Punjab Flood 2025: भारत का “अन्न भंडार” कहे जाने वाला पंजाब अगस्त 2025 में एक अभूतपूर्व संकट से जूझ रहा है। लगातार भारी बारिश और पहाड़ों से आया पानी सतलुज, ब्यास और रावी नदियों को उफान पर ले आया है। परिणामस्वरूप 1,018 गाँव जलमग्न हो गए हैं, लगभग 3 लाख एकड़ फसलें पूरी तरह डूब चुकी हैं और अब तक 26 लोगों की जान जा चुकी है।
सरकार और बचाव एजेंसियाँ—एनडीआरएफ, सेना और BSF—दिन-रात राहत कार्यों में जुटी हैं। लोग राहत शिविरों में भोजन, कपड़े और दवाइयाँ पा रहे हैं। लेकिन सवाल उठता है—क्या केवल भौतिक सहायता ही काफी है? संत रामपाल जी महाराज बताते हैं कि सच्चा सहारा केवल पूर्ण परमात्मा की सद्भक्ति है।
Punjab Flood 2025 की ताज़ा स्थिति और असर
- पंजाब में आई यह बाढ़ 1988 के बाद की सबसे भयावह आपदा बताई जा रही है।
- 9 जिले गंभीर रूप से प्रभावित: गुरदासपुर, अमृतसर, तरनतारन, फाजिल्का, कपूरथला, फिरोजपुर, होशियारपुर, पठानकोट और बरनाला।
- गुरदासपुर (323 गाँव), कपूरथला (107 गाँव) और फिरोजपुर (101 गाँव) सबसे ज़्यादा प्रभावित।
- कुल 3 लाख एकड़ फसलें जलमग्न, जिनमें धान और मक्के की फसलें प्रमुख।
- अब तक 26 लोगों की मौत की पुष्टि, सैकड़ों लोग घायल।
राहत और बचाव कार्य
एनडीआरएफ, सेना, BSF और पंजाब पुलिस की संयुक्त टीमें नावों और हेलीकॉप्टरों की मदद से लोगों को बचा रही हैं।
- 11,330 लोग सुरक्षित निकाले गए।
- 77 राहत शिविर बनाए गए, जिनमें 4,729 लोग रह रहे हैं।
- फिरोजपुर सीमा पर पानी इतना बढ़ा कि तारबंदी तक डूब गई।
प्रशासनिक पहल और राजनीति
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्र सरकार से 60,000 करोड़ रुपये का रुका हुआ फंड जारी करने और प्रभावित किसानों को प्रति एकड़ 50,000 रुपये मुआवजा देने की मांग की है। साथ ही, बांध प्रबंधन को लेकर भी सवाल उठाए हैं। विपक्ष ने राहत कार्यों की धीमी रफ्तार पर आलोचना की है।
चुनौतियाँ
कई लोग राहत शिविरों में जाने से हिचक रहे हैं क्योंकि वे अपने मवेशी और सामान छोड़ना नहीं चाहते। गुरुद्वारे और स्वयंसेवी संगठन आगे बढ़कर भोजन और शरण उपलब्ध करा रहे हैं। सबसे बड़ी सेवा प्रसिद्ध समाजसेवी संत रामपाल जी महाराज के अनुयायी कर रहे हैं। पंजाब में राहत कार्य अन्नपूर्णा मुहिम अभियान और मुनिंदर धर्मार्थ ट्रस्ट के माध्यम से हुआ है।

पंजाब में संत रामपाल जी महाराज का राहत अभियान
पंजाब और हिमाचल प्रदेश में हाल ही में हुई भारी बारिश से कई इलाके बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। इस संकट की घड़ी में संत रामपाल जी महाराज ने पीड़ित परिवारों की मदद के लिए एक बड़ा राहत अभियान शुरू किया है। सतलोक आश्रम खमाणों और धूरी से जुड़े सेवादार प्रभावित क्षेत्रों में पहुँचकर राशन पैकेट, आवश्यक किट, तिरपाल और अन्य जरूरी सामान बाँट रहे हैं।
Also Read: अन्नपूर्णा मुहिम: गरीबी और भूख के विरुद्ध संत रामपाल जी महाराज की राष्ट्रव्यापी प्रेरणा
सतलोक आश्रम के वाहन दिन-रात सेवा में लगे हैं और प्रभावित लोगों को राहत सामग्री पहुँचाई जा रही है। पंजाब के बाढ़ पीड़ित जिलों के कई इलाकों में यह सेवा निरंतर चल रही है। आश्रम सेवादारों ने स्थानीय लोगों को संपर्क नंबर उपलब्ध कराए हैं ताकि ज़रूरत पड़ने पर तुरंत मदद पहुँचाई जा सके।
समाज सेवा की निरंतर परंपरा
संत रामपाल जी महाराज का यह कदम कोई नई पहल नहीं है। वे हमेशा से समाज सेवा, पीड़ित और असहाय लोगों की मदद को प्राथमिकता देते आए हैं। इससे पहले भी उनके मार्गदर्शन में हज़ारों दहेज रहित विवाह कराए गए हैं, अन्नपूर्णा अभियान के अंतर्गत भूखों को भोजन उपलब्ध कराया गया है, नशामुक्ति अभियान चलाए गए हैं और रक्तदान शिविरों का आयोजन कर हज़ारों यूनिट रक्त ज़रूरतमंदों तक पहुँचाया गया है।
प्रभावित ग्रामवासियों ने बताया कि इस कठिन समय में आश्रम की यह सहायता गाँववालों के लिए बड़ा सहारा है। इस अभियान से न केवल राहत सामग्री मिल रही है बल्कि समाज में सहयोग और करुणा का संदेश भी फैल रहा है।
संत रामपाल जी महाराज की शिक्षाएं
संत रामपाल जी महाराज कहते हैं—
“सच्चा सहारा केवल परमात्मा का नाम और सच्ची भक्ति है, जो हर मुश्किल में इंसान को मजबूत बनाती है।”यह आपदा हमें याद दिलाती है कि केवल भौतिक संसाधनों पर निर्भर रहना पर्याप्त नहीं है। आध्यात्मिक मार्ग अपनाकर ही हम मानसिक शांति, धैर्य और सही निर्णय लेने की क्षमता प्राप्त कर सकते हैं।
FAQs on Punjab Flood 2025
गुरदासपुर (323 गाँव), कपूरथला (107) और फिरोजपुर (101)।
करीब 3 लाख एकड़ धान और मक्का की फसलें बर्बाद हुई हैं।
करीब 11,330 लोगों को बचाकर सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया है।
मुख्यमंत्री ने केंद्र से 60,000 करोड़ रुपये फंड और किसानों को प्रति एकड़ 50,000 रुपये मुआवज़े की मांग की है।
कई लोग अपने मवेशियों और जरूरी सामान को छोड़ना नहीं चाहते, इसलिए छतों पर शरण ले रहे हैं।
सरकारी राहत फंड और NGO को दान देकर, खाद्य सामग्री, कपड़े और दवाइयाँ उपलब्ध कराकर।