November 16, 2025

Kabir Prakat Diwas | 626 वां कबीर प्रकटोत्सव हर्षोल्लास के साथ हुआ संपन्न, दहेज मुक्त विवाह, रक्तदान शिविर का भी किया गया आयोजन

Published on

spot_img

Kabir Prakat Diwas (कबीर प्रकटोत्सव): कबीर परमेश्वर के सन 1398, विक्रमी संवत 1455 ज्येष्ठ मास की पूर्णमासी को काशी से बाहर बने लहरतारा तालाब में सत्यलोक से आकर सशरीर प्रकट हुए थे। यहीं से निःसंतान जुलाहा दंपति नीरू और नीमा अपने घर ले आए थे। जहां उनका पालन पोषण हुआ, जिससे वे जाति से जुलाहा कहलाए। जबकि वे स्वयं पूर्ण परमात्मा थे। जिसका प्रमाण कबीर सागर अध्याय अगम निगम बोध पृष्ठ 41 में है। जिसमें परमेश्वर कबीर जी स्वयं कहते हैं ‘‘अवधू अबिगत से चल आया, कोई मेरा भेद मर्म नहीं पाया। ना मेरा जन्म न गर्भ बसेरा, बालक होय दिखलाया। काशी नगर जल कमल पर डेरा, तहाँ जुलाहे ने पाया। माता-पिता मेरे कछु नहीं, ना मेरे घर दासी। जुलहा को सुत आन कहाया, जगत करे मेरी हांसी।’’ 

इसी दिन के उपलक्ष्य में जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में नेपाल सहित भारत के 10 सतलोक आश्रमों में 2, 3 व 4 जून को तीन दिवसीय “कबीर प्राकट्य दिवस (Kabir Prakat Diwas)” का भव्य महोत्सव आयोजित किया गया, जोकि बड़े ही हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ। इस समागम में आने वाले सभी श्रद्धालुओं के लिए रहने, खाने-पीने, नहाने, धोने की सभी सुविधाएं बिल्कुल निःशुल्क की गई थीं। इस दौरान में अमरग्रंथ का अखण्ड पाठ, विशाल भंडारा, आध्यात्मिक प्रदर्शनी, विशाल सत्संग समारोह सहित कई सामाजिक और मानव उपयोगी कार्यक्रम आयोजित किये गए। जिसमें देश-दुनिया से लाखों की तादाद में श्रद्धालु समल्लित हुए।

Kabir Prakat Diwas: मुख्यबिन्दु

  • भारत समेत पूरी दुनिया में मनाया गया 626वां कबीर प्रकट दिवस।
  • अखंड पाठ, विशाल भंडारा, आध्यात्मिक प्रदर्शनी, विशाल सत्संग समारोह जैसे अनेक कार्यक्रम हुए सम्पन्न।
  • 384 दहेज मुक्त विवाह, तो 1687 युनिट रक्तदान हुआ।
  • 10 आश्रमों में मनाए गए इस समागम में उमड़ी लाखों की भीड़।

अमरग्रंथ की तीन दिन गूंजी अमरवाणी

इस समागम में संत गरीबदास जी महाराज के अमरग्रंथ (सद्ग्रंथ साहिब) का तीन दिन अखंड पाठ किया गया। जिसकी अमृतमयी वाणी चारों ओर गुंजायमान रही।

तीन दिन चला देशी घी का भंडारा

कबीर प्रकट दिवस (Kabir Prakat Diwas) पर हुए समागम में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के रहने, खाने, पीने आदि की सर्व व्यवस्थाएं बिल्कुल निःशुल्क की गई थीं। इस समागम में हुए विशाल भंडारे में सभी खाद्य पदार्थ जैसे पूरी, रोटी (फुल्का), सब्जी, दाल, चावल आदि भोज्य पदार्थ देशी घी में तैयार किए गए थे। साथ ही भण्डारे में लड्डू प्रसाद भी वितरित किया गया। वहीं श्रद्धालुओं की अत्यधिक संख्या को देखते हुए रोटी बनाने के लिए मशीनों का भी उपयोग किया गया, जोकि एक घंटे में हजारों रोटियाँ एक बार में बना देती थीं।

आध्यात्मिक प्रदर्शनी से मिला लोगों को सत्यज्ञान

समागम के दौरान आध्यात्मिक प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिसमें 4 वेद, 6 शास्त्र, 18 पुराण, कुरान शरीफ, बाईबल, गुरुग्रंथ साहिब समेत अन्य सद्ग्रन्थ विद्यमान थे। साथ ही बड़े बड़े फ्लेक्सो के माध्यम से सर्व ब्रह्मांडो की सही जानकारी दी गई तथा सर्व सृष्टि रचनहार परमेश्वर से अवगत कराया गया। जिससे प्रभावित होकर सैकड़ों लोगों ने जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज की शरण ग्रहण की।

