December 12, 2025

Moksh Video | पूर्णमोक्ष क्या है? मोक्ष की प्राप्ति कैसे हो सकती है?, देखें विडिओ

Published on

spot_img

Moksh Video | अनादि काल से ही मानव परम शांति, सुख तथा पूर्ण मोक्ष की खोज में लगा हुआ है। परंतु मानव की ये खोज पूर्ण नहीं हो पाई क्योंकि मोक्ष को लेकर हिंदू धर्म के गुरुओं, महंतों, मंडलेश्वरों, शंकराचार्यों तथा कथावाचकों के अलग-अलग विचार हैं। कोई कहता है कि मन में किसी प्रकार का भाव न रखना ही मोक्ष है तथा किसी ने कहा कि भगवान की कथा करने मात्र से मुक्ति हो जाती है। लेकिन शास्त्रों के अनुसार पूर्ण मोक्ष क्या है तथा कैसे प्राप्त हो सकता है? इसकी जानकारी हिन्दू साहेबानों को नहीं है।

जबकि गीता अध्याय 18 श्लोक 62 में गीता ज्ञान दाता ने स्पष्ट किया है कि उस परमेश्वर की शरण में जा, जिसकी कृपा से ही तू परम शांति तथा शाश्वत स्थान अर्थात सदा रहने वाले मोक्ष स्थल सत्यलोक प्राप्त होगा। यानि जहां जाने के बाद प्राणी जन्म-मृत्यु के दुष्चक्र में लौटकर नहीं आता। 

वहीं पवित्र गीता अध्याय 15 श्लोक 4 में कहा गया है

“ततः, पदम्, तत्, परिमार्गितव्यम्, यस्मिन्, गताः, न, निवर्तन्ति, भूयः,

तम्, एव्, च, आद्यम्, पुरुषम्, प्रपद्ये, यतः, प्रवृत्तिः, प्रसृता, पुराणी।।4।।”

अर्थात तत्वदर्शी संत की प्राप्ति के पश्चात् तत्वज्ञान रूपी शस्त्र से अज्ञान को काटकर अर्थात् अच्छी तरह ज्ञान समझकर, परमेश्वर के उस परमपद (सत्यलोक) की खोज करनी चाहिए। जहाँ जाने के पश्चात् साधक फिर लौटकर संसार में कभी नहीं आते अर्थात् उनका जन्म कभी नहीं होता। जिस परमात्मा ने सर्व सृष्टि को रचा है, केवल उसी की भक्ति पूजा करो। पूर्ण मोक्ष उसी को कहते हैं जिसकी प्राप्ति के पश्चात् पुनर्जन्म न हो अर्थात जन्म-मरण का दुष्चक्र सदा के लिए समाप्त हो जाए।

और गीता अध्याय 4 श्लोक 34 में गीता ज्ञान दाता ने कहा है की पूर्ण परमात्मा के ज्ञान व समाधान को जानने वाले तत्वदर्शी संत को भलीभाँति दण्डवत् प्रणाम करने से उनकी सेवा करने से और कपट छोड़कर सरलता पूर्वक प्रश्न करने से वे परमात्म तत्व को भली भाँति जानने वाले ज्ञानी महात्मा तुझे उस तत्वज्ञान का उपदेश करेंगे। जिसके माध्यम से शास्त्रानुकूल भक्ति साधना करने से साधक को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

वहीं आपको बता दें, वर्तमान समय में एकमात्र तत्वदर्शी संत, जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज हैं। जिनके सत्संग, तत्वज्ञान को सुन-समझकर मानव दीक्षा लेकर शास्त्रानुकूल साधना कर रहे हैं। जिसको करने से सांसारिक सुख, परम शांति तथा सबसे महत्वपूर्ण मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है। अन्यथा कहीं भी शास्त्रानुकूल साधना उपलब्ध नहीं है जिससे मोक्ष की प्राप्ति हो सके। मानव जीवन का सबसे महत्वपूर्ण उद्देश्य मोक्ष प्राप्त करना ही है जोकि संत रामपाल जी महाराज जी के बताए भक्ति विधि अनुसार ही संभव है।

Latest articles

बाढ़ से तबाह पटवापुर गांव में संत रामपाल जी महाराज की करुणा से लौटी नई उम्मीद

रोहतक जिले के पटवापुर गांव में आई बाढ़ ने किसानों की जिंदगी पलट कर...

संत रामपाल जी महाराज की कृपा से दिल्ली के कंझावला गाँव के किसानों को मिली लाखों की राहत

नई दिल्ली/कंझावला: दिल्ली के नॉर्थ वेस्ट जिले के कंझावला गांव के किसानों को बेमौसम...

Vijay Diwas 2025: History and Significance of the Bangladesh Liberation War 1971

Last Updated on 12 December 2025 IST: Swarnim Vijay Diwas: The nation unites together...

सरकारी मदद से निराश  हरियाणा के बरसी जाटान को संत रामपाल जी महाराज ने दिया ‘जीवनदान’

हरियाणा के भिवानी जिले के बरसी जाटान गांव की कहानी सिर्फ बाढ़ में डूबे...
spot_img

More like this

बाढ़ से तबाह पटवापुर गांव में संत रामपाल जी महाराज की करुणा से लौटी नई उम्मीद

रोहतक जिले के पटवापुर गांव में आई बाढ़ ने किसानों की जिंदगी पलट कर...

संत रामपाल जी महाराज की कृपा से दिल्ली के कंझावला गाँव के किसानों को मिली लाखों की राहत

नई दिल्ली/कंझावला: दिल्ली के नॉर्थ वेस्ट जिले के कंझावला गांव के किसानों को बेमौसम...

Vijay Diwas 2025: History and Significance of the Bangladesh Liberation War 1971

Last Updated on 12 December 2025 IST: Swarnim Vijay Diwas: The nation unites together...