March 22, 2025

98 की उम्र में महाशय धर्मपाल गुलाटी का निधन, ज़िदगी के वास्तविक लक्ष्य को नही कर सके पूरा

Published on

spot_img

Mahashay Dharampal Gulati Death News: महाशय धर्मपाल गुलाटी का गुरुवार को निधन हो गया है वे 98 वर्ष के थे। दो हजार करोड़ रुपये बाजार मूल्य के महाशियन दि हट्टी (MDH) ग्रुप के मालिक गुलाटी पिछले वर्ष पद्म भूषण से सम्मानित किये गए थे। आइए जानते हैं सतभक्ति किये बिना सेवाभावी और कर्मयोगी को भी मोक्ष क्यों नहीं मिलता?

महाशय धर्मपाल गुलाटी (Mahashay Dharampal Gulati): मुख्य बिन्दु

• महाशय धर्मपाल गुलाटी का गुरुवार को 98 वर्ष की आयु में हुआ निधन
• एक सच्चे दानी जरूरतमंदों की सेवा को तत्पर थे
• 62 उत्पादों के साथ एमडीएच देश की सबसे बड़ी मसाला कम्पनी है
• सेवाभावी और कर्मयोगी को भी सतभक्ति किये बिना मोक्ष नहीं मिलता

धरमपाल गुलाटी का प्रारम्भिक जीवन

धरमपाल गुलाटी का जन्म 27 मार्च, 1923 को अखंड भारत के स्यालकोट में हुआ था। 1947 में हुए देश के विभाजन के समय धरमपाल अपनी जान बचाकर जब भारत में आए तब उनके पास केवल 1,500 रुपये ही थे। भारत आकर वे शरणार्थी शिविर में रहे। उन्होंने अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए दिल्ली में तांगा चलाना शुरू किया। लेकिन यह व्यवसाय उन्हें लंबे समय नहीं भाया और उन्होंने दिल्ली के करोल बाग में मसाले की दुकान किराए पर लेकर खोल ली।

तांगे वाले से सफल उद्योगपति तक का सफर

उनकी स्कूली शिक्षा केवल 5 वीं कक्षा तक ही थी लेकिन धरमपाल गुलाटी को व्यावहारिक ज्ञान की बहुत समझ थी। उन्होंने अपनी दुकान पर मसालों को बेचने के साथ विभिन्न व्यंजन में प्रयोग किए जाने मसालों का मिश्रण बनाकर बेचना प्रारंभ कर दिया।

उनका यह प्रयोग इतना सफल रहा कि उनका एक के बाद एक फैक्ट्री खोलने का सिलसिला चलता रहा। उनके तैयार किए गए मसालों के मिश्रण की मांग पूरे भारत और विदेशों तक बढ़ी। आज उनकी भारत और दुबई में 18 फैक्ट्रियां हैं। एमडीएच मसाले दुनियाभर में पसंद किये जाते हैं।

महाशय धर्मपाल गुलाटी (Mahashay Dharampal Gulati): किसी कार्य को करने में नहीं थी झिझक

धरमपाल गुलाटी को मसाले निर्माण के साथ बाजार का भी व्यवहारिक ज्ञान था। वे जिस जगह भी माल बेचना चाहते थे वहाँ दीवारों पर MDH मसालों के इश्तेहार लगवाते थे और स्वयं अपने ही लोगों को ग्राहक बनाकर दुकानों पर भेजते थे जो दुकानदार से MDH मसालों की मांग करते थे। तत्पश्चात उनके बिक्री कर्ता दुकानों पर जाकर अपने उत्पादों के बारे में जानकारी देते थे। एमडीएच 62 उत्पादों के साथ देश की सबसे बड़ी मसाला कम्पनी है।

Mahashay Dharampal Gulati एक संतुलित व्यक्तित्व

कारोबार के बढ़ जाने के बावजूद धरमपाल गुलाटी ने अपनी दिनचर्या को बहुत संतुलित रखा। वे रात को जल्दी सो जाते और तड़के चार बजे उठ जाते देते थे। प्रत्येक दिन व्यायाम और नाश्ता कर लेने के बाद वे टहलने के लिए जाते थे। इसी प्रकार प्रत्येक सायं काल वह खाना खाने के बाद भी टहलने जाते थे।

