Muharram Video : मोहर्रम, इस्लामिक कैलेंडर हिजरी सम्वत का पहला महीना है। जिससे इस्लाम का नया वर्ष प्रारंभ होता है। इस महीने की दसवीं तारीख को रोज-ए-आशुरा कहा जाता है। इस दिन इस्लाम धर्म के श्रद्धालु हजरत इमाम हुसैन की शहादत के रूप में मोहर्रम का त्यौहार मनाते हैं। क्योंकि आज से 1342 वर्ष पूर्व 680 ईसवी में मुहर्रम महीने की 10वीं तारीख यानि रोज-ए-आशुरा के दिन पैगम्बर हजरत मुहम्मद के नवासे हज़रत इमाम हुसैन व उनके 72 सगे संबंधियों का कर्बला की जंग में कत्ल कर दिया गया था, जोकि इमाम हुसैन के 72 साथियों और खलीफा यजीद की भारी भरकम फ़ौज के बीज हुई थी। यहीं वजह है कि प्रत्येक वर्ष इस दिन इस्लाम धर्म के श्रद्धालु हज़रत इमाम हुसैन की शहादत को याद करते हुए मातम मनाते हैं, अपने शरीर को लहूलुहान कर लेते हैं, रोजा रखते हैं, ताजिया नामक जुलूस निकालते हैं। लेकिन क्या इन सभी क्रियाओं से अल्लाह मिल सकता है? क्या इस तरह लहूलुहान होने से अल्लाह खुश होता है? वह अल्लाहु अकबर कौन है जिसकी जानकारी प्राप्त करने के लिए कुरान शरीफ सूरत फुरकानी 25 आयत 59 में बाख़बर से प्राप्त करने के लिए कहा गया है? जानने के लिए देखिये वीडियो….
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