January 18, 2025

संत रामपाल जी Latest Hindi News: जानिए संत रामपाल जी महाराज क्यों गए जेल?

Published on

spot_img

Last Updated on 5 May 2024 IST : सन्त रामपाल जी महाराज लेटेस्ट न्यूज़: इस आर्टिकल के माध्यम से हम जानेंगे सन्त रामपाल जी महाराज की लेटेस्ट न्यूज़। सन्त रामपाल जी महाराज की कहानी क्या है?, संत रामपाल जी जेल से कब रिहा होंगे ? आइए अंत तक पढ़ें और सही गलत का फैसला स्वयं करें।

संत रामपाल जी का संक्षिप्त जीवन परिचय

वर्तमान में परम सन्त और विश्व में एकमात्र तत्वदर्शी सन्त की भूमिका निभा रहे सन्त रामपाल जी महाराज का जन्म 8 सितम्बर 1951 को गांव धनाना, जिला सोनीपत, हरियाणा प्रान्त में हुआ था। सन 1988 में 37 वर्ष की आयु में सन्त रामपाल जी ने गरीबदास पंथ के सन्त रामदेवानंद जी से नामदीक्षा ग्रहण की। सन्तमत में नाम उपदेश दिवस को आध्यात्मिक जन्म माना जाता है। हमें सन्त रामपाल जी पर लेटेस्ट न्यूज़ समझने के लिए सन्त रामपाल जी महाराज की जीवनी पर थोड़ी सी नज़र डालनी होगी।

सन्त रामपाल जी को अपने गुरुदेव स्वामी रामदेवानंद जी से सत्संग करने का आदेश 1993 में और नामदीक्षा देने का आदेश 1994 में प्राप्त हुआ। भक्तिमार्ग और सत्संग में व्यस्तता के चलते सन्त रामपाल जी ने अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया। वे जूनियर इंजीनियर की पोस्ट पर ( हरियाणा सरकार द्वारा 16 मई 2000 को पत्र क्रमांक 3492-3500, तिथि 16 मई 2000 के तहत स्वीकृत) कार्यरत थे। हम इस आर्टिकल में देखेंगे सन्त रामपाल जी की सच्चाई। सन्त रामपाल जी अभी कहाँ हैं? सन्त रामपाल जी कब आएंगे?

संत रामपाल जी का आध्यात्मिक जीवन

सन्त रामपाल जी की कहानी पर थोड़ा सा गौर करेंगे। उन्होंने अपने गुरुदेव स्वामी रामानंद जी के आदेश मिलने पर गांव-गांव और शहर-शहर जाकर प्रचार किया। तत्वज्ञान से लोगों को अवगत कराया। वेदों, गीता, कुरान, बाइबल को खोलकर समझाया, गलत हुए अनुवादों पर उंगली उठाई और भटके हुए ईश्वर में विश्वास करने वाले आम जन का मिजाज सत्य की ओर झुकाया। आस्थावान भटके लोगों को पूर्ण परमात्मा से अवगत कराया। विरोध तब शुरू हुआ जब ज्ञानहीन नकली संतो के अनुयायी ज्ञान समझकर सन्त रामपाल जी की शरण मे आने लगे तब अपनी दुकान बन्द होती देख उन ज्ञान हीन संतो ने सन्त रामपाल जी का ज्ञान गलत बताकर उंगली उठाना शुरू कर दिया।

Spiritual-Birth-of-sant-rampal-ji-hindi

हम सन्त रामपाल जी की हिस्ट्री हिंदी में पढ़ रहे हैं। सन्त रामपाल जी का मिशन कभी नही रुका बल्कि दिनोदिन तत्वज्ञान से प्रभावित होकर उनके अनुयायी बढ़ते गए। गीता अध्याय 17 श्लोक 23 में वर्णित “ओम्, तत्, सत्,.इति,.निर्देशः, ब्रम्हणः, त्रिविधः, स्मृतः।” के अनुसार सन्त रामपाल जी 3 बार (प्रथम नाम, सतनाम, सारनाम) में नामदीक्षा की प्रकिया पूरी करते हैं। सन 1994 से 1998 तक घूम घूमकर सत्संग किया और ज्ञान समझाया। अनुयायी दिन प्रतिदिन बड़ी संख्या में ज्ञान सुनकर आते गए और ज्ञानहीन आचार्यों और तथाकथित ऋषियों पंडितों के विरोध भी बढ़ते चले गए। सत्य परेशान हो सकता है पराजित नहीं।

