July 11, 2025

सतलोक आश्रम बैतूल में 627वें कबीर प्रकट दिवस के उपलक्ष्य में समागम संपन्न

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सतलोक आश्रम बैतूल (Satlok Ashram Betul) मध्य प्रदेश में 627वें कबीर प्रकट दिवस की तैयारियां जोरों शोरों से चल रही हैं। इस भव्य भंडारे का आयोजन संत रामपाल जी के सानिध्य में उनके शिष्यों द्वारा किया जा रहा है। इस समारोह में शामिल होने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु उमड़ रहे हैं। 

सतलोक आश्रम बैतूल (म.प्र) में 627वें प्रकट दिवस पर तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। यह भव्य समारोह 20,21 और 22 जून 2024 को

  • कबीर प्रकट दिवस क्यों मनाया जाता है?
  • देसी घी का भंडारा 
  • गरीबदास जी महाराज के द्वारा रचित “अमरग्रंथ साहिब” की बाणी का पाठ 
  • रक्तदान शिविर का आयोजन 
  • दहेजमुक्त विवाह (रमैनी)
  • कबीर प्रकट दिवस के उपलक्ष्य में प्रदर्शनी का आयोजन 
  • निशुल्क नाम दीक्षा 
  • समापन 

कबीर साहेब का जन्म नहीं हुआ था, बल्कि वह इस पृथ्वि लोक में प्रकट हुए थे। कबीर साहेब इस धरती पर सच्चा ज्ञान देने के उद्देश्य से आते हैं।ज्येष्ठ मास की पूर्णमासी को कबीर साहेब जी लगभग 600 वर्ष पहले इस धरती पर प्रकट हुए थे। वह लगभग 120 वर्ष एक साधारण मनुष्य की लीला करके अपने निज स्थान यानि कि सतलोक चले गए।प्रतिवर्ष ज्येष्ठ मास की पूर्णमासी को कबीर साहेब जी का प्रकट दिवस मनाया जाता है।

इस वर्ष यह 22 जून को मनाया जाएगा। हमारे पवित्र शास्त्रों में यह प्रमाण है कि कबीर साहेब लहरतारा तालाब पर शिशु के रुप में प्रकट हुए थे। यहां से उन्हें नीरू और नीमा नाम के दंपति उठा कर ले गए थे। उसके बाद उनका पालन पोषण कुंवारी गाय के दूध से हुआ, इसी का प्रमाण हमारे पवित्र शास्त्रों में है कि पूर्ण परमेश्वर कुंवारी गाय का दूध पीते हैं। इस तरह इसी उपलक्ष्य में कबीर साहेब जी का प्रकट दिवस मनाया है।

कबीर प्रकट दिवस के अवसर पर सतलोक आश्रम बैतूल (म. प्र) में देसी घी के भंडारे की व्यवस्था की गई। जिसमें देसी घी के लड्डू प्रसाद, देसी घी में बनी पूड़ी, भिन्न प्रकार की सब्जी आदि शामिल हैं, जिनका भक्तजन आनंद उठा रहे हैं। यह भंडारा तीन दिवसीय भव्य समारोह में 24 घंटे खुला रहा। इस भंडारे में पुरे विश्व को न्योता दिया गया। यह भंडारा इतना सवादिष्ट है कि सभी इस बात से अचंभित हैं।

कबीर प्रकट दिवस 2024 के उपलक्ष्य में संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में गरीबदास जी महाराज की बाणी का पाठ प्रकाश 20 जून 2024 को किया गया। इसमें हजारों की संख्या में भक्तजनों ने शामिल होकर बाणी का लाभ उठाया। यह अमृतबाणी तीन दिन यानि कि 20,21 और 22 जून तक चली। भक्तजनों ने गरीबदास जी बाणी को पूरी श्रद्धा से सुना, क्योंकि इस अमृतबाणी में ईश्वर के बारे में गुढ़ रहस्य छुपे हुए हैं।

कहा जाता है कि रक्तदान बहुत बड़ा दान है, इससे किसी का जीवन भी बच सकता। यहां बहुत से लोग समय पर खून न मिलने से अपनी जान गवां देते हैं, वहीं दूसरी ओर संत रामपाल जी महाराज के शिष्य हजारों यूनिट की संख्या में रक्तदान करते हैं।इस भव्य समारोह में भी रक्तदान शिविर का आयोजन भी किया गया। जिसमें संत रामपाल जी महाराज के शिष्यों ने बढ़कर हिस्सा लिया और रक्तदान किया। इसमें रक्तदान करने वाले लोगों को फ़ल, दूध आदि की विवस्था भी सतलोक आश्रम बैतूल की ओर से की गई।

