January 23, 2025

देश विदेश के सतलोक आश्रमों में सम्पन्न हुआ 627 वां कबीर परमेश्वर प्रकट दिवस, जिसके गवाह बने लाखों श्रद्धालु

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सभी ब्रह्मांडों, सभी आत्माओं, तीन गुणों, पाँच तत्वों के रचियता परमपिता परमेश्वर कबीर समय समय पर पृथ्वी पर आते हैं और पुण्य आत्माओं को सतज्ञान का उपदेश देते हैं। गुरु शिष्य परंपरा में वर्तमान सतगुरु संत रामपाल जी महाराज हैं। उनके सानिध्य में देश विदेश के सतलोक आश्रमों में 627 वें कबीर परमेश्वर प्रकट दिवस का अद्भुत आयोजन हुआ। इसमें 20 से 22 जून 2024 तीन दिवसीय अखंड पाठ, आध्यात्मिक प्रदर्शनी और विशाल भंडारे का आयोजन किया गया जिसमें कुल 1,872 यूनिट रक्तदान, 8,333 देहदान संकल्प और 297 रमैणी (दहेज मुक्त विवाह) हुईं। रक्तदान अभियान से ज़रूरतमंदों को रक्त आपूर्ति तो हो ही रही है, साथ में समाज में सेवा और एकता की भावना भी बढ़ रही है। साथ ही देहदान संकल्प से मेडिकल कॉलेज में अध्ययन करने वाले छात्रों को चिकित्सा अनुसंधान में मदद मिलेगी। 

  • परमेश्वर कबीर प्रकट दिवस 2024 का आयोजन 20 से 22 जून को किया गया 
  • विशेष रक्तदान अभियान के दौरान 1,872 यूनिट रक्तदान किया गया
  • 8333 देहदान संकल्प हुए
  • 297 रमैणी (दहेज मुक्त विवाह) हुई
  • विशाल भंडारो में बना सात्विक भोजन
  • निःशुल्क नाम दीक्षा शिविर का हुआ आयोजन
  • सतग्रंथ साहेब के पाठ से हुआ पवित्र वातावरण
  • संत रामपाल जी का मानवता की सेवा का संदेश

संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में परमेश्वर कबीर प्रकट दिवस 2024 के उपलक्ष्य में भारत और नेपाल के सभी सतलोक आश्रमों में तीन दिवसीय अखंड पाठ और विशाल भंडारे का आयोजन 20 से 22 जून 2024 को हुआ। इस अवसर पर विशेष रक्तदान शिविर, देहदान शिविर, दहेजमुक्त विवाह, विशाल भंडारा, निःशुल्क नाम दीक्षा , आध्यात्मिक प्रदर्शनी, सतग्रंथ साहेब का पाठ जैसे अद्भुत कार्यक्रम सम्पन्न हुए। संत रामपाल जी द्वारा चलाया गए ये अभियान परमेश्वर कबीर जी के मानवता और सेवा के संदेश को प्रसारित करने के प्रयास है।

lahar tala model at satlok ashram

भारत और नेपाल के सतलोक आश्रमों में आयोजित विशेष रक्तदान, देहदान संकल्प और सामूहिक दहेज मुक्त विवाह कार्यक्रम के अंतर्गत निम्न कार्य सम्पन्न हुए:   

  • रक्तदान: 1,872 यूनिट
  • देहदान संकल्प: 8,333
  • रमैणी (दहेज मुक्त विवाह): 297

संत रामपाल जी महाराज के अनुयायी बड़े उत्साह से देश भर में आयोजित रक्तदान शिविरों में बड़ी संख्या में शामिल होकर लगातार अपनी भागीदारी बढ़ा रहे है। पिछले कुछ महीनों में आयोजित महासमागमों में सतलोक आश्रमों में हजारों लोगों ने रक्तदान किया है।

■ यह भी पढ़ें: सतलोक आश्रम बैतूल में 627वें कबीर प्रकट दिवस के उपलक्ष्य में समागम संपन्न

अभी फ़िलहाल परमेश्वर कबीर प्रकट दिवस 2024 के उपलक्ष्य में आयोजित रक्तदान अभियान में भिवानी के सतलोक आश्रम में 154 लोगों ने रक्तदान किया। वहीं खमाणों में 150 रक्तदान किया। नेपाल के धनुषा स्थित सतलोक आश्रम में 64 लोगों ने रक्तदान किया। बैतूल में सबसे अधिक 456 लोगों ने रक्तदान किया। इंदौर में 150 यूनिट रक्तदान हुए। धनाना धाम में 309, कुरुक्षेत्र में 305 धुरी में 75 यूनिट और सोजत में 209 लोगों ने रक्तदान किया। रक्तदान के साथ बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने नेत्रदान और देहदान के लिए भी पंजीकृत किया।

देहदान का संकल्प कार्यक्रम भी लगातार जोर पकड़ रहा है। संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में दहेज मुक्त विवाह तो काफी समय से चल रहे है और अभी तक लाखों की संख्या में लोगों को इसका फ़ायदा मिला है।     

1. सभी रक्तदाताओं, देहदान संकल्पकर्ताओं ने अपनी स्वैच्छा से किया है। 

2. दान किया गया रक्त उन लोगों ने किया जो पूरी तरह से नशामुक्त है।

3. अभियान में युवाओं की भागीदारी उल्लेखनीय रही है।

4. कई स्थानों पर रक्तदान करने के साथ-साथ देहदान के लिए भी लोगों ने संकल्प लिया है।

5. दहेज मुक्त विवाह जो मात्र सत्रह मिनट में सम्पन्न किए गए जिसमे लोगों का 1 रुपया भी खर्च नहीं हुआ। 