कबीर साहेब प्रकटोत्सव पर 1 जून 1999 से 7 जून 1999 तक का सात दिवसीय विशाल सत्संग करके आपने करौंथा आश्रम का संचालन प्रारंभ किया जिसमे प्रतिमास की पूर्णिमा को बड़ी संख्या में अनुयायी सत्संग का लाभ लेने आने लगे।

सन्त रामपाल जी की सच्चाई

संत रामपाल जी जेल से कब रिहा होंगे: सन्त रामपाल जी ने किसी प्रकार का दबाव या सरकार की जी हुजूरी करना और सत्य से समझौता करना कभी सही नहीं समझा। संतो के यही लक्षण होते हैं कि वे निष्पक्ष रहें। सन्त रामपाल जी के अद्भुत तत्वज्ञान को सुनकर लाखों की संख्या में अनुयायी जुड़ते गए और अन्य नकली संतो को अपनी दुकानें जो भोले भक्तों को गुमराह करके चलती जा रही थी बंद होती नजर आने लगीं और वे सन्त रामपाल जी की जान के दुश्मन बन बैठे। कायदे से ज्ञान झूठा होने पर परिचर्चा की जाती इसलिए सन्त रामपाल जी ने सभी को ज्ञानचर्चा के लिए आमंत्रित भी किया था, लेकिन इन नकली संतो को जब कोई उत्तर न सूझा तो इन्होंने सन्त रामपाल जी के खिलाफ दुष्प्रचार किया।

सन्त रामपाल जी ने सभी धर्मग्रन्थों व पुस्तकों को खोलकर जनसमान्य की अज्ञानता दूर की। सच को सच और झूठ को झूठ कहने का अदम्य साहस रखने वाले परम सन्त रामपाल जी ने धर्मग्रन्थों के साथ एक ऐसी पुस्तक का सच सामने लाया जो सभी घरों में आदर के साथ रखी और पढ़ी जाती है। यहां आप समझेंगे सन्त रामपाल जी जेल क्यों गये। पुस्तक है, सत्यार्थ प्रकाश और इसके लेखक थे आर्य समाज के संस्थापक महर्षि दयानंद

सत्यार्थ प्रकाश में क्या गलत है?

यहां ये बताना आवश्यक है कि ये वही शख्स हैं जिसने वेदों की ओर चलो का नारा दिया। लेकिन अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि वे ही अर्थ का अनर्थ कर गए। केवल कुछ बिंदु हम यहां बानगी के तौर पर दे रहे हैं आप मुलाहिजा फरमाएं.

reality-of-Satyarth-prakash-hindi

पुस्तक है महर्षि दयानंद रचित सत्यार्थ प्रकाश प्रकाशक- वैदिक यतिमण्डल दयानंद मठ दीनानगर पंजाब और मुद्रक हैं आचार्य प्रिंटिंग प्रेस दयानन्द मठ गोहाना रोड़ रोहतक, हरियाणा।

