भारत की राजधानी दिल्ली जैसे शहर में जहां सभी व्यक्ति अपने अपने जीवन में इतना व्यस्त हैं कि वे अपने अलावा समाज की तरफ अपने कर्तव्यों को भूल गए हैं और नैतिकता सिर्फ एक शब्द भर रह गया है। वही दूसरी ओर दिल्ली के एक वाक्या ने ये साबित कर दिया कि मनुष्य चाहे कितना भी आधुनिक हो जाए, इंसानियत अभी भी जिंदा है। इस लेख में इसी से संबंधित पढ़ें यह पूरी खबर।
क्या है पूरी घटना
बीते शुक्रवार यानि 5 मई को साउथ दिल्ली के साकेत मेट्रो स्टेशन के पास से कुछ 100 मीटर की दूरी पर एक महिला साधना पत्नी मनोज कुमार का ज्वेलरी बैग गिर गया था। जिसमें पैसों के अलावा एयरफोर्स के कुछ डॉक्यूमेंट भी मौजूद थे।
संत रामपाल जी महाराज के शिष्य ने लौटाया खोया हुआ बैग
5 मई को ही दीपक दास नामक संत रामपाल जी महाराज का शिष्य अपने कुछ साथियों के साथ अपने गुरु संत रामपाल जी महाराज जी का ज्ञान प्रचार साउथ दिल्ली के साकेत मेट्रो स्टेशन के पास कर रहा था। तभी उसका ध्यान महिला ज्वैलरी बैग पर पड़ा जो सड़क पर गिरा हुआ था। उस बैग को दीपक ने उठाया तो उसके अंदर पैसों के अलावा एयरफोर्स के कुछ डॉक्यूमेंट थे।
उसने उसे अपने साथियों को बताया और बोला अगर कोई महिला अपने खोए हुए बैग की तलाश में आएगी तो उनको यह बैग लौटा देंगे। उस दिन शाम तक वह अपने गुरु जी का ज्ञान प्रचार करता रहा लेकिन कोई बैग की तलाश में नहीं पहुंचा। तब दीपक अपने साथ उस बैग को घर ले गया, क्योंकि दस्तावेजों में कोई भी मोबाइल नम्बर मौजूद नहीं था इसलिए संपर्क करना बहुत मुश्किल था। अंततः दीपक ने सोमवार को महिला के पति को जैसे का तैसा बैग लौटाते हुए ईमानदारी और इंसानियत का परिचय दिया।
कैसे मिला महिला को खोआ हुआ बैग ?
दीपक ने डॉक्यूमेंट के आधार पर इंटरनेट पर खोजना शुरू किया और उन्होंने एयरफोर्स हेडक्वार्टर की साइट पर मौजूद एक नम्बर पर संपर्क किया परंतु छुट्टी का दिन होने से किसी ने भी कॉल नहीं उठाया। तब दीपक ने एयरफोर्स की साइट पर पहुंच कर उनकी ईमेल आईडी पर दस्तावेजो की फोटो मेल कर दी। जिसके बाद अगले दिन सोमवार को दीपक को उनके दफ्तर पहुंचने पर उनके निजी नंबर पर एक कॉल आया जो साधना जी के पति मनोज जी का था।
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उन्होंने बताया कि एयरफोर्स हेडक्वार्टर से मुझे कॉल आया और उन्होंने आपका नंबर दिया कि अपने खोए हुए दस्तावेज लेने के लिए आप इस नंबर पर संपर्क कर सकते है। क्योंकि आपका नंबर उनके पास प्राप्त ईमेल में था जो आपने दिया था। इस प्रकार तीसरे दिन शाम को साकेत मेट्रो के पास मनोज जी को अपनी पत्नी का खोया हुआ बैग संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य दीपक दास जी से प्राप्त हुआ। दीपक दास ने मनोज जी को खोए हुए बैग के साथ संत रामपाल जी महाराज द्वारा लिखित धार्मिक पुस्तक ज्ञान गंगा साथ में भेंट की और अपने गुरुदेव द्वारा दिये जा रहे सत्य ज्ञान के बारे में बताया। जिससे समाज में सुधार हो सकता है।
संत रामपाल जी महाराज की शिक्षा से होगा समाज में सुधार
विश्व के सबसे बड़े समाज सुधारक संत रामपाल जी महाराज जी के ज्ञान का ही यह असर है कि उनके शिष्यों में ईमानदारी, मानवता जैसे गुण मौजूद हैं। अन्यथा आज के व्यक्ति की वृत्ति इतनी गिर गई है कि वह लूट खसौट करने से भी परहेज नहीं करता, पैसे से भरा बैग लौटना तो दूर रहा। जिससे यह स्पष्ट है कि यदि संत रामपाल जी महाराज के ज्ञान को प्रत्येक व्यक्ति सुने तो एक बार फिर समाज से लूट खसौट, चोरी, रिश्वत खोरी, भ्रष्टाचार आदि बुराइयां समाप्त हो सकती हैं।
वैचारिक और धार्मिक शिक्षा की क्रांति ला रहे संत रामपाल जी
आज इंसान इंसान का दुश्मन बना हुआ है क्योंकि इंसानियत और वैचारिक भाव की कमी के कारण मानव अपने जीवन का सही गलत का फैसला करने में असमर्थ है। लेकिन दूसरी ओर संत रामपाल जी के अद्भुत ज्ञान से समाज में सकारात्मक सोच का विस्तार हो रहा है जिसका जीता जागता उदाहरण दिल्ली की इस घटना से मालूम पड़ता है।
जिससे कहा जा सकता है कि आज भी लोगों में इंसानियत और ईमानदारी जिंदा है जोकि संत रामपाल जी महाराज की दी गई आध्यात्मिक, सामाजिक और नैतिक शिक्षा से संभव हो पाया है। संत रामपाल जी महाराज की आध्यात्मिक, सामाजिक व नैतिक शिक्षा को जानने के लिए Sant Rampal Ji Maharaj App को गूगल प्ले स्टोर से डाऊनलोड करें और संत रामपाल जी महाराज के अद्भुत सत्संगों को सुने। जिससे समाज से लूट खसोट, चोरी, बेईमानी आदि बुराई सदा के लिए समाप्त हो सके।