August 22, 2025

Oskar Sala Google Doodle : जानिए कौन थे ऑस्कर साला, जिनकी 112वीं जयंती पर गूगल ने बनाया डूडल 

Published on

spot_img

Oskar Sala Google Doodle: 18 जुलाई को जब आप सबने गूगल ओपन किया होगा तो आपको एक नया और खास डूडल (Google Doodle) दिखाई दिया होगा, जिसमें आपको कुछ संगीत उपकरण (music instruments) और एक शख्स नजर आ रहा होगा। अब आप सोच रहे होंगे कि गूगल ने आज यह जो डूडल बनाया है इसके पीछे का की वजह क्या है? और डूडल में दिखने वाला यह शख्स कौन है? यह शख्सियत कोई और नहीं, बल्कि जर्मन संगीतकार (Electronic Music Composer and Physicist) ऑस्कर साला थे जिनका डूडल बनाया गया और उनकी 112वीं जयंती (Oskar Sala’s 112th Birth Anniversary) पर उन्हें याद किया गया। आइए जानते हैं विस्तार से।

Oskar Sala Google Doodle Headlines : (मुख्य बिंदु )

  • 18 जुलाई, 2022 को गूगल ने डूडल बनाकर ऑस्कर साला को 112वां जन्मदिन मनाकर याद किया।
  • गूगल द्वारा बनाया गया एक विशिष्ट डूडल 
  • ऑस्कर साला को इलेक्ट्रॉनिक म्यूजिक का अग्रदूत माना जाता है
  • आध्यात्मिकता के अभाव में मनुष्य भूला है जीवन का विशिष्ट कार्य 

Oskar Sala Google Doodle: जानिए कौन थे ऑस्कर साला

ऑस्कर साला एक जर्मन इलेक्ट्रॉनिक संगीतकार और भौतिक विज्ञानी (Electronic Music Composer and Physicist) थे। ऑस्कर साला का जन्म सन 1910 में जर्मनी के ग्रीज नामक स्थान पर हुआ था। इनकी रूचि संगीत में जन्मजात मानी जाती है। ऑस्कर जी के माता-पिता भी संगीत से जुड़े रहे हैं। इनके पिता पॉल एक नेत्र रोग विशेषज्ञ थे और साथ ही इनकी माता एनेमेरी एक गायिका थीं। ऑस्कर ने बहुत ही कम उम्र में ही संगीत की दुनिया में अनेकों उपलब्धियां हासिल कर ली थीं। 26 जनवरी 2002 को बर्लिन में उन्होंने आखिरी सांस लीं

Oskar Sala Google Doodle | ऑस्कर साला को प्राप्त हैं कई सम्मान व उपलब्धियां

जर्मन संगीतकार और भौतिक विज्ञानी (Electronic Music Composer and Physicist) ने अपने काम के दम पर कई पुरस्कार जीते हैं, तथा कई उपलब्धियां अर्जित कीं। ऑस्कर साला को “वन-मैन ऑर्केस्ट्रा” के नाम से भी जाना जाता है। मिक्सर-ट्राउटोनियम के साथ-साथ क्वार्टेट-ट्रौटोनियम, कॉन्सर्ट ट्रौटोनियम और वोल्क्स्ट्राटोनियम के आविष्कार का श्रेय भी इन्हें ही जाता है। ऑस्कर साला ने बहुत से टेलीविजन, रेडियो, फिल्म आदि के लिए म्यूजिक बनाए।

■ Also Read | Rosa Bonheur Google Doodle: कौन थी रोजा बोनहेउर, जिन्हें गूगल ने डूडल बनाकर किया याद

ऑस्कर साला ने अपने उपकरण को कर दिया था दान

ऑस्कर साला को मिक्स्चर-ट्राउटोनियम (Mixture-Trautonium) का जनक कहा जाता है। इन्होंने इलेक्ट्रॉनिक म्यूजिक के दम पर खूब नाम कमाया। सन् 1995 में ऑस्कर साला ने अपने ओरिजनल मिक्स्चर-ट्रौटोनियम को जर्मन म्यूजियम फॉर कंटेम्पररी टेक्नोलॉजी को दान कर दिया था।

गूगल पर बनने वाला डूडल क्या है?

