September 8, 2024

कबीर प्रकट दिवस 2024 पर धनुषा आश्रम (नेपाल) में चल रही हैं जोरशोर से तैयारी

Published on

spot_img

सतलोक आश्रम धनुषा नेपाल: कबीर प्रकट दिवस 2024 की तिथि 22 जून है, जो हर साल ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस वर्ष यह 627वां कबीर प्रकट दिवस है। इस दिवस को परमेश्वर कबीर साहेब जी काशी के लहरतारा तालाब में कमल के फूल पर प्रकट हुए थे जिसके उपलक्ष्य में यह पवित्र दिवस भारत समेत विश्व की कई जगहों पर मनाया जाता है। वर्ष 2024 में कबीर प्रकट दिवस संत रामपाल जी महाराज के सान्निध्य में 20-21-22 जून को मनाया जा रहा है।

1. दिन: 22 जून, 2024

2. स्थल: धनुषा आश्रम (नेपाल) 

3. मुख्य कार्यक्रम: तीन दिवसीय अखंड पाठ, संत गरीबदास जी की अमृत वाणी का पाठ

4. भक्तों की भागीदारी: भारत और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर 

5. भोजन और भंडारा: शुद्ध देशी घी में बने स्वस्थ व्यंजन 

6. सामाजिक और कल्याणकारी गतिविधियाँ: रमैनी विवाह और रक्तदान शिविर 

7. प्रदर्शनी और ज्ञान:  कबीर परमेश्वर के अवतरण की अद्भुत जानकारी और धार्मिक ग्रंथों की प्रदर्शनी 

कबीर प्रकट दिवस संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में मुख्यत: ग्यारह सतलोक आश्रमों में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है जैसे कि धनाना धाम, भिवानी, कुरुक्षेत्र, मुंडका (दिल्ली), धुरी व खमानो (पंजाब), शामली (उत्तरप्रदेश), सोजत (राजस्थान), बैतूल व इंदौर (मध्य प्रदेश), एवं धनुषा (नेपाल) जिसमें तीन दिन का अमर ग्रंथ साहेब का अखंड पाठ होता है। इन ग्यारह सतलोक आश्रमों में दूर-दूर से, यहां तक कि विदेशों से भी भक्त जन शामिल होते हैं। इस लेख के माध्यम से हम आपको सतलोक आश्रम धनुषा, नेपाल में स्थित में हो रही तैयारियों से अवगत कराएंगे।

सन् 1398 मे परमेश्वर कबीर साहेब जी ज्येष्ठ महीने की पूर्णिमा को काशी के लहरतारा तालाब में कमल के फूल पर शिशु रूप में प्रकट हुए थे, वहां से उन्हे निः संतान दंपत्ति उठाकर ले गए तथा उनका पालन पोषण किया, जिसके उपलक्ष्य में कबीर प्रकट दिवस मनाया जाता है। परमेश्वर परमेश्वर कबीर साहेब जी लोगों की दृष्टि में तो एक आम कवि व संत की भूमिका करके चले गए। परन्तु वास्तव में वे पूर्ण परमात्मा थे जिनकी गवाही सभी धरम शास्त्र भी देते हैं। कम वर्ष की आयु से ही परमात्मा अपने अदभुत ज्ञान के आधार पर बड़े बड़े नकली धर्मगुरुओं के छक्के छुड़ाने लग गए थे। उनकी संपूर्ण लीलाओं का ज्ञान कबीर प्रकट दिवस में दिखलाया जाएगा, जिसके लिए बने रहे हमारे साथ।

कबीर प्रकट दिवस 2024 संत रामपाल जी महाराज के सान्निध्य में एक भव्य और दिव्य उत्सव के रूप में मनाया जा रहा है। यह अवसर हमें परमेश्वर कबीर जी की शिक्षाओं को आत्मसात करने और शास्त्र अनुकूल भक्ति के लिए प्रेरित करता है। आइए जानते हैं इस अवसर पर क्या है विशेष।

सतलोक आश्रम धनुषा में नेपाल ही नहीं बल्कि भारत से भी लाखो श्रद्धालु शामिल होंगे जिनके ठहरने व खाने पीने की विशेष व्यवस्था की जायेगी तथा उन्हे परमेश्वर कबीर जी की महिमा से भी अवगत कराया जाएगा। यह पर्व न केवल भारत में बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी मनाया जाता है, जहां भक्तगण लाखों की संख्या में एकत्रित होते हैं।

लगातार तीन दिन सतलोक आश्रम धनुषा मे विशेष रूप से शुद्ध देशी घी में बने व्यंजनों का भंडारा आयोजित किया जायेगा। इस भंडारे में जलेबी, लड्डू, पूरी और अन्य प्रकार के स्वादिष्ट भोजन तैयार किए जा रहे हैं। विशेष तौर पर मिष्ठान, जलेबी और लड्डू की तैयारी पंद्रह दिन पहले से ही शुरू हो चुकी है। भंडारा शुद्ध और पौष्टिक होता है, और पूरी तरह से निशुल्क खिलाया जाता है, जिसे भक्तगण प्रेमपूर्वक ग्रहण करते हैं।

