October 15, 2025

रोहतक में संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों का विशाल सफाई अभियान, स्वच्छता और समाज सेवा का दिया संदेश

Published on

spot_img

हरियाणा के रोहतक जिले के जींद चौक क्षेत्र में दृश्य बेहद अलग और प्रेरणादायक था। सुबह से ही सैकड़ों की संख्या में महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग और युवा हाथों में झाड़ू लिए सड़कों पर उतरे। यह कोई सामान्य भीड़ नहीं थी, बल्कि संत रामपाल जी महाराज के अनुयायी थे, जिन्होंने अपने गुरुदेव के मार्गदर्शन में एक विशाल सफाई अभियान की शुरुआत की। उनका उद्देश्य था शहर को स्वच्छ बनाना और समाज को स्वच्छता के महत्व के प्रति जागरूक करना।

सुबह 7 बजे जींद चौक से इस अभियान की शुरुआत हुई। अनुयायियों ने न केवल झाड़ू लगाकर कचरा हटाया बल्कि जेसीबी, ट्रैक्टर और गाड़ियों की मदद से गंदगी को व्यवस्थित तरीके से उठाकर निस्तारित भी किया। अभियान का लक्ष्य था जींद चौक से लेकर माता दरवाजे तक लगभग तीन किलोमीटर लंबे क्षेत्र की संपूर्ण सफाई करना।

संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों का कहना है कि स्वच्छता केवल सरकार या नगर निगम की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि हर नागरिक का कर्तव्य है। उन्होंने साफ कहा कि सफाई घर से शुरू होनी चाहिए, फिर मोहल्ले से और उसके बाद पूरे शहर तक फैलनी चाहिए।

यह पहला अवसर नहीं है जब संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों ने समाज सेवा का उदाहरण पेश किया हो। इससे पहले भी उन्होंने वृक्षारोपण अभियान, रक्तदान शिविर, नेत्र शिविर और कोविड-19 महामारी के दौरान राहत कार्य अपने गुरुजी के निर्देशन में सफलतापूर्वक संचालित किए हैं। खासतौर पर हाल ही में आयोजित रक्तदान शिविर में अनुयायियों ने 250 यूनिट रक्त दान किया जिससे आर्मी मेडिकल कोर को सीधा लाभ मिला।

सफाई अभियान को भी इसी समाज सेवा की श्रृंखला का हिस्सा बताया जा रहा है। अनुयायियों ने इसे ‘अन्नपूर्णा मुहिम’ से जोड़ा है, जिसके तहत गरीबों को भोजन, वस्त्र, मकान, शिक्षा और चिकित्सा उपलब्ध कराई जाती है। उनका मानना है कि जब तक वातावरण स्वच्छ नहीं होगा, समाज स्वस्थ नहीं हो सकता और अन्नपूर्णा जैसी पहल का असली उद्देश्य भी अधूरा रह जाएगा।

इस सफाई अभियान की सबसे खास बात यह रही कि इसमें बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हुए। कई महिलाओं ने साफ शब्दों में कहा कि उन्हें यह प्रेरणा सीधे संत रामपाल जी महाराज से मिली है। उनके अनुसार, उनके गुरु जी उन्हें केवल आध्यात्मिक ज्ञान ही नहीं देते, बल्कि समाज सेवा की राह भी दिखाते हैं।

महिला और बच्चों की विशेष भागीदारी

एक महिला अनुयायी ने बताया “हमारे गुरु जी ने दहेज मुक्त भारत की पहल की है, गरीब बहनों के घर बनवाए हैं और जब भी कोई प्राकृतिक आपदा आती है, तो वे राहत सामग्री पहुंचवाते हैं। इसी कड़ी में सफाई अभियान भी समाज सुधार का हिस्सा है।”

बच्चों में भी विशेष उत्साह देखने को मिला। छोटे-छोटे बच्चे झाड़ू उठाकर अपने बड़ों के साथ शहर को चमकाने में जुटे रहे। उनके चेहरे पर यह भाव साफ झलक रहा था कि वे अपने घर और अपने शहर की सेवा कर रहे हैं।

संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों का मानना है कि उनके गुरु न केवल एक आध्यात्मिक मार्गदर्शक हैं, बल्कि एक समाज सुधारक भी हैं। वे लोगों को अंदरूनी और बाहरी दोनों तरह की स्वच्छता पर जोर देते हैं।

Also Read: जगतगुरू संत रामपाल जी महाराज बने ब्याणा खेड़ा गांव, हिसार में बाढ़ राहत के मसीहा

एक अनुयायी ने कहा, “गुरु जी हमें वेदों और शास्त्रों का ज्ञान देकर हमारे अंदर की बुराइयां खत्म करने को कहते हैं। शराब, तंबाकू, नशा और दहेज जैसी कुरीतियों से दूर रहने का उपदेश देते हैं। इसी तरह वे बाहर की गंदगी हटाकर समाज को भी स्वच्छ बनाने पर बल देते हैं।”

इस तरह यह अभियान केवल सड़क सफाई तक सीमित नहीं था, बल्कि इसके पीछे एक गहरा आध्यात्मिक और सामाजिक संदेश भी छिपा था।

अभियान को देखकर स्थानीय नागरिक भी प्रभावित हुए। 55 वर्षीय एक निवासी ने कहा “इतनी सफाई मैंने रोहतक शहर में कभी नहीं देखी। आज पूरा शहर दुल्हन की तरह सज गया है। यह बहुत ही नेक कार्य है।”

