Oxfam Report 2023 [Hindi]: अमीर व गरीब के बीच बढ़ी खाई, देश की 40.5% संपत्ति पर एक फीसदी अमीरों का कब्जा

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Oxfam Report 2023 [Hindi]: ऑक्सफैम इंडिया ने भारत में अमीरी-गरीबी का भेदभाव बताने वाली नई रिपोर्ट ‘सर्वाइवल ऑफ द रिचेस्ट: द इंडिया स्टोरी’ नाम से जारी की है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि महामारी के दौरान भारत में अमीर और अमीर हुए जबकि गरीब और गरीब हुए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि देश की 40% से ज्यादा संपत्ति पर एक फीसदी अमीरों का कब्जा है जबकि नीचे की 50% आबादी के पास देश की सिर्फ 3% संपत्ति है। वहीं महामारी के दौरान अमीरों की संपत्ति में हर मिनट लगभग 2.5 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ है। आइये जानते हैं ऑक्सफैम इंडिया की रिपोर्ट को विस्तार से तथा इस अमीरी व गरीबी का भेदभाव समाप्त करने वाली विचारधारा को जो समाज से भेदभाव को समाप्त कर एक कर रहे हैं।

Oxfam Report 2023 [Hindi]: मुख्य बिंदु

  • भारत में अमीरी-गरीबी का भेदभाव बताने वाली नई रिपोर्ट ऑक्सफैम इंडिया ने हाल ही में विश्व आर्थिक मंच की बैठक में पेश की है।
  • इस रिपोर्ट में बताया गया है कि देश के एक फीसदी अमीरों के पास देश की 40% से ज्यादा संपत्ति है।
  • महामारी शुरू होने से नवंबर 2022 तक अरबपतियों की संपत्ति में हर मिनट 2.5 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई।
  • भारत में अरबपतियों की संख्या 166 पहुँची।
  • विश्व प्रसिद्ध समाज सुधारक संत रामपाल जी महाराज की विचारधारा से अमीरी-गरीबी, ऊंच-नीच का भेदभाव हो रहा समाप्त।

ऑक्सफैम ने वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में पेश की असमानता पर रिपोर्ट

ऑक्सफैम (Oxfam) की ओर से विश्व आर्थिक मंच (World Economic Forum-WEF) की वार्षिक बैठक के पहले दिन यानी सोमवार को आर्थिक गैर-बराबरी को लेकर अपनी ताजा रिपोर्ट ‘सरवाईवल ऑफ़ द रिचस्ट: द इंडिया स्टोरी (Survival of the Richest: The India story)’ नाम से पेश की गई है। इस रिपोर्ट में ऑक्सफैम की ओर से कहा गया है कि भारत में शीर्ष एक फीसदी अमीरों का देश की 40% से ज्यादा संपत्ति पर कब्जा है जबकि नीचे की 50% आबादी के पास सिर्फ 3% संपत्ति है। साथ ही ऑक्सफैम की इस रिपोर्ट (Oxfam Report in Hindi) में आर्थिक गैर-बराबरी को दूर करने के लिए कुछ उपाय भी पेश किये गए हैं।

माल और वस्तु कर (GST) में अरबपतियों का सिर्फ 3% योगदान

ऑक्सफैम इंडिया की रिपोर्ट (Oxfam India Report) के मुताबिक देश में अरबपतियों की संख्या और उनकी संपत्ति में वृद्धि होने के बावजूद माल और वस्तु कर (जीएसटी) में उनका योगदान बेहद कम है। रिपोर्ट के अनुसार 2021-22 के दौरान भारत में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) के जरिए 14.83 लाख करोड़ रुपये इकट्ठा हुए। इसमें देश के नीचे के आर्थिक दृष्टि से सबसे कमजोर 50 फीसदी लोगों का योगदान 64%, बीच के 40 फीसदी लोगों का 33% हिस्सा रहा, जबकि 10 फीसदी में सबसे अमीर लोगों का सिर्फ 3% योगदान रहा।

रिपोर्ट में कहा गया है कि विश्व स्तर पर धनी वर्ग के लोगों को आय कर में पिछले 40 वर्ष में छूट दी गई है, जबकि जनसाधारण पर अप्रत्यक्ष कर का बोझ बढ़ा है। भारत में नीचे की 50 प्रतिशत जनसंख्या ऊपर की 10 प्रतिशत आबादी की तुलना में अपनी आय का छः गुणा अधिक अप्रत्यक्ष करों पर खर्च करती है।

महामारी के दौरान अरबपतियों की संपत्ति में 121% की वृद्धि

Oxfam Report in Hindi: ऑक्सफैम की रिपोर्ट में बताया गया है कि देश में कोरोना महामारी की शुरुआत से लेकर नवंबर 2022 तक भारत के अरबपतियों की सम्पत्तियों में 121% की वृद्धि हुई यानी उनकी संपत्ति प्रतिदिन 3,608 करोड़ रुपये बढ़ी है जो लगभग 2.5 करोड़ रुपये प्रति मिनट वृद्धि के बराबर है। जिसमें अकेले भारत के सबसे धनी व्यक्ति की संपत्ति में साल 2022 में 46 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। जबकि भूखे भारतीयों की संख्या 2018 में 19 करोड़ थी जो साल 2022 में बढ़कर 35 करोड़ हो गई है।

■ यह भी पढ़ें: International Day for the Eradication of Poverty 2022 (Hindi): संसार में दुख और गरीबी कैसे दूर होगी?

