September 29, 2025

भारत की पैरा आर्चरी और पैरा एथलेटिक्स में स्वर्णिम सफलता: शीतल देवी, सरिता और दीप्ति जीवनजी की ऐतिहासिक उपलब्धियाँ

Published on

spot_img

भारत के पैरा आर्चरी और पैरा एथलेटिक्स क्षेत्र में 27 सितंबर 2025 को ऐतिहासिक उपलब्धियाँ दर्ज की गईं। शीतल देवी, सरिता और दीप्ति जीवनजी ने अपनी कड़ी मेहनत और अटूट समर्पण से स्वर्ण पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया। यह न केवल व्यक्तिगत सफलता है, बल्कि भारत के पैरा खेलों के लिए एक नई प्रेरणा और दिशा का प्रतीक भी है।

शीतल देवी की पृष्ठभूमि और ऐतिहासिक जीत

18 वर्षीय शीतल देवी हरियाणा के एक छोटे से गाँव से आती हैं। जन्म से ही बिना हाथों के होने के बावजूद, उन्होंने अपने सपनों को कभी हार नहीं मानने दिया। उनके माता-पिता ने उनकी कठिनाइयों को समझते हुए उन्हें आर्चरी की ओर प्रेरित किया। कठिन परिस्थितियों में भी शीतल ने न केवल अपने खेल में महारत हासिल की, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का नाम रोशन किया।

पैरा आर्चरी विश्व चैंपियनशिप में शीतल देवी ने महिला कंपाउंड व्यक्तिगत श्रेणी में तुर्की की वर्ल्ड नंबर 1 ओज़नुर क्यूरे गिर्दी को 146-143 से हराकर स्वर्ण पदक जीता। यह उनकी पहली विश्व चैंपियनशिप जीत है और भारतीय पैरा आर्चरी के लिए एक मील का पत्थर है। उनकी यह जीत साबित करती है कि आत्म-विश्वास और कड़ी मेहनत से असंभव को संभव बनाया जा सकता है।

सरिता का रिकॉर्ड-तोड़ प्रदर्शन

सरिता ने पिल्सन में आयोजित विश्व आर्चरी पैरा चैंपियनशिप के पहले दिन महिला कंपाउंड व्यक्तिगत श्रेणी में 720 में से 697 अंक प्राप्त कर नया विश्व रिकॉर्ड स्थापित किया। यह प्रदर्शन न केवल व्यक्तिगत उत्कृष्टता का प्रतीक है, बल्कि टीम को भी स्वर्ण पदक की राह पर ले जाने वाला महत्वपूर्ण कदम है। उनके संघर्ष और समर्पण ने भारतीय खेलों में नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं।

दीप्ति जीवनजी की प्रेरणादायक यात्रा

दीप्ति जीवनजी, जो दिल्ली में आयोजित पैरा एथलेटिक्स विश्व चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व कर रही हैं, ने अनेक कठिनाइयों और बाधाओं को पार कर इस मंच तक पहुँचने में सफलता पाई है। उनके इस सफर में न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक दृढ़ता की भी मिसाल देखने को मिली है। दीप्थी की कहानी युवाओं के लिए प्रेरणा और साहस का प्रतीक बन गई है।

यह भी पढ़ें: National Sports Day India: क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय खेल दिवस, क्या है इसका इतिहास और थीम?

भारतीय पैरा खेलों में महत्व

इन उपलब्धियों ने भारत में पैरा खेलों की पहचान को नई ऊँचाई दी है। यह साबित करता है कि पैरा खेल केवल खेल नहीं हैं, बल्कि असीमित साहस, आत्म-विश्वास और धैर्य का प्रतीक हैं। भारतीय खिलाड़ियों ने यह दिखाया है कि सीमाओं के बावजूद, समर्पण और कड़ी मेहनत से सफलता प्राप्त की जा सकती है। यह उपलब्धियाँ आने वाले वर्षों में अन्य पैरा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेंगी।

निष्कर्ष

शीतल देवी, सरिता और दीप्ति जीवनजी की सफलता न केवल व्यक्तिगत संघर्षों की जीत है, बल्कि यह भारतीय पैरा खेलों के लिए गर्व का क्षण है। इन खिलाड़ियों ने साबित कर दिया कि कोई भी शारीरिक सीमा सफलता की राह में बाधा नहीं बन सकती। उनकी यह यात्रा हम सभी के लिए प्रेरणा है कि हम अपने जीवन में किसी भी कठिनाई का सामना दृढ़ता और आत्म-विश्वास के साथ कर सकते हैं।

FAQs

प्रश्न 1: शीतल देवी ने किसे हराकर स्वर्ण पदक जीता?

उत्तर: शीतल देवी ने तुर्की की ओज़नुर क्यूरे गिर्दी को 146-143 से हराकर स्वर्ण पदक जीता।

प्रश्न 2: सरिता ने कौन सा रिकॉर्ड तोड़ा?

उत्तर: सरिता ने महिला कंपाउंड व्यक्तिगत श्रेणी में 720 में से 697 अंक प्राप्त कर नया विश्व रिकॉर्ड स्थापित किया।

प्रश्न 3: दीप्ति जीवनजी किस खेल में भाग ले रही हैं?

उत्तर: दीप्ति जीवनजी पैरा एथलेटिक्स विश्व चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व कर रही हैं। 

सत्ग्यान दृष्टिकोण

जैसे ये खिलाड़ी अपनी शारीरिक सीमाओं को पार कर सफलता की नई ऊँचाइयों तक पहुँचते हैं, वैसे ही सत्ग्यान (सच्चा ज्ञान) आत्मा को जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्त कर उसे परमात्मा की शरण में पहुँचाता है। संत रामपाल जी महाराज के अनुसार, केवल परमात्मा की शरण में आने से ही आत्मा को वास्तविक शांति और मुक्ति मिलती है।

Latest articles

मतलोडा गाँव हिसार में बाढ़ से राहत दिलाकर संत रामपाल जी महाराज ने किया अद्भुत सहयोग

जब हिसार ज़िले के मतलोडा गाँव में बाढ़ आई तो लगभग 400 घर जलमग्न...

Encourage yourself and others to Be Vegetarian on World Vegetarian Day 2025

Last Updated on 29 September 2025 IST | World Vegetarian Day is observed annually...

Know the Immortal God on this Durga Puja (Durga Ashtami) 2025

Last Updated on 28 September 2025, 3:29 PM IST | Durga Puja (Durga Ashtami)...
spot_img

More like this

मतलोडा गाँव हिसार में बाढ़ से राहत दिलाकर संत रामपाल जी महाराज ने किया अद्भुत सहयोग

जब हिसार ज़िले के मतलोडा गाँव में बाढ़ आई तो लगभग 400 घर जलमग्न...

Encourage yourself and others to Be Vegetarian on World Vegetarian Day 2025

Last Updated on 29 September 2025 IST | World Vegetarian Day is observed annually...