July 16, 2025

Morbi Bridge Collapse (Hindi): 191 से ज्यादा मौतें; 100 से अधिक घायल! आखिर क्या था पुल टूटने का कारण?

Published on

spot_img

Morbi Bridge Collapse Gujarat Hindi News Updated: गुजरात के मोरबी के लिए 30 अक्टूबर का दिन दुखद हो गया है। यहां पर मच्छू नदी के ऊपर झूला पुल टूटने का हादसा हुआ है। जिसमें करीब 400 लोग डूब गए हैं। इस घटना के बाद से बचाव कार्य जारी है। मोरबी में दिवाली की छुट्टियों के दौरान बड़ी संख्या में लोग सस्पेंशन ब्रिज के ऊपर से आ रहे थे। देर शाम लोगों की भीड़ लगने पर यह पुल दो भागों में टूट गया।  इस त्रासदी में बड़ी संख्या में लोग मारे गए है। जिसमें अब तक 191 शव निकाले जा चुके हैं। इनमें करीब 25 बच्चे भी शामिल हैं। कच्छ और राजकोट से तैराकों और राजकोट से 7 दमकल और 1 एसडीआरएफ की टीमों को रवाना किया गया है। जबकि गांधीनगर से एनडीआरएफ की दो टीमें भेजी गई हैं। 

कंट्रोल रूम और हेल्प लाइन नंबर 02822 243300 घोषित किया गया है।  केंद्र सरकार ने मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख और घायलों को 50-50 हजार की सहायता राशि देने का ऐलान किया है। वहीं इलाज के लिए राजकोट में अलग वार्ड बनाया गया है। फिलहाल 47 मृतकों की पहचान कर ली गई है और अन्य की पहचान की जा रही है। इस बीच मच्छु नदी में रात भर बचाव कार्य जारी रहा। यहां तक लिखा है कि यह कार्रवाई नदी तट पर चल रही है। रात में गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, गृह राज्य मंत्री हर्ष सांघवी भी स्थिति का जायजा लेने पहुंचे। उन्होंने व्यक्तिगत रूप से राहत और बचाव कार्यों की निगरानी की।

Morbi Bridge Collapse Hindi News: आखिर कैसे टूटा पुल?

मोरबी में पुल दुर्घटना में 140 से अधिक लोगों की मौत हो गई जबकि 100 से अधिक लोग घायल हो गए।  इस त्रासदी में मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। घायलों ने दावा किया कि पुल पर एक साथ 500 से 600 लोग सवार थे।  जानकारी के मुताबिक मोरबी के सस्पेंशन ब्रिज पर जाने के लिए 650 से ज्यादा लोगों को टिकट दिया गया। बच्चों के लिए 12 रुपये और वयस्कों के लिए 17 रुपये का टिकट लिया जा रहा था।

नगर पालिका के अधिकारी ने किया चौंका देने वाला खुलासा

Morbi Bridge Collapse Gujarat Hindi News | मोरबी नगर पालिका के मुख्य अधिकारी संदीप सिंह झाला ने मोरबी में झूलतापूल दुर्घटना का चौंकाने वाला खुलासा करते हुए कहा कि पुल का ठेका मिलने के बाद नगर पालिका के सत्यापन के बिना ही पुल को खोल दिया गया, इसलिए उन सभी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। रिनोवेशन के बाद बिना सत्यापन और सिस्टम के स्ट्रेंथ सर्टिफिकेट के पुल को खोल दिया गया। पुल कितना मजबूत है? बिना इसकी गुणवत्ता जांचे बिना सिस्टम को बताए पुल खोलने की इस घटना के बाद अब सिस्टम ने पुल के जीर्णोद्धार और मजबूती के सभी रिकॉर्ड जब्त करने की कार्रवाई शुरू कर दी है। मुख्य अधिकारी ने कहा कि यदि पुल निर्माण कार्य में लापरवाही पाई जाती है तो सभी जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

ब्रिज निर्माता कंपनी ऑरेवा का मालिक फरार

Morbi Bridge Collapse Hindi News | भले ही फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं लिया गया लेकिन ब्रिज शुरू कर कैश का कारोबार शुरू किया गया। ओरेवा नाम की कंपनी के मालिक अंडरग्राउंड हो गए हैं। सस्पेंशन ब्रिज के नवीनीकरण कार्य के साथ 15 साल के लिए इस ब्रिज को ओरेवा कंपनी को सौंप दिया गया था। ऑरेवा कंपनी ने दावा किया कि रेनोवेशन बहुत सावधानी से किया गया था। हादसे के इतने घंटे बाद भी ओरवा कंपनी के मालिक पकड़े नहीं गए हैं। स्थिरता रिपोर्ट प्रस्तुत किए जाने के बाद को छोड़कर पुल को चालू किया गया था। पुल की क्षमता से अधिक लोगों को टिकट बेचकर पुल पर जाने दिया जा रहा था। इस मामले में ऑरेवा कंपनी ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

■ Also Read | Delhi Mundka Fire News Update | दिल्ली के मुंडका में लगी भीषण आग, 29 लोगों की जलकर मृत्यु, कई लापता

