April 29, 2025

विश्व विजेता के नाम से प्रसिद्ध संत रामपाल जी के ज्ञान का डंका अब बांग्लादेश में भी

Published on

spot_img

देश-विदेश में संत रामपाल जी महाराज के सत्संग प्रतिदिन होते हैं। वर्तमान में, जगत के कल्याण के लिए उनके द्वारा स्थापित नामदीक्षा केंद्र नौ देशों से अधिक में मौजूद हैं। उनका ज्ञान न सिर्फ भारत में बल्कि पूरे विश्व में छा गया है। उनके शिष्यों की संख्या लगातार बढ़ रही है। उनका ज्ञान संसार के हर हिस्से में आग की तरह फैल रहा है। संत रामपाल जी महाराज के बोध दिवस के उत्सव में अब कुछ ही दिन बचे हैं, उनके बारे में उनके गुरु स्वामी रामदेवानन्द जी द्वारा नाम दीक्षा का आशीर्वाद देते समय कहे गए शब्द लोगों को याद आते हैं उन्होंने कहा था कि, ’इस दुनिया में तुम्हारे समान कोई संत नहीं होगा।‘ आज उनके ये शब्द सच होते नजर आ रहे हैं। अब संत रामपाल जी के ज्ञान का डंका अब बांग्लादेश में भी बजने लगा है।

कहते हैं कि:

“संत वचन पलटे नहीं, चाहें पलट जावे ब्रह्माण्ड”।

संत रामपाल जी महाराज के बारे में एक खबर बांग्लादेश से सामने आ रही है, जहां सत्संग फाउंडेशन ने फरवरी में बांग्लादेश के ढाका जातीय प्रेस क्लब में संत रामपाल जी महाराज के सत्संग का आयोजन किया। कार्यक्रम के दौरान, प्रतिभागियों के बीच संत रामपाल जी महाराज द्वारा लिखित पुस्तकें, “ज्ञान गंगा” और “जीने की राह” वितरित की गईं। 

कार्यक्रम में बहुत बड़ी संख्या में भक्तजन शामिल हुए, जिसमें उपस्थित कई लोगों ने संत रामपाल जी की शिक्षाओं व ज्ञान को और अधिक जानने के लिए अपनी उत्सुकता व्यक्त की। संत रामपाल जी ने अपने अमृत वचनों में आध्यात्मिक जागृति, धार्मिक जीवन जीने और जाति, पंथ या धर्म की परवाह किए बिना व्यक्तियों के बीच एकता को बढ़ावा देने के महत्व पर प्रकाश डाला।

■ Also Read: Goa News | संत रामपाल जी के अनुयायियों ने लगाया रक्तदान शिविर (Blood Donation Camp), मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे मुख्यमंत्री

संत रामपाल जी महाराज के सत्संग के माध्यम से ही हम मनुष्य जन्म प्राप्त करने के उद्देश्य और हमें सौंपे गए कार्यों से परिचित हो सकते हैं। मनुष्य जीवन में हम पूर्ण परमात्मा की भक्ति करके पूर्ण मोक्ष और परम् सनातन धाम को प्राप्त कर सकते हैं। सत्संग का महत्व बताते हुए सतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज कहते हैं: 

“सत्संग की आधी घड़ी, तप के वर्ष हजार। 

तो भी बराबर है नहीं, कह कबीर विचार।”

बांग्लादेश के ढाका जातीय प्रेस क्लब में सत्संग फाउंडेशन में आयोजित संत रामपाल जी महाराज के सत्संग कार्यक्रम के दौरान, प्रतिभागियों के बीच बांग्लादेश के विमान और पर्यटन मंत्री ने भी इस अवसर की शोभा बढ़ाई। इस शुभ घड़ी के दौरान मंत्री महोदय ने ज्ञान और समानता को बढ़ावा देने में संत जी के निस्वार्थ प्रयासों की सराहना की। कई उपस्थित लोगों ने इस तरह के और आयोजन और कोई स्थानीय आश्रम खोलने आदि की उत्सुकता व्यक्त की।

