September 8, 2024

समाज को एक अनोखा सन्देश 17 मिनिट में गुरुवाणी से सम्पन्न हुए अंतरजातीय दहेज मुक्त विवाह (रमैनी)

Published on

spot_img

कबीरपंथी विचारधारा के सन्त रामपाल जी महाराज जी के अद्वितीय ज्ञान की विचारधारा से प्रेरित होकर सन्त जी के अनुयायियों के द्वारा सन्त रामपाल जी महाराज के सानिध्य में दहेज मुक्त अंतरजातीय विवाह (रमैनी) की जो अनोखी पहल की गई है निश्चित रूप से यह पहल विश्व हितैषी तथा समाजसुधारक पहल है और सम्पूर्ण विश्व की युवा पीढ़ी को एक अनुपम और नई दिशा में ले जाने वाली पहल है। आज के युवाओं के लिये यह अच्छा सन्देश है कि आडम्बरो व कुरीतियों से मुक्त विवाह(रमैनी) ही सर्वश्रेष्ठ विवाह है।

Table of Contents

मुख्य बिंदु

  • संत रामपाल जी के द्वारा चलाई जा रही दहेज मुक्त अंतरजातीय विवाह (रमैनी) की मुहिम से कुरीतियां होंगी कोसों दूर।
  • संत रामपाल जी के सनिध्य में हो रहे “दहेज मुक्त अंतरजातीय सादगीपूर्ण विवाह (रमैनी)” समाज के लिए बने मिसाल
  • आज की युवा पीढ़ी के लिए दहेज मुक्त अंतरजातीय विवाह (रमैनी) प्रेणादायक सन्देश।
  • सन्त जी के सानिध्य में बिना किसी फिजूलखर्ची के सम्पन्न होते हैं दहेज मुक्त अंतरजातीय विवाह (रमैनी)
  • संत रामपाल जी ने दहेज मुक्त अभियान के साथ-साथ नशा मुक्त अभियान की भी छेड़ी मुहिम
  • बिना किसी शोर-शराबे के सम्पन्न हुए दहेज मुक्त विवाह(रमैनी)
  • बाल विवाह प्रथा व दहेज प्रथा होगी खत्म
  • सन्त रामपाल जी महाराज ही एक सच्चे समाजसुधारक पूर्ण सन्त हैं।

पूर्ण सन्त रामपाल जी महाराज के सानिध्य हो रहे दहेज मुक्त अंतरजातीय विवाहों के बारे में

  • दिनाँक 13/11/2020 को मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले के करैरा निवासी सन्त जी के अनुयायी मुन्ना दास जी (शासकीय शिक्षक) ने समाजसुधारक तत्वदर्शी सन्त रामपाल जी महाराज के अनमोल ज्ञान से प्रेरित होकर अपनी कलेजे की कौर(पुत्री) रोशनी (उम्र 20 वर्ष) का पूर्णतः दहेज मुक्त विवाह मध्यप्रदेश के दतिया जिले के निवासी सन्त जी के अनुयायी उत्तम दास जी के पुत्र दीपक दास (उम्र 21 वर्ष)के साथ सम्पन्न किया।
  • सन्त रामपाल जी महाराज की अद्वितीय अनमोल विचारधारा से प्रेरित होकर कोटा (राजस्थान) निवासी सन्त जी के अनुयायी ब्रजेश दास (बिट्टू) उम्र 27 वर्ष ने फरीदाबाद (हरियाणा) निवासी सन्त जी की अनुयायी जूही (प्रियंका) जी को सन्त रामपाल जी महाराज के सनिध्य में दहेज मुक्त अंतरजातीय विवाह (रमैनी) कर अपना जीवन साथी चुना। वैवाहिक दंपति (वर व वधु दोनों ही) शासकीय पदों (ब्रजेश दास – Plant Maintenance, जूही दासी – HR Admin) पर कार्यरत हैं।
  • दहेज मुक्त सादगीपूर्ण अंतरजातीय विवाह (रमैनी) कर शिक्षित वैवाहिक दंपति (वर व वधु दोनों) आज की युवा पीढ़ी के लिए एक नई प्रेरणा बने।
  • उत्तरप्रदेश के जिला अमरोहा, तहशील हसनपुर, ग्राम आदमपुर निवासी पूर्ण सन्त रामपाल जी महाराज के अनुयायी जगदीश दास ने सन्त रामपाल जी महाराज की अनमोल विचारधारा के प्रभाव से प्रेरित होकर अपने पुत्र आकाश दास का दहेज मुक्त विवाह (रमैनी) सन्त जी के अनुयायी ग्राम-कासमपुर, जिला-सम्भल (उत्तरप्रदेश) निवासी सौदान दास जी की पुत्री रीना दासी जी के साथ सम्पन्न किया।

