Last Updated on 23 June 2025| अंतर्राष्ट्रीय नशा निषेध दिवस (International Day Against Drug Abuse 2025) हर साल 26 जून को दुनियाभर में मनाया जाता है। इसे पहली बार साल 1987 में मनाया गया था। जब संयुक्त राष्ट्र ने साल 1987 में एक प्रस्ताव पेश कर समाज को नशा मुक्त करने की बात की थी। इस प्रस्ताव को सदस्य देशों की सहमति मिली। इसके बाद से हर साल 26 जून को अंतर्राष्ट्रीय नशा निषेध दिवस मनाया जाने लगा। इसका मुख्य मकसद लोगों को नशा और नशे से होने वाले कुप्रभाव के प्रति जागरूक करना है।
International Day Against Drug Abuse 2025: मुख्य बिंदु
- 26 जून को हर साल अंतर्राष्ट्रीय नशा निषेध दिवस मनाया जाता है।
- इसका उद्देश्य ड्रग्स की लत और इसके दुष्प्रभावों से होने वाली मौतों से लोगों को बचाना है।
- संयुक्त राष्ट्र ने अंतर्राष्ट्रीय नशा निषेध दिवस के लिए साल 2025 की थीम “जंजीरों को तोड़ें: सभी के लिए रोकथाम, उपचार और पुनर्वास!”। (“Breaking the Chains: Prevention, Treatment, and Recovery for All!”)। रखी है।
- दुनिया भर में करीब 23.4 करोड़ लोग ड्रग्स का इस्तेमाल करते हैं।
- हर साल ड्रग्स के कारण करीब 2 लाख लोग जान गंवा बैठते हैं।
- हिंदुस्तान के एकमात्र तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी के आशीर्वाद मात्र से लाखों-करोड़ों युवा हुए नशा मुक्त।
Importance of International Day Against Drug Abuse 2025 (अंतर्राष्ट्रीय नशा निषेध दिवस का महत्व)
अंतर्राष्ट्रीय नशा निषेध दिवस (International Day Against Drug Abuse 2025) का मुख्य मकसद लोगों को नशे से दूर रखना और नशा तस्करी पर लगाम कसना है ताकि बच्चे और बड़ों का भविष्य उज्ज्वल और स्वर्णिम बने। इस मौके पर कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनमें लोगों को नशे के दुष्प्रभावों से अवगत कराया जाता है।
नशा करने से न केवल अर्थ यानी धन की क्षति होती है, बल्कि कई बीमारियां शरीर में घर कर जाती हैं इससे मानसिक और शारीरिक सेहत पर बुरा असर पड़ता है। इससे कई लोगों की मौत हो जाती है तो कुछ मानसिक तनाव के कारण स्वयं आत्महत्या कर लेते हैं। यह एक बहुत बुरी लत है जो आसानी से नहीं छूटती है। भारत में भी इसके खिलाफ सख्त कानून बने हैं। हालांकि, सामाजिक सशक्तिकरण और समाज को नशा मुक्त करने के लिए और भी सख्त कदम उठाने की जरूरत है।
ड्रग्स के नशे के कारण देश और दुनिया में बनी है भयंकर स्थिति
भारत के घरेलू बाज़ार में ड्रग्स की खपत चिंताजनक रूप से बढ़ रही है। पिछले कुछ वर्षों में भारत में ड्रग्स का बाजार 455 फीसदी बढ़ा है।
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संयुक्त राष्ट्र एजेंसी यूएनओडीसी के वर्ष 2015 के आंकड़ों के मुताबिक दुनियाभर में करीब 23.4 करोड़ लोग ड्रग्स का इस्तेमाल करते हैं। हर साल ड्रग्स के कारण करीब 2 लाख लोग जान गंवा बैठते हैं।
कब हुई थी अंतर्राष्ट्रीय नशा निषेध दिवस की शुरुआत
अंतर्राष्ट्रीय नशा निषेध दिवस की शुरुआत संयुक्त राष्ट्र की आमसभा ने 7 दिसंबर साल 1987 को की थी जिसके अंदर दुनिया को नशे और उसके दुष्प्रभावों से बचाने के लिए 26 जून को अंतर्राष्ट्रीय मादक द्रव्य निषेध (नशा मुक्ति/निवारण) दिवस मनाने का फैसला किया गया। कई लोग यह दिन लिन जेक्स्यू द्वारा ह्यूमेन, गुआंगडोंग, चीन में पहले अफीम युद्ध से पहले अफीम के व्यापार को समाप्त करने के प्रयास के लिए भी जाना जाता है।
Theme of International Day Against Drug Abuse 2025 (अंतर्राष्ट्रीय नशा निषेध दिवस की थीम)
संयुक्त राष्ट्र ने अंतर्राष्ट्रीय नशा निषेध दिवस (26 जून) 2025 के लिए थीम घोषित की है – अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवस 2025 की थीम है “जंजीरों को तोड़ें: सभी के लिए रोकथाम, उपचार और पुनर्वास!”। (“Breaking the Chains: Prevention, Treatment, and Recovery for All!”) यह थीम नशे की रोकथाम, उपचार और पुनर्वास पर जोर देती है, ताकि समाज में जागरूकता बढ़े। हर साल 26 जून को यह दिवस नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ मनाया जाता है। जागरूकता अभियान, नशा मुक्ति केंद्रों का विस्तार और सोशल मीडिया प्रचार से इस समस्या को रोकने में मदद मिल सकती है।
