भिवानी जिले के गुजरानी गांव में बाढ़ का पानी तबाही मचा रहा था। खेत डूब गए थे, घरों में गंदा पानी भर गया था, पीने का पानी दूषित हो चुका था। गांव का जलघर, जहां से पूरे गांव की पेयजल आपूर्ति होती है, 8 से 10 फुट गंदे पानी में डूब गया था। महामारी फैलने का खतरा मंडरा रहा था। प्रशासन ने कुछ मोटरें दीं लेकिन वे केवल पास की नालियों में पानी डाल रही थीं, जो पहले ही ओवरफ्लो होकर दूसरे गांवों को संकट में डाल रही थीं।
रामपाल जी महाराज से मदद की गुहार
पंचायत प्रतिनिधि विजय शर्मा ने बताया – “पांच दिन से हमारी एक मोटर भी नहीं चल पाई। प्रशासन ने मदद की, लेकिन उससे गांव का पानी निकलना असंभव था।”

जब हर तरफ से निराशा हाथ लगी, तब ग्राम पंचायत ने संत रामपाल जी महाराज से मदद की गुहार लगाई। उन्होंने 20 हॉर्स पावर की दो मोटरें और 14,000 फुट पाइप की मांग की।
सिर्फ 24 घंटे में राहत सामग्री पहुँची

संत रामपाल जी महाराज की दया ऐसी रही कि मात्र 24 घंटे में ट्रकों पर भरी राहत सामग्री गुजरानी गांव पहुँच गई। सेवादारों ने मोटरें, पाइप, केबल और अन्य आवश्यक सामान ग्रामीणों को सौंपा। गांव वालों ने कहा –
- “यदि संत रामपाल जी महाराज की मदद न मिलती, तो हमारा गांव आज भी डूबा होता।”
- “हमारा जलघर, हमारी फसलें, और हमारी जान – सब डूब रही थीं। लेकिन संत जी ने बचा लिया।”
गांव वालों ने की सराहना
एक बुजुर्ग ग्रामीण ने भावुक होकर कहा – “इतनी जल्दी तो आर्मी भी मदद नहीं पहुंचाती। सरकार तो बिल्कुल असफल रही। लेकिन संत रामपाल जी महाराज ने दो दिन में हमारा उद्धार कर दिया। हमारे लिए ये परमात्मा हैं।”
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गांव की महिलाएं और बच्चे खुशी से झूम उठे। स्कूल में पानी भरा था, बच्चों की पढ़ाई बंद थी। अब उम्मीद जगी कि वे जल्द सामान्य जीवन जी पाएंगे।
मानवता और भक्ति का संगम
यह सेवा निःशुल्क थी। न कोई राजनीतिक स्वार्थ, न कोई दिखावा। केवल एक सच्चे संत की करुणा और मानवता। संत रामपाल जी महाराज न केवल बाढ़ राहत भेजते हैं बल्कि समाज में व्याप्त बुराइयों – दहेज, नशा, अंधविश्वास और पाखंड – को भी समाप्त करने का संदेश देते हैं।
उनकी शिक्षा है कि सच्ची भक्ति केवल पूजा-पाठ तक सीमित नहीं, बल्कि मानवता की सेवा में झलकती है।
संत रामपाल जी महाराज ने किया बाढ़ का स्थायी समाधान
गांव वालों को निर्देश दिया गया कि मोटरों और पाइपों को स्थायी रूप से लगा दें ताकि भविष्य में फिर कभी गांव पानी में न डूबे। इस प्रकार, संत रामपाल जी महाराज ने न केवल तत्काल संकट का समाधान किया, बल्कि ग्रामीणों को भविष्य के लिए भी सुरक्षित कर दिया।
संत रामपाल जी महाराज ही पूर्ण संत हैं
गुजरानी पंचायत ने ऐलान किया – “आज से हमारा पूरा गांव संत रामपाल जी महाराज का हो गया।”
इस घटना ने यह सिद्ध कर दिया कि जब सरकारें असफल होती हैं, तब परमात्मा अपने सच्चे संत को भेजता है। आज के युग में संत रामपाल जी महाराज वही संत हैं, जो मानवता को जीवनदान दे रहे हैं और साथ ही मोक्ष का मार्ग भी दिखा रहे हैं।