दहेज मुक्त रमैनी विवाह

धनुषा आश्रम के तीन दिवसीय समारोह में कई दहेज रहित विवाह कार्यक्रम आयोजित किए जायेंगे। बिना दहेज के मात्र सत्रह मिनट में वर और वधु शादी के पवित्र बंधन में बंधते हैं, जिसे रमैनी कहा जाता है। इस 17 मिनट मे अमर ग्रंथ साहेब से ली गई वाणी का पाठ होता है जिसमें 33 कोटि देवी देवताओं की स्तुति की जाती है। यह सादगीपूर्ण और समय-संवेदनशील विवाह समारोह संत रामपाल जी महाराज के सान्निध्य में संपन्न होते हैं, जिसमें वर और वधु साधारण कपड़ों में शादी के बंधन में बंधते हैं। इस तरह से समाज में व्याप्त फिजूलखर्ची, दिखावे और आडंबर से बचते हुए साधारण और पवित्र तरीके से विवाह संपन्न किए जाते हैं। 

रक्तदान शिविर 

इस विशेष अवसर को और भी महत्वपूर्ण बनाते हुए, धनुषा आश्रम, नेपाल में रक्तदान शिविर का भी आयोजन किया जायेगा। संत रामपाल जी महाराज हमेशा अपने अनुयायियों को सिखाते हैं कि मानवता की सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है। रक्तदान एक ऐसा नेक कार्य है जो बीमार और जरूरतमंद लोगों के जीवन को बचा सकता है। समय पर रक्त ना मिलने की स्थिति में कई जानें चली जाती हैं, इसलिए संत रामपाल जी महाराज समाज को एक उदाहरण देना चाहते हैं कि किस प्रकार हम सब मिलकर इंसानियत की मिसाल कायम कर सकते हैं। 

■ यह भी पढ़ें: कबीर प्रकट दिवस के उपलक्ष्य में सतलोक आश्रम कुरुक्षेत्र (हरियाणा) में होने वाले महासमागम की व्यवस्थाओं पर एक नजर

उनके अनुयायी हमेशा रक्तदान के लिए तत्पर रहते हैं, ताकि किसी भी जरूरतमंद की जान बचाई जा सके।

यह शिविर समाज सेवा की भावना को और अधिक सुदृढ़ करेगा और हमारे समुदाय के लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करेगा।धनुषा आश्रम, नेपाल में रक्तदान के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू हो चुके है।

देह दान और अंग दान शिविर

धनुषा आश्रम नेपाल में देह दान और अंग दान शिविर का भी आयोजन किया जा रहा है। देहदान और अंगदान एक ऐसा महान कार्य है जो कई जरूरतमंद लोगों के जीवन को बचा सकता है और उन्हें एक नई जिंदगी दे सकता है। इसके अलावा देहदान और अंगदान चिकित्सा अनुसंधान (मेडिकल रिसर्च) के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। चिकित्सा अनुसंधान में इनका उपयोग नई चिकित्सा पद्धतियों, इलाज और औषधियों के विकास में होता है, जिससे संपूर्ण मानव समाज को लाभ मिलता है।

इतने बड़े आयोजन की तैयारी में संत रामपाल जी महाराज के अनुयायी सेवादार बनकर दूर-दूर से आना शुरू हो गए हैं। आयोजन से पंद्रह दिन पहले ही तैयारी शुरू हो चुकी है। आश्रम की तैयारियाँ जैसे कि सेवादार आश्रम परिसर की सफाई और सजावट का काम कर रहे हैं। भंडारे की व्यवस्था पंद्रह दिन पहले ही देसी घी में लड्डू और जलेबी बनाने से शुरू हो गई है। दूर-दूर से आने वाले भक्तों के लिए ठहरने, भोजन, और अन्य आवश्यक सुविधाओं की व्यवस्था की जा रही है। ब्लड डोनेशन कैंप और देह दान शिविर के लिए आवश्यक उपकरण और व्यवस्थाओं की तैयारी चल रही है। आयोजन के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं।

आयोजन में संत रामपाल जी महाराज द्वारा लिखित पुस्तकों की भी प्रदर्शनी लगाई जाएगी। साथ ही सभी धर्म के शास्त्र जैसे चारों वेद, अठारह पुराण, और भगवद गीता , कुरान, बाइबल, गुरु ग्रंथ साहिब आदि की भी प्रदर्शनी आयोजित की जाएगी। प्रदर्शनी में चित्रों के माध्यम से कबीर साहेब के धरती पर प्रकट होने की लीला भी दर्शाई जाएगी। इस प्रदर्शनी के लिए संत रामपाल जी महाराज के सेवादार अपनी पूरी मेहनत और प्रयास के साथ सेवा में जुट गए हैं। प्रदर्शनी का उद्देश्य भक्तों को संत रामपाल जी महाराज और अन्य धार्मिक ग्रंथों के माध्यम से गहन आध्यात्मिक ज्ञान प्रदान करना है। यह आयोजन भक्तों को धर्म, आध्यात्मिकता, और सच्चे ज्ञान के प्रति जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है।