  • सूर्य पर जीवन है तथा वहां भी पृथ्वी की तरह स्त्री पुरुष व अन्य प्राणी रहते हैं। (सत्यार्थ प्रकाश समुल्लास 8, पृष्ठ 197-198)
  • पुनर्विवाह से स्त्री का पतिव्रत भंग होता है (पृष्ठ 97) इसलिए विवाह के स्थान पर एक विधवा स्त्री 11 पुरुषों के साथ नियोग कर सकती है। एक विधुर पुरुष भी 11 विधवाओं के साथ नियोग कर सकता है। (पृष्ठ 101)
  • यदि स्त्री का पति दीर्घ रोगी है तो वह अन्य पुरुष से सन्तान उत्पन्न कर सकती है। (सत्यार्थ प्रकाश समुल्लास 4, पृष्ठ 102)
  • जिस कन्या के शरीर मे बाल हों उससे विवाह न करें। (सत्यार्थ प्रकाश समुल्लास 4, पृष्ठ 70)
  • जिस कन्या की आंखे भूरी हो तथा पूरे कुल में किसी को दमा, तपेदिक, कुष्ठ, बवासीर या पेट की खराबी हो उससे विवाह ही न करें। (सत्यार्थ प्रकाश समुल्लास 4, पृष्ठ 70, पृष्ठ 71)
  • 24 वर्ष की कन्या का विवाह 48 वर्ष के पुरुष से उत्तम। (सत्यार्थ प्रकाश समुल्लास 4, पृष्ठ 71)
  • पति दूर गया हो तो 8 वर्ष राह देखे और अन्य से सन्तान उत्तपत्ति कर ले। (सत्यार्थ प्रकाश समुल्लास 4, पृष्ठ 102)
  • सिख धर्म के प्रवर्तक गुरुनानक जी मूर्ख, ढोंगी व अभिमानी हैं। तथा गुरुग्रन्थ साहेब पर अभद्र टिप्पणी। (सत्यार्थ प्रकाश समुल्लास 11, पृष्ठ 307-309)
  • कबीर जी तम्बूरा लेकर गाते थे और मूर्ख नीच जुलाहे उनकी बातों में फंस गए। (सत्यार्थ प्रकाश समुल्लास 11, पृष्ठ 306)
  • नीच, भंगी, चमार के हाथों का खाना न खाएं। (सत्यार्थ प्रकाश पृष्ठ 154)
  • हज़रत मुहम्मद और उनके अनुयायी मूर्ख और जंगली बताया है। मुसलमानों का खुदा अन्यायकारी और बेसमझ है। (सत्यार्थ प्रकाश समुल्लास 14, पृष्ठ 455, 477, 480, 483, 485, 467) हजरत मुहम्मद ने अज्ञानियों को फंसाया है (पृष्ठ 470)। पृष्ठ 492, 493, 498, 499 मुहम्मद जी को विषयी यानी भोग विलास करने वाला कहा।
  • मुसलमानों का खुदा हो धोखेबाज है तो मुसलमान भी इसलिए धोखेबाज हैं। (पृष्ठ 470)
  • सत्यार्थ प्रकाश समुल्लास 13 में ईसाई धर्म के बारे में अभद्र बातें लिखीं। पृष्ठ 429 पर कहा कि यह झूठ है कि ईसा मसीह अपने आशीर्वाद से रोग ठीक करते थे।
  • सत्यार्थ प्रकाश समुल्लास 13, पृष्ठ 436 में दयानंद जी ने लिखा है कि ईसा मसीह जैसे भयंकर पीड़ा में मरने से अच्छा है फांसी लगा ली जाए।
  • ईसा मसीह ने माता पिता की सेवा नहीं कि और अपने अनुयायियों को भी न करने दी इसलिए जल्दी मृत्यु को प्राप्त हुए। (सत्यार्थ प्रकाश समुल्लास 13, पृष्ठ 426, 430)

सतलोक आश्रम करौंथा पर आक्रमण

इस तरह की और भी आपत्तिजनक और अव्यवहारिक बातें इस पुस्तक में लिखी हैं। इन सभी गलत बातों का सन्त रामपाल जी ने प्रमाण सहित विरोध किया। सन 2003 में आस्था चैनल पर सत्संग में सत्यार्थ प्रकाश का भांडा फोड़ करने पर आर्य समाजी आपे से बाहर हो गए। आर्य समाजियों ने 2003 से सत्संग में बाधा डालने और सन्त रामपाल जी महाराज के खिलाफ दुष्प्रचार का कार्य प्रारंभ कर दिया। सन्त रामपाल जी का क्या अपराध था? सत्य वाचन? जब आर्य समाजियों की दाल नहीं गली तब उन्होंने मुख्यमंत्री को भड़काने का काम शुरू किया। सत्संग के दौरान कई दफा आर्य समाजियों ने गैर कानूनी और अमानवीय तरीके से आक्रमण का प्रयास किया। Download PDF: करौंथा काण्ड का रहस्य

संत रामपाल जी जेल में क्यों है ? | Why is Sant Rampal Ji in Jail ?

ऐसे ही सत्संग के आयोजन पर 12 जुलाई 2006 को आर्य समाजियों ने मौका पाकर करौंथा आश्रम पर हजारों की संख्या में आक्रमण कर साथ ही कई गन्दे और झूठे आरोप सन्त रामपाल जी पर लगाये और उनके खिलाफ केस दर्ज किया। सुरक्षा अधिकारी आक्रमण के समय मूक दर्शक बने देखते रहे। आश्रम में उपस्थित छोटे छोटे बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं की सुरक्षा के लिए आश्रम के सुरक्षा दस्ते से हवा में फायरिंग की गई (लाईसेंस्ड हथियारों से)। लेकिन वे तो अपनी सोची समझी साजिश के तहत आये थे। अगले दिन धारा 144 लगाई गई और सभी अनुयायियों सहित सन्त रामपाल जी को गिरफ्तार कर लिया गया। आश्रम का और सन्त रामपाल जी के बारे में दुष्प्रचार किया। करौंथा कांड की डिटेल विस्तार से यहां जानी जा सकती है-