अंतरजातीय दहेज मुक्त विवाह: न कोई पंडित, न मंडप और न ही फेरे

क्या आपने कभी सुना है कि बिना किसी पंडित, बिना मंडप या बिना फेरों के विवाह संपन्न हुआ। हाँ, जी आज देख भी लिया कि, बिना आडम्बरों (मंडप, फेरे तथा रस्मो-रिवाज) के भी सादगीपूर्ण तरीके से भी विवाह सम्भव है। विवाह सिर्फ परमात्मा के द्वारा बनाया गया संस्कार है। इसमें तमाम तरह के ताम-झाम या आडम्बर करना सिर्फ समय और पैसे की बर्बादी है।

आध्यात्मिक ज्ञान के प्रभाव से खत्म होंगे पारिवारिक झगड़े

जिस तरीके से आज वर्तमान में देखा जाए तो विवाहों में लोग लाखों करोड़ों रुपए खर्च कर देते हैं, लेकिन फिर भी दोनों(वर-वधु) खुश नहीं रह पाते हैं किसी-न-किसी कारण से आपस में खींचातानी, लड़ाई-झगड़ा आखिरकार चलता ही रहता है ऐसा क्यों?

इसका एक ही कारण है आध्यात्मिक ज्ञान की कमी

और दूसरी तरफ देखा जाए तो संत रामपाल जी महाराज के शिष्य बिना किसी दहेज के, बिना किसी बैंड बाजे के केवल 17 मिनट में विवाह (जिसको संत भाषा में रमैनी कहते हैं) करते हैं। सन्त जी के अनुयायी किसी प्रकार का दिखावा नहीं करते हैं तथा साधारण तरीके से विवाह(रमैनी) करते हैं, लेकिन फिर भी बेटी जब ससुराल जाती है तो वहां भी बहुत खुश रहती है और ना ही बेटी को ससुराल वाले प्रताड़ित करते हैं और वधु को अपनी बेटी के समान दर्जा दिया जाता है।

सादगीपूर्ण विवाहों (रमैनी) से नाचने-गाने व शोर शराबे पर लगेगा विराम

विवाहों में लोग नाचते-गाते हैं तथा तीव्र आवाज में डी.जे. बजाते हैं। मान बड़ाई की बेड़ियों में जकड़कर बेवजह पैसे की बर्बादी व दिखावा करते हैं।

पूर्ण परमेश्वर कविर्देव जी अपनी वाणी में कहते हैं :

“नाचे गाये किन्हें ना मिल्या, जिन मिल्या तिन रोय।
जे नाचे गाये हरि मिले, तो कौन दुहागण होय ।।”

परमात्मा वाणी में कहना चाहते हैं कि अगर नाचने-गाने से भगवान खुश होता है, तो विवाह के पश्चात बहुत-सी बहन-बेटियां विधवा क्यों हो जाती हैं। कई बार आये दिन अखबारों में खबरें आती रहती हैं, कि रातभर तो डी.जे. बजा कर खूब नाच रहे थे, सुबह जब बारात जा रही थी तो रास्ते में एक्सीडेंट हो गया और दूल्हे की मौत हो गई। नाचना-गाना यह शास्त्रों के विरुद्ध कार्य है। इससे पूर्ण परमात्मा कविर्देव जी खुश नहीं होंगे ।