ऑक्सफैम इंडिया (Oxfam india Report) की नवीनतम रिपोर्ट (जो विश्व आर्थिक मंच के सम्मेलन – स्विटजरलैंड में पहले दिन रिलीज हुई) में बताया गया है कि भारत में अरबपतियों की संख्या जहां वर्ष 2020 में 102 थी वहीं साल 2022 में डेढ़ गुना बढ़कर 166 हो गई। भारत के 100 सबसे धनी लोगों की कुल संपत्ति 54 लाख करोड़ रुपए पहुंच गई, जिससे देश का 18 महीने का केन्द्रीय बजट बन सकता है।

Oxfam Report 2023 [Hindi]: विश्व स्तर पर गैर-बराबरी के आँकड़े

वर्ष 2020 से विश्व स्तर पर सबसे धनी एक फीसदी लोगों ने नई संपत्ति के दो-तिहाई हिस्से को प्राप्त किया है। यह विश्व के नीचे के 90 प्रतिशत जनसंख्या के हिस्से से छः गुणा अधिक है। वहीं विश्व स्तर पर अरबपतियों की संपत्ति 2.7 अरब डॉलर प्रतिदिन की दर से बढ़ रही है जबकि 1.7 अरब मजदूरों की आय में वृद्धि महंगाई से पिछड़ रही है।

पुरुषों की तुलना में महिलाओं को कम मिलते हैं पैसे

Oxfam Report in Hindi: जेंडर इनइक्वालिटी (लैंगिक असमानता) पर रिपोर्ट में कहा गया है कि महिला श्रमिकों को एक पुरुष श्रमिक के कमाए गए हर 1 रुपए के मुकाबले केवल 63 पैसे मिलते हैं। अनुसूचित जातियों और ग्रामीण श्रमिकों के लिए यह अंतर और भी ज्यादा है। जो वर्ग समाज में आगे है उसकी तुलना में अनुसूचित जातियों की कमाई केवल 55% है, जबकि ग्रामीण श्रमिकों की कमाई आधी यानी 50% है।

Oxfam Report 2023 [Hindi]: ऑक्सफैम इंटरनेशनल (Oxfam International) क्या है?

ऑक्सफैम इंटरनेशनल का गठन 1995 में स्वतंत्र गैर-सरकारी संगठनों के एक समूह द्वारा किया गया था जिसका ‘ऑक्सफैम’ नाम 1942 में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के शिक्षाविदों और समाजसेवियों द्वारा ब्रिटेन में स्थापित ऑक्सफोर्ड कमिटी फाॅर फेमिन रिलीफ (Oxford Committee for Famine Relief) से आया। यह संगठन आर्थिक और सामाजिक असमानता को कम करने के लिए काम करता है। ऑक्सफैम अंतर्राष्ट्रीय (Oxfam International) सचिवालय नैरोबी, केन्या में स्थित है। यह संगठन लगभग 70 देशों में काम कर रहा है। वहीं, ऑक्सफैम इंटरनेशनल कॉन्फेडरेशन के 21 सदस्य संगठन हैं।

क्या है ऑक्सफैम इंडिया (Oxfam India) ?

ऑक्सफैम पहली बार साल 1951 में भारत में बिहार के अकाल पीड़ितों की मदद के लिए भारत आया था। 2008 में, ऑक्सफैम इंडिया एक स्वतंत्र सहयोगी और एक भारतीय गैर-सरकारी संगठन बन गया और इसमें भारत के भीतर के कर्मचारी और बोर्ड के सदस्य हैं। ऑक्सफैम इंडिया (Oxfam India) दुनिया भर में 21 ऑक्सफैम के वैश्विक परिसंघ का सदस्य है। ऑक्सफैम इंडिया भारत में आर्थिक और सामाजिक असमानता को कम करने के लिए काम कर रहा है। जोकि समय-समय पर देश की माली और सामाजिक स्थिति पर अध्ययन रिपोर्ट जारी करता है। ऑक्सफैम इंडिया ने ‘सर्वाइवल ऑफ द रिचेस्ट: द इंडिया स्टोरी’ नाम से भारत में असमानता को दर्शाने वाली नई रिपोर्ट (Oxfam Report in India) जारी की है।

