August 8, 2025

भारत में 12% मसाले FSSAI मानकों पर असफल: भारतीय मसाले एमडीएच और एवरेस्ट भी निशाने पर

Published on

spot_img

भारत दुनिया के सबसे बड़े मसाला निर्यातको में से एक है और ऐसे में भारत के मसाले यदि परीक्षण में खरे नहीं उतरते तो यह चिंता का विषय है। हालही में FSSAI की एक रिपोर्ट में लगभग 12% भारतीय मसाले गुणवत्ता और सुरक्षा मानको पर खरे नहीं उतरे। FSSAI के द्वारा मई से जुलाई के बिच में परीक्षण किये गये जिसमे मसालो के 4054 नमूनों में से 474 गुणवत्ता और सुरक्षा मानको में असफल रहे।

यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ जब अप्रेल 2024 में हांगकांग ने उच्च किटनाशक स्तर के कारण MDH और Everest ब्रांड के कुछ मिश्रणों की बिक्री निलंबित की थी जिसके बाद FSSAI ने दोनो भारतीय मसालो के लिए चिंता ओर जोखिम को देखते हुए परीक्षण किये। भारत के सर्वाधिक लोकप्रिय मसालो की ब्रांड को FSSAI की इस रिपोर्ट में संदूषित पाया गया। परीक्षण के बाद भी MDH और EVEREST दोनों ने आश्वासन दिया है कि उनके उत्पाद उपभोग के लिए सुरक्षित हैं।

FSSAI के आंकड़ों के बाद ब्रिटेन ने भारतीय मसालो के आयात पर कड़ा नियंत्रण कर दिया है तथा अन्य देश न्यूजीलैंड, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया जैसे देश भारतीय संदूषित मसालो की ब्रांडों से संबंधित मुद्दों पर विचार कर रहे हैं। FSSAI ने बताया कि उसके पास उन ब्रांडों की विस्तृत जानकारी नहीं है जिनके मसालों का परीक्षण किया गया था, लेकिन नियामक ने पुष्ठी की कि संबंधित कंपनियों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।

■ Also Read: 98 की उम्र में महाशय धर्मपाल गुलाटी का निधन, ज़िदगी के वास्तविक लक्ष्य को नही कर सके पूरा

सियोन मार्केट रिसर्च के अनुसार, 2022 में भारत का घरेलू मसाला बाजार 10.44 बिलियन डॉलर का था। देश ने मसालों और मसाला उत्पादों के निर्यात का भी रिकॉर्ड बनाया, जो मार्च में समाप्त हुए वित्तीय वर्ष में 4.46 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया। यह आर्थिक आंकड़े वैश्विक मसाला व्यापार में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करते हैं, भले ही अंतरराष्ट्रीय साझेदारों द्वारा गुणवत्ता और सुरक्षा संबंधी चिंताएं हाल ही में जताई गई हों।

दोस्तों कहते है, अपने भक्त के लिए पूर्ण परमात्मा अपने निज स्थान से भी भोजन भेज देता है। उस स्थान को सतलोक कहते है। जँहा का पानी भी कभी खराब नहीं होता। सूक्ष्म वेद यानी अमर ग्रंथ साहेब में बताया है की गंगा का जल सतलोक के पदार्थो का एक नमूना है। जिसे भगवान ने धरती पर इसलिए भेजा है ताकि आम मनुष्य को इस ग्रंथ में लिखी सतलोक की महिमा पर अविश्वास ना हो।

क्योंकि अमरग्रन्थ की रचना संत गरीबदास जी ने सतलोक को अपनी आँखों से देखने के बाद की जिस कारण इसमें लिखी हर बात सौ की सौ सत्य है। वर्तमान समय में पवित्र अमर ग्रन्थ साहिब यानी पांचवे वेद की वास्तविक जानकारी संत रामपालजी महाराजजी दे रहें है। अधिक जानकारी के लिए आज ही डाउनलोड करें ‘संत रामपालजी महाराज Android App’ Google Play Store से। 

Latest articles

Independence Day 2025(Hindi): इतिहास से भविष्य तक की यात्रा

Last Updated on 7 August 2025 IST | Independence Day 2025 (Hindi) | भारत...

50% US Tariff on India: Trump Hits India Again Over Russian Oil Imports

On Wednesday, the US President Donald Trump made the biggest slap on India-US trade...

World Indigenous Day 2025: Which Culture We should follow?

Last Updated on 6 August 2025 IST: World Indigenous Day 2025: People celebrate days...
spot_img

More like this

Independence Day 2025(Hindi): इतिहास से भविष्य तक की यात्रा

Last Updated on 7 August 2025 IST | Independence Day 2025 (Hindi) | भारत...

50% US Tariff on India: Trump Hits India Again Over Russian Oil Imports

On Wednesday, the US President Donald Trump made the biggest slap on India-US trade...

World Indigenous Day 2025: Which Culture We should follow?

Last Updated on 6 August 2025 IST: World Indigenous Day 2025: People celebrate days...