जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में मचैल माता मंदिर यात्रा मार्ग पर स्थित चशोती गांव में आज दोपहर बादल फटने की घटना सामने आई है। इस घटना में अब तक 38 लोगों की मौत की आशंका जताई जा रही है, जबकि कई लोग फंसे हुए हैं।
आपदा के समय यात्रा पर जुटे थे श्रद्धालु
यह भीषण आपदा दोपहर 12 से 1 बजे के बीच उस समय घटी, जब बड़ी संख्या में श्रद्धालु मचैल माता यात्रा के लिए चशोती गांव में एकत्रित हुए थे। यह गांव मचैल मंदिर यात्रा मार्ग पर स्थित है, जहाँ से मंदिर तक की 8.5 किलोमीटर लंबी पैदल यात्रा शुरू होती है। अचानक बादल फटने से चारों ओर अफरा-तफरी मच गई।
कई शव बरामद, मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका
अधिकारियों ने बताया है कि अब तक कई शव बरामद किए जा चुके हैं, और मृतकों की संख्या और बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। राहत और बचाव दल लगातार खोज अभियान में जुटा हुआ है। चशोती गांव 9,500 फीट की ऊँचाई पर स्थित है और किश्तवाड़ शहर से लगभग 90 किलोमीटर दूर है।
घटना पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने जताई संवेदना
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने किश्तवाड़ में हुए इस दुखद हादसे पर एक्स (पूर्व ट्विटर) के माध्यम से अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए उन्होंने लिखा,
“जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में बादल फटने की घटना में कई लोगों की मृत्यु का समाचार अत्यंत दुःखद है। मैं शोकाकुल परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त करती हूं और राहत तथा बचाव कार्य में सफलता की कामना करती हूं।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संदेश (X पोस्ट)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हाल ही में X (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट किया गया संदेश है, जिसे हिंदी में प्रस्तुत किया गया है:
“मेरी संवेदनाएँ और प्रार्थनाएँ किश्तवाड़, जम्मू और कश्मीर में हुई बादल फटने और बाढ़ की घटना से प्रभावित सभी लोगों के साथ हैं। स्थिति पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। बचाव व राहत कार्य जारी हैं। ज़रूरतमंदों को हर संभव सहायता दी जाएगी।”
प्रशासन की त्वरित प्रतिक्रिया
प्रशासन ने तुरंत बचाव दल को मौके पर भेजा और राहत कार्य जारी है। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने घटना की जानकारी मिलते ही किश्तवाड़ के जिला उपायुक्त से संपर्क किया और हालात का जायजा लिया।
मचैल माता मंदिर यात्रा
मचैल माता मंदिर यात्रा जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के पाडर क्षेत्र में स्थित मचैल माता मंदिर तक जाने वाला धार्मिक मार्ग है। हर साल देशभर से लाखों श्रद्धालु इस यात्रा में शामिल होते हैं। यह यात्रा 25 जुलाई से 5 सितंबर तक चलती है।
बचाव कार्य
बचाव कार्य में स्थानीय प्रशासन के साथ पुलिस, सेना, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की टीमें भी जुटी हुई हैं। प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य तेजी से चलाए जा रहे हैं। आपको आगे की खबरों से अवगत कराते रहेंगे।
प्रत्यक्षदर्शियों की आपबीती
