World Meteorological Day 2021: विश्व मौसम विज्ञान दिवस आज। प्रतिवर्ष 23 मार्च का दिन विश्व मौसम विज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है। आज ही के दिन विश्व मौसम विज्ञान संगठन की स्थापना हुई थी। विज्ञान से बचाव के रास्ते सुझाए जा सकते हैं लेकिन रक्षा केवल परमेश्वर द्वारा ही सम्भव है। इस विश्व विज्ञान दिवस पर जरूर जानें पूर्ण परमेश्वर के रहस्यों के बारे में जो कुल का वास्तविक मालिक है।
World Meteorological Day 2021: मुख्य बिंदु
- विश्व मौसम विज्ञान संगठन एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जिसका मुख्यालय स्विट्जरलैंड में है
- मौसम विज्ञान शोध के लिए निर्धारित हैं कई अवार्ड
- विश्व मौसम विज्ञान दिवस का उद्देश्य मनुष्य को मौसम संबंधी परेशानियों से निजात दिलाना है
- विज्ञान से बचाव के रास्ते सुझाए जा सकते हैं लेकिन रक्षा केवल पूर्ण परमेश्वर द्वारा ही सम्भव है
क्या है विश्व मौसम विज्ञान दिवस (World Meteorological Day 2021)?
विश्व मौसम विज्ञान दिवस (World Meteorological Day 2021), विश्व मौसम विज्ञान संगठन के स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाता है। विश्व मौसम संगठन को वर्ष 1873 में स्थापित किया गया था। विश्व विज्ञान संगठन मौसम, जलवायु और जल संसाधन के क्षेत्र में कार्य करता है। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य लोगों में मौसम व जलवायु के प्रति जागरूकता लाना है। विश्व मौसम विज्ञान संगठन में 191 सदस्य देश व क्षेत्र हैं। आज के दिन विभिन्न स्थानों पर बैठक, संगोष्ठियां आदि आयोजित की जाती हैं जिनमें वैज्ञानिक भी हिस्सा लेते हैं।
World Meteorological Day 2021 Theme & Importance (क्या है विश्व मौसम विज्ञान दिवस की थीम और महत्व?)
प्रत्येक वर्ष, विश्व मौसम विज्ञान दिवस (World Meteorological Day) एक विशेष थीम या विषय के साथ मनाते हैं । वर्ष 2021 के लिए, विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने आधिकारिक विषय (Theme) के तौर पर “महासागर, हमारी जलवायु और मौसम” की घोषणा कर दी है। यह विषय सस्टेनेबल डेवलपमेंट (2021-2030) के लिए महासागर विज्ञान के संयुक्त राष्ट्र दशक के शुभारंभ के समय चुना गया है। यह विषय महासागर के महत्व के बारे में जन जन को जानकारी देने और समुद्र के सुधार की दिशा में काम बढ़ाने के लिए वैज्ञानिकों, आविष्कारकों और चिंतकों को एकजुट करने के दृष्टिकोण से प्रारंभ किया गया है।
मौसम विज्ञान क्या करता है?
मौसम विज्ञान अध्ययन द्वारा विश्व भर में जलवायु परिघटना एवं महासागरों में होने वाली हलचल आदि को अंतरिक्ष में लगे उपग्रहों के माध्यम से बेहतर समझने की कोशिश करते हैं। मौसम विज्ञान आने वाली आपदाओं या प्राकृतिक परिवर्तन की जानकारी भी दे सकता है। चूंकि मौसम विज्ञान हवा के रुख, आर्द्रता, तापमान आदि का पूर्वानुमान लगा सकता है अतः यह किसानों के लिए भी मददगार है। वर्तमान में मौसम विज्ञान में केवल मौसम विज्ञान नहीं बल्कि पूरा भू- विज्ञान शामिल है।
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World Meteorological Day 2021: मौसम विज्ञान पर शोध पर मिलने वाले अवार्ड
मौसम विज्ञान पर शोध करने पर निम्नलिखित पुरस्कार दिए जाते हैं –
- इंटरनेशनल मेट्रोलॉजिकल ऑर्गनाइजेशन प्राइस
- द नोर्बर्ट गेरबियर- मुम्म इंटरनेशनल अवार्ड
- डॉक्टर विल्हो वाईसाईला अवार्ड
World Meteorological Day 2021: मौसम विज्ञान से आगे है अध्यात्म
World Meteorological Day: मौसम विज्ञान कितना भी आगे रहे, वह आने वाले भूकंप का पता लगा सकता है, बाढ़ के लिए अलर्ट जारी कर सकता है, तूफान, चक्रवात और सुनामी के लिए पहले से सूचनाएं जारी कर सकता है लेकिन क्या मौसम विज्ञान इन आपदाओं से रक्षा कर सकता है? क्या इन प्राकृतिक परिवर्तनों को रोक सकता है? नहीं। सारी सृष्टि का निर्माता परमेश्वर है हमने केवल ब्रह्मांडों के बनने की अलग अलग थ्योरी और अटकलबाजी की है और यह अंदाज़ लगाया है कि हो सकता है सृष्टि ऐसे बनी हो या ऐसे। आज विज्ञान के इतनी तरक्की के बाद भी क्या सूखा पड़ने पर विज्ञान वर्षा करवा सकता है? क्या भुखमरी का इलाज विज्ञान के पास है? नहीं। विज्ञान बचाव के रास्ते तो बता सकता है लेकिन बचाव नहीं कर सकता।
कैसे होगा बचाव विनाश से
मौसम विज्ञान बचाव नहीं कर सकता। बचाव के लिए मात्र एक रास्ता है परमात्मा। परमात्मा ने सृष्टि बनाई और उसकी बनाई सृष्टि के नियम भी उसने ही निर्धारित किये। इस सृष्टि के नियमों में फेरबदल का अधिकार भी परमेश्वर के ही पास है। सृष्टि परमेश्वर की बनाई हुई है और बचाव भी वही कर सकता है। अब प्रश्न है कि जब परमेश्वर ने सृष्टि बनाई तो विनाश क्यों बनाया? वास्तव में उस अविनाशी परमात्मा ने अविनाशी लोक बनाया सतलोक। उस सतलोक में हम सभी आत्माएँ जन्म मृत्यु से परे निवास करते रहे। काल ब्रह्म की तपस्या से आसक्त होकर हम उसके 21 ब्रह्मांडों में आ गए। जहां हम रह रहे हैं इस दुनिया का निर्माण करने वाला तो अविनाशी परमेश्वर कबीर है।
लेकिन स्वामी काल ब्रह्म है जिसके कारण विनाश होता है, लोग मरते हैं, भुखमरी आती है बाढ़ आती है, लोग दुखी होते हैं और काल का ग्रास बनते हैं। बचाव के लिए है परमेश्वर,जो आता है तत्वदर्शी संत के रूप में अपना तत्वज्ञान समझाने और अविनाशी लोक में लेकर जाने के लिए। वर्तमान में पूरे विश्व में एकमात्र तत्वदर्शी सन्त हैं सन्त रामपाल जी महाराज। उनसे नामदीक्षा लेकर भक्ति करना बचाव का एकमात्र उपाय है ।अधिक जानकारी के लिए देखें सतलोक आश्रम यूट्यूब चैनल।