कहते हैं कि बुरे कर्म करने का फल भी बुरा ही होता है, लेकिन अगर उन बुरे कर्मों को करने से पहले ही परमात्मा के ज्ञान का बोध हो जाये तो गलतियां करना असंभव हैं। यह बातें राजस्थान के जयपुर जिले की कोटपुतली तहसील की जेल में बन्द कैदियों ने प्रोजेक्टर द्वारा चलाये गए सत्संग में संत रामपाल जी महाराज जी के मुखारबिंद से सुनीं तो, बस कैदियों व जेल के कर्मचारियों के मुख से एक ही बात निकली, कि हे भगवान ! ऐसा अनमोल ज्ञान अब तक क्यों नही मिला?
कोटपुतली जेल सत्संग समारोह : मुख्य बिंदु
- राजस्थान के जयपुर जिले की कोटपुतली तहसील की जेल में चलाया गया संत रामपाल जी महाराज जी के सत्संग का विशेष प्रसारण।
- सत्संग के माध्यम से कैदियों व कर्मचारियों ने जाना मनुष्य देह की भलाई सतभक्ति करने में है।
- कैदियों को सभी बुराइयों को त्यागकर सतभक्ति करने की प्रेरणा दी गई।
- संत रामपाल जी महाराज एक निर्मल समाज तैयार कर रहे हैं जिससे पृथ्वी स्वर्ग समान बनेगी।
- विद्यालयों में भी बांटी गई पुस्तक “जीने की राह” और “ज्ञान गंगा“।
अनमोल ज्ञान को सुनने के लिए उपस्थित थीं सभी प्रभु प्रेमी आत्माएं
सत्संग को सुनने के लिए जेल के समस्त कर्मचारी तथा 150 कैदी उपस्थित थे। प्रोजेक्टर और स्पीकर के माध्यम से बड़े पर्दे पर संत रामपाल जी महाराज जी के मंगल प्रवचनों का प्रसारण किया गया, सत्संग रूपी अमृत वर्षा का लाभ कारागार के कैदियों व कर्मचारियों ने बड़े आनंद से उठाया। इस सत्संग समागम की विशेष बात यह भी थी कि यहां पर सभी के लिए एक समान व्यवस्था की गई थी।
संत रामपाल जी महाराज जी के अनुयायियों का कहना था कि-
जीव हमारी जाति है, मानव धर्म हमारा।
हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, धर्म नहीं कोई न्यारा।।
सत्संग श्रवण के पश्चात अपराध मुक्त जीवन जीने का लिया संकल्प
सत्संग श्रवण करने के लिए जेल के समस्त कर्मचारी और 150 कैदी वहां उपस्थित थे। सत्संग के पश्चात 7 कैदियों ने संत रामपाल जी महाराज जी से निःशुल्क नाम दीक्षा प्राप्त की व आजीवन सर्व बुराइयों जैसे कि जुआ, चोरी, जारी, रिश्वतखोरी, मांस, शराब, मारपीट आदि अन्य बुराइयों से मुक्त जीवन जीने का संकल्प लिया।
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कैदियों व कर्मचारियों को बांटीं गई निःशुल्क पुस्तकें
इस समारोह में सत्संग सुनने आए कैदियों व कर्मचारियों को संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा लिखित “ज्ञान गंगा” व “जीने की राह” जैसी अनमोल पुस्तकें नि:शुल्क बांटने के बाद उन्हें सभी बुराइयां त्यागकर एक नेक जीवन जीने की प्रेरणा दी गई। उन्हें मनुष्य जीवन के मूल उद्देश्य के बारे में जानकारी प्राप्त करवाई गई और साथ ही शास्त्रानुकूल सत्यभक्ति साधना की राह भी दिखाई।
सच्चे समाज सुधारक संत रामपाल जी महाराज जी कर रहे हैं एक आदर्श समाज का निर्माण
वर्तमान समय मे संत रामपाल जी महाराज ही एकमात्र सच्चे समाज सुधारक संत हैं। पूर्ण परमात्मा के अद्वितीय तत्वज्ञान के आधार से कबीर पंथी संत रामपाल जी महाराज जी एक निर्मल समाज का निर्माण करने के लिए दिन रात प्रयत्नशील हैं। देश दुनिया से दहेज रूपी दानव को सदा के लिए समाप्त करने के लिए संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में पूरे विश्वभर में सैकड़ों दहेज रहित विवाह संपन्न हुए हैं और निरंतर करवाए भी जा रहे हैं। संत रामपाल जी महाराज जी के अनुयायी बीड़ी, सुलफा, सिगरेट, दारू, अफीम, भांग, गांजा, शराब इत्यादि नशे की वस्तुओं का डट कर विरोध करते हैं।
इसके अलावा मानव समाज से नशा, दुराचार, भ्रष्टाचार, रिश्वत, मिलावट, चोरी, जारी, जुआ, डकैती, लूटपाट, मारपीट, भ्रूण हत्या आदि जैसी बुराइयों को जड़-मूल से समाप्त करने के लिए संत रामपाल जी महाराज जी दिन रात प्रयत्नशील हैं। वहीं दूसरी तरफ देखा जाए तो पूरे विश्व में संत रामपाल जी महाराज जी के अतिरिक्त ऐसा कोई भी अन्य संत पृथ्वी पर आज की तिथि में मौजूद नहीं है जो मानव समाज को आध्यात्मिक ज्ञान के आधार पर भक्ति युक्त करके मोक्ष प्राप्ति योग्य बना रहा हो। आप से भी प्रार्थना है कि सतभक्ति प्राप्त करने हेतु संत रामपाल जी महाराज जी के सत्संग प्रवचन प्रतिदिन Satlok Ashram YouTube Channel पर देखें।