SC Stays Haldwani Anti-Encroachment Drive (Hindi): हल्द्वानी के 4000 परिवारों के पक्ष में सुनाया सुप्रीम कोर्ट ने फैसला

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SC Stays Haldwani Anti-Encroachment Drive [Hindi]: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को उत्तराखंड के हल्द्वानी में भारतीय रेलवे की जमीन से अतिक्रमण हटाने के मामले पर यह कहते हुए रोक लगा दी कि इसके लिए एक व्यावहारिक व्यवस्था तैयार करनी होगी। रेलवे भूमि पर अवैध रूप से अतिक्रमण कर रहे 4000 से अधिक परिवारों को बेदखल करने के उत्तराखंड उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाते हुए, जस्टिस एसके कौल और एएस ओका की शीर्ष अदालत की खंडपीठ ने मामले के समाधान तक भूमि पर किसी भी नए निर्माण या विकास पर रोक लगा दी।

Table of Contents

SC Stays Haldwani Anti-Encroachment Drive: मुख्य बिन्दु 

  • सुप्रीम कोर्ट ने हल्द्वानी में रेलवे की जमीन से अवैध अतिक्रमण हटाने के अभियान पर लगाई रोक।
  • सुप्रीम कोर्ट ने कहा – 7 दिन के अंदर जमीन खाली करवाना मानवीय मुद्दा नहीं है।
  • सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा – सरकार को वैध निवासियों का पुनर्वास करना चाहिए, और अवैध अतिक्रमणकारियों के लिए एक उपयुक्त समाधान खोजना चाहिए।
  • हाई कोर्ट ने रेलवे को पी पी एक्ट के तहत सूचना जारी कर अतिक्रमणकारियों को हटाने का फैसला सुनाया था।
  • इस अतिक्रमण को हटाने के लिए सरकार को लगभग 23 करोड़ रुपए का खासा खर्च करना होगा । 
  • अवैध अतिक्रमण को रोकने के लिए कांग्रेस मैदान में कूदी 

SC Stays Haldwani Anti-Encroachment Drive: सुप्रीम कोर्ट ने अवैध अतिक्रमण हटाने के अभियान पर लगाई रोक

जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस अभय एस ओका की बेंच ने मामले पर रोक लगाते हुए कहा कि 50,000 लोगों को सात दिनों में स्थानांतरित नहीं किया जा सकता। बैंच ने कहा कि इस मुद्दे के कई हिस्से हैं। लोग वर्षों से जमीन पर रह रहे हैं, और यह भूमि एक प्रतिष्ठान की है।

शीर्ष अदालत ने कहा कि ऐसे कई लोग हैं जो 60-70 वर्षों से क्षेत्र में रहने का दावा करते हैं। अधिकारियों से अवैध अतिक्रमणकारियों और वैध निवासियों की पहचान करने के लिए कहा। उसके बाद अदालत ने आदेश दिया, सरकार को वैध निवासियों का पुनर्वास करना चाहिए और अवैध अतिक्रमणकारियों के लिए एक उपयुक्त समाधान खोजना चाहिए ।

SC Stays Haldwani Anti-Encroachment Drive: 7 दिन के अंदर जमीन खाली करवाना मानवीय नहीं है

उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित हल्द्वानी में रेलवे की 29 एकड़ जमीन पर चल रहे “अतिक्रमण” मुकदमे में सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को बड़ा फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने नैनीताल हाईकोर्ट के फैसले को रद्द किया।  हल्द्वानी के लोगों के हित में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश पारित करते हुए कहा: ” 7 दिन के अंदर जमीन खाली करवाना मानवीय मुद्दा नहीं है।” 

सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से 4000 परिवारों के प्रतिस्थापन की व्यवस्था पर सवाल किए। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार और रेलवे को नोटिस भी जारी किया है। 

SC Stays Haldwani Anti-Encroachment Drive: किसी भी मकान पर बुलडोजर नही चलाया जायेगा 

सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार अभी किसी भी मकान पर बुलडोजर नही चलाया जायेगा। सुप्रीम कोर्ट ने जमीन पर चल रहे सभी निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस मामले की अगली तारीख 7 फरवरी तय की गई है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कहा  “हमने पहले ही कहा है कि जो भी न्यायालय का आदेश होगा, हम उसके अनुरूप आगे कार्यवाई करेंगे।” 

