September 17, 2025

दहेज प्रथा का अंत अब आ चुका है: संत रामपाल जी महाराज

Published on

spot_img

प्रतिदिन कई जोड़ों का दहेज रहित विवाह संत रामपाल जी के दिखाए मार्गदर्शन से हो रहा है विवाह मंडप में वर – वधु ने माता – पिता व कुछ लोगों की उपस्थिति में रमैणी (शादी) की। दिपेन्द्रदास का विवाह पूजा दासी के साथ व महावीर दास का विवाह तनूजा दासी के साथ सम्पन हुआ।

भारत एक ऐसा देश है जहां लोग दिखावे और दहेज वाली शादियां करने के शौकीन होते हैं। यहां लड़के की परवरिश यह सोच कर की जाती है कि लड़के की शादी ऐसे परिवार में करेंगे जहां से मोटा दहेज मिल सके। दहेज के लेन-देन ने समाज में भयावह स्थिति उत्पन्न की हुई है। भले लड़की का बाप साइकल चालक हो फिर भी लड़के वाले दहेज में उनसे मोटरसाइकिल मांगते हैं। सरकारी नौकरी में लगे लड़के के विवाह में वर पक्ष के लोग मुंह खोलकर दहेज मांगते हैं।

परंतु समाज के बीचों-बीच एक ऐसा पंथ तैयार हो रहा है जहां दहेज लेना तो दूर वर वधू पक्ष के लोग दहेज के विषय में बात तक नहीं करते। यह पंथ है कबीर पंथ, जिसमें गुरू देव संत रामपाल जी के शिष्य अपने गुरु के वचनों पर डटे रहकर साधारण तरीके से विवाह करते हैं। संत रामपाल जी का उद्देश्य समाज को सभी तरह के विकारों और दहेज रूपी अभिशाप से सदा के लिए मुक्त करना है।

आधुनिकता के इस युग में जंहा हर तरफ लोग सामाजिक चकाचौंध में शादी करके अपने आप को बहुत धनवान दिखाते हैं, तो वहीं इसके विपरीत कबीर पंथी संत रामपाल जी महाराज के शिष्य बिना किसी फिजूलखर्ची के बडी़ ही सादगी से परमात्मा की अमृतवाणी गाकर महज सत्रह मिनट में विवाह सूत्र में बंध जाते हैं।

सिरसा व मध्य प्रदेश में हुई रमैनियां

संत रामपाल जी के लाखों शिष्य देश – विदेश और गांवों में बसते हैं। संत रामपाल जी के सभी शिष्य सामाजिक बुराइयों से कोसों दूर रहते हैं और समाज में बदलाव लाने की मुहिम में जुटे हुए हैं। समाज बदलाव की मुख्य श्रृंखला में से एक है दहेज मुक्त विवाह

26 जुलाई, रविवार को सिरसा जिले के तहसील डबवाली के लोहगढ़ गाँव के हनुमानगढ़ जिला के कृष्ण दास के पुत्र काला दास की शादी गंगानगर जिले के जगसीर सिंह की पुत्री मनप्रीत के साथ परमात्मा की रमैणी के द्वारा सम्पन्न हुआ। राष्ट्रीय समाज सेवा समिति की ओर से संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में हुए साधारण विवाह समारोह के दौरान कोविड-19 के दौर में सरकारी प्रोटोकॉल का पालन करते हुए इस अनोखी शादी में किसी भी प्रकार के दहेज का लेन देन , ना घोड़ी, ना बैंड बाजा, ना डी जे और ना ही किसी को खाना परोसा गया।

परिवार वालोें ने बताया कि आज समाज में दहेज प्रथा को इस तरह से शादी करके ही समाप्त किया जा सकता है। इस दौरान सेवादार गुरकीत दास व गुरबचन दास ने बताया के महज परिवार के लोग ही इस आदर्श विवाह के साक्षी बने।

Latest articles

देहरादून में Cloudburst से तबाही: सहस्रधारा और IT Park जलमग्न, पुल टूटा, कई लोगों की मौत और लापता

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून (Dehradun) सोमवार रात को प्राकृतिक आपदा से हिल गई। सहस्रधारा...

RRB NTPC UG Answer Key 2025 Released: Provisional Key, Objection Window & Everything Candidates Must Know

Railway Recruitment Boards (RRBs) have made official the provisional answer key for the RRB...
spot_img

More like this

देहरादून में Cloudburst से तबाही: सहस्रधारा और IT Park जलमग्न, पुल टूटा, कई लोगों की मौत और लापता

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून (Dehradun) सोमवार रात को प्राकृतिक आपदा से हिल गई। सहस्रधारा...

RRB NTPC UG Answer Key 2025 Released: Provisional Key, Objection Window & Everything Candidates Must Know

Railway Recruitment Boards (RRBs) have made official the provisional answer key for the RRB...