PTET 2020 Result: राजस्थान प्री टीचर एजुकेशन टेस्ट 2020 ने अपने परिणाम घोषित कर दिए हैं। परिणाम आधिकारिक वेबसाइट पर जांचे जा सकते हैं। परीक्षा 16 सितम्बर को आयोजित की गई थी, जिसके परिणाम आज घोषित हो गए हैं।
PTET 2020 Result के मुख्य बिंदु
- PTET 2020 परीक्षाफल घोषित, आधिकारिक वेबसाइट पर करें चेक अपने परिणाम।
- 4 वर्षीय पाठ्यक्रम परीक्षा के लिये 1,90,000 उम्मीदवारों ने पंजीयन किया था जिसमें से लगभग 157000 छात्रों ने परीक्षा दी थी अर्थात कुल 82.86%, उम्मीदवार हुए परीक्षा में शामिल।
- PTET 2020 में मंजूरी प्राप्त छात्र चार वर्षीय पाठ्यक्रमों में एडमिशन ले सकेंगे। मेरिट के आधार पर सीटें आवंटित की जाएंगी।
- PTET 2020 वेबसाइट के अनुसार 5 अक्टूबर 2020 तक डेटा में परिवर्तन किया जा सकता है।
- जीवन की परीक्षा में सभी उम्मीदवारों का होगा फैसला। बाजी जीतना सच्चे गुरु के हाथ।
राजस्थान PTET 2020 के परिणाम (Result) हुए घोषित
राजस्थान प्री टीचर एजुकेशन परीक्षा 2020 के परिणाम घोषित हो चुके हैं। परीक्षा कोरोना वायरस के चलते स्थगित की गई थी जो कि 16 सितम्बर को आयोजित हुई थी जिसमें पंजीकृत उम्मीदवारों से कम यानी केवल 82.86% उम्मीदवार बैठे थे। 4 वर्षीय पाठ्यक्रमों के परीक्षाफल आज घोषित हो चुके हैं जिसे आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर जांचा जा सकता है।
कैसे जांचें आधिकारिक वेबसाइट पर अपना परिणाम
- सबसे पहले आधिकारिक वेबसाइट ptetdcb2020.com पर जाएं।
- परिणाम चेक करने वाली लिंक पर जाएं।
- दिए गए बॉक्स में अपना रोल नम्बर डालें। परिणाम स्क्रीन पर आ जायेगा।
- परिणाम डाउनलोड करके भविष्य में उपयोग के लिए रख लें।
क्या है PTET 2020?
राजस्थान PTET यानी प्री टीचर एजुकेशन टेस्ट एक राज्य स्तरीय परीक्षा है जो प्रति वर्ष बीएड और बीए/बीएससी में योग्य उम्मीदवारों के प्रवेश के लिए आयोजित की जाती है। इस टेस्ट में उत्तीर्ण उम्मीदवार 4 वर्षीय पाठ्यक्रम बीए-बीएड/ बीएससी-बीएड में प्रवेश ले सकते हैं। इससे स्नातक और बीएड एकसाथ होता है।
जीवन का टेस्ट कैसे होगा पास?
बड़ी साधारण सी धारणा है कि जीवन की परीक्षा में आमतौर पर जन्म लेना, शिक्षा प्राप्त करना, धन जोड़ना, विवाह उपरांत सन्तानोत्पत्ति करना और मर जाना है। ठीक यही कार्य पशु भी करते हैं। मानव का उद्देश्य है इस पांच तत्व के शरीर में मोक्ष प्राप्त करना और इस काल लोक की 84 लाख योनियों में से छुटकारा प्राप्त करना। यही मुख्य उद्देश्य लोग भूल हुए हैं और जिन्हें याद है वे केवल मंदिर जाकर, मूर्तिपूजा करके, नकली धर्मगुरुओं से कथाएं सुनकर अपने कर्तव्यों की इतिश्री समझते हैं।
जबकि गीता अध्याय 4 के श्लोक 34 में तत्वदर्शी सन्त की खोज करने के लिए कहा है एवं गीता अध्याय 16 के श्लोक 23 के अनुसार शास्त्रविरुद्ध साधना करने वालों की कोई गति नहीं होती। और इस तरह तत्वज्ञान को समझकर तत्वदर्शी सन्त से नामदीक्षा लेकर भक्ति करने वाले पास हुए और जो अपनी मनमुखी साधना में रहे वे अनुत्तीर्ण हुए परिणामस्वरूप 84 लाख योनियों में धक्के खाएंगे।
मोती मुक्ता दर्शत नाहीं, यह जग है सब अंध रे |
दीखत के दो नयन चिशम हैं, फिरा मोतिया बिंद रे ||
अर्थात कबीर साहेब जी कहते हैं कि जिस व्यक्ति को मोतियाबिंद हो उसकी आंखें देखकर लगता है कि वह स्पष्ट देख सकता है किंतु वास्तव में वह निपट अंधा होता है। यही दशा फ़र्ज़ी धर्मगुरुओं की है वे धाराप्रवाह संस्कृत बोलेंगे और अच्छी कथाएं मात्र सुनाएंगे लेकिन वास्तव में धर्मग्रंथों का इन्हें लेशमात्र ज्ञान नहीं होता।
पूर्ण गुरु करा सकता है इस जन्म की परीक्षा पास
लाख शास्त्र पढ़ लें, लाख दान-धर्म कर लें लेकिन यदि पूर्ण गुरु की शरण प्राप्त नहीं तो हासिल शून्य होगा।
वेद पढैं पर भेद ना जानें, बांचें पुराण अठारा |
पत्थर की पूजा करें, भूले सिरजनहारा ||
भक्ति सफल मात्र एक अविनाशी, सर्वशक्तिमान, सर्वोच्च परमात्मा कबीर साहेब की भक्ति से होगी किन्तु वह भी केवल पूर्ण तत्वदर्शी सन्त की शरण मे आने और सही नाम मन्त्र लेने से ही होगी। हमारे धर्मशास्त्रों में पूर्ण तत्वदर्शी सन्त की पहचान दी गई हैं। श्रीमद्भागवत गीता के अध्याय 15 के श्लोक 1 से 4 में भी पूर्ण तत्वदर्शी सन्त की पहचान है। वर्तमान में पूरे विश्व मे मात्र एक पूर्ण तत्वदर्शी सन्त रामपाल जी महाराज हैं। उनसे तत्वज्ञान समझकर नामदीक्षा लें और अपनी जीवन की परीक्षा में पास हों। अधिक जानकारी के लिए सतलोक आश्रम यूट्यूब चैनल विज़िट करें।