 2022 तक, तम्बाकू की खेती वैश्विक वनों की कटाई के 5 प्रतिशत के लिए ज़िम्मेदार है।
तंबाकू का सेवन शरीर के लगभग हर अंग को नुकसान पहुँचाता है। इससे कैंसर, हृदय रोग, फेफड़ों की बीमारी, स्ट्रोक और समय से पहले मृत्यु का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। साथ ही, यह आर्थिक नुकसान और सामाजिक जीवन में गिरावट का कारण भी बनता है। तंबाकू छोड़ना एक स्वस्थ, लंबा और खुशहाल जीवन जीने की दिशा में पहला कदम है।