ज्ञानपुरा गांव लगभग तीन सप्ताह से जलमग्न था। लगातार बारिश और जलभराव ने सैकड़ों एकड़ फसल को नष्ट कर दिया था और ग्रामीणों के घरों में पानी घुस चुका था। पशुओं के लिए चारे का संकट खड़ा हो गया था और स्कूलों में पानी भरने से बच्चों की पढ़ाई ठप हो गई थी। गांव के सरपंच, श्री मनजीत सिंह के नेतृत्व में ग्रामीणों ने कई बार सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटे, लेकिन उन्हें हर जगह से केवल आश्वासन ही मिला।
जब सारी उम्मीदें टूट चुकी थीं, तब सरपंच मनजीत सिंह को संत रामपाल जी महाराज द्वारा चलाई जा रही “अन्नपूर्णा मुहिम” और बाढ़ राहत कार्यों के बारे में जानकारी मिली। एक आखिरी प्रयास के तौर पर, वह बरवाला पहुंचे और अपनी जरूरतों का विवरण देते हुए एक प्रार्थना पत्र संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों को सौंपा। उन्हें इस बात का बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि उनकी यह प्रार्थना कुछ ही क्षणों में सुन ली जाएगी। आश्रम के सेवादारों के अनुसार, उनकी प्रार्थना पर गुरुजी का अनुमोदन मात्र डेढ़ घंटे में आ गया था।
चमत्कारिक गति: 24 घंटे में पहुँची उच्च गुणवत्ता की राहत सामग्री
सरपंच मनजीत सिंह प्रार्थना पत्र देकर निकले भी नहीं थे कि उन्हें सूचित किया गया कि संत रामपाल जी महाराज ने उनकी अर्जी स्वीकार कर ली है और राहत सामग्री जल्द ही गांव के लिए रवाना की जाएगी। यह वादा मात्र 24 घंटे के भीतर पूरा हो गया। अगले ही दिन, राहत सामग्री का एक काफिला ज्ञानपुरा गांव पहुंचा, जिसमें पानी निकासी के लिए आवश्यक हर छोटा-बड़ा सामान मौजूद था।
गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया गया; सेवादारों ने बताया कि फैक्ट्री मालिकों को स्पष्ट निर्देश दिए गए थे कि पाइप ऐसी गुणवत्ता के हों जो पानी के दबाव से फटें या लीक न हों, और मोटरें ‘किर्लोस्कर’ जैसी प्रतिष्ठित कंपनी की हों।
संत रामपाल जी महाराज ट्रस्ट द्वारा भेजी गई सामग्री में शामिल थे:
- 20,000 फुट लंबे 8-इंची पाइप
- 20 हॉर्स पावर की पांच बड़ी ‘किर्लोस्कर’ कंपनी की मोटरें
- 1600 फुट केबल
- मोटर चलाने के लिए आवश्यक पांच बड़े स्टार्टर, वाल, क्लिप, पाइप चिपकाने के लिए सोल्यूशन और अन्य सभी तकनीकी उपकरण
इतनी त्वरित और व्यापक मदद देखकर ग्रामीण हैरान रह गए। सरपंच मनजीत सिंह ने भावुक होते हुए कहा, “हम 20 दिनों से दर-दर भटक रहे थे, लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हुई। संत रामपाल जी महाराज ने 24 घंटे में हमारी पुकार सुन ली। वह हमारे लिए भगवान से भी बढ़कर हैं।”
व्यापक सेवा: हरियाणा और अन्य राज्यों में भी जारी है राहत कार्य
यह राहत अभियान केवल ज्ञानपुरा तक ही सीमित नहीं था। संत रामपाल जी महाराज के निर्देशानुसार, हरियाणा के कई अन्य बाढ़ प्रभावित गांवों में भी बड़े पैमाने पर मदद पहुंचाई गई।

ट्रस्ट के एक सेवादार ने बताया, “गुरुजी ने आश्रमों के निर्माण कार्य रोककर हमें इन बच्चों (पीड़ितों) की मदद करने का आदेश दिया है।”
प्रदान किए गए आंकड़ों के अनुसार, विभिन्न गांवों को निम्नलिखित सामग्री भेजी गई:
- सिंधड़: 20,000 फीट 8-इंची पाइप, 15 हॉर्स पावर की चार मोटरें और 10,500 फुट तार
