किनाला (हिसार): हरियाणा के हिसार जिले के किनाला गांव में बाढ़ के पानी ने भारी तबाही मचाई है, जहाँ 90% से अधिक फसलें बर्बाद हो चुकी हैं। पीने के पानी का संकट गहरा गया था, और आवागमन भी बाधित हो गया था। ग्रामीणों ने प्रशासन से मदद की उम्मीद की थी, लेकिन सीमित संसाधनों के कारण प्रशासन भी पूरी तरह से सहायता पहुँचाने में असमर्थ रहा।
बाढ़ का प्रकोप और निराशा की स्थिति
गाँव किनाला, तहसील उकलाना, जिला हिसार के जिला पार्षद कर्मकेश कुंडू जी, सरपंच हरदीप सिंह जी और ब्लॉक समिति अध्यक्ष बेलीराम जी के नेतृत्व में पूरी पंचायत ने संत रामपाल जी महाराज से मदद की गुहार लगाई थी।

उनकी प्रार्थना के परिणामस्वरूप, 24 घंटे के भीतर ही आवश्यक बाढ़ राहत सामग्री गाँव में पहुँच गई, जिससे ग्रामीण बेहद प्रसन्न हैं। निराशा की इस घड़ी में, ग्रामीणों ने अन्य बाढ़ प्रभावित गाँवों जैसे लितानी और बधावड़ में संत रामपाल जी महाराज के राहत कार्यों को देखा, जिससे उनमें एक नई आशा का संचार हुआ।
संत रामपाल जी महाराज की त्वरित सहायता

जैसे ही किनाला पंचायत की ओर से संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों को प्रार्थना पत्र प्राप्त हुआ, संत रामपाल जी महाराज ने तत्काल कार्रवाई का आदेश दिया। मात्र 24 घंटे के भीतर, राहत सामग्री से भरे कई ट्रक किनाला गाँव पहुँच गए। इस सामग्री में 35,000 फुट 8 इंची पाइपलाइन, 15 हॉर्स पावर की 5 बड़ी मोटरें, और मोटर्स व पाइप के इंस्टॉलेशन के लिए सभी आवश्यक सहायक उपकरण शामिल थे। यह सहायता उन किसानों के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं थी, जिनकी फसलें पानी में डूब चुकी थीं और भविष्य अंधकारमय लग रहा था।
ग्रामीणों का आभार और भविष्य की आशा
किनाला गाँव में बाढ़ के कारण उत्पन्न हुई विकट स्थिति से जूझ रहे ग्रामीणों को संत रामपाल जी महाराज की “अन्नपूर्णा मुहिम” के तहत बड़ी राहत मिली है। जिला पार्षद कर्मकेश कुंडू जी ने बताया कि यह मदद केवल पानी निकालने का साधन नहीं, बल्कि उनके लिए एक नया जीवन है, क्योंकि वे पूरी तरह से निराश हो चुके थे। सरपंच हरदीप सिंह जी और ब्लॉक समिति अध्यक्ष बेलीराम जी सहित सभी ग्रामीणों ने संत रामपाल जी महाराज और उनके ट्रस्ट के प्रति हृदय से आभार व्यक्त किया।
स्थायी समाधान और भविष्य की योजना
संत रामपाल जी महाराज के भक्तों ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि यह केवल तात्कालिक मदद नहीं है, बल्कि एक स्थायी समाधान है। उन्होंने सभी ग्रामीणों से आह्वान किया कि वे प्राप्त हुई सामग्री का उचित उपयोग करके खेतों से पानी निकालने और अगली फसल (विशेषकर गेहूँ) की बुवाई की तैयारी में जुट जाएँ। यह भी स्पष्ट किया गया कि यदि किसान इन संसाधनों का सही उपयोग नहीं करते हैं, तो भविष्य में होने वाले किसी भी नुकसान के लिए वे स्वयं जिम्मेदार होंगे।
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संत रामपाल जी महाराज की अन्नपूर्णा मुहिम के तहत अब तक 200 से अधिक गाँवों में यह सेवा कार्य पूरा हो चुका है, और यह अभियान लगातार जारी रहेगा, जिसका उद्देश्य बाढ़ प्रभावित हर जरूरतमंद गाँव तक सहायता पहुँचाना है। संत रामपाल जी महाराज का स्पष्ट आदेश है कि लोक दिखावा करने के बजाय, जमीनी स्तर पर काम करके दिखाया जाए।
किनाला गांव के ग्रामीणों में अब नई आशा और उत्साह का संचार हो गया है। वे अपनी बर्बाद हुई फसलों के दुख से उबरकर अगली फसल की तैयारी में जुट गए हैं। संत रामपाल जी महाराज की इस व्यापक सहायता ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि सच्ची सेवा और करुणा किसी भी संकट को दूर कर सकती है।

 
                                    