■ यह भी पढ़ें: Tarun Gogoi News: नही रहे असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई, तत्वज्ञान से रह गए वंचित 

गुलाटी जी बताते थे कि उनकी लंबी आयु का राज कम खाने और नियमित व्यायाम में छिपा है। वे अपने सफेद दांत दिखा कर बताते थे, ‘मैं बूढ़ा नहीं, जवान हूं। वे अपने मसालों का खुद विज्ञापन करते थे और कहते थे मैं क्या किसी हीरो से कम हूँ।

महाशय धर्मपाल गुलाटी: सफल व्यवसायी के साथ सच्चे समाज सेवक भी

महाशय जी पूरी दुनिया में ‘किंग ऑफ़ स्पाइस’ माने जाते थे। वे एक सफल व्यवसायी के साथ ही एक सच्चे दानी भी थे और पूरी निष्ठा के साथ जरूरतमंदों की सेवा को तत्पर रहते थे। उन्होंने अस्पताल, 15 विद्यालय एवं कई अन्य सामाजिक संस्थाए चलाई हैं। वे गाय की सेवा प्रचार प्रसार में तन मन धन से सहयोग देते थे।

क्या मोक्ष प्राप्त करने के लिए सेवाभावी और कर्मयोगी होना काफी है?

बिल्कुल नहीं, केवल सेवाभावी और कर्मयोगी होने से मोक्ष नहीं मिलता। हाँ इतना अवश्य है कि अगले जन्म में स्वर्ग की प्राप्ति हो या सुखों की प्राप्ति हो। पूर्ण मोक्ष प्राप्त करने के लिए वेदों और गीता के अनुसार सतभक्ति का करना आवश्यक है। ऐसा करने के लिए पूर्ण ब्रह्म परमात्मा कबीर साहेब द्वारा बताए और तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज द्वारा दिए गए सत साधना करने से मर्यादा का पालन करने से सतलोक प्राप्त होता है जहां जाने के बाद जन्म नहीं होता।

पूर्ण संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेकर पूर्ण मोक्ष प्राप्त करें

सतलोक आश्रम यूट्यूब चैनल पर सतज्ञान को जानकर जीने की राह पवित्र पुस्तक को पढ़कर संत रामपाल जी द्वारा दिए गए दिव्य ज्ञान को जानकर सतगुरुदेव से नाम दीक्षा ग्रहण करें। सतसाधना पूरे विधान और मर्यादा में रहकर करने से सर्व सुख और अंत समय में पूर्ण मोक्ष प्राप्त होगा।

Latest articles

Shaheed Diwas 2025 [Hindi]: भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव के बलिदान की गूंज

Last Updated on 21 March 2025 IST: Shaheed Diwas 2025: 23 मार्च, 1931 को...

World Forestry Day 2025: Know about the Best Way to Make the Planet Green

Last Updated on 19 March 2025 IST: Every year on March 21, people worldwide...

World Water Day 2025: Glacier Preservation For A Sustainable Future

Last Updated on 18 March 2025 IST: World Water Day honors water while raising...

International Day of Happiness 2025: Know the Way To Attain Ultimate Peace and Happiness

Last Updated on 20 March 2025 IST: The International Day of Happiness recognizes that...
spot_img

More like this

Shaheed Diwas 2025 [Hindi]: भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव के बलिदान की गूंज

Last Updated on 21 March 2025 IST: Shaheed Diwas 2025: 23 मार्च, 1931 को...

World Forestry Day 2025: Know about the Best Way to Make the Planet Green

Last Updated on 19 March 2025 IST: Every year on March 21, people worldwide...

World Water Day 2025: Glacier Preservation For A Sustainable Future

Last Updated on 18 March 2025 IST: World Water Day honors water while raising...