November 22, 2025

आजादी की 75वी सालगिरह के मौके पर जेल में हुआ निशुल्क पुस्तक वितरण 

Published on

spot_img

आजादी के 75वें अमृत महोत्सव के मौके पर बिहार के मुजफ्फरपुर केन्द्रीय जेल में संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों ने संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा लिखित जीने की राह तथा ज्ञान गंगा सहित कुल 5000 पुस्तकों का निशुल्क वितरण किया। मानव कल्याणार्थ हेतु ज्ञान से पूर्ण इन पुस्तकों को जेल के सभी कैदियों के साथ-साथ जेल अधीक्षक तथा प्रशासनिक अधिकारियों को भी वितरित किया गया। इस निशुल्क पुस्तक वितरण कार्य में जेल अधीक्षक समेत समस्त पुलिस स्टाफ ने भरपूर सहयोग किया जिसके लिए संत रामपाल जी महाराज जी के अनुयायियों ने उनका सहृदय से धन्यवाद किया।

मुजफ्फरपुर केन्द्रीय जेल, निशुल्क पुस्तक वितरण : मुख्य बिंदु

  • कैदियों की जीवन शैली शिष्ट हो तथा जन-जन तक सतज्ञान पहुंचे इसी उद्देश्य के साथ संत रामपाल जी महाराज जी के अनुयायियों ने निशुल्क पुस्तकें वितरित कीं।
  • ऐसी अनूठी पहल से ही लगेगा आपराधिक कार्यों पर पूर्ण अंकुश।
  • कैदियों के साथ-साथ जेल अधीक्षक तथा प्रशासनिक अधिकारियों को वितरित की गई ज्ञान से ओतप्रोत पुस्तकें।
  • जेल प्रशासन से लेकर, स्थानीय लोगों ने भी की संत रामपाल जी महाराज जी के कार्यों की सराहना।
  • ज्ञान गंगा तथा जीने की राह सिर्फ पुस्तकें नहीं, अपितु साक्षात ज्ञान रूपी अमृत का सागर हैं

निशुल्क पुस्तक वितरण कार्य: कारागार में मिला अमृत रूपी आध्यात्मिक ज्ञान 

संत रामपाल जी महाराज जी का एकमात्र लक्ष्य है कि प्रत्येक मनुष्य के पास शास्त्र प्रमाणित सतज्ञान पहुंचे, कोई भी मनुष्य इस अनमोल ज्ञान से अछूता न रह सके, पाखंडवाद तथा बुराइयों की बेड़ियों में जकड़े मानव समाज को पूर्ण आजादी मिले। अपने गुरु संत रामपाल जी महाराज के इसी लक्ष्य से प्रेरणा पाकर संत रामपाल जी महाराज जी के अनुयायियों ने मानव कल्याणार्थ आजादी के 75वें अमृत महोत्सव के मौके पर बिहार के मुजफ्फरपुर केन्द्रीय जेल में संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा लिखित जीने की राह तथा ज्ञान गंगा सहित कुल 5000 पुस्तकों का निशुल्क वितरण किया। जिनमें 4600 पुरुष कैदी, 260 महिला कैदी तथा 140 पुलिस कर्मचारियों ने उपस्थित होकर इन अनमोल पुस्तकों को प्राप्त किया।

■ Also Read | कारागार में मिला आध्यात्मिक ज्ञान जिससे पता चला मनुष्य जीवन का मूल उद्देश्य मोक्ष पाना है

ज्ञान रूपी अमृत से ओतप्रोत पुस्तकें बदल रहीं हैं जीवन शैली

शराबी ने शराब पीनी छोड़ दी, चोर ने चोरी, उजड़े परिवार पुनः बस गए, रोगियों का कष्ट दूर हुआ तथा बच्चों से लेकर बड़े बुजुर्गों तक ने भी फिल्में और नाटक देखना छोड़कर सत्संग श्रवण करना प्रारम्भ किया, जिसने भी संत रामपाल जी महाराज जी के ज्ञान को पढ़ा या सुना उन्होंने बुराइयों को हमेशा के लिए त्यागकर सत्मार्ग की राह चुनी। संत रामपाल जी द्वारा लिखित पुस्तकों को पढ़कर लोगों का जीवन ही बदल गया। क्या बच्चा, क्या बड़ा, क्या बूढ़ा सभी संत रामपाल जी महाराज द्वारा लिखित पुस्तकें बड़े ही चाव से पढ़ते हैं।

मनुष्य जीवन के मूल उद्देश्य से अवगत कराना है इन अनमोल पुस्तकों का लक्ष्य?

संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा मानव कल्याणार्थ लिखित इन पुस्तकों को निशुल्क वितरित करने का उद्देश्य यह है कि “प्रत्येक मानव देहधारी व्यक्ति को यह ज्ञान हो सके कि परमात्मा कौन है, वह कहां रहता है, पृथ्वी पर कब और क्यों आता है, ब्रह्मा, विष्णु और शिव तीनों के माता-पिता कौन हैं? पूर्ण मोक्ष कैसे मिलता है इन सभी तथा अन्य प्रश्नों के उत्तर संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा लिखित पुस्तक ज्ञान गंगा में विस्तार से और प्रमाण सहित बताए गए हैं। इन पुस्तकों को पढ़ने के बाद कोई भी व्यक्ति आसानी से परमात्मा की पहचान कर सकता है तथा सतभक्ति करने का उद्देश्य समझ कर पूर्ण मोक्ष प्राप्त कर सकता है।” कलयुग का यह दौर जिसे भक्ति युग भी कहते हैं, इस समय में पूर्ण परमात्मा स्वयं धरती पर अपना ज्ञान देने आए हुए हैं और परमात्मा ही घर-घर तक अपनी लिखित पुस्तकें प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचा रहे हैं। अंत में यही कहेंगे कि समझदार को इशारा ही काफी होता है। आप भी संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा लिखित आध्यात्मिक पुस्तकें पढ़ें और अपने जीवन का मूल उद्देश्य समझें।

निशुल्क पुस्तक वितरण के बारे में योग्य प्रश्नोत्तरी (FAQ about Free Book Sewa)

Q. यह निशुल्क पुस्तकें किसके द्वारा वितरित की गईं?

Ans. संत रामपाल जी महाराज जी के मार्गदर्शन में संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों द्वारा इन पुस्तकों को निशुल्क वितरित किया गया।

Q. यह निःशुल्क पुस्तक वितरण समारोह कहाँ पर रखा गया था?

Ans. यह निशुल्क पुस्तक वितरण समारोह बिहार की मुजफ्फरपुर केंद्रीय जेल में रखा गया था।

Q. कुल कितनी पुस्तकें इस समारोह पर निशुल्क वितरित हुईं?

Ans. संत रामपाल जी महाराज जी के अनुयायियों द्वारा कैदियों सहित जेल अधीक्षक तथा प्रशासनिक कर्मचारियों को कुल 5000 पुस्तकें निशुल्क वितरित की गईं। 

Q. इन अनमोल पुस्तकों को निःशुल्क वितरित करने का उद्देश्य क्या है?

Ans. इन पुस्तकों को निःशुल्क वितरित करने का एकमात्र उद्देश्य है मानव समाज में व्याप्त पाखंडवाद, बुराइयों तथा पाप करने की वृत्ति को समाप्त कर जन-जन तक पूर्ण परमात्मा के ज्ञान को पहुंचाना तथा पूर्ण मोक्ष के मार्ग से अवगत कराना।

Q. कौन-कौन सी पुस्तकें मुजफ्फरपुर केंद्रीय जेल में निःशुल्क वितरित की गईं?

Ans. संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा लिखित ज्ञान गंगा तथा जीने की राह सहित कुल 5000 पुस्तकें निशुल्क वितरित की गई।

Latest articles

KVS & NVS Recruitment 2025: Apply Now at kvsangathan.nic.in; Exam on 10 & 11 January 2026

The Kendriya Vidyalaya Sangathan (KVS) and Navodaya Vidyalaya Samiti (NVS) have released their much-awaited...

राजस्थान के बहज गाँव में लौटी खुशियाँ, संत रामपाल जी महाराज ने 48 घंटों में किया कई सालों की बाढ़ का समाधान

डीग, राजस्थान: जहाँ एक ओर सरकारी तंत्र और प्रशासन की सुस्ती से किसान निराश...

संत रामपाल जी महाराज की ‘अन्नपूर्णा मुहिम’: भिवानी के धनाना गांव को बाढ़ के कहर से मुक्ति 

हरियाणा के भिवानी जिले के धनाना गांव में आई भीषण बाढ़ ने जब छह...

National Constitution Day 2025 [Hindi]: जानें 26 नवम्बर को, संविधान दिवस मनाए जाने का कारण, महत्व तथा इतिहास

National Constitution Day 2025 : 26 नवम्बर का दिन भारतीय लोकतंत्र के लिए एक...
spot_img

More like this

KVS & NVS Recruitment 2025: Apply Now at kvsangathan.nic.in; Exam on 10 & 11 January 2026

The Kendriya Vidyalaya Sangathan (KVS) and Navodaya Vidyalaya Samiti (NVS) have released their much-awaited...

राजस्थान के बहज गाँव में लौटी खुशियाँ, संत रामपाल जी महाराज ने 48 घंटों में किया कई सालों की बाढ़ का समाधान

डीग, राजस्थान: जहाँ एक ओर सरकारी तंत्र और प्रशासन की सुस्ती से किसान निराश...

संत रामपाल जी महाराज की ‘अन्नपूर्णा मुहिम’: भिवानी के धनाना गांव को बाढ़ के कहर से मुक्ति 

हरियाणा के भिवानी जिले के धनाना गांव में आई भीषण बाढ़ ने जब छह...