एक अन्य निवासी ने कहा कि नगर पालिका जहाँ सफाई में असफल रहती है, वहाँ संत रामपाल जी के अनुयायियों ने मिसाल कायम की है। उनका कहना था कि इस तरह की पहल से आम जनता को भी प्रेरणा लेनी चाहिए और अपने-अपने स्तर पर सफाई के प्रयास करने चाहिए।

इतने बड़े स्तर पर सफाई अभियान चलाने के बावजूद यातायात बाधित नहीं हुआ। संत रामपाल जी के अनुयायियों ने बाकायदा ट्रैफिक की व्यवस्था अपने हाथ में लेकर सुव्यवस्थित ढंग से इसे संचालित किया। लोग हैरान थे कि किस तरह बिना अव्यवस्था फैलाए सफाई अभियान निरंतर आगे बढ़ रहा था।

संत रामपाल जी महाराज द्वारा संचालित अन्नपूर्णा मुहिम का नारा है, “रोटी, कपड़ा, शिक्षा, चिकित्सा और मकान सबको दे रहा कबीर भगवान।”

अनुयायियों ने बताया कि सफाई अभियान को इसी मुहिम से जोड़ा गया है। उनका कहना था कि जब तक वातावरण स्वच्छ नहीं होगा, तब तक भोजन, वस्त्र और स्वास्थ्य का असली लाभ समाज को नहीं मिल सकता।

संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों ने केवल सफाई ही नहीं, बल्कि समाज की कई कुरीतियों के खिलाफ भी अभियान चलाए हैं।

  • दहेज मुक्त विवाह: अब तक सैकड़ों शादियां बिना किसी खर्च और दहेज के संपन्न कराई गई हैं।
  • नशा मुक्ति अभियान: शराब, तंबाकू, बीड़ी-हुक्का जैसी बुराइयों से दूर रहने का संदेश दिया गया है।
  • बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ: यह नारा केवल सरकारी स्तर पर ही नहीं, बल्कि अनुयायियों के जीवन में व्यवहारिक रूप से लागू किया गया है।
  • शिक्षा और चिकित्सा सहयोग: गरीब बच्चों की पढ़ाई और असहाय परिवारों के इलाज के लिए नियमित मदद पहुंचाई जाती है।

अभियान का मूल संदेश साफ था कि “स्वच्छता ही स्वास्थ्य है और स्वास्थ्य ही समाज का आधार है।”

अनुयायियों ने जोर देकर कहा कि अगर शहर स्वच्छ होगा तो लोग बीमारियों से मुक्त रहेंगे और समाज स्वस्थ होगा।

रोहतक के जींद चौक से शुरू हुआ यह सफाई अभियान केवल कुछ घंटों की मेहनत नहीं, बल्कि एक दीर्घकालिक सामाजिक आंदोलन का हिस्सा है। संत रामपाल जी महाराज और उनके अनुयायी यह दिखाने में सफल रहे कि अगर इच्छाशक्ति और सामूहिक प्रयास हो तो किसी भी शहर को साफ और सुंदर बनाया जा सकता है।

स्थानीय नागरिकों की सकारात्मक प्रतिक्रिया और अनुयायियों का जोश यह साबित करता है कि यह मुहिम केवल सफाई तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज सुधार और आध्यात्मिक उन्नति की दिशा में एक बड़ा कदम है।

आज का यह दृश्य हर किसी को यह सोचने पर मजबूर करता है कि सच्चे संत केवल धार्मिक प्रवचन ही नहीं करते, बल्कि समाज को सही दिशा देने के लिए ठोस कदम भी उठाते हैं।

Latest articles

सिंघवा राघो गांव में संत रामपाल जी महाराज बने किसानों के मसीहा: जब सरकारें नाकाम रहीं, तब दिखाई राह

हरियाणा के हिसार जिले के सिंघवा राघो गांव में बाढ़ ने तबाही मचा दी...

संत रामपाल जी महाराज के करिश्मे से हरियाणा के  हिसार जिले के राजली गांव में बाढ़ पीड़ितों को मिला जीवनदान

हरियाणा के हिसार जिले की बरवाला तहसील का राजली गांव इस वर्ष आई भीषण...

World Food Day 2025: Right to Food for a Brighter Future

World Food Day was first established in November 1979. The idea was suggested by former Hungarian Minister of Agriculture and Food Dr Pal Romany. Since then, the day has been celebrated by more than 150 countries around the world. It is an initiative by the Food and Agricultural Organisation (FAO) of the United Nations. 

International Day of Rural Women 2025: Understand the Role of Rural Women to Attain Gender Equality

International Day of Rural Women recognizes the significant role and involvement of rural women. Know its theme and history.
spot_img

More like this

सिंघवा राघो गांव में संत रामपाल जी महाराज बने किसानों के मसीहा: जब सरकारें नाकाम रहीं, तब दिखाई राह

हरियाणा के हिसार जिले के सिंघवा राघो गांव में बाढ़ ने तबाही मचा दी...

संत रामपाल जी महाराज के करिश्मे से हरियाणा के  हिसार जिले के राजली गांव में बाढ़ पीड़ितों को मिला जीवनदान

हरियाणा के हिसार जिले की बरवाला तहसील का राजली गांव इस वर्ष आई भीषण...

World Food Day 2025: Right to Food for a Brighter Future

World Food Day was first established in November 1979. The idea was suggested by former Hungarian Minister of Agriculture and Food Dr Pal Romany. Since then, the day has been celebrated by more than 150 countries around the world. It is an initiative by the Food and Agricultural Organisation (FAO) of the United Nations.