क्या आपने कभी सोचा है कि जब ईश्वर एक ही है, जैसे अल्लाह या भगवान, तो फिर अलग-अलग धर्मों में ईश्वर की छवि इतनी भिन्न क्यों है? हिंदू धर्म में देवी-देवताओं की पूजा का क्या कारण है? जबकि सभी धर्मों का दावा है कि ईश्वर एक ही है, यह प्रश्न एक रहस्य बना हुआ है। भारत में नए-नए गुरु सामने आते रहते हैं, लेकिन क्या इनमें से कोई भी इस प्रश्न का सटीक उत्तर दे सकता है?
इतिहास की गहराई में ऐसी रहस्यमयी घटनाएं घटित होती रहती हैं जो मानवता और विज्ञान की समझ से परे हैं। 13वीं सदी के महान सूफी संत ,रहस्यवादी कवि रूमी के साथ भी ऐसा ही एक रहस्यमय अनुभव हुआ। वह एक ऐसे महापुरुष की खोज में एक साल तक पागलों की तरह भटके, जिन्होंने अन्य महान संतों, जैसे गुरु नानक और हजरत मोहम्मद से भी मुलाकात की।
तो आखिरकार, वह महापुरुष कौन था? क्या इस बात के प्रमाण हैं कि इन महान संतों को वही महापुरुष मिले थे? फजाइल ए आमाल में छिपे रहस्यों की असली हकीकत क्या है?
आज हम संत रामपाल जी महाराज और मदनपंथी नितिन दास जी के विचारों की समीक्षा करेंगे। क्या ये संत इन रहस्यों को उजागर कर पाएंगे? पिछले दो हिस्सों में आपने देखा कि कैसे मदनपंथी नितिन दास अपने भ्रांतियों से लोगों को सत्य से दूर कर रहे हैं। कबीर साहेब की वाणियाँ स्पष्ट करती हैं कि मदनपंथ काल द्वारा प्रचलित एक पंथ है, और यही असली रंभदूत है।
हम इस वीडियो में नितिन दास की खोखली बातों का पर्दाफाश करेंगे और कई रहस्यों को उजागर करेंगे। सारनाम और सारशब्द की सच्चाई क्या है? 52 अक्षरों की उत्पत्ति से भी पहले का रहस्यमयी ज्ञान कौन सा है? और सबसे महत्वपूर्ण, पूर्ण परमात्मा का असली नाम क्या है जिसने इस सृष्टि की रचना की?
क्या आज भी ऐसे मंत्र मौजूद हैं जिनके जाप से कैंसर और AIDS जैसी बीमारियों का इलाज संभव हो सकता है?
इन सभी सवालों और रहस्यों के उत्तर जानने के लिए हमारे साथ जुड़े रहे ,देखिए यह वीडियो…..