क्यों और कब शुरू हुआ हल्द्वानी अतिक्रमण अभियान

उत्तराखंड के नैनीताल जिले के हल्द्वानी नगर के बनभूलपुरा में रेलवे की 29 एकड़ भूमि पर अतिक्रमण है। इस जमीन पर बसे अवैध 4000 परिवारों को हल्द्वानी अतिक्रमण मुक्त अभियान के तहत बेघर किया जा रहा है। हल्द्वानी अतिक्रमण अभियान आज नही बल्कि आज से डेढ़ दशक पहले से चलाया जा रहा है। यह अभियान कुमाऊ मंडल के विकास के लिए किया गया प्रयत्न बताया जा रहा है। रेलवे का कहना है की यह 29 एकड़ भूमि पर रहने वाले 4000 परिवार अतिक्रमणकारी है। 

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2020 और 2021 में रेलवे द्वारा, यहा काबिज लोगों को अतिक्रमण हटाने के लिए नोटिस जारी किया गया था, परंतु उसके बावजूद भी अभी तक अतिक्रमण नहीं हटाया जा सका है। यह आज नहीं परंतु आज से 16 साल पहले भी अतिक्रमण हटाने के लिए अभियान चलाया गया था। इसके पश्चात यह मामला हाई कोर्ट में गया जिसके बाद रेलवे ने इस स्थान का सीमांकन करने के बाद यहाँ पिलर लगाए थे।  

SC Stays Haldwani Anti-Encroachment Drive: रेलवे की निजी संपत्ति का मामला कैसे पहुंचा हाई कोर्ट

गोलापार निवासी आरटीआई एक्टिविस्ट रवि शंकर जोशी ने 2016 में इस अतिक्रमण के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस पर हाई कोर्ट ने रेलवे को अतिक्रमणकारियों को पी पी एक्ट के तहत सूचना जारी कर, जनसुनवाई करने का फैसला सुनाया था। हाई कोर्ट के अतिक्रमण हटाने के आदेश के बाद भी अतिक्रमण नहीं हटाया जा सका। तब से लेकर आज तक बार बार यह मुद्दा उठकर सामने आ रहा है। 

हाई कोर्ट नही तो सर्वोच्च न्यायालय ने दी राहत

सुप्रीम कोर्ट में हल्द्वानी मुकदमे में स्थानीय विधायक सुमित हृदयेश ने भी भी एक याचिका दाखिल की थी। कांग्रेस सचिव काजी निजामुद्दीन ने बताया कि हल्द्वानी से कांग्रेस विधायक सुमित हृदयेश के नेतृत्व में क्षेत्र के निवासियों ने हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सुनाया था फैसला। 

SC Stays Haldwani’s Anti-Encroachment Drive: किस किस क्षेत्र को किया जाना था अतिक्रमण मुक्त

हल्द्वानी रेलवे स्टेशन के निकटतम वार्ड 1, 18, 20, 22, 24, गफूर बस्ती, नई बस्ती जैसे इलाकों को किया जाना है अतिक्रमण मुक्त। इसके  साथ ही कई प्राथमिक विद्यालय लाइन नं. 17 – 18 , राजकीय इंटर कॉलेज इंदिरा नगर, जूनियर हाई स्कूल लाइन नंबर 17, ललित आर्य महिला इंटर कॉलेज, चोरगलिया रोड, प्राथमिक विद्यालय इंदिरा नगर सहित सभी स्कूल, चार मदरसे, मदरसा गरीब नवाज, नैनीताल पब्लिक स्कूल मदरसा, निषाद मेमोरियल मदरसा, हयात-ऊलूम मदरसा और इसके साथ साथ 5 मंदिर और 20 मस्जिद भी इसी अतिक्रमण के दायरे में आ रहे है।  यही नहीं बल्कि एक अस्पताल और दो पेयजल टैंक भी इसी जमीन पर स्थित है। इस अतिक्रमण को हटाने के लिए सरकार को लगभग 23 करोड़ रुपए का खासा खर्च करना होगा। 