अंतर्राष्ट्रीय नशा निषेध दिवस विचार (International Day Against Drug Abuse 2025 Quotes in Hindi)
- मदिरा पीवै कड़वा पानी। सत्तर जन्म श्वान के जानी।। -संत गरीबदास जी महाराज
- नशा सर्वप्रथम तो इंसान को शैतान बनाता है। फिर शरीर का नाश करता है। -संत रामपाल जी महाराज
- सुरापान मद्य मांसाहारी। गमन करै भोगै पर नारी।। सत्तर जन्म कटत है शीशं। साक्षी साहेब है जगदीशं।। -संत गरीबदास जी महाराज
- नशीली वस्तुओं को तो गाँव-नगर में भी नहीं रखे, घर की बात क्या। सेवन करना तो दूर सोचना भी नहीं चाहिए। -संत रामपाल जी महाराज
- सौ नारी जारी करै, सुरापान सौ बार। एक चिलम हुक्का भरै, डूबै काली धार।। -संत गरीबदास जी महाराज
- नशा चाहे शराब, सुल्फा, अफीम, हिरोईन आदि किसी का भी करते हो, यह आपके सर्वनाश का कारण बनेगा। -संत रामपाल जी महाराज
- हुक्का हरदम पीवते, लाल मिलांवे धूर। इसमें संशय है नहीं, जन्म पीछले सूअर।। -संत गरीबदास जी महाराज
नशा मुक्त समाज की दिशा में समाधान
नशा मानव जीवन का सबसे बड़ा दुश्मन है, जो न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है, बल्कि आत्मा की प्रगति में भी रुकावट डालता है। नशा व्यक्ति को अधर्म की ओर ले जाता है, जिससे वह अपने सच्चे उद्देश्य से भटक जाता है। संत रामपाल जी स्पष्ट रूप से कहते हैं कि सच्चे भक्त को किसी भी प्रकार का नशा नहीं करना चाहिए क्योंकि यह ईश्वर की भक्ति में सबसे बड़ा बाधक है।
धार्मिक ग्रंथों में नशा वर्जित
संत रामपाल जी वेदों, गीता, कुरान और बाइबल जैसे पवित्र ग्रंथों का उल्लेख करते हुए कहते हैं कि इनमें नशे की अनुमति नहीं है। यजुर्वेद में साफ लिखा है कि मादक पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए। गीता में भी कहा गया है कि जो व्यक्ति संयमी नहीं है, वह योग का अधिकारी नहीं बन सकता।
सतभक्ति से नशा छूट सकता है
उनका कहना है कि अगर कोई व्यक्ति सच्चे संत से नाम दीक्षा लेकर सतभक्ति करता है, तो वह नशे जैसी बुरी आदत से अपने आप मुक्त हो सकता है। संत रामपाल जी यह भी बताते हैं कि नशे के खिलाफ कोई हिंसा या बल प्रयोग नहीं होना चाहिए, बल्कि इसे प्रेम, ज्ञान और आध्यात्मिक मार्गदर्शन के माध्यम से ही छोड़ा जा सकता है।
कौन है वह परमसंत जिनके आशीर्वाद मात्र से लाखों-करोड़ों युवाओं ने नशा करना छोड़ा?
वे परम संत कोई और नहीं जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज हैं। उनके अनुयाई किसी भी प्रकार का कोई भी नशा नहीं करते और जिन लोगों में पहले से नशा करने की बुरी लत थी, संत रामपाल जी महाराज जी से नाम दीक्षा (निशुल्क) लेने के बाद, उनसे आशीर्वाद प्राप्त करने के बाद उनकी भी नशे की आदत छूमंतर हो गयी। नशा मुक्ति के लिए दुनियाभर की सरकारें तमाम प्रयास कर रही है किंतु सब व्यर्थ साबित हो रहा है। वहीं दूसरी ओर हिंदुस्तान के एक परम संत के आशीर्वाद और सतज्ञान से लाखों-करोड़ों युवा नशा मुक्त हो रहे हैं और स्वस्थ जीवन जी रहे हैं।
यदि आप भी हर प्रकार के नशे से मुक्ति चाहते हैं तो साधना टीवी पर प्रत्येक शाम को 7:30 बजे से 8:30 बजे तक सत्संग सुनें, जब ज्ञान समझ में आ जाए तो नाम दीक्षा लेकर, भक्ति करके अपना जीवन सफल बनाएं। आज ही पढ़े जीने की राह पुस्तक और अपने जीवन को सुखमय बनाए।
अंतर्राष्ट्रीय मादक द्रव्य निषेध दिवस से संबंधित FAQ
वर्ल्ड ड्रग दिवस (World Drug Day) प्रत्येक वर्ष 26 जून को सयुक्त राष्ट्र के ड्रग्स और अपराध कार्यालय द्वारा मनाया जाता है।
संयुक्त राष्ट्र ने अंतर्राष्ट्रीय मादक द्रव्य निषेध दिवस के लिए साल 2025 की थीम “Breaking the Chains: Prevention, Treatment, and Recovery for All!” (“जंजीरों को तोड़ें: सभी के लिए रोकथाम, उपचार और पुनर्वास!”) रखी है।
विश्व ड्रग दिवस, हर साल 26 जून को नशीली दवाओं के दुरुपयोग से दुनिया को मुक्त करने के लिए जागरूकता फैलाने और समाधान के उद्देश्य से मनाया जाता है। प्रत्येक वर्ष व्यक्ति, समाज, और दुनिया भर के विभिन्न संगठन विश्व ड्रग दिवस मनाने के लिए शामिल होते हैं ताकि अवैध ड्रग्स की बड़ी समस्या को समाप्त किया जा सके।