International Labour Day Hindi [2023] | कैसे हुई अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस की शुरुआत, क्या है इसका महत्व?

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Last Updated on 29 April 2023, 10:29 PM IST | अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस (International Labour Day in Hindi) 2023| अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस को लेबर डे, मई दिवस, श्रमिक दिवस Labour Day 2023, International Labour Day 2023 या May Day 2023 आदि विभिन्न नामों से पूरे विश्व में जाना जाता है। यह एक दिन मजदूरों को समर्पित है, जिसे उनके सम्मान में मनाया जाता है। भारत में मजदूर दिवस की शुरुआत चेन्नई से हुई। आइए इसके बारे में जानते है सम्पूर्ण जानकारी।

कहाँ, कब और कैसे मनाया जाता है अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस?

दुनिया के लगभग 80 देशों में 1 मई के दिन राष्ट्रीय अवकाश रहता है। जबकि बहुत सारे देशों में इसे अनाधिकारिक तौर पर मनाया जाता है। अमेरिका व कनाडा में मजदूर दिवस सितंबर महीने के पहले सोमवार को होता है। यूरोप में इसे पारंपरिक तौर पर बसंत की छुट्टी घोषित किया गया है।

International Labour Day in Hindi 2023: भारत में कैसे हुई अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस की शुरुआत?

अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस (International Labour Day in Hindi) 2023| किसी भी समाज की रचना में कामकाजी लोगों की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है। इसकी शुरूआत लेबर किसान पार्टी ऑफ हिन्दुस्तान के नेता कामरेड सिंगरावेलू चेट्यार ने की थी। भारत में मद्रास हाईकोर्ट के सामने एक बड़ा प्रदर्शन किया। एक संकल्प पत्र पारित करके यह सहमति बनाई गई कि इस दिवस को भारत में भी कामगार दिवस के तौर पर मनाया जाये और इस दिन छुट्टी का ऐलान किया जाए। लेबर किसान पार्टी ऑफ हिन्दुस्तान ने 1 मई 1923 को मद्रास में इसकी शुरुआत की। इस दिन पहली बार लाल झंडे का इस्तेमाल किया गया था, जो मजदूर वर्ग की एकता को प्रदर्शित करता है।

क्या बदलाव हुआ अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस से?

मजदूर वर्ग की सबसे बड़ी समस्या काम के घंटों को लेकर थी। सामंतवादी वर्ग हमेशा मजदूरों के शोषण के लिए जाना जाता रहा है। पहले मजदूरों के काम के घंटे निश्चित नहीं होते थे। दिन भर काम करने के बदले उन्हें बेहद कम मेहनताना मिलता था।

Read in English | Know the Events That Led to the Formulation of International Labour Day

ऐसा माना जाता है कि 8 घंटे के कार्य दिवस की जरुरत को बढ़ावा देने के अलावा मजदूरों और मालिकों के बीच संघर्ष को खत्म करने के लिये अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस (International Labour Day in Hindi) की शुरुआत हुई। इसका असर कुछ दिन बाद नजर भी आया। कंपनियों ने मजदूरों के काम करने का समय निर्धारित कर दिया। इस तरह आठ घंटे काम करने की परंपरा शुरू हुई।

International Labour Day 2023 पर देश को संदेश

महात्मा गांधी ने कहा था कि किसी देश की तरक्की उस देश के कामगारों और किसानों पर निर्भर करती है। गुरू नानक देव जी ने किसानों, मज़दूरों और कामगारों के हक में आवाज़ उठाई थी। गुरू नानक देव जी ने, ‘काम करना, नाम जपना, बाँट छकना और दसवंध निकालना’ का संदेश दिया। गरीब मज़दूर और कामगार को मनमुख से गुरमुख तक की यात्रा करने का संदेश दिया।

अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस का इतिहास (History Of Labour Day)

अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस (International Worker’s Day) की शुरुआत 1 मई 1886 को हुई, जब अमेरिका में कई मजदूर यूनियनों ने काम करने का समय 8 घंटे से ज्यादा न रखे जाने के लिए हड़ताल की थी। इस हड़ताल के दौरान शिकागो की हेमार्केट में बम धमाका हुआ था। यह बम किसने फेंका इसका कुछ पता नहीं चला। लेकिन प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए पुलिस ने गोलियां चला दीं और कई मजदूर मारे गए।

अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस 2023 के मुख्य बिंदु

  • शिकागो शहर में शहीद मजदूरों की याद में पहली बार मजदूर दिवस मनाया गया।
  • इसके बाद पेरिस में 1889 में अंतर्राष्ट्रीय समाजवादी सम्मेलन में ऐलान किया गया कि हेमार्केट नरसंहार में मारे गये निर्दोष लोगों की याद में 1 मई को अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस के रूप में मनाया जाएगा।
  • इस दिन सभी कामगारों और श्रमिकों का अवकाश रहेगा। तब से ही दुनिया के करीब 80 देशों में मजदूर दिवस को राष्ट्रीय अवकाश के रूप में मनाया जाने लगा।
  • भारत में मजदूर दिवस को अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस के रूप में मनाया जाता है।
  • इसे ‘कामगार’ दिवस भी कहते हैं। इसे महाराष्ट्र दिवस और गुजरात दिवस के रूप में भी दोनों राज्यों में मनाया जाता है ।

अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस का महत्‍व (Significance of Worker’s Day)

मजदूर दिवस का एक विशेष महत्‍व है और हो भी क्‍यों न? यह दिवस उन लोगों के नाम है जो इस दुनिया के विकास की रीढ़ है। यह दिवस याद दिलाता है कि अगर मजदूर न होते तो आधुनिकता की जिस चमक पर हम गर्व महसूस करते हैं वह अस्तित्‍व में ही नहीं होती। यह विकास, संपन्नता और ऐशो-आराम मजदूरों की ही देन है। ऐसे में हमें मजदूर दिवस के बहाने इन मेहनतकश लोगों का कोटि-कोटि धन्यवाद करना चाहिए।

International Labour Day 2023 Hindi Quotes

  • “समाज में गरीबों के सहयोग के बिना अमीर कभी भी धन संचय नहीं कर सकते” – महात्मा गांधी
  • “कभी किसी को कुछ नहीं मिलता, जब तक कि वह उसकी कीमत के हिसाब से कठिन परिश्रम नहीं करता” – बूकर टी वॉशिंगटन
  • “कार्य का आनंद लेने वाले ही उसे सही तरीके से कर सकते हैं” – अरस्तू
  • “अपने आपको उन लोगों के बीच रखो जिनसे आपको खुशी मिलती है” – कार्ल मार्क्स

आध्यात्मिकता ही एक मात्र समाधान

अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस 2023 (International Labour Day in Hindi) | प्रकृति तो हमेशा काल के साथ मिलकर ऐसे अवसर खड़े करती है जिससे जीव कष्ट प्राप्त करता है। जीवों से पाप कर्म प्रकृति कराती है और जीव समझता है कि वह कर्ता है, इसी कारण वह उसका परिणाम भुगतता है। 

यहां इस लोक में भी हमे मजदूर बनाकर इसलिए ही रहना पड़ता है। वास्तव में तो हम बहुत बड़े सेठ की संतान है जिन्होंने अपने पिता को छोड़ दिया। इस मजदूरी से बचने का एक मात्र साधन प्रकृति और काल ब्रह्म से ऊपर पूर्ण परमात्मा की भक्ति करने में है जो कि कबीर साहेब है जोकि हमारे पिता भी है।

गुरु समान दाता नहीं, याचक सीष समान ।

तीन लोक की सम्पदा, सो गुरु दिन्ही दान ।।

कबीर साहिब जी पूर्ण सतगुरु से दीक्षा प्राप्त कर ग्रंथो में वर्णित विधिवत सत भक्ति करने के बारे में कहते हैं कि जो भगत पूर्ण परमात्मा की भगति करते हैं वे यहां काल लोक के कर्मो के बंधन से छूट जाते है। उन्हे तो मौत का डर भी नहीं रहता। क्योंकि दोनों काल और मौत स्वंय पूर्ण परमात्मा अथवा सतगुरु के दरबार मे मजदूर हैं

काल जो पीसे पीसना, जौरा है पनिहार।

ये दो असल मजदूर हैं, मेरे सतगुरु के दरबार।

पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब की गुरु शिष्य परंपरा से वर्तमान में तत्वदर्शी संत सतगुरु रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेकर अपने पापकर्म दूर कर सांसारिक सुखों को भोगकर अंत समय में सतलोक गमन कर पूर्ण मोक्ष प्राप्त करें।

FAQs About International Labour Day 2023 (Hindi)

अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस कब मनाया जाता है? 

अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस, लेबर डे, मई दिवस, श्रमिक दिवस (Labour Day 2023 , International Labour Day 2023  या May Day 2023  पूरे विश्व में 1 मई को मनाया जाता है।

अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस क्यों मनाया जाता है? 

अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस (International Workers’ Day) की शुरुआत 1 मई 1886 को हुई, जब अमेरिका में कई मजदूर यूनियनों ने काम करने का समय 8 घंटे से ज्यादा न रखे जाने के लिए हड़ताल की थी। हड़ताल के दौरान शिकागो की हेमार्केट में बम धमाका हुआ। प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए पुलिस ने गोलियां चला दीं और कई मजदूर मारे गए। इसी दिवस की याद में मजदूरों को न्याय दिलाने के लिए यह दिवस मनाया जाता है।  

भारत में अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस की शुरुआत कब हुई? 

लेबर किसान पार्टी ऑफ हिन्दुस्तान ने 1 मई 1923 को मद्रास में इसकी शुरुआत की। इस दिन पहली बार लाल झंडे का इस्तेमाल किया गया था, जो मजदूर वर्ग की एकता को प्रदर्शित करता है।

अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस 2023 कैसे मनाएं?

पूर्ण सतगुरु रामपाल जी महाराज से सतग्रन्थों से प्रमाणित सतज्ञान अर्जित कर नाम दीक्षा लेकर मर्यादा में रहकर सतभक्ति करे और भौतिक सुख और पूर्ण मोक्ष प्राप्त करें। 

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