दहेज लेना और देना दोनों ही कुरीति हैं। इसके कारण प्रतिदिन हजारों की संख्या में लड़कियां दहेज की बलि चढ़ जाती हैं। जबकि संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में सतलोक आश्रम बैतूल (म. प्र) में दहेजमुक्त विवाह यानि कि रमैनी का आयोजन किया गया। संत रामपाल जी महाराज के शिष्य बिना दहेज के शादी यानि कि रमैनी करते हैं, जिसमें भोजन की व्यवस्था भी आश्रम में ही होती है। यह रमैनी मात्र 17 मिनट में बिना किसी बैंड बाजे के होती है।देखिए यह अपने आप में बहुत बड़ी उदाहरण है। 

कबीर प्रकट दिवस के उपलक्ष्य में सतलोक आश्रम बैतूल में अध्यात्मिक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। जिसमें कबीर साहेब की लीलाओं को चित्रित किया गया। इसके अलावा कबीर साहेब किन महापुरषों को मिले, इसके प्रमाण भी दिखाए गए। इस पारदर्शी में लाखों की संख्या में भक्तजन शामिल हुए। परदर्शनी में सेवादारों ने व्यवस्था बनाए रखने में पूर्ण सहयोग दिया।

सतलोक आश्रम बैतूल (म. प्र) में निशुल्क नाम दीक्षा का भी आयोजन किया गया। जिसमें बहुत से लोगों ने संत रामपाल जी महाराज की शरण ग्रहण की। क्योंकि कहा जाता है कि गुरु के बिना मुक्ति संभव नहीं, लेकिन वह भी पूर्ण गुरु होना चाहिए। इस विश्व में संत रामपाल जी महाराज ही एकमात्र पूर्ण गुरु हैं, जो हमारे पवित्र शास्त्रों के अनुसार ज्ञान और भक्ति बताते हैं। बहुत से श्रद्धालु संत रामपाल जी महाराज द्वारा बटाई गई साधना से लाभ उठा रहे हैं। क्योंकि मनुष्य जीवन का एकमात्र उदेश्य मोक्ष प्राप्त करना है।

Kabir Prakat Divas 2024 Update: 627वें कबीर प्रकट दिवस पर लखों की संख्या में भक्तजन सतलोक आश्रम बैतूल (म.प्र) में शामिल हुए। यह भव्य समारोह संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में किया गया। यह भव्य समारोह तीन दिन (20,21 और 22 जून)तक चला, जिसमें संत गरीबदास जी महाराज की अमृतवाणी का पाठ किया गया। इस भव्य समारोह में रक्तदान शिविर, दहेजमुक्त शादी (रमैनी), देसी घी के लड्डू प्रसाद, पूड़ी, अध्यात्मिक प्रर्दशनी आदि का भी आयोजन किया गया। इसके अलावा इस दिन संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में सत्संग का भी आयोजन किया गया।

प्रश्न 1 कबीर प्रकट दिवस 2024 में कब है?

उत्तर: कबीर प्रकट दिवस 2024 में 22 जून को है।

प्रश्न 2 कबीर साहेब जी के मुंहबोले माता पिता का क्या नाम था?

उत्तर: कबीर साहेब जी के मुंहबोले माता पिता का नाम नीरू और नीमा था।

प्रश्न 3 वर्ष 2024 में कौनसा कबीर प्रकट दिवस है?

उत्तर वर्ष 2024 में 627वां कबीर प्रकट दिवस है।

प्रश्न 4 कबीर प्रकट दिवस 2024 के उपलक्ष्य में सतलोक आश्रम बैतूल (म. प्र) में क्या आयोजन किया गया?

कबीर प्रकट दिवस 2024 के उपलक्ष्य में सतलोक आश्रम बैतूल (म. प्र) में निशुल्क नाम दीक्षा, रक्तदान शिविर, दहेजमुक्त विवाह (रमैनी), देसी घी का भंडारा, अध्यात्मिक परदर्शनी आदि का आयोजन किया गया।

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