इस घटना में गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया है। मोरबी बी डिवीजन पुलिस ने परोक्ष मकसद से हत्या के प्रयास के तहत मामला दर्ज किया है। धारा 304,308,114 के तहत अपराध दर्ज किया गया है। जूल ब्रिज प्रबंधन के प्रबंधक, रखरखाव टीम के प्रबंधक के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है। शिकायत में यह भी उल्लेख किया गया है कि पुल का उचित रखरखाव ठीक से नहीं किया गया है। मामले की जांच के लिए गुजरात सरकार ने पांच सदस्यीय कमेटी भी बनाई है। रेंज आईजी की अध्यक्षता में अपराध की जांच की जाएगी। हर शाम मुख्यमंत्री को जांच रिपोर्ट सौंपी जाएगी। 108–एंबुलेंस के कार्यक्रम प्रबंधक नीलेश भरपोड़ा ने बताया कि 108–एंबुलेंस से 130 से अधिक प्रभावित मरीजों को शिफ्ट किया गया है।

Morbi Bridge Collapse Hindi News: घायलों के लिए राजकोट में बनाया गया स्पेशल वार्ड

Morbi Bridge Collapse Gujarat Hindi News मोरबी में सस्पेंशन ब्रिज पर हुए हादसे के बाद कई एंबुलेंस मौके पर पहुंच चुकी हैं और बारी-बारी से घायलों को अस्पताल पहुंचाने में जुटी हैं। राजकोट सिविल अस्पताल में अलग वार्ड बनाया गया है। राजकोट में 10 से ज्यादा डॉक्टरों को खड़े रहने का आदेश दिया गया है। राजकोट की जिला प्रशासन व्यवस्था हरकत में आ गई है। पुलिस कर्मियों और राजस्व कर्मचारियों को भी मोरबी जाने का आदेश दिया गया है। अस्पताल का पूरा स्टाफ मरीजों के इलाज में लगा हुआ है। उधर, घायलों को राजकोट सिविल अस्पताल लाया जा रहा है। फिर 5 डॉक्टर और 25 नर्सिंग स्टाफ मोरबी के लिए रवाना हो गए हैं।

इस घटना के बाद से निजी और सरकारी अस्पतालों के अंदर का नजारा डरावना होने वाला है। कहीं लोग दर्द से कराह रहे हैं, कहीं चिल्ला रहे हैं तो कहीं लाशों की लकीरें हैं। सिविल अस्पताल में शवों के ढेर में परिजन अपने परिजनों की शिनाख्त करने के लिए पलंग से बिस्तर पर जा रहे हैं। वहीं, कुछ के परिजन अभी भी लापता हैं। बचाव दल उन्हें पानी में खोज रहा है।

सतगुरु शरण में आने से आई टले बला

पवित्र श्रीमद भगवद गीता के अध्याय 4 शलोक 35 और अध्याय 15 के श्लोक 1–4 के मुताबिक तत्वदर्शी संतों के पास अद्वितीय तत्वज्ञान होता है जिसको प्राप्त करने के बाद साधक केवल जरा और मरण से छुटकारा पाने का ही प्रयत्न करना है। जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी ने बताया है की,

सतगुरु शरण में आने से, आई टले बला।

जे मस्तक में सूली हो, तो कांटे में टल जा।।

पूर्ण सतगुरु की शरण में आने के बाद साधक को पूर्ण परमात्मा की सतभक्ति प्राप्त हो जाती है। सतभक्ति करने वाले साधक के प्रारब्ध में यदि उसकी मृत्यु भी लिखी हो तो वह भी टल जाती है। वर्तमान समय में केवल संत रामपाल जी महाराज जी ही पूरे विश्व में एकमात्र तत्वदर्शी संत है। पाठकों से निवेदन है कृपया आज ही अविलंब संत रामपाल जी से नि:शुल्क नाम दीक्षा प्राप्त करें और स्वयं को सतभक्ति से जोड़ें। अधिक जानकारी के लिए डाउनलोड करें “संत रामपाल जी महाराज” एंड्रॉयड एप

Latest articles

Kanwar Yatra 2025: The Spiritual Disconnect Between Tradition And Scriptures

Last Updated on 12 July 2025 IST | The world-renowned Hindu Kanwar Yatra festival...

कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra 2025): कांवड़ यात्रा की वह सच्चाई जिससे आप अभी तक अनजान है!

हिन्दू धर्म में प्रचलित मान्यताओं के अनुसार श्रावण (सावन) का महीना शिव जी को बहुत पसंद है, परन्तु इस बात का शास्त्रों में कोई प्रमाण नहीं है। श्रावण का महीना आते ही प्रतिवर्ष हजारों की तादाद में शिव भक्त कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra 2022 in HIndi) करते नजर आते हैं। पाठकों को यह जानना अत्यंत आवश्यक है कि क्या कांवड़ यात्रा रूपी साधना शास्त्र सम्मत है और इसे करने से कोई लाभ होता है या नहीं?

World Population Day 2025: The best time for world’s Population to Attain Salvation

Last Updated 09 July 2025, 1:16 PM IST | World Population Day 2025: Today...
spot_img

More like this

Kanwar Yatra 2025: The Spiritual Disconnect Between Tradition And Scriptures

Last Updated on 12 July 2025 IST | The world-renowned Hindu Kanwar Yatra festival...

कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra 2025): कांवड़ यात्रा की वह सच्चाई जिससे आप अभी तक अनजान है!

हिन्दू धर्म में प्रचलित मान्यताओं के अनुसार श्रावण (सावन) का महीना शिव जी को बहुत पसंद है, परन्तु इस बात का शास्त्रों में कोई प्रमाण नहीं है। श्रावण का महीना आते ही प्रतिवर्ष हजारों की तादाद में शिव भक्त कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra 2022 in HIndi) करते नजर आते हैं। पाठकों को यह जानना अत्यंत आवश्यक है कि क्या कांवड़ यात्रा रूपी साधना शास्त्र सम्मत है और इसे करने से कोई लाभ होता है या नहीं?