September 2, 2025

इस्लाम का यथार्थ ज्ञान

Published on

spot_img

क्या डॉक्टर जाकिर नाइक जी के पास अल्लाह का पूर्ण ज्ञान है ?

जाकिर नाइक को देश विदेश में किसी परिचय की जरूरत नहीं है। सोशल मीडिया पर जाकिर नाइक के कई वीडियो अपलोड किए गए हैं। जाकिर नाइक स्वयं को सभी धर्मों का जानकार, इस रूप में प्रदर्शित करता है और इसी के तहत वह कई धार्मिक पुस्तकों से उदाहरण देता है जो कि एक सामान्य नागरिक के लिए चकाचौंध भरा होता है और भोले श्रद्धालु जाकिर नाइक की बातों में आ जाते हैं लेकिन संत रामपाल जी महाराज जी ने जाकिर नाइक के झूठ का भंडाफोड़ किया। उन्होंने सत्यज्ञान जनता के सामने रखा।

क्या अल्लाह बेचून है?

जाकिर नाइक बताता है कि अल्लाह निराकार है, वह बेचून है और इसी झूठ को साबित करने के लिए वह कुरान और वेद का सहारा लेता है और अर्थ का अनर्थ करके अपनी बात को जनता के सामने परोस देता है। कुरान सूरत फुरकान 25 आयत 52 से 59 में बताया गया है कि अल्लाह ने सर्व की रचना करी और फिर वह तख्त पर जा विराजा। इससे यह साबित होता है कि अल्लाह नराकार है। ऋग्वेद मंडल नंबर 9 सूक्त 82 मंत्र 1 में भी यही बताया गया है।

क्या मांस खाना अल्लाह का आदेश है?

डॉ जाकिर नाइक जी कहता है कि जानवरों का मांस अल्लाह ने खाने के लिए ही तो बनाया है, इसीलिए इसे खा सकते हैं।

कबीर साहेब जी कहते हैं,
जो अपने सो और के, एके पीड़ पिछान।
मतलब जैसी पीड़ा स्वयं को होगी, वैसी ही उस बकरे को भी होगी। है मूर्ख प्राणी ! कबीर साहेब कहते हैं, जब काजी के पुत्र की मृत्यु हो जाती है तो काजी को कितना कष्ट होता है। पूर्ण ब्रह्म(अल्लाह कबीर) सर्व का पिता है। उसके प्राणियों को मारने वाले से अल्लाह खुश नहीं होता। फिर ये मुसलमान धर्म के प्रवक्ता डॉ जाकिर नाइक व अन्य मुसलमान कहते हैं कि, हम तो कलमा पढ़ कर बकरे हो हलाल करते हैं, हमारे कलमा पढ़ने से बकरे की रूह को जन्नत में स्थान मिलता है, संत रामपाल जी महाराज कहते हैं कि मूर्ख प्राणी ! यदि इस तरह रूह जन्नत में जाती तो तू बकरे का नंबर थोड़ी आने देता, खुद हलाल हो जाता ! या अपने बच्चे को कर देता। यदि कोई आपके सामने कुरान की किसी आयत को पढ़कर आपके बच्चे की गर्दन काट दे और कहे कि इसकी रूह जन्नत में गयी, तो आपको कैसा लगेगा ?? दर्द सर्व को एक जैसा ही होता है। यदि बकरे आदि का गला काट कर (हलाल करके) उसे स्वर्ग भेज देते हो तो काजी तथा मुल्ला अपना गला छेदन करके (हलाल करके) स्वर्ग प्राप्ति क्यों नहीं करते?
काजी तथा मुल्ला व कोई भी जीव हिंसा करने वाला, पूर्ण प्रभु के कानून का उल्लंघन कर रहा है, जिस कारण वहाँ धर्मराज के दरबार में खड़ा-खड़ा पिटेगा। यदि हलाल ही करने का शौक है तो काम, क्रोध, मोह, अहंकार, लोभ आदि को करो। पाँच समय नमाज भी पढ़ते हो व रोजों के समय रोजे (व्रत) भी रखते हो। शाम को गाय, बकरी, मुर्गी आदि को मार कर माँस खाते हो। एक तरफ तो परमात्मा की स्तुति करते हो, दूसरी ओर उसी के प्राणियों की हत्या करके पाप करते हो। ऐसे प्रभु कैसे खुश होगा ? अर्थात् आप स्वयं भी पाप के भागी हो
रहे हो तथा अनुयाईयों को भी गुमराह करने के दोषी होकर नरक में गिरोगे। जो दूसरे के दुःख में दुःखी नहीं होता वह तो काफिर (नीच) बेपीर (निर्दयी) है। वह पीर (गुरु) के योग्य नहीं है। बात करते हैं पुण्य की, करते हैं घोर अधर्म। पवित्र कुरान शरीफ में कहीं पर भी उस कबीर नामक अल्लाह ताला का मांस खाने का आदेश नहीं है, यदि कुरान शरीफ में कहीं पर ऊँट, बकरी आदि को खाने का आदेश है, तो वह अल्लाह कबीर का नहीं है, वह तो शैतान, काल का आदेश है। यदि आप उस आदेश को मानोगे, तो आप अल्लाह के घोर अपराधी हो, आपको घोर सजा मिलेगी ।

