स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 (India Cleanest City Ranking 2021) अभियान के तहत राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने शनिवार को 342 शहरों को सम्मानित किया। केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के द्वारा इंदौर (मध्य प्रदेश) को लगातार 5वीं बार भारत का सबसे स्वच्छ शहर घोषित किया गया है। वहीं सूरत (गुजरात) देश का दूसरा और विजयवाड़ा (आंध्र प्रदेश) देश का तीसरा सबसे स्वच्छ शहर बने।
इंदौर देश का सबसे स्वच्छ शहर: मुख्य बिंदु
- केंद्र सरकार के वार्षिक स्वच्छता सर्वेक्षण में इंदौर को लगातार पांचवीं बार सबसे स्वच्छ शहर घोषित किया गया
- इंदौर लगातार 5 वर्षों (2017, 2018, 2019, 2020, 2021) से शीर्ष स्थान पर रहा
- छत्तीसगढ़ ने सबसे स्वच्छ नंबर वन राज्य का स्थान पाया
- वाराणसी को ‘स्वच्छ गंगा शहर” की श्रेणी में प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ। बिहार के मुंगेर को दूसरा और पटना को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ।
- 5 करोड़ से अधिक लोगों ने प्रतिक्रिया देकर अपनी राय बताई थी।
- सर्वेक्षण में महाराष्ट्र को कुल 92 पुरस्कार प्राप्त हुए जबकि छत्तीसगढ़ को 67 पुरस्कार मिले
- नौ शहरों इंदौर, सूरत, नई दिल्ली नगरपालिका परिषद, नवी मुम्बई, अंबिकापुर, मैसूरू, नोएडा, विजयवाड़ा और पाटन को कचरा मुक्त शहर की श्रेणी में 5 स्टार रेटिंग वाले शहर के रूप में प्रमाणित किया गया
- 143 शहरों को 3 स्टार रेटिंग वाले शहर का दर्जा मिला।
- आवास शहरी विकास मंत्रालय के अनुसार राष्ट्रीय स्तर पर स्वच्छ सर्वेक्षण में 28 दिनों में 4,320 शहरों में 4.2 करोड़ लोगों की राय ली गई।
- एक लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में शीर्ष 10 स्वच्छ शहरों में इंदौर, सूरत, विजयवाड़ा, नवी मुम्बई, नयी दिल्ली, अंबिकापुर, तिरूपति, पुणे, नोएडा और उज्जैन शामिल किए गए।
- 100 से कम शहरी स्थानीय निकाय वाले राज्यों की श्रेणी में झारखंड को पहला स्थान मिला और इसके बाद हरियाणा और गोवा को स्थान प्राप्त हुआ।
- दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने स्वच्छ सर्वेक्षण का पुरस्कार निगमायुक्त प्रतिभा पाल को दिया।
- ड्रेनेज के सफाईकर्मियों की सुरक्षा के लिए इस वर्ष शुरू हुई सफाई मित्र सुरक्षा चैलेंज प्रतियोगिता का पुरस्कार भी इंदौर को मिला है।
- लगातार पांचवी बार पहला स्थान मिलने पर सीएम शिवराज सिंह ने खुशी जताई।
- तत्वज्ञान की रोशनी में कैसे बन सकता है पूरा भारत देश स्वच्छ और समृद्ध।
India Cleanest City Ranking 2021: कैसे बना इंदौर पांचवीं बार भी सबसे स्वच्छ शहर?
इंदौर लगातार 5 वर्षों (2017, 2018, 2019, 2020, 2021) से शीर्ष स्थान पर रहा है। इंदौर को लगातार पांचवी बार स्वच्छ शहर बनाने में नगर निगम, कर्मचारी और खुद इंदौर के लोगों का योगदान है। बिना लोगों की जागरूकता के किसी भी शहर को साफ नहीं रखा जा सकता। यहां के लोगों को इंदौर की साफ-सफाई वाला थीम सॉन्ग भी प्रेरित करता है। सफाई मित्रों का एनजीओ व 56 दुकान एसोसिएशन द्वारा सम्मान किया गया।
कुछ महत्वपूर्ण उपाय जिनके कारण इंदौर बना स्वच्छ
- सिटीज़न फीडबैक – इंदौर के लोगों ने स्वच्छता को न सिर्फ सराहा बल्कि उनके जवाबों के कारण इंदौर फिर नंबर एक पर आ सका।
- वेस्ट रिडक्शन – सिंगल यूज़ प्लास्टिक बैन किया, डिस्पोजल के स्थान पर बर्तन बैंक और थैलियों के विकल्प में झोला बैंक शुरू किया, डिस्पोजल फ्री बनाए गए 56 दुकान और सराफा मार्केट।
- रेवेन्यू कलेक्शन – इंदौर ने कचरा प्रबंधन शुल्क के 40 करोड़ वसूले, ये वो शिखर था, जिसे कोई दूसरा शहर छू भी नहीं सका। यहां तक कि नंबर 2 पर रहे भोपाल में भी कचरा प्रबंधन शुल्क 15 करोड़ से ज्यादा नहीं हुआ
- शहर की 16 हज़ार इमारतों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित किया गया
- घरों से निकलने वाले गीले कचरे को घरों में ही खाद में बदलकर 10 से ज्यादा कॉलोनियों को जीरो वेस्ट कॉलोनी बनाया गया