कबीर प्रकट दिवस 2024 का आयोजन संत रामपाल जी महाराज के सान्निध्य में एक अद्भुत और भव्य समारोह के रूप में होगा। यह पर्व न केवल आध्यात्मिक ज्ञान का प्रसार करेगा बल्कि सामाजिक कल्याणकारी गतिविधियों के माध्यम से समाज में सकारात्मक परिवर्तन भी लाएगा। धनुषा आश्रम (नेपाल) में 20-22 जून को इस अद्वितीय आयोजन का हिस्सा बनें और सच्चे ज्ञान और भक्ति का अनुभव प्राप्त करें।

1. कबीर प्रकट दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?

कबीर प्रकट दिवस हर साल ज्येष्ठ पूर्णिमा को मनाया जाता है। यह 2024 में 22 जून को पड़ रहा है। यह दिवस परमेश्वर कबीर साहेब जी के काशी के लहरतारा तालाब में कमल के फूल पर प्रकट होने की स्मृति में मनाया जाता है।

2. सतलोक आश्रम धनुषा (नेपाल) में क्या खास आयोजन होगा?

सतलोक आश्रम धनुषा (नेपाल) में 20-22 जून को तीन दिवसीय भव्य आयोजन होगा। इसमें संत गरीबदास जी की अमृत वाणी का अखंड पाठ, भंडारा, रमैनी विवाह, रक्तदान शिविर, देहदान एवं अंगदान शिविर, और आध्यात्मिक ज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन होगा।

3. लोग कैसे भाग ले सकते हैं?

लोग भारत और विदेशों से इस आयोजन में भाग ले सकते हैं। उनके रहने और खाने की व्यवस्था आश्रम द्वारा की जाएगी।

4. रमैनी विवाह क्या है?

रमैनी विवाह एक सादगीपूर्ण विवाह समारोह है जो 17 मिनट में संपन्न होता है। इसमें दहेज नहीं लिया जाता है और वर-वधू साधारण कपड़ों में शादी करते हैं।

5. रक्तदान शिविर का क्या महत्व है?

रक्तदान शिविर का आयोजन जरूरतमंद लोगों की जान बचाने के लिए किया जाता है। यह मानवता की सेवा का एक महत्वपूर्ण कार्य है।

6. देहदान और अंगदान का क्या महत्व है?

देहदान और अंगदान से कई जरूरतमंद लोगों को जीवनदान मिल सकता है। यह चिकित्सा अनुसंधान के लिए भी महत्वपूर्ण है।

7. आध्यात्मिक ज्ञान प्रदर्शनी में क्या होगा?

इस प्रदर्शनी में संत रामपाल जी महाराज द्वारा लिखित पुस्तकों, सभी धर्मों के शास्त्रों और कबीर साहेब जी की लीलाओं का प्रदर्शन किया जाएगा।

8. इस आयोजन का उद्देश्य क्या है?

इस आयोजन का उद्देश्य लोगों को परमेश्वर कबीर साहेब जी की शिक्षाओं से अवगत कराना, सामाजिक बुराइयों को दूर करना, और आध्यात्मिक ज्ञान का प्रसार करना है।

निम्न सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर हमारे साथ जुड़िए

WhatsApp ChannelFollow
Telegram Follow
YoutubeSubscribe
Google NewsFollow

Latest articles

International Literacy Day 2024: Why ILD Should Embrace Spiritual Literacy Alongside Traditional Education

Last Updated on 4 September 2024 IST | International Literacy Day 2024 | The...

Rishi Panchami 2024 [Hindi] : क्या ऋषि पंचमी व्रत करना है सही है, जानिए क्या कहती है भगवत गीता?

Last Updated on 4 September 2024 IST: Rishi Panchami 2024 |  सप्तऋषियों को समर्पित...

Ganesh Chaturthi 2024: Discover the True Adi Ganesha Beyond Idols!

Last Updated on 2 September 2024 IST | Ganesh Chaturthi 2024: Ganesh Chaturthi is...
spot_img
spot_img

More like this

International Literacy Day 2024: Why ILD Should Embrace Spiritual Literacy Alongside Traditional Education

Last Updated on 4 September 2024 IST | International Literacy Day 2024 | The...

Rishi Panchami 2024 [Hindi] : क्या ऋषि पंचमी व्रत करना है सही है, जानिए क्या कहती है भगवत गीता?

Last Updated on 4 September 2024 IST: Rishi Panchami 2024 |  सप्तऋषियों को समर्पित...