डॉक्टर ज़ाकिर नाइक जी कोरा झूठ बोलते हैं कि पुनर्जन्म नहीं होता !

पवित्र मुसलमान धर्म के प्रवक्ता डॉक्टर ज़ाकिर नाइक जी कहते हैं और पूरा मुसलमान समाज ये मानता है कि पुनःजन्म नहीं होता, जबकि संत रामपाल जी महाराज ने कुरान शरीफ से प्रमाणित कर के बताया है कि पुनर्जन्म होता है। कुरान शरीफ सूरत अम्बिया आयत 104 में कुरान शरीफ का ज्ञान दाता हजरत मोहम्मद जी से कहता है कि कयामत के समय हम आसमान को लपेटेंगे, यानी विनाश करेंगे और फिर पुनः उसी प्रकार जिस प्रकार इस समय पैदा किये है, हम पुनः इंसानों को पैदा करेंगे! और पुनः सृष्टि चालू करेंगे। कुरान शरीफ की इस आयत से स्पष्ट होता है कि पुनर्जन्म होता है और ये मुसलमान धर्म का प्रवक्ता कहता है कि पुनर्जन्म नहीं होता और लोगो को गलत उदाहरण सुना सुना कर बेवकूफ बनाने की चेष्टा कर रहा है, लेकिन संत रामपाल जी महाराज ने वास्तविक सत्य को उजागर करके सत्संगों में इस झूठे प्रवक्ता के सौ सौ झूठ प्रमाण सहित बताए हैं।

क्या मोहम्मद साहब ही कल्कि अवतार है?

मुस्लिम धर्म के प्रवक्ता डॉक्टर जाकिर नाइक जी हिन्दू धर्म की पुस्तक श्रीमद्भागवत सुधा सागर में से प्रमाण लेकर कहते हैं कि हजरत मोहम्मद साहब ही कल्कि अवतार थे। ज़ाकिर नाइक जी यह भी कहते हैं कि श्रीमद्भगवत सुधासागर में लिखा है कि कल्कि अवतार विष्णुदत्त शर्मा के घर सम्भलपुर नगर में जन्म लेगा। इस भविष्यवाणी को नाइक जी हजरत मोहम्मद जी पर बिठाने के लिए कहते हैं कि विष्णुदत्त मतलब अल्लाह का विशेष नाम और हजरत मोहम्मद जी के पिता जी का नाम अब्दुल्लाह था यानी ज़ाकिर नाइक जी कहते हैं कि सुधासागर में विष्णुदत्त से हजरत मोहम्मद के पिता अब्दुल्लाह की तरफ संकेत है और नाइक जी ये भी कहते हैं कि कल्कि अवतार की माता का नाम सुमति होगा। नाइक जी इसका भी अर्थ लगाते हैं कि सुमति अर्थात अमन और हजरत मोहम्मद जी की माता का नाम आमिना था।

आइये जानते हैं कि इस विषय मे संत रामपाल जी महाराज क्या कहते हैं?