ऑक्सफैम की रिपोर्ट की कुछ अन्य महत्वपूर्ण बातें

  • ऑक्सफैम की रिपोर्ट (Oxfam Report in India) में कहा गया है कि अगर भारत के अरबपतियों की कुल दौलत पर महज 2% की दर से एक बार टैक्स लगा दिया जाए, तो भी देश में कुपोषण के शिकार लोगों को तीन साल तक पर्याप्त पोषण देने के लिए जरूरी 40,423 करोड़ रुपये जुटाए जा सकते हैं।
  • रिपोर्ट के मुताबिक, यदि देश के 10 सबसे अमीर अरबपतियों पर 5% का वन-टाइम टैक्स लगा दिया जाए तो 1.37 लाख करोड़ रुपये जुटाए जा सकते हैं। यह राशि वित्त वर्ष 2022-23 के लिए भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और आयुष मंत्रालय के अनुमानित कुल बजट के डेढ़ गुने से ज्यादा है।
  • ऑक्सफैम ने कहा, सिर्फ एक अरबपति गौतम अडानी की दौलत में 2017 से 2021 के दौरान जितना इजाफा हुआ है, अगर उस पर एक बार टैक्स लगा दिया जाए तो 1.79 लाख करोड़ रुपये जुटाए जा सकते हैं। यह धनराशि देश के 50 लाख से ज्यादा प्राइमरी स्कूल टीचर्स को एक साल का वेतन देने के लिए काफी है।
  • ऑक्सफैम इंडिया के सीईओ अमिताभ बेहर ने कहा “जहां देश भूख, महंगाई व स्वास्थ्य आपदाओं से जूझ रहा है, वहां भारत के अरबपति अच्छा कमा रहे हैं। अब समय आ गया है कि अमीरों पर टैक्स लगाया जाए।

असमानता को दूर करने के लिए सुझाव

  • सबसे धनी 1 प्रतिशत लोगों की संपत्ति पर कर
  • निर्धन व मध्यम वर्गीय लोगों पर कर का बोझ कम करना
  • स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार
  • शिक्षा में सुधार
  • मजदूरों की सुरक्षा व बेहतर स्थिति के लिए प्रयास

कैसे हो सकती है असमानता दूर?

ऑक्सफैम की रिपोर्ट भारत ही नहीं विश्व स्तर पर आर्थिक और सामाजिक असमानता को बयां कर रही है। इस असमानता को तत्वज्ञान (आध्यात्मिक ज्ञान) से दूर किया जा सकता है। क्योंकि तत्वज्ञान में सभी को बताया जाता है कि पुरुष-महिला, अमीर-गरीब, ऊंच-नीच, हिन्दू-मुस्लिम आदि सभी एक प्रभु की संतान हैं। अपने-अपने कर्मों के आधार पर व्यक्ति अमीर-गरीब बनता है। इसलिए सरकार को चाहिए कि बिना किसी भेदभाव के सभी के लिए समान नीतियाँ बनाना चाहिए।

संत रामपाल जी कर रहे असमानता की खाई को समाप्त

वर्तमान समय में विश्व प्रसिद्ध समाज सुधारक और जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज तत्वज्ञान बता रहे हैं और अमीर-गरीब, ऊंच-नीच, बेटा-बेटी, महिला-पुरुष, जाति, धर्म आदि के बीच फैली असमानता, भेदभाव को समाप्त कर सभी को एक समान अधिकार व सम्मान देने का ज्ञान दे रहे हैं। इसका जीता जागता उदाहरण आप जी को संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों या सतलोक आश्रमों में देखने को मिल जाएगा। जहां किसी भी प्रकार का ऊंच-नीच, अमीर-गरीब, जाति-धर्म का भेदभाव देखने को नहीं मिलता। क्योंकि संत रामपाल जी महाराज कहते हैं:- 

जीव हमारी जाति है, मानव धर्म हमारा। 
हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई, धर्म नहीं कोई न्यारा।।
हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई, आपस में हैं भाई-भाई।
आर्य, जैनी और बिश्नोई, एक प्रभु के बच्चे सोई।।
कबीरा खड़ा बाजार में, सब की माँगे खैर। 
ना काहूँ से दोस्ती, ना काहूँ से बैर।।

जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के अनमोल अद्वितीय सर्व शास्त्र प्रमाणित तत्वज्ञान को जानने के लिए आज ही Sant Rampal Ji Maharaj App Play Store से डाउनलोड करे और Sant Rampal Ji Maharaj YouTube Channel पर सत्संग देखें और चैनल को Subscribe करें।

Oxfam Report 2023 [Hindi]: FAQ

Q. ऑक्सफैम इंडिया द्वारा जारी असमानता रिपोर्ट का क्या है?

Ans. सर्वाइवल ऑफ द रिचेस्ट: द इंडिया स्टोरी

Q. ऑक्सफैम की शुरुआत कब हुई थी?

Ans. साल 1942 से

Q. समाज से असमानता कैसे दूर होगी?

Ans. तत्वज्ञान से

Q. देश व पूरे विश्व से असमानता को दूर कौन कर सकता है?

Ans. जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज

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