करौंथा कांड का सच

ये वर्ष 2006 की घटना है। उसी वर्ष की जिस वर्ष के बारे में प्रसिद्ध भविष्यवक्ता नास्त्रेदमस ने कहा था कि भारत को विश्वगुरू बनाने वाला सन्त 2006 में विख्यात होगा। सन्त रामपाल जी 21 महीने बाद जेल से आते ही वापस अपने मिशन में लगे और सत्संग करना प्रारंभ किया। आर्य समाजियों ने समय समय पर अपनी बेहूदगी जारी रखी किंतु अनुयायी ज्ञान समझकर दिन ब-दिन-बढ़ते ही गए।

सन्त रामपाल जी जेल क्यों गए?

सन्त रामपाल जी ने 19 नवम्बर पुलिस को आत्मसमर्पण किया। सन्त रामपाल जी का अपराध क्या था? कुछ भी नहीं। सत्यवाचन करना अपराध नहीं है। सन्त रामपाल जी की न्यूज़ में अप्रमाणिक, असत्य आरोपों से न्यूज़ एंकरों द्वारा बिना सत्यता की जांच किये दिखाए गए। साथ ही कोर्ट ने पुलिस से जब आपत्तिजनक सामग्री कोर्ट में देने कही तो पुलिस स्वाभाविक रुप से नाकाम रही और ये सभी बातें बेबुनियाद साबित हुईं। डीजी पुलिस हरियाणा और इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) की रिपोर्ट के अनुसार आश्रम में कोई अवैध गतिविधि नहीं पाई गई। IB की रिपोर्ट के अनुसार सन्त रामपाल जी व उनके अनुयायियों के साथ कुछ जजों के अन्याय की बात भी सामने आई थी। लेकिन न्याय में देरी अब भी की जा रही है क्योंकि उनकी साज़िश ही यही थी और आंखे मूँदकर बिन सोचे समझे धाराएं लगाईं अन्यथा नेपाल यानी दूसरे देशों के अनुयायियों पर देशद्रोह का केस कैसे बनता?

इस पूरी घटना को आप बरवाला घटना सभी केस व कार्यवाही में एक एक चीज़ पढ़ सकते हैं। जिन झूठे आरोपों में सन्त रामपाल जी बाइज्जत बरी हुए हैं वे यहाँ से जाने जा सकते हैं:

सन्त रामपाल जी पर झूठे आरोप तो मढ़ ही दिए साथ ही न्यूज़ में बहुत बढ़ा चढ़ाकर गैर प्रमाणिक बातों के साथ वे बताए गए। अमरउजाला सहित कई मीडिया चैनलों व अखबारों ने सन्त रामपाल जी से माफी भी मांगी। हालांकि जिस जोर-शोर से दुष्प्रचार किया गया उसी ऊर्जा के साथ माफी मांगने में इनकी सिट्टी-पिट्टी गुल रही। इन माफीनामों को आप यहां देख सकते हैं।- गलत

संत रामपाल जी जेल से कब रिहा होंगे: तो अब रहा सवाल की ये सच्चे सन्त रामपाल जी जेल से कब रिहा होंगे। तो सन्त रामपाल जी की सच्चाई यही है कि ये एक मौका था सरकार, अधिकारी अपनी गलती सुधार सकते थी। कुछ लोगों की सज़ा पूरा देश भुगतेगा क्योंकि सन्त सताने की सज़ा बहुत बुरी होती है। हिरण्यकश्यप से लेकर कंस जैसे बलशाली राक्षस नहीं बचे तो फिर अन्यायी जज, अधिकारी साहेबान फरिश्ते नहीं है जो बच जाएंगे। सन्त सताएं तीनों जाएं तेज बल और वंश। ऐसे ऐसे कई गए रावण सरीखे कंस। सन्त रामपाल जी जेल से निर्दोष छूट जाएंगे क्योंकि भारत को विश्वगुरु सन्त रामपाल जी ही बनाएंगे।

संत रामपाल जी जेल से कब रिहा होंगे: सन्त रामपाल जी ने सर्वदा सरकार का सहयोग किया है। कानून से हटकर जाने का विरोध किया है अन्यथा उनके 74 लाख अनुयायी वही कृत्य करते और आर्य समाजियो का मुंहतोड़ जवाब देते लेकिन सन्त रामपाल जी ने हमेशा अपने अनुयायियों को धैर्य और संविधान पर भरोसा करने के लिए कहा। सन्त रामपाल जी महाराज की तारीख लगती गईं, समय बढ़ता गया और एक सच्चे सन्त के साथ अन्याय का कलंक गाढ़ा होता गया।

सन्त रामपाल जी जेल से कब रिहा होंगे?