संत रामपाल जी महाराज ने श्रीमद्भगवत सुधासागर से ये प्रमाणित करके बताया है कि 12वें स्कन्ध में लिखा है कि कल्कि अवतार का जन्म उस समय होगा, जब मनुष्य की आयु 20 से 30 वर्ष रह जाएगी। हजरत मोहम्मद जी आज से लगभग 1400 वर्ष पूर्व जब पृथ्वी पर थे, तब मनुष्यों की आयु लगभग 100 वर्षो की होती थी। संत रामपाल जी कहते हैं कि हज़रत मोहम्मद जी के माता पिता का नाम कल्कि अवतार के माता पिता के आस पास भी नहीं बैठता। डॉ ज़ाकिर नाइक जी लोगों को मूर्ख बना रहे हैं, बरगला रहे हैं और गलत उदाहरण बता कर के दुनिया को भ्रमित कर रहे हैं। संत रामपाल जी महाराज ने बताया कि आगे सुधासागर में लिखा है कि जब कल्कि अवतार जन्म लेंगे, तब गाय दूध देना बंद कर देगी और ज़ाकिर नाइक जी ये मानते हैं कि हज़रत मोहम्मद जी कल्कि अवतार थे। लेकिन जब हज़रत मोहम्मद जी धरती पर जन्मे थे, तब तो गाय बिना रुके बहुत लीटर दूध देती थी। इससे सिद्ध है कि हजरत मोहम्मद जी कल्कि अवतार नहीं थे, डॉ ज़ाकिर नाइक झूठ बोलकर, लोगों को मूर्ख बनाकर गुमराह किये हुए हैं। संत रामपाल जी महाराज ने डॉ ज़ाकिर नाइक के हजारों झूठ अपने सत्संगों में बता रखे हैं।

हजरत मोहम्मद जी का जीवन अल्लाह की इबादत करते करते भी कितना दुखमय था !

हजरत मुहम्मद जी जब माता के गर्भ में थे उस समय उनके पिता श्री अब्दुल्लाह जी की मृत्यु हो गई, छः वर्ष के हुए तो माता जी की मृत्यु। आठ वर्ष के हुए तो दादा अब्दुल मुत्तलिब चल बसा। यतीमी का जीवन जीते हुए हजरत मुहम्मद जी की 25 वर्ष की आयु में दो बार पहले विधवा हो चुकी 40 वर्षीय खदीजा से विवाह हुआ। तीन पुत्र तथा चार पुत्रियाँ संतान रूप में हुई। हजरत मुहम्मद जी को जिबराईल नामक फरिश्ते ने गला घोंट-घोंट कर जबरदस्ती डरा धमका कर क़ुरान शरीफ (मजीद) का ज्ञान तथा भक्ति विधि (नमाज आदि) बताई जो तुम्हारे अल्लाह द्वारा बताई गई थी। फिर भी हजरत मुहम्मद जी के आँखों के तारे, तीनों पुत्र (कासिम, तय्यब तथा ताहिर) मृत्यु को प्राप्त हुए।

विचार करें जिस अल्लाह के भेजे रसूल(नबी) के जीवन में कहर ही कहर (महान कष्ट) रहा। तो अन्य अनुयायियों को क़ुरान शरीफ व मजीद में वर्णित साधना से क्या लाभ हो सकता है ? हजरत मुहम्मद जी 63 वर्ष की आयु में दो दिन
असहाय पीड़ा के कारण दर्द से बेहाल होकर मृत्यु को प्राप्त हुए। जिस पिता के सामने तीनों पुत्र मृत्यु को प्राप्त हो जाए, उस पिता को आजीवन सुख नहीं होता। अल्लाह की इबादत इसीलिए करते हैं कि परिवार में सुख रहे तथा कोई पाप कर्म दण्ड भाग्य में हो, वह भी टल जाए, परन्तु हजरत मोहम्मद जी का कोई पाप अल्लाह नहीं टाल पाया, क्योंकि हजरत मोहम्मद जी और पूरा का पूरा मुसलमान समाज उस अल्लाह की इबादत कर रहा है, जो अल्लाह नहीं शैतान है, हजरत मोहम्मद जी कुरान शरीफ के ज्ञान दाता की इबादत कर रहे थे, वह वास्तव में शैतान की इबादत कर रहे थे, इसीलिए उनके जीवन में आने वाले ये भयंकर कष्ट नहीं टल सके।

कुरान शरीफ के ज्ञान दाता को पूर्ण ज्ञान नहीं है !

