Story of Kabir Saheb in 2D Animation Video | जब कबीर जी को उस समय के नकली धर्मगुरुओं, काजी, मुल्ला आदि ज्ञान में नहीं हरा सके तो कबीर जी को जान से मारने के लिए अनेकों बार कोशिश उन नकलियों द्वारा की गई। एक समय जान से मारने के लिए परमात्मा कबीर जी के हाथ-पैर बाँधकर खूनी हाथी के सामने डाल दिया गया। खूनी हाथी को महावत कबीर जी की ओर मारने के लिए लाया तो परमेश्वर कबीर जी ने एक सिंह (शेर) का रूप दिखाया जो केवल हाथी को दिखाई दे रहा था। हाथी ने शराब पी रखी थी। हाथी, शेर को देखकर भय के कारण उल्टा भाग लिया। महावत ने हाथी को भालों से मारा, परंतु कबीर जी की ओर हाथी नहीं गया। परमात्मा कबीर जी ने महावत को भी शेर खड़ा दिखा दिया। महावत भी डरकर हाथी से गिर गया। हाथी भाग गया।
परमात्मा कबीर जी के बँधन टूट गए और परमेश्वर कबीर जी खड़े हुए। खड़ा होकर अंगड़ाई ली और जम्भाई (ऊबासी) ली। बहुत लंबे हो गए। सिर आकाश को छू रहा था। शरीर से असँख्यों सूर्यों का प्रकाश निकल रहा था। यह केवल राजा सिकंदर को दिखाई दिया। राजा भयभीत होकर खड़ा होकर मैदान में आया और कहा कि मेरी जान बख्श दो, मेरे से बड़ी गलती हुई है। मेरे को परमात्मा का दर्शन हो गया है। जनता से राजा ने कहा कि यह अल्लाहु अकबर है, कबीर रूप में पृथ्वी पर आया है।