- बिठमड़ा: 40,000 फीट पाइप (15,000 फीट 10-इंची और 25,000 फीट 8-इंची), 20 हॉर्स पावर की छह बड़ी मोटरें और 1000 फीट तार
- बियाणा खेड़ा: 15,400 फीट 8-इंची पाइप और 15 हॉर्स पावर की चार बड़ी मोटरें
- सुरेवाला: 9,000 फीट 8-इंची पाइप, 20 हॉर्स पावर की दो बड़ी मोटरें और 500 फुट तार
- नेहला (फतेहाबाद): 15,400 फीट 8-इंची पाइप, दो मोटरें (एक 15 और एक 20 हॉर्स पावर), 600 फुट केबल और पीने के पानी के लिए दो नए समर्सिबल पंप
- खानपुर (हिसार): 12,000 फीट 8-इंची पाइप और 15 हॉर्स पावर की पांच बड़ी मोटरें
- सरसोद (हिसार): 3,500 फीट 8-इंची पाइप और 20 हॉर्स पावर की चार बड़ी मोटरें
- खेदड़ (हिसार): 44,000 फीट 8-इंची पाइप और 15 हॉर्स पावर की पांच बड़ी मोटरें
- ढाणी प्रेमनगर (हिसार): 4,500 फीट 8-इंची पाइप और 10 हॉर्स पावर की एक बड़ी मोटर
इसके अतिरिक्त, हिसार के ही मात्रश्याम गांव में, जहां एक बस्ती के 150 परिवार पूरी तरह डूब चुके थे, “अन्नपूर्णा मुहिम” के तहत तुरंत मदद भेजी गई। सरपंच के एक फोन कॉल पर, संत रामपाल जी महाराज ने रात 1:30 बजे 48 पीड़ित परिवारों को सूखे राशन की किट वितरित करवाई।
Also Read: ढाणी ख़ान बहादुर गाँव हरियाणा में संत रामपाल जी महाराज ने दिलाई भयंकर बाढ़ से निजात
यह सेवा हरियाणा के अलावा पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर जैसे अन्य बाढ़ प्रभावित राज्यों में भी निरंतर जारी है।
मदद के साथ जिम्मेदारी का अनूठा निवेदन
इस राहत कार्य का सबसे अनूठा पहलू वह “निवेदन पत्र” था जो राहत सामग्री के साथ ज्ञानपुरा ग्राम पंचायत को सौंपा गया।
संत रामपाल जी महाराज की ओर से भेजे गए इस पत्र में स्पष्ट रूप से कहा गया था कि गांव वालों को यह सुनिश्चित करना होगा कि प्रदान की गई सामग्री का उपयोग करके निर्धारित समय के भीतर पानी की निकासी पूरी हो जाए, ताकि अगली फसल की बिजाई समय पर हो सके।
Read in English: Saint Rampal Ji Maharaj Responds to the Call of Gyanpura Village: Aid Worth Crores Reaches Flood Victims Within 24 Hours
पत्र में यह भी लिखा गया था, “यदि आपको और सामान की आवश्यकता है, तो आप निःसंकोच प्रार्थना कर सकते हैं। सामान चाहे कितना भी लगे, लेकिन गांव से पानी निकलना चाहिए।”
ग्रामीणों की आवाज: “यह चमत्कार है, महाराज ने जीवनदान दिया”
ज्ञानपुरा के ग्रामीणों में इस मदद को लेकर अत्यधिक उत्साह और कृतज्ञता का भाव है।
गांव के एक निवासी, श्री हरपाल ने कहा, “यह एक चमत्कार है। हम 15-20 दिनों से अधिकारियों के चक्कर काट रहे थे, कोई सुनवाई नहीं हुई। कल अर्जी लगाई और आज सामान घर पर आ गया। इतनी मदद तो सगा बेटा भी नहीं कर सकता।”
एक अन्य ग्रामीण, विकास ने कहा, “हमने तो केवल भगवान के चमत्कार सुने थे, आज देख भी लिया। संत रामपाल जी हमारे लिए भगवान ही हैं। उन्होंने हमारी अगली फसल बचाकर हमें जीवनदान दिया है।”
गांव के पूर्व सरपंच ने भी कहा, “इतना तो प्रशासन ने 15 दिन में नहीं किया। भगवान इनकी उम्र बनाए रखे।”
लोगों ने बताया कि इस एक गांव में ही लगभग 50 लाख रुपये का सामान दिया गया है और कई गांवों में इससे भी अधिक की मदद की गई है। पूरा गांव अब एकजुट होकर जल्द से जल्द खेतों से पानी निकालने के काम में जुट गया है, ताकि वे संत रामपाल जी महाराज के विश्वास पर खरे उतर सकें।