वहीं दूसरी ओर सन्त रामपाल जी महाराज के अनुयायी सन्त जी के ज्ञान से प्रेरित होकर दहेज़ मुक्त विवाहों(रमैनी) में नाचना-गाना, डी.जे. बजाना यह व्यर्थ का ढोंग नहीं करते हैं। संत रामपाल जी महाराज अपने सत्संग में बताते हैं कि नाचना गाना यह तो सब वैश्याओ का काम है जो अपने पेट के पालन-पोषण के लिए नाच-गाना करती हैं। डी.जे. की तेज आवाज से आज जीव-जंतुओं का तथा मानव का जीवन भी खतरे में है। डी.जे. की तीव्र आवाज से आज मानव में कई प्रकार की बीमारियां जन्म ले चुकी हैं, जैसे कि बहरापन तथा ह्रदयघात जैसी खतरनाक बीमारियां।

अंतरजातीय दहेज मुक्त विवाह (रमैनी) से जाति बंधन की सीमाएं होंगीं खत्म

सन्त रामपाल जी अपने अनुयायियों को बताते हैं कि हम सब एक ही परमात्मा की सन्तानें हैं तो फिर अलग-अलग धर्म/मजहब/जातियां किस लिए।

  • सन्त रामपाल जी बताते हैं कि:

जीव हमारी जाति है, मानव धर्म हमारा।
हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई, धर्म नहीं कोई न्यारा।।

दहेज प्रथा अब अपने अंत की ओर अग्रसर

संत रामपाल जी के सानिध्य में दहेज मुक्त विवाह (रमैनी) की जो विश्वस्तरीय मुहिम चलाई जा रही है, जिसके परिणामस्वरूप सन्त जी के अनुयायी दहेज मुक्त अंतरजातीय विवाहों (रमैनी) में 1 रुपये का भी लेन-देन नहीं करते हैं और न ही किसी रस्मो-रिवाज के नाम पर 1 रुपया भी लेते हैं।

“सच हो रहा है सबका सपना, दहेज मुक्त हो रहा है भारत अपना”

दहेज लेना-देना दोनों ही महापाप हैं: सन्त रामपाल जी महाराज

सन्त रामपाल जी महाराज अपनी अमृतमयी वाणी के माध्यम से बताते हैं, दहेज लेना जहर लेने के जैसा है और अगर किसी का एक पैसा लिया है तो वह देना ही पड़ेगा यही पूर्ण परमात्मा का विधान है। सन्त जी बताते हैं कि किसी पिता ने अपने कलेजे की कौर अर्थात अपनी पुत्री आपको दे दिया अर्थात उसने अपना सर्वस्व आपको दे दिया, इसके पश्चात मांगने को शेष क्या रहा।

“आप से आवै रत्न बराबर, मांगा आवै लोहा।।”

दहेज मुक्त अभियान के साथ-साथ नशा मुक्त अभियान

आज हम देखते हैं कि देश-दुनिया में नशे के कारण लाखों परिवार बिखर गए हैं, करोड़ों लोग बीमार हैं तथा अनगिनत लोगों ने आत्महत्या कर ली हैं। इन सबसे बचने का एकमात्र उपाय है कि तत्वदर्शी सन्त रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा प्राप्त कर तमाम तरह की बुराइयों से मुक्ति पाएं और अपना जीवन सफल बनायें।

  • देखें विशेष कार्यक्रम ख़बरों की ख़बर का सच

सन्त रामपाल जी महाराज से दीक्षा लेकर आज लाखों लोगों ने पूर्ण रूप से सभी प्रकार का नशा त्याग दिया है। सन्त जी के अद्वितीय ज्ञान के कारण कई परिवार आज बर्बाद होने से बच गए हैं, सन्त जी से नाम दीक्षा लेने के बाद कोई भी व्यक्ति नशा करना तो दूर रहा नशे को हाथ भी नहीं लगाता है। यजुर्वेद अध्याय 19 मन्त्र 30 में प्रमाण है कि तत्वदर्शी सन्त वही होगा जो अपने साधकों को दुर्व्यसनों से मुक्त करवाएगा।