मानव समाज से नशा, दुराचार, भ्रष्टाचार, रिश्वत, मिलावट, चोरी, जारी, जुआ, डकैती, लूटपाट, मारपीट, भ्रूण हत्या आदि जैसी बुराइयों को जड़-मूल से समाप्त करने के लिए संत रामपाल जी महाराज जी दिन रात प्रयत्नशील हैं। वहीं दूसरी तरफ देखा जाए तो पूरे विश्व में संत रामपाल जी महाराज जी के अतिरिक्त ऐसा कोई भी अन्य संत पृथ्वी पर आज की तिथि में मौजूद नहीं है जो मानव समाज को आध्यात्मिक ज्ञान के आधार पर भक्ति युक्त करके मोक्ष प्राप्ति योग्य बना रहा हो। 

वर्तमान में, संत रामपाल जी महाराज एक प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु हैं। हर दिन उनका ज्ञान ट्विटर पर देश-दुनिया में तहलका मचा रहा है। संत रामपाल जी महाराज द्वारा लिखी गई पुस्तकें विश्वव्यापी दर्शकों तक पहुंची हैं, जिनमें आम व्यक्ति से लेकर अभिनेता, राजनेता, सहित प्रमुख हस्तियाँ शामिल हैं। हर दिन, हजारों लोग उनकी पुस्तकों के लिए ऑर्डर देते हैं। करोड़ों व्यक्तियों ने इन पुस्तकों को ऑनलाइन डाउनलोड करके पढ़ा है। 

अगर बांग्लादेश जैसे देशों के साथ साथ पूरी दुनिया में संत रामपाल जी महाराज के सत्संगों का आयोजन नियमित रूप से होने लगें तो सतयुग दूर नहीं है। आप से भी प्रार्थना है कि सतभक्ति प्राप्त करने हेतु संत रामपाल जी महाराज जी के सत्संग प्रवचन प्रतिदिन Satlok Ashram YouTube Channel पर देखें। संत जी की शरण में आकर नाम दीक्षा लेकर अपना कल्याण कराएं।   

Latest articles

परमेश्वर कबीर जी द्वारा अजामिल (अजामेल) और मैनका का उद्धार

अजामेल (अजामिल) की कथा: काशी शहर में एक अजामेल (अजामिल) नामक व्यक्ति रहता था। वह ब्राह्मण कुल में जन्म था फिर भी शराब पीता था। वैश्या के पास जाता था। वैश्या का नाम मैनका था, वह बहुत सुंदर थी। परिवार तथा समाज के समझाने पर भी अजामेल नहीं माना तो उन दोनों को नगर से निकाल दिया गया। वे उसी शहर से एक मील (1.7 किमी.) दूर वन में कुटिया बनाकर रहने लगे। दोनों ने विवाह कर लिया। अजामेल स्वयं शराब तैयार करता था। जंगल से जानवर मारकर लाता और मौज-मस्ती करता था। गरीब दास जी महाराजजी हमे बताते है कि

Top 20 Spiritual & Religious Leaders of India and World

Last Updated on 25 April 2025 IST: Top 20 Spiritual & Religious Leaders of...
spot_img

More like this

परमेश्वर कबीर जी द्वारा अजामिल (अजामेल) और मैनका का उद्धार

अजामेल (अजामिल) की कथा: काशी शहर में एक अजामेल (अजामिल) नामक व्यक्ति रहता था। वह ब्राह्मण कुल में जन्म था फिर भी शराब पीता था। वैश्या के पास जाता था। वैश्या का नाम मैनका था, वह बहुत सुंदर थी। परिवार तथा समाज के समझाने पर भी अजामेल नहीं माना तो उन दोनों को नगर से निकाल दिया गया। वे उसी शहर से एक मील (1.7 किमी.) दूर वन में कुटिया बनाकर रहने लगे। दोनों ने विवाह कर लिया। अजामेल स्वयं शराब तैयार करता था। जंगल से जानवर मारकर लाता और मौज-मस्ती करता था। गरीब दास जी महाराजजी हमे बताते है कि

Top 20 Spiritual & Religious Leaders of India and World

Last Updated on 25 April 2025 IST: Top 20 Spiritual & Religious Leaders of...