- ट्रेंचिंग ग्राउंड में 15 लाख टन पुराना कचरा हटाकर 60 हजार से ज्यादा पौधे लगाकर सिटी फॉरेस्ट बनाया गया
- इंदौर के लोगों ने स्वच्छता के सभी पहलुओं पर ध्यान देकर उन पर अमल किया और स्वच्छता के लिए घर परिवार और समाज के लोगों को जागरूक किया
- कैरी यॉर ऑन बैग व कैरी यॉर ऑन बॉटल के स्लोगन से चले कई अभियान
- शहर में कचरे के साथ आने वाले कपड़ों को आदमपुर छावनी में सेग्रीगेट करके उनसे रस्सी बनाई जा रही है
- शहर में बर्तन बैंकों की स्थापना कर सार्वजनिक समारोह में प्लास्टिक डिस्पोज़ेबल के उपयोग में कमी आई
- जीरो वेस्ट कॉलोनी: सलैया स्थित आकृति ईको सिटी ब्लू स्काई हाइराइज़ अपार्टमेंट को निगम ने जीरो वेस्ट कॉलोनी घोषित किया
- गणेशोत्सव, दुर्गोत्सव में शहर की झांकियों में उपयोग होने वाले फूलों को इकट्ठा करके अगरबत्ती बनाई गईं
- इंदौर देश का पहला शहर जिसे वाटर प्लस का खिताब मिला।
- शहर में पांच जीरो वेस्ट वार्ड बनाए गए इन्हें कचरा ट्रेंचिंग ग्राउंड भेजने के बजाए वार्ड में ही खत्म किया।
- कचरा संग्रहण शुल्क वसूली के शतप्रतिशत लक्ष्य को पूरा किया।
- छह तरह के कचरे को घरों से अलग किया जा रहा है।
- 144 आदर्श यूरिनल तैयार किए।
- सफाई मित्रों के प्रोत्साहन के लिए बेहतर काम करने वालों को प्रमाणपत्र व वाउचर दिए गए।
- ड्रेनेज चेंबरों की सफाई के लिए रोबोटिक मशीन व अन्य संसाधनों को इस्तेमाल किया।
India Cleanest City Ranking 2021: इंदौर के 10 स्थानों पर एलईडी स्क्रीन लगाई गईं
वितरण कार्यक्रम का लाइव प्रसारण शनिवार 20 नवंबर, 2021 की सुबह 11 बजे शहर के 10 स्थानों पर किया गया। राजवाड़ा, रणजीत हनुमान मंदिर, पलासिया चौराहा सेल्फी प्वाइंट, मेघदूत गार्डन परिसर, राजेंद्र नगर रेलवे स्टेशन के पास, निगम मुख्यालय परिसर, खजराना मंदिर, मूसाखेड़ी चौराहा, मरीमाता चौराहा, कालानी नगर चौराहे पर एलईडी स्क्रीन लगाई गई।
छत्तीसगढ़ बना देश का सबसे स्वच्छ राज्य
India Cleanest City Ranking 2021: केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने वार्षिक स्वच्छता सर्वेक्षण में छत्तीसगढ़ को भारत का सबसे स्वच्छ राज्य घोषित किया है। ‘स्वच्छ सर्वेक्षण 2021’ में स्वच्छ और कचरा मुक्त होने के लिए शहरों ने नगर निगम को सम्मानित किया। ‘स्वच्छ अमृत महोत्सव’ कार्यक्रम का आयोजन केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा किया गया जो दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित किया गया।
India Cleanest City Ranking 2021: कई अन्य राज्यों में भी देखा गया सुधार
कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रदर्शन में 5 प्रतिशत से 25 फीसदी के बीच समग्र सुधार दिखा। 1,100 से अधिक शहरों में कचरे का स्रोत पृथक्करण शुरू कर दिया गया है। इसके अलावा 1,800 शहरी स्थानीय निकायों ने सफाई कर्मचारियों को कल्याणकारी लाभ देना शुरू कर दिया है। वहीं 1500 और शहरों ने गैर-बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक बैग के उपयोग, बिक्री और भंडारण पर प्रतिबंध को अधिसूचित किया है, अब तक 3,000 शहर प्रशासन इसे लागू कर चुके हैं।
स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 में 4,320 शहरों ने लिया था हिस्सा
India Cleanest City Ranking 2021: इस कार्यक्रम में ‘सफाईमित्र सुरक्षा चुनौती’ के तहत शीर्ष प्रदर्शन करने वाले शहरों को मान्यता देकर स्वच्छता कार्यकर्ताओं को श्रद्धांजलि भी दी गई है। मंत्रालय द्वारा सीवर और सेप्टिक टैंक की मशीनीकृत सफाई को बढ़ावा देने और ‘खतरनाक सफाई’ को रोकने के लिए शुरू की गई एक पहल है। 2016 में सिर्फ 73 प्रमुख शहरों ने इस सर्वेक्षण से हिस्सा लिया था लेकिन साल 2021 में इस सर्वेक्षण में 4,320 शहरों ने भाग लिया। ये स्वच्छ सर्वेक्षण का छठा संस्करण है, जो दुनिया का सबसे बड़ा शहरी स्वच्छता सर्वेक्षण बन गया है।”
India Cleanest City Ranking 2021: स्वच्छता को लेकर भारत सरकार की पहल
स्वच्छ भारत अभियान भारत सरकार का सबसे महत्त्वपूर्ण स्वच्छता