तत्वदर्शी संतो के विषय में सिद्ध है कि वे स्वयं परमात्मा या परमात्मा के अंश होते हैं। तत्वज्ञान के आगे तो स्वयं श्रीकृष्ण भी सन्त सुदर्शन सुपच के आगे करबद्ध हुए थे (महाभारत)। फिर जिस सन्त का ज्ञान दहेजमुक्त विवाह खुशी खुशी करवा दे, सभी नशे नामदीक्षा लेते ही छुड़वा दे, मरते हुओं को जीवन दे वह सन्त साधारण कभी नहीं माना जा सकता। सन्त रामपाल जी महाराज द्वारा आयोजित किया जाने वाला भण्डारा भी अपने आप में आश्चर्य है। वैश्विक स्तर पर होने वाले इस भंडारे में सभी लोग परिवार, रिश्तेदार और मित्रों सहित आमंत्रित होते हैं। उस शुद्ध देसी घी के इतने बड़े स्तर पर होने वाले भंडारे की तुलना वर्तमान में तो नहीं कि जा सकती और वहां उनके अनुयायियों के अनुशासन देखकर कौन उन्हें देशद्रोही कहेगा?

सन्त रामपाल जी पर खरी उतरी भविष्यवाणियां

सन्त रामपाल जी भविष्यवाणी में भी बता दिए गए हैं। नास्त्रेदमस जिसने इंदिरा गांधी जैसी हस्तियों पर कई सटीक भविष्यवाणी की हैं ने स्पष्ट रूप से अपनी भविष्यवाणी में लिखा है कि तीन ओर से समुद्र से घिरे देश के उस राज्य में जहां पांच नदियां बहती हैं जाट जाति से एक महापुरुष होगा। वह पूरे विश्व मे आध्यात्मिक क्रांति लाएगा। उसका लोग आरम्भ मे विरोध करेंगे। उसे जेल भी जाना होगा लेकिन उसके बाद उसे सबका अथाह प्रेम और सम्मान मिलेगा। विस्तार से नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी आप यहां पढ़ सकते हैं सन्त रामपाल जी के विषय मे नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी । सभी भविष्यवाणियां केवल सन्त रामपाल जी पर सही उतरती हैं। इसके अलावा विश्व के अनेक भविष्यवक्ताओं जैसे जीन डिक्सन, कीरो, आनन्दाचार्य, प्रोफेसर हरार, वेजिलेटिन आदि ने जो भी भविष्यवाणी की हैं उन्हें आप यहाँ पढ़ सकते हैं।

सन्त रामपाल जी के विषय मे अन्य भविष्यवक्ताओं के विचार । सन्त रामपाल जी जेल से कब रिहा होंगे ये तय करने वाले हम नहीं वे स्वयं हैं। सन्तों की लीला का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता और इतिहास गवाह है हमने हमेशा संतो के साथ गलत व्यवहार किया है फिर वो गुरु अर्जुन देव, गुरु तेग बहादुर, गुरु गोविंद सिंह, मीरा बाई, सन्त ज्ञानेश्वर हों या ईसा मसीह और मुहम्मद रहे हों। अंत मे हमारे हाथ पछतावा रहा है और रही बात तत्वज्ञान की तो तत्वदर्शी सन्त पूरे विश्व मे एक समय में कोई एक ही होता है। इस समय सर्व धर्मो के ग्रन्थों का सार बताने वाले महान तत्वदर्शी सन्त रामपाल जी महाराज हैं। उनके ज्ञान सभी धर्मों के प्रमाणों पर है कोई मनगढ़ंत कथा नहीं। न उनके मिशन में बाधा आई और न ही दिन प्रतिदिन बढ़ती संगत में कमी आई। इतना पर्याप्त है ये समझने के लिए कि तत्वदर्शी सन्त की शरण मे आने में देर नहीं करनी चाहिए।

Latest articles

World Religion Day 2025: Why So Many Faiths For One Universal Creator?

World Religion Day is an annual occasion observed on the third Sunday in January...

Indian Army Day 2025: The Day for the Unsung Heroes of the Country

Last Updated on 12 January 2025 IST | Army Day (Indian Army Day 2025)...
spot_img

More like this