November 16, 2025

संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi 2021) पर जानें सर्व कष्ट हरण करने वाले विघ्नहर्ता आदिगणेश कौन है?

Published on

spot_img

हिन्दू धर्म के अनुसार प्रत्येक चन्द्र मास में दो बार चतुर्थी तिथि का आगमन होता है और प्रत्येक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi 2021), और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। मार्गशीर्ष माह (Margshairsha Month 2021) में चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है इस वर्ष 23 नवंबर 2021, मंगलवार के दिन संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा गया। ऐसा कहा जाता है कि भगवान गणेश यानी गणपति का जन्म चतुर्थी तिथि वाले दिन होने के कारण इस तिथि को विशेषरूप से गणेश जी की पूजा-अर्चना (Ganesh Puja) की जाती है, जबकि पवित्र शास्त्रों में आदिगणेश की पूजा का वर्णन है तो आइए जानते हैं विस्तार से कि शास्त्रों में जिस आदिगणेश का वर्णन है, जिसकी साधना से सर्व लाभ व पूर्ण मोक्ष सम्भव है, जिसे शास्त्रों ने विघ्नहर्ता की संज्ञा दी है वह कौन है?

Sankashti Chaturthi 2021 : मुख्य बिंदु

  • प्रत्येक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है।
  • पवित्र श्रीमद्भगवतगीता के अनुसार व्रत करना निषेध बताया गया है।
  • सर्व के कष्टों का हरण करने वाले असली विघ्नहर्ता आदिगणेश पूर्ण परमेश्वर कविर्देव जी हैं।
  • तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज द्वारा प्रदत्त शास्त्रानुकूल साधना से ही प्रसन्न किया जा सकता है आदिगणेश सर्वशक्तिमान कविर्देव जी को।

कब है संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi 2021, Date)

हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi 2021) मनाई जाती है, मार्गशीर्ष माह (Margshairsha Month 2021) में चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी 23 नवंबर 2021, मंगलवार के दिन है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सालभर में लगभग 13 संकष्टी चतुर्थी आती है और प्रत्येक संकष्टी चतुर्थी का अलग-अलग महत्व माना जाता है।

संकष्टी चतुर्थी मुहूर्त (Sankashti Chaturthi 2021 Muhurat)

इस बार संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi) तिथि का प्रारंभ सोमवार, 22 नवंबर को रात 10.27 मिनट से हुआ है और यह तिथि मंगलवार को 23 नवंबर की मध्यरात्रि 12.55 मिनट पर समाप्त हुई। वैसे अगर सत्य कहा जाए तो पूर्ण संत के मार्गदर्शन में शास्त्रों के अनुसार साधना करने वाले साधक के लिए कोई विशेष मुहूर्त नहीं होता है, अपितु सत्य साधना करने वाले साधक के लिए प्रत्येक क्षण एक विशेष मुहूर्त ही होता है, क्योंकि मनुष्य देह बहुत ही अनमोल है, इसी मनुष्य देह से सतभक्ति साधना करके पूर्ण मोक्ष सम्भव है, अन्य योनियों से नहीं।

आदिगणेश व गणेश में अंतर क्या है?

भगवान गणेश एक हिंदू देवता हैं, जिन्हें सभी हिंदू धार्मिक समारोहों की शुरुआत में पूजा जाता है, उनको आरंभ के देवता की श्रेणी में गिना जाता है। आपकी जानकारी के लिए बात दें, पवित्र शास्त्रों में भगवान गणेश की पूजा का वर्णन नही हैं। चूंकि भगवान गणेश भी जन्म-मरण के दुःखदाई कष्ट से मुक्त नहीं है तो फिर उनकी साधना करने वाले साधकों के विघ्नों का कैसे हरण कर सकते हैं।

Sankashti Chaturthi: जबकि, पवित्र वेद, श्रीमद्भगवत गीता और अन्य धर्मग्रंथों के गहन शोध से इस बात का प्रमाण मिलता है कि सम्पूर्ण ब्रह्मांड आदिगणेश द्वारा सृजित है, जो अमर है? वह पापों का नाश करने वाला है। (प्रमाण- यजुर्वेद अध्याय 8 मन्त्र 13) वह सभी के विघ्नों का निवारण करने वाला है। वह सर्वोच्च भगवान है जो पूजा करने के योग्य है। (प्रमाण-यजुर्वेद अध्याय 5 मंत्र 32) भगवान गणेश व पूर्ण परमेश्वर आदिगणेश भिन्न-भिन्न हैं यह जानकर पाठकों के मन में एक सवाल जरूर उठ रहा होगा कि वह आदिगणेश कौन हैं जो सर्व के विघ्नहर्ता हैं। तो आइए अवगत कराते हैं प्रिय पाठकों को कि आदिगणेश कौन हैं?

कौन हैं पूर्ण परमेश्वर आदिगणेश अर्थात असली विघ्नहर्ता?