संपन्न हुईं सैकड़ों दहेज रहित शादियाँ

समागम के दूसरे दिन समाज से दहेज नामक कुप्रथा को खत्म करने के लिए संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में सतलोक आश्रम बैतूल (मध्यप्रदेश) में 251, सोजत (राजस्थान) में 47, शामली (उत्तरप्रदेश) में 33, खमाणों (पंजाब) में 7, धुरी (पंजाब) में 2, रोहतक (हरियाणा) में 4, कुरुक्षेत्र (हरियाणा) में 3, भिवानी (हरियाणा) में 6, मुंडका (दिल्ली) में 3 तथा जनकपुर (नेपाल) में 28, कुल 384 जोड़ों की दहेज रहित शादियाँ हुईं। इन विवाहों में किसी प्रकार की फिजूलखर्ची नहीं की गई, न ही दहेज का लेनदेन हुआ। बल्कि ये विवाह बहुत ही सभ्य व साधारण तरीके से गुरुवाणी द्वारा 33 करोड़ देवी-देवताओं की स्तुति करते हुए 17 मिनट में संपन्न हुए। जिन्हें संत भाषा में रमैनी कहा जाता है।

लगभग 1687 युनिट किया गया रक्तदान

इस विशेष अवसर पर संत रामपाल जी महाराज व उनके अनुयायियों द्वारा सामाजिक व परोपकारी कार्य रक्तदान को कैसे भूला जा सकता था। यहीं कारण था कि कबीर प्रकट दिवस (Kabir Prakat Diwas) के दूसरे दिन रक्तदान शिविर भी लगाया गया, जिसमें संत रामपाल जी के अनुयायियों द्वारा सतलोक आश्रम बैतूल (मध्यप्रदेश) में 312, सोजत (राजस्थान) में 250, शामली (उत्तरप्रदेश) में 200, खमाणों (पंजाब) में 122, धुरी (पंजाब) में 85, रोहतक (हरियाणा) में 221, कुरुक्षेत्र (हरियाणा) में 219, भिवानी (हरियाणा) में 197 तथा जनकपुर (नेपाल) में 81 यूनिट रक्तदान हुआ। 

शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ तीन दिवसीय समागम

626 वें कबीर प्रकट दिवस के पावन अवसर पर सभी आश्रमों में लाखों की तादाद में लोग पहुंचे। इसके बावजूद भी किसी प्रकार की अशांति देखने को नहीं मिली। बल्कि संत रामपाल जी महाराज के तत्वावधान में कबीर प्राकट्य दिवस (Kabir Prakat Diwas) का तीन दिवसीय महोत्सव बहुत ही शांतिपूर्वक संपन्न हुआ, जोकि भारत के अलावा नेपाल, अमेरिका, कनाडा, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, मलेशिया, संयुक्त अरब अमीरात समेत दुनिया भर में मनाया गया। अधिक जानकारी के लिए Sant Rampal Ji Maharaj Youtube Channel देखें।

Latest articles

कंदूल गांव में बाढ़ से जूझते किसानों के लिए वरदान साबित हुए संत रामपाल जी महाराज, जल निकासी के साथ दी स्थायी राहत

हरियाणा के हिसार जिले की उकलाना तहसील के अंतर्गत आने वाला कंदूल/कण्डूल गांव पिछले...

World Children’s Day 2025: How the Annapurna Muhim Is Fulfilling UNICEF’s Vision in Action

Last Updated on 15 November 2025 IST: World Children's Day is observed to promote...

International Men’s Day 2025: Supporting Men and Boys for a Healthier Tomorrow

Last Updated on 15 November 2025 IST: International Men's Day 2025 falls annually on...

National Press Day 2025: Is the Fourth Pillar of Democracy Failing Its Duty?

National Press Day is observed annually to highlight the need for the independence of the press in a democratic nation. Know its History & Theme
spot_img

More like this

कंदूल गांव में बाढ़ से जूझते किसानों के लिए वरदान साबित हुए संत रामपाल जी महाराज, जल निकासी के साथ दी स्थायी राहत

हरियाणा के हिसार जिले की उकलाना तहसील के अंतर्गत आने वाला कंदूल/कण्डूल गांव पिछले...

World Children’s Day 2025: How the Annapurna Muhim Is Fulfilling UNICEF’s Vision in Action

Last Updated on 15 November 2025 IST: World Children's Day is observed to promote...

International Men’s Day 2025: Supporting Men and Boys for a Healthier Tomorrow

Last Updated on 15 November 2025 IST: International Men's Day 2025 falls annually on...