कुरान शरीफ का ज्ञान दाता हजरत मोहम्मद जी को सूरत फुरकानी 25 आयत 59 में कह रहा है कि तुझे उस अल्लाह ताला को पाना है, जिसने छः दिन में सृष्टि बनाई, सातवें दिन तख्त पर जा विराजा, उस अल्लाह के बारे में, मैं नहीं जानता, उस अल्लाह के बारे में तो कोई तत्वदर्शी संत/बाख़बर को खोजो और उनसे ज्ञान लो ।
कुरान शरीफ के ज्ञान दाता जिसको आज पूरा मुसलमान समाज, डॉ जाकिर नाइक जी व हजरत मोहम्मद व अन्य Complete God मान कर पूजा करते हैं और उसी की इबादत कर रहे हैं, वह ही कुरान शरीफ सूरत फुरकानी 25 आयत 59 में अपना पल्ला झाड़ रहा है तथा किसी बाख़बर की शरण में जाने को कह रहा है। वह बाख़बर और पूर्ण अल्लाह को प्राप्त करने की वास्तविक व पूर्ण भक्ति / पूर्ण इबादत हजरत मोहम्मद जी को नहीं मिली, इसी कारण हजरत मोहम्मद जी को आजीवन कष्ट उठाना पड़ा।

आज डॉ जाकिर नाइक जी और पूरा मुसलमान समाज उसी अधूरे अल्लाह की, उसी शैतान की इबादत कर रहे हैं, जो इबादत के योग्य नहीं है, इबादत के योग्य तो कबीर साहेब जी हैं, जो अल्लाह ताला है, यही वह परमात्मा है, यही वह अल्लाह है जिसने छः दिन में सृष्टि रची तथा सातवें दिन तख्त पर जा विराजा। जिसको कुरान शरीफ में “इबादही कबीरा” इस नाम से पुकारा है और कुरान शरीफ में जिस बाख़बर की शरण में जाने को कुरान शरीफ का ज्ञान दाता हजरत मोहम्मद जी को कह रहा है, वह कोई और नहीं संत रामपाल जी महाराज ही हैं। डॉ जाकिर नाइक को सारे मुसलमान समाज को साथ ले कर, जल्दी संत रामपाल जी महाराज की शरण में आ जाना चाहिए।

Zakir Naik Exposed

Latest articles

SBI PO Prelims Result 2025 Declared: Direct Link, Vacancies, and Next Steps for Candidates

SBI PO Prelims Result 2025 Declared: The State Bank of India (SBI) has officially...

Massive Earthquake in Afghanistan: Over 800 Killed, Thousands Hurt in Kunar Province

A powerful 6.0 magnitude earthquake struck eastern Afghanistan late on August 31, 2025, leaving...

संत रामपाल जी की शिष्या सुखवरिया बाई चौधरी का देहदान, जबलपुर मेडिकल कॉलेज ने गॉड ऑफ ऑनर देकर किया सम्मान

सुखवरिया बाई चौधरी ने जीवनकाल में ही देहदान का संकल्प लिया था। 31 अगस्त...
spot_img

More like this

SBI PO Prelims Result 2025 Declared: Direct Link, Vacancies, and Next Steps for Candidates

SBI PO Prelims Result 2025 Declared: The State Bank of India (SBI) has officially...

Massive Earthquake in Afghanistan: Over 800 Killed, Thousands Hurt in Kunar Province

A powerful 6.0 magnitude earthquake struck eastern Afghanistan late on August 31, 2025, leaving...