Oskar Sala Google Doodle | गूगल डूडल एक महत्वपूर्ण अस्थायी परिवर्तन है जो गूगल के होमपेज पर विशेष शख्सियतों, घटनाओं, और उपलब्धियों को प्रदर्शित करता है। पहला गूगल डूडल साल 1998 में बर्निंग मैन फेस्टिवल को लेकर बनाया गया था।

राम-नाम की धुन बिना जीवन है बिना राग का

यह नाशवान लोक दुःख का सागर है, यहाँ बिना राम नाम की धुन अर्थात बिना सतभक्ति के जीवन बर्बाद है। फिर भी मनुष्य समझ नहीं पा रहा है। संगीत-नृत्यगान, दिखावा-आडंबर एवं झूठी प्रशंसा के पीछे लगा है। यह मान-सम्मान हमें जन्म-मरण के चंगुल से नहीं छुड़वा सकता है।

जिस संसार में हम रह रहे हैं यहाँ पर कहीं पर भी सुख नजर नहीं आता और न ही है, क्योंकि यह लोक नाशवान है, इस लोक की हर वस्तु भी नाशवान है और इस लोक का राजा ब्रह्म काल है जो एक लाख मानव के सूक्ष्म शरीर को खाता है। उसने सब प्राणियों को कर्म-भर्म  व पाप-पुण्य रूपी जाल में उलझा कर तीन लोक के पिंजरे में कैद कर रखा है। यह सर्व सत्य हम केवल आध्यात्मिक ज्ञान के अनुसार ही समझ सकते हैं। 

राम-नाम रूपी धुन अर्थात सतनाम की शिक्षा-दीक्षा की प्राप्ति का मार्ग

वर्तमान समय में पूरे विश्व में एकमात्र केवल तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी ही एकमात्र ऐसे पूर्ण संत हैं जो वास्तविक तत्वज्ञान करा कर पूर्ण परमात्मा की पूजा आराधना बताते हैं। पूर्ण गुरु से नाम लेकर, मर्यादा में रहकर भक्ति साधना करने से प्राणी पूर्ण मोक्ष को प्राप्त करता है। समझदार को संकेत ही काफी होता है। फिर देरी किस बात की। सत्य को जानें और पहचान कर पूर्ण तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज से नामदीक्षा लेकर अपना जीवन कल्याण करवाएं। अन्यथा जीवन बिना राम-नाम की धुन अर्थात सतनाम के अधूरा रह जाएगा और अधिक जानकारी हेतु सतलोक आश्रम यूट्यूब चैनल पर सत्संग श्रवण करें।

Latest articles

OpenAI Sets Up India Unit, Plans First Office in New Delhi This Year

OpenAI has officially established its legal entity in India and commenced local hiring, marking...

पीएम-सीएम 30 दिन हिरासत में रहे तो जाएगी कुर्सी: संसद में अमित शाह पेश करेंगे 3 बड़े बिल, ऑनलाइन गेमिंग पर भी सख्त कार्रवाई

भारतीय लोकतंत्र में पहली बार ऐसा होने जा रहा है कि यदि प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री...

World Senior Citizens’ Day 2025: Why is it important to Serve Elderly People?

Last Updated on 19 August 2025 IST: World Senior Citizens' Day 2025 is a...
spot_img

More like this

OpenAI Sets Up India Unit, Plans First Office in New Delhi This Year

OpenAI has officially established its legal entity in India and commenced local hiring, marking...

पीएम-सीएम 30 दिन हिरासत में रहे तो जाएगी कुर्सी: संसद में अमित शाह पेश करेंगे 3 बड़े बिल, ऑनलाइन गेमिंग पर भी सख्त कार्रवाई

भारतीय लोकतंत्र में पहली बार ऐसा होने जा रहा है कि यदि प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री...