एक ऐसा लोक है जहां सर्व सुख व्याप्त है

इस पृथ्वी लोक का विधान है कि इस लोक में प्रत्येक मनुष्य अपना किया कर्म ही भोगता है। यहाँ हर सुविधा प्राप्त करने के लिए मनुष्य को कर्म करने पड़ते है। यहाँ कोई भी संसाधन मुफ्त नही है। इस लोक में सभी संसाधनों के बदले मनुष्य को कर्म करना आवश्यक है पर एक ऐसा लोक भी है, जहाँ जाने के बाद साधक को नैष्कर्म्य मोक्ष प्राप्त होता है। इस ब्रह्मांड से परे एक ऐसा लोक है, जहाँ जाने के बाद साधक फिर कभी लौटकर इस पृथ्वी पर नहीं आता। वह लोक सत्यलोक है। सत्यलोक अर्थात स्थाई लोक जिसका कभी विनाश नहीं होता। सतलोक अमर लोक है, जो विनाश रहित है। सतलोक में सर्व सुख व्याप्त है। वहाँ किसी भी जीव को कर्म किए बिना ही सारी सुख सुविधा उपलब्ध होती हैं । 

सतलोक में प्रत्येक जीव के महल आज भी खाली पड़े हैं  

सतलोक में प्रत्येक जीव के निजी महल है। प्रत्येक के महल के सामने सुंदर बाग बगीचे है। प्रत्येक जीव के पास घूमने के लिए विमान है, जो स्वयं चलते है। सतलोक में प्रत्येक जीव का अमर प्रकाश पुंज शरीर है जिसका प्रकाश 16 सूर्य जितना है। सतलोक के स्वामी सत्पुरुष कविर्देव अर्थात कबीर परमात्मा है। यह वही परमात्मा है, जिन्होंने छः दिन में सृष्टि रचकर सातवे दिन विश्राम किया। कबीर परमेश्वर ही अल्लाहू कबीर हैं । 

सत भक्ति करने से सतलोक की सहज प्राप्ति हो सकती है

कबीर परमात्मा जी के वर्तमान अवतार और बाखबर संत रामपाल जी महाराज जी है। संत रामपाल जी महाराज जी को सतलोक में जाने की विधि का संपूर्ण ज्ञान है। संत रामपाल महाराज जी सर्व पवित्र धर्मों के, पवित्र शास्त्रों के आधार पर भक्ति विधि बताते हैं। संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा बताई गई भक्ति विधि से साधक को सतलोक प्राप्ति सहज ही हो सकती है। 

संत रामपाल जी महाराज जी से लें नामदीक्षा

संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा नामदीक्षा प्राप्त करने के पश्चात मर्यादा में रहकर सतभक्ति करने से साधक को सतलोक का मार्ग सहज ही प्राप्त हो सकता है। संत रामपाल जी महाराज जी से नाम दीक्षा लेकर प्रत्येक मनुष्य को अपना मानव जीवन धन्य कर लेना चाहिए। अधिक जानकारी के लिए पवित्र पुस्तक ‘ज्ञान गंगा’ पढ़ें।

FAQs About Haldwani’s Anti-Encroachment Drive

प्रश्न: हल्द्वानी अतिक्रमण अभियान क्या है?

उत्तर:  हल्द्वानी नगर के रेलवे स्टेशन की 29 एकड़ जमीन पर बसे 4000 परिवारों को हल्द्वानी अतिक्रमण अभियान के तहत बेघर किया जा रहा है। यही अभियान, हल्द्वानी अतिक्रमण अभियान है। 

प्रश्न: हल्द्वानी अतिक्रमण अभियान में सुप्रीम कोर्ट का फैसला क्या है ?

उत्तर: हल्द्वानी अतिक्रमण अभियान में सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को  फैसला सुनाया है कि “7 दिन के अंदर जमीन खाली करवाना मानवीय मुद्दा नहीं।” सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के अनुसार अभी अगली तारीख तक कोई भी अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया नही की जाएगी। 

प्रश्न: हल्द्वानी अतिक्रमण मुकदमे की अगली सुनवाई कब है? 

उत्तर: हल्द्वानी अतिक्रमण मुकदमे की अगली सुनवाई 7 फरवरी 2023 को है।

प्रश्न: हल्द्वानी अतिक्रमण अभियान के तहत कितने परिवारों को बेघर किया जा रहा है?

उत्तर: हल्द्वानी अतिक्रमण अभियान के तहत 4000 से अधिक परिवारों को बेघर किया जा रहा है। 

प्रश्न: हल्द्वानी अतिक्रमण अभियान के अंतर्गत कितनी भूमि से अतिक्रमण हटाया जाएगा?

उत्तर: हल्द्वानी अतिक्रमण अभियान के अंतर्गत रेलवे की 29 एकड़ भूमि से अतिक्रमण हटाया जाएगा।

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