चशोती गांव के स्थानीय निवासियों और श्रद्धालुओं ने बताया कि घटना के समय अचानक तेज बारिश शुरू हुई और कुछ ही पलों में पानी का बहाव बहुत तेज हो गया। लोगों को संभलने का मौका तक नहीं मिला। कई तंबू और अस्थायी ढांचे बह गए। मौके पर मौजूद एक श्रद्धालु ने बताया, “हमने केवल चीख-पुकार सुनी और सब कुछ पानी में समा गया।” प्रत्यक्षदर्शियों की इन आपबीती घटनाओं ने प्रशासन और श्रद्धालुओं में गहरा डर और चिंता पैदा कर दी है।
मौसम विभाग की चेतावनी और सतर्कता उपाय
मौसम विभाग ने पहाड़ी क्षेत्रों में भारी वर्षा की संभावना जताई थी और स्थानीय प्रशासन को पहले से अलर्ट किया गया था। इसके बावजूद इस स्तर की आपदा की आशंका नहीं थी। प्रशासन ने अब यात्रा मार्ग पर अतिरिक्त सतर्कता बरतने और संवेदनशील क्षेत्रों में निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। आगामी दिनों में यात्रा के लिए मौसम की स्थिति पर विशेष नजर रखी जाएगी।
श्रद्धालुओं से अपील
प्रशासन और मंदिर प्रबंधन समिति ने सभी श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे मौसम की जानकारी प्राप्त किए बिना यात्रा न करें। साथ ही, स्थानीय अधिकारियों के निर्देशों का पालन करें और समूह में यात्रा करें। जिन लोगों ने यात्रा की योजना बनाई है, वे फिलहाल के लिए कुछ दिन इंतजार करें ताकि हालात सामान्य हो सकें।
माता का हृदय कब होता है प्रसन्न
इस पूरे ब्रह्मांड में जितने भी जीव हैं माँ दुर्गा/ जगदंबा/ अष्टांगी/ आदि शक्ति/ आदि माया उन सब की जननी है। माँ कभी नहीं चाहेगी कि मेरे प्यारे बच्चों को किसी प्रकार का कोई भी कष्ट हो और मृत्यु तो बहुत ही भयानक कष्ट है। माँ अपने बच्चों की खुशी के लिए सब कुछ न्योछावर कर देती है। वास्तविक सत्य साधना आज वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज ही बता रहे हैं। यह वही सत्य साधना है जिससे माँ अत्यंत प्रसन्न होती हैं और अपने बच्चों की रक्षा के लिए दौड़ी चली आती हैं। अधिक जानकारी के लिए देखिए साधना टीवी प्रतिदिन शाम साढ़े सात बजे।
FAQs: किश्तवाड़ में बादल फटने की घटना
1. कहां बादल फटने की घटना हुई है?
उत्तर: जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में मचैल माता मंदिर यात्रा मार्ग पर स्थित चशोती गांव में।
2. इस घटना में कितने लोगों की मौत की आशंका है?
उत्तर: अब तक 38 लोगों की मौत की आशंका जताई जा रही है।
3. क्या लोग अभी भी फंसे हुए हैं?
उत्तर: हां, कई लोग अभी भी फंसे हुए हैं, जिनके लिए बचाव कार्य जारी है।
4. राहत और बचाव कार्य कौन-कौन कर रहा है?
उत्तर: स्थानीय प्रशासन, सेना, पुलिस, एनडीआरएफ (NDRF) और एसडीआरएफ (SDRF) की टीमें राहत व बचाव कार्य में लगी हुई हैं।
5. मचैल माता यात्रा क्या है और कब होती है?
उत्तर: मचैल माता यात्रा एक धार्मिक यात्रा है जो किश्तवाड़ जिले के पाडर क्षेत्र में स्थित मचैल माता मंदिर तक जाती है। यह यात्रा हर साल 25 जुलाई से 5 सितंबर तक चलती है।
6. क्या इस घटना का असर मचैल यात्रा पर पड़ा है?
उत्तर: प्रशासन द्वारा यात्रा मार्ग पर सुरक्षा और राहत उपाय तेज़ कर दिए गए हैं, और स्थिति का मूल्यांकन जारी है। यात्रा पर अस्थायी असर संभव है।
7. संत रामपाल जी महाराज का इस संदर्भ में क्या संदेश है?
उत्तर: संत रामपाल जी महाराज बताते हैं कि माँ दुर्गा की वास्तविक सत्य साधना से माँ प्रसन्न होती हैं और भक्तों की रक्षा करती हैं। ऐसी आपदाओं से बचाव हेतु सत्य भक्ति करना आवश्यक है।