देश के सीरम इंस्टिट्यूट की कोरोना वैक्सीन “कोविशील्ड” और भारत बायोटेक (Serum Institute and Bharat Biotech Corona Vaccine) की कोरोना वैक्सीन “कोवैक्सिन” के आपात इस्तेमाल को मंजूरी दी गई है। भारत में एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन का निर्माण SII द्वारा किया जा रहा है जोकि दुनिया की सबसे बड़ी टीका निर्माता कंपनी है। जानिए इस टीकाकरण से जुड़ी जानकारियों के बारे में।
मुख्य बिंदु
- एक व दो जनवरी को किया गया था भारत में टीकाकरण का पूर्वाभ्यास
- सरकारी पैनलों ने नियामक डीजीसीआई से सिफारिश की है
- नियामक डीजीसीआई ने दी आपात प्रयोग की मंजूरी
- अमेरिका और ब्रिटेन की तरह नियामक स्वीकृति के बाद देश भर में टीकाकरण आरम्भ हो जाएंगे
- कोरोना वैक्सीन को लेकर अखिलेश के ट्वीट पर राजनीति
- टीकाकरण से नहीं हो सकती पूर्ण स्वास्थ्य की गारंटी, सतभक्ति आवश्यक
टीकाकरण को नियामक से मिली मंजूरी
टीकाकरण के लिए नियामक के समक्ष सरकारी पैनलों ने सिफारिश की है। नियामक डीजीसीआई ने इसकी मंजूरी दे दी है। इस के मिलने से अब शीघ्र ही टीकाकरण देश भर में प्रारम्भ हो जाएगा। देश मे सर्वप्रथम कोविशील्ड और कोवैक्सिन कोरोना वैक्सीनों को मंजूरी मिल गई है। इसके अतिरिक्त अन्य वैक्सीन भारत की जाइडस कैडिला वेक्सिन और अमेरिका-जर्मन की बनाई कोरोना वैक्सीन फाइजर-बायोएनटेक भारत के लोगों के लिए आ सकती है।
किन चरणों मे सम्पन्न होगी टीकाकरण की प्रक्रिया
सर्वप्रथम एक करोड़ स्वास्थ्यकर्मियों और दो करोड़ फ्रंट लाइन पर कार्यरत कर्मचारियों को भी टीका दिया जाएगा। इसके बाद 50 वर्ष की आयु वाले लोगों और दूसरी बीमारियों से पीड़ित लोगों जिन्हें कोरोना से सबसे अधिक खतरा है उन्हें टीका दिया जाएगा। एड्स व कैंसर जैसी बीमारियों से पीड़ित व्यक्तियों को कोरोना की वैक्सीन नहीं दी जा सकेगी। ऐसे में उनके साथ सतर्कता बरतना अनिवार्य है।
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सतभक्ति देती है शत प्रतिशत स्वास्थ्य की गारंटी
कोई भी वैक्सीन बीमारी के खतरे को बेहद कम करती है उससे पूर्ण रूप से बच पाने की गारंटी नहीं देती। और क्या फर्क पड़ेगा यदि कोरोना की वैक्सीन लग जाती है? एड्स, कैंसर एवं अन्य जानलेवा बीमारियां तो हैं ही मनुष्य को सतभक्ति न करने के परिणाम याद दिलाने के लिए। और भी नई बीमारियां अस्तित्व में आ सकती हैं। प्राकृतिक आपदाएं आ सकती हैं। जिस देश, क्षेत्र का भाग्य सोया हो वह वैक्सिनेशन या ढोल नगाड़ों से नहीं जगाया जा सकता। वह तो पूर्ण तत्वदर्शी सन्त ही जगा सकता है अपनी सतभक्ति के माध्यम से।
तत्वदर्शी सन्त रामपाल जी महाराज के पास है सतभक्ति रूपी कवच
विधि का विधान और भाग्य का लिखा केवल पूर्ण परमेश्वर का नुमाइंदा यानी तत्वदर्शी सन्त ही जगा सकता है। जिसके पास सतभक्ति रूपी कवच हो उसे किसी तरह के अन्य कवचों की आवश्यकता नहीं है। मानव जन्म का उद्देश्य सिर्फ शिक्षा, सम्पत्ति एवं सन्तानोत्पत्ति करना नहीं बल्कि मोक्ष प्राप्ति है। इसके बाद 84 लाख योनियां तैयार हैं जिनमे जाकर कष्ट भोगने होते हैं। मानव जीवन समय रहते सफल बना लेना श्रेयस्कर है। वर्तमान में पूरे विश्व में पूर्ण तत्वदर्शी सन्त रामपाल जी महाराज हैं उनसे सतभक्ति लें और अपना कल्याण करवाएं। अधिक जानकारी के लिए देखें सतलोक आश्रम यूट्यूब चैनल