  • संत रामपाल जी महाराज के उपदेशों से प्रेरित होकर
  • कबीर प्रकट दिवस को अर्थपूर्ण तरीके से मनाने के लिए
  • मानव सेवा को सर्वोच्च धर्म मानते हुए
  • समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए
  • परमेश्वर कबीर जी के संदेश को व्यावहारिक रूप देने के लिए

संत रामपाल जी महाराज की मूल शिक्षा है – 

“जीव हमारी जाति है, मानव धर्म हमारा। 

हिंदू-मुस्लिम, सिख, ईसाई, धर्म नहीं कोई न्यारा।।”

blood donation camp at satlok ashram

संत रामपाल जी महाराज अपने अनुयायियों को बताते हैं कि रक्तदान महादान है। उनका मानना है कि रक्त को किसी फ़ैक्ट्री में नहीं बनाया जा सकता है और इससे किसी ज़रूरतमंद की जान बच सकती है। शिविरों में दान किया गया रक्त नशामुक्त होता है क्योंकि संत जी के अनुयायी किसी भी तरह के नशे से दूर रहते हैं। रक्तदान अभियान से एक बड़ी सफलता मिली है और इसने समाज पर बहुत सकारात्मक प्रभाव डाला है।​​​​​

दहेज मुक्त विवाह जो मात्र सत्रह मिनट में सम्पन्न किए जाते हैं वो समाज के लिए खासे बदलाव का परिचायक है। यह संत रामपाल जी महाराज के द्वारा बनाई गई विशेष पद्धति है। इससे लाखों बेटियों को सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर मिला है। माता पिता का पुत्री के प्रति जो अजीब सा व्यवहार बन गया था, जिससे वे उसकी भ्रूण हत्या तक कर देना चाहते थे, अब पूरी तरह बदल गया है।

dowry free marriages at satlok ashram

अब संत रामपाल जी महाराज का एक भी भक्त दहेज लेने देने की कल्पना मात्र भी नहीं करता हैं। साथ ही साथ बिना दिखावे के किए गए ये विवाह समाज के लिए भी बहुत बड़ी राहत है क्योंकि देखा देखी में विवाह में दिखावे मात्र के लिए फ़िज़ूलख़र्ची बढ़ती ही जा रही थी। लेकिन अब संत रामपाल जी महाराज की शिक्षाओं से इस पर रोक लग गई है। इसी क्रम में संत जी के भक्त नशावृत्ति, भ्रष्टाचार या अन्य सामाजिक बुराई से भी निर्लिप्त हो गए हैं।  

समागमों में रक्तदान के साथ-साथ लोग दहेज मुक्त विवाह रमैणी, और देहदान के परमार्थ के कार्य भी किए गए। इससे समाज में मानवता और सेवा भाव बढ़ रहा है।​​​​​​​​​​​​​​​​ ऐसा सरकारें कितने भी अभियान चला लें, कितना भी खर्च कर लें या कितने भी सख़्त क़ानून बना लें, लेकिन लाभ तो न के बराबर ही होता है। यह सब सच्चे संत रामपाल जी महाराज की सच्ची प्रेरणा से ही संभव हो पा रहा है। बड़ी तादाद में लोग उनकी शरण में आकर नामदीक्षा लेकर मर्यादा का पालन करके सतलोक गमन को सुनिश्चित कर रहे हैं। आप भी यथाशीघ्र ही पूर्ण संत की शरण में आयें और अपना कल्याण करायें। अधिक जानकारी के लिए पवित्र पुस्तक  ज्ञान गंगा पढ़ें। 

प्र1: यह रक्तदान अभियान कब आयोजित किया गया?

उ: यह अभियान परमेश्वर कबीर प्रकट दिवस 2024 के आसपास 20 से 22 जून को आयोजित किया गया। 

प्र2: कबीर प्रकट दिवस 2024 के अवसर पर कुल कितने लोगों ने देहदान का संकल्प किया ?

उ: कबीर प्रकट दिवस 2024 के अवसर पर 8,333 लोगों ने देहदान का संकल्प किया ।

प्र3: कबीर प्रकट दिवस 2024 के अवसर पर कुल कितने दहेज मुक्त विवाह हुए ?

उ: कबीर प्रकट दिवस 2024 के अवसर पर 297 रमैणी (दहेज मुक्त विवाह) सम्पन्न हुए ।

प्र4: कबीर प्रकट दिवस 2024 के अवसर पर कुल कितना यूनिट रक्तदान हुआ?

उ: कबीर प्रकट दिवस 2024 के अवसर पर 1,872  यूनिट रक्तदान हुआ।

प्र5: इस अभियान का मुख्य उद्देश्य क्या है?

उ: संत रामपाल जी महाराज के उपदेशों का पालन करते हुए मानवता की सेवा करना और परमेश्वर कबीर जी के संदेश को फैलाना।

प्र6: क्या इस दौरान कोई अन्य गतिविधियां भी हुईं?

उ: हां, रक्तदान के साथ-साथ आध्यात्मिक प्रवचन और सत्संग, देहदान और दहेज मुक्त रमैणी विवाह भी आयोजित किए गये।

प्र7: इस अभियान में भाग लेने के लिए क्या करना होता है?

उ: सभी अपने नजदीकी सतलोक आश्रम में जाकर रक्तदान शिविर में भाग ले सकते हैं।​​​​​​​​​​​​​​​​ साथ ही आध्यात्मिक लाभ उठा सकते हैं। 

प्र8: क्या गैर-अनुयायी भी इसमें भाग ले सकते हैं?

उ: हां, यह अभियान सभी के लिए खुला है। कोई भी स्वस्थ व्यक्ति रक्तदान कर सकता है।

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