महाराष्ट्र Hindi News: 8 मार्च को महाराष्ट्र के जालना में जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपालजी महाराज का विशाल सत्संग आयोजन किया गया जिसमें रक्तदान शिविर समारोह, अंतर्जातीय सामूहिक दहेज रहित विवाह, तथा अन्य सामाज सुधार के कार्य संपन्न हुए.
क्या था इस विशाल सत्संग का मुख्य उदेश्य?
इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य समाज में व्याप्त सामाजिक व धार्मिक कुरीतियों (जैसे नशा मुक्ति, कन्या भ्रूण हत्या बंद करना, रक्तदान एवं देहदान प्रेरणा, भ्रष्टाचार मुक्त समाज निर्माण, जाति-पाति छुआछूत भेदभाव मिटाना, दहेज मुक्ति, पाखंडवाद को जड़ से समाप्त करना) का अंत कर शांति और भाई चारा स्थापित करना था।
आयोजन की संक्षिप्त जानकारी
इस समागम में पूरे महाराष्ट्र राज्य से संत रामपाल जी महाराज के 25000 से अधिक अनुयायियों ने भाग लिया जिसमे 2500 अनुयायी स्वयं सेवक की भूमिका में थे । दहेज मुक्त बिना बैंड बाजे के 17 अन्तर्जातीय विवाह मात्र 17 मिनट में सम्पन्न किये गए। इस अवसर पर 500 से अधिक अनुयायियों ने रक्तदान किया। सभी आगंतुकों के लिए भोजन भंडारे की समुचित व्यवस्था थी । कार्यक्रम में संत रामपाल जी महाराज द्वारा लिखित आध्यात्मिक पुस्तक ज्ञान गंगा सहित अन्य पुस्तकें एवं सत्संग की दृश्य-श्रवण सामग्री भी वितरित की गई।
तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के सतज्ञान को सुन और समझ कर अनेकों आगंतुकों ने समाज में फैली सभी प्रकार की कुरीतियों व विकारों को त्यागने का संकल्प लेकर उनसे निशुल्क नामदीक्षा ग्रहण की। समागम से पहले एक सप्ताह स्वयंसेवकों ने घर घर जाकर पूरे जालना जनपद में प्रचार प्रसार किया।