सर्व धर्मों के पवित्र सद्ग्रन्थों जैसे कि पवित्र वेद, पवित्र गीता, पवित्र बाइबिल, पवित्र गुरुग्रंथ साहिब, पवित्र कुरान शरीफ में स्प्ष्ट उल्लेख है कि परम अक्षर पुरुष यानी आदि गणेश विधाता हैं। वे सच्चे आध्यात्मिक गुरु हैं। उनका नाम सर्वशक्तिमान कविर्देव, कबीर साहेब या अल्लाहु अकबर है।

सर्वशक्तिमान कविर्देव एक तत्वदर्शी संत की भूमिका निभाते हुए दिव्य लीला करते हैं और भक्तों को सच्चा ज्ञान, सच्चा मंत्र प्रदान करते हैं जिससे मोक्ष प्राप्त होता है और साधक उस अमरलोक यानी सतलोक में चले जाते हैं जहाँ जाने के बाद वे ब्रह्म-काल के इस मृत लोक में कभी वापस नहीं आते। 

पूजनीय भगवान कौन हैं? आदि गणेश या भगवान गणेश

Sankashti Chaturthi Special: सभी देवता आदरणीय हैं, लेकिन केवल सर्वशक्तिमान कबीर जी की ही पूजा की जानी चाहिए यह बात सद्ग्रन्थों से दिए गए प्रमाणों से पूर्णता स्प्ष्ट हो चुकी है। उपरोक्त लेख से यह भी स्पष्ट है कि भगवान गणेश स्वयं जन्म-मरण के चक्र से मुक्त नहीं हैं। इसलिए, वह मोक्ष प्रदान नहीं कर सकते और अपने भक्तों के पापों को नष्ट नहीं कर सकते हैं। जबकि, पूर्ण परमेश्वर आदि गणेश साधक के सर्व पापों का नाश करते हैं और सच्चे उपासक को पूर्ण मोक्ष प्रदान करते हैं। अंतर स्पष्ट है। केवल पूर्ण परमेश्वर आदि गणेश ही पूर्ण मोक्ष प्रदान करने वाले हैं। वह साधक के मार्ग में आने वाली सर्व बाधाओं का हरण करने वाले हैं। अतः पूजनीय केवल पूर्ण परमात्मा आदि गणेश हैं।

आदिगणेश कविर्देव स्वयं तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के रूप में अवतरित हैं

तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज की बताई हुई शास्त्र विधि अनुसार मंत्र साधना करने से साधक पूरा लाभ ले सकते हैं। सभी सांसारिक दुखों से छुटकारा पाकर सुखों को अनुभव करते हुए पूर्ण मोक्ष को प्राप्त कर सकते हैं। आपकी जानकारी के लिए स्प्ष्ट कर दें कि एक समय में सम्पूर्ण ब्रह्मांड में केवल एक ही पूर्ण तत्वदर्शी संत होता है। वह पूर्ण परमेश्वर का नुमाइंदा या स्वयं पूर्ण परमेश्वर होता है। वर्तमान समय में संत रामपाल जी महाराज हैं। प्रिय पाठकों से निवेदन है कि अविलंब संत रामपाल जी महाराज जी से निःशुल्क नाम दीक्षा प्राप्त कर इस मनुष्य देह को सार्थक करें व पूर्ण मोक्ष के मार्ग को प्राप्त करें। संत रामपाल जी महाराज के अनमोल सत्संग श्रवण करने हेतु सतलोक आश्रम यूट्यूब चैनल देखे।

Latest articles

कंदूल गांव में बाढ़ से जूझते किसानों के लिए वरदान साबित हुए संत रामपाल जी महाराज, जल निकासी के साथ दी स्थायी राहत

हरियाणा के हिसार जिले की उकलाना तहसील के अंतर्गत आने वाला कंदूल/कण्डूल गांव पिछले...

World Children’s Day 2025: How the Annapurna Muhim Is Fulfilling UNICEF’s Vision in Action

Last Updated on 15 November 2025 IST: World Children's Day is observed to promote...

International Men’s Day 2025: Supporting Men and Boys for a Healthier Tomorrow

Last Updated on 15 November 2025 IST: International Men's Day 2025 falls annually on...

National Press Day 2025: Is the Fourth Pillar of Democracy Failing Its Duty?

National Press Day is observed annually to highlight the need for the independence of the press in a democratic nation. Know its History & Theme
spot_img

More like this

कंदूल गांव में बाढ़ से जूझते किसानों के लिए वरदान साबित हुए संत रामपाल जी महाराज, जल निकासी के साथ दी स्थायी राहत

हरियाणा के हिसार जिले की उकलाना तहसील के अंतर्गत आने वाला कंदूल/कण्डूल गांव पिछले...

World Children’s Day 2025: How the Annapurna Muhim Is Fulfilling UNICEF’s Vision in Action

Last Updated on 15 November 2025 IST: World Children's Day is observed to promote...

International Men’s Day 2025: Supporting Men and Boys for a Healthier Tomorrow

Last Updated on 15 November 2025 IST: International Men's Day 2025 falls annually on...