सन्धिछेदः- व्रतेन दीक्षाम् आप्नोति दीक्षया आप्नोति दक्षिणाम्।
दक्षिणा श्रद्धाम् आप्नोति श्रद्धया सत्यम् आप्यत।

पूर्ण परमेश्वर कविर्देव जी के शुभाशीर्वाद से सम्पन्न हुए दहेज मुक्त विवाह (रमैनी)

सन्त रामपाल जी महाराज के सानिध्य में सन्त जी के अनुयायियों के द्वारा दहेज मुक्त विवाहों में पूर्ण परमात्मा कविर्देव जी की तथा सर्व देवी-देवताओं की स्तुति की जाती है। जिससे पूर्ण परमात्मा कविर्देव जी वैवाहिक दम्पत्ति को जीवन पर्यन्त सुखी रहने का शुभाशीष देते हैं।

सद्भक्ति से ही सर्व सुख-सुविधाएं सम्भव

“सुखी होगा हर इंसान, धरती बनेगी स्वर्ग समान।”

सन्त रामपाल जी महाराज की अनुपम विचारधारा से प्रेरित होकर सन्त जी के अनुयायी किसी प्रकार का न तो नशा करते हैं, न ही रिश्वतखोरी करते हैं। परनारी को अपनी बहन, बेटी तथा मां की दृष्टि से देखते हैं सभी प्रकार की बुराइयों से कोसों दूर रहते हैं, क्योंकि सन्त जी अपनी अमृतमयी वाणी में बताते हैं कि -:

परनारी को देखिए, बहन-बेटी के भाव।
कहैं कबीर काम नाश का यही सहज उपाय।।

बिना समय व्यर्थ गंवाएं मनुष्य जन्म के मूल उद्देश्य को जानने के लिए देखें, सुनें व पढ़ें

बिन उपदेश अचम्भ है, क्यों जिवत हैं प्राण।
भक्ति बिना कहाँ ठौर है, ये नर नाहीं पाषाण।।

पूर्ण परमात्मा कविर्देव की कह रहे हैं कि हे भोले मानव! मुझे आश्चर्य है कि बिना गुरु से दीक्षा लिए किस आशा को लेकर जीवित है। इसलिये बिना समय व्यर्थ गवाएं आज ही पूर्ण सन्त रामपाल जी महाराज से निःशुल्क नाम दीक्षा प्राप्त करें। अधिक जानकारी के लिए “सतलोक आश्रम यूट्यूब चैनल” विजिट करें। सन्त रामपाल जी महाराज द्वारा लिखित पवित्र पुस्तक “जीने की राह” का अवश्य अध्ययन करें।

Latest articles

International Literacy Day 2024: Why ILD Should Embrace Spiritual Literacy Alongside Traditional Education

Last Updated on 4 September 2024 IST | International Literacy Day 2024 | The...

Rishi Panchami 2024 [Hindi] : क्या ऋषि पंचमी व्रत करना है सही है, जानिए क्या कहती है भगवत गीता?

Last Updated on 4 September 2024 IST: Rishi Panchami 2024 |  सप्तऋषियों को समर्पित...

Ganesh Chaturthi 2024: Discover the True Adi Ganesha Beyond Idols!

Last Updated on 2 September 2024 IST | Ganesh Chaturthi 2024: Ganesh Chaturthi is...
spot_img
spot_img

More like this

International Literacy Day 2024: Why ILD Should Embrace Spiritual Literacy Alongside Traditional Education

Last Updated on 4 September 2024 IST | International Literacy Day 2024 | The...

Rishi Panchami 2024 [Hindi] : क्या ऋषि पंचमी व्रत करना है सही है, जानिए क्या कहती है भगवत गीता?

Last Updated on 4 September 2024 IST: Rishi Panchami 2024 |  सप्तऋषियों को समर्पित...