Joshimath landslide News [Hindi]: जोशीमठ को ज्योतिर्मठ के नाम से भी जाना जाता है। ये चमोली जिले में उत्तराखंड में स्तिथ है। यहां ज़मीन धंसने से लोगों में दहशत का माहौल है। जोशीमठ में भू-धंसाव चिंता का विषय बना हुआ है। लगातार भूमि धंसने से लोग और जगह पलायन कर रहे हैं। आइए जानते है पूरा मामला।
Joshimath landslide News [Hindi]: मुख्य बिंदु
- जोशीमठ में भू धंसाव से जगह जगह पानी के स्रोत फूटे।
- लोग कर रहे हैं पलायन क्योंकि हर घण्टे बढ़ रही हैं घरों में दरारें।
- मारवाड़ी भूमि में नहीं रुक रहा पानी का बहाव।
- NTPC तपोवन-विष्णुगाड एनर्जी प्रोजेक्ट से भी बढ़ रहीं मुश्किले।
- सिंहद्वार मारवाड़ी क्षेत्र में बद्रीनाथ बाईपास से बढ़ा खतरा।
- 50 साल पहले कर दी गई थी जोशीमठ के भुधंसाव की घोषणा।
- संत रामपाल जी महाराज की आध्यत्मिक शक्ति से ही रोका जा सकता है हर प्राकृतिक आपदा को।
जोशीमठ कहाँ स्तिथ है?
जोशीमठ एक छोटा सा नगर है, जो भारत के उत्तराखण्ड में चमोली जिले में स्तिथ है। हिन्दू मान्यता के अनुसार धर्मसुधारक आदि शंकराचार्य जी को यहां ज्ञान प्राप्त हुआ था। इसके साथ ही सबसे पहले मठ की स्थापना भी यहीं हुई थी।
Joshimath landslide News [Hindi]: जोशीमठ में भूमि धंसने के क्या कारण हैं?
जोशीमठ में भूमि धंसने के कारणों में से एक मुख्य कारण एनटीपीसी पावर प्रोजेक्ट के निर्माण कार्य को माना जा रहा है। जिसकी वजह से अभी इसके कार्य को रोक दिया गया है। जोशीमठ से बद्रीनाथ, माणा, फूलों की घाटी और हेमकुंड के लिए रास्ता जाता है। इसी वजह से ये धार्मिक और आर्थिक गतिविधियों का सबसे बड़ा केन्द्र है। इसके पास ही प्रसिद्ध पर्यटक स्थल औली भी है। जहां हर साल गर्मियों और सर्दियों में लाखों टूरिस्ट आते हैं, लेकिन अब ये शहर अपने अस्तित्व के लिए जूझ रहा है। यहां के लोगो की सरकार को लेकर ये नाराजगी है कि उनकी कोई सुध लेने वाला नहीं है।
Joshimath landslide: No subsidence in the entire area, there are cracks but not big, says Chamoli DM
— ANI Digital (@ani_digital) January 7, 2023
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जोशीमठ में जमीन धंसने की वजह से दो होटल आपस में सट गए हैं। होटल कभी भी एक दूसरे के ऊपर गिर सकते है। दोनो होटल खाली कराये जा रहे है। होटल मालिकों का कहना है एनटीपीसी प्रोजेक्ट टनल, जेपी प्रोजेक्ट और अन्य ऐसे प्रोजेक्ट्स ने जोशी मठ को संकट में डाल दिया है।
क्या है एनटीपीसी पावर प्रोजेक्ट?
Joshimath landslide News [Hindi]: एनटीपीसी (NTPC) भारत सरकार की सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी है। विश्व की सबसे बड़ी कंपनियों में से NTPC का स्थान 400 नंबर पर है। इसका अर्थ है नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन। इसको राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम लिमिटेड के नाम से भी जाना जाता है। भारत मे लगभग 25% बिजली का उत्पादन एनटीपीसी द्वारा किया जाता है।
एनटीपीसी (NTPC) कंपनी की स्थापना कब और किसने की?
एनटीपीसी (NTPC) कंपनी की स्थापना भारत सरकार द्वारा 7 नवंबर 1975 में की गई थी। सबसे पहले थर्मल पावर परियोजना सिंगरौली में शुरू की गई थी। उस वक़्त श्री डी. वी. कपूर एनटीपीसी (NTPC) के प्रथम अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक थे।
क्यों एनटीपीसी (NTPC) प्रोजेक्ट को जोशीमठ में भूमि धँसने का कारण माना जा रहा है?
जोशीमठ में भूमि के धंसने से काफी नुकसान हो चुका है। अब तक तकरीबन 576 घरों के 3000 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। लोगों ने एनटीपीसी (NTPC) के खिलाफ प्रर्दशन भी किये हैं। प्रदर्शन में लोगों ने नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन (NTPC) के तपोवन-विष्णुगढ़ एनर्जी प्रोजेक्ट बनाए जाने के कारण जमीन धंसने की समस्या बढ़ने की बात कही है। इसी कारण से इसे तत्काल रोकने की मांग की जा रही है।
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इसके अलावा NTPC की एक सुरंग और बद्रीनाथ के लिए जाने वाले एक बाईपास रोड के निर्माण को रोकने की भी मांग की जा रही है। सिंहधार और मारवाड़ी में दरारें बढ़ने का सिलसिला शुरू हो गया है।
सिंहधार में कैसी है परिस्थिति?
सिंहधर जैन मोहल्ले के पास बद्रीनाथ एनएच और मारवाड़ी में वन विभाग की चेक पोस्ट के पास जेपी कंपनी गेट में लगातार दरारें आ रही हैं जो चिंता का विषय बना हुआ है।
Joshimath landslide News [Hindi]: इसके इलावा जोशीमठ में भी वहाँ के सभी 16 वार्डों की स्थिति खराब है। मारवाड़ी भूमि में पानी का बहाव नहीं रुक रहा है, जिससे निचले हिस्सों में स्थित घर तबाह हो रहे हैं। सिंहधार में स्थित बीएसएनएल के कार्यालय और आवासीय भवनों में दरार आ गई हैं। जेपी कंपनी के परिसर में जमीन के साथ-साथ घरों की दीवारों से भी पानी का रिसाव हो रहा है। खेतों की दरार में ये पानी घुस रहा है। खास बात यह है कि पर्यावरणविद् और एक्सपर्ट इस बारे में लगातार आगाह करते रहे हैं उसके बावजूद निर्माण होता रहा।
आध्यात्मिक शक्ति से रुकेगी प्राकृतिक आपदा
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FAQs about Joshimath Landslide [Hindi]
उत्तर-: जोशीमठ भूधंसाव मुख्य कारण प्रकृति से छेड़छाड़ है जैसे NTPC की प्रोजेक्ट की सुरंग, हाईवे निर्माण आदि।
उत्तर-: जोशीमठ उत्तराखंड के चमोली जिले के सीमांत क्षेत्र में है जो कि सैन्य ओर अर्धसैन्य बलो का मुख्य सीमांत camp है। बद्रीनाथ और चीन सीमा पर जाने का मार्ग यही से गुजरता है
उत्तर-: जोशीमठ वास्तव में पुराने ग्लेशियर पर स्थित है। ग्लेशियर पुराने हिमखण्ड होने के पश्चात सालो में अंदर की ओर धँसते है और मानव द्वारा प्रकृति से छेड़छाड़ से ये ज्यादा खतरनाक हो गया है।
उत्तर:- एनटीपीसी (NTPC) की फुल फॉर्म है नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन।
उत्तर:- एनटीपीसी (NTPC) के मुख्य कार्य हैं बिजली उत्पादन, बिजली वितरण और बिजली का व्यापार करना। साथ ही ऊर्जा का नवीनीकरण करना, बिजली उपकरण का निर्माण इत्यादि।
उत्तर:- एनटीपीसी (NTPC) की स्थापना 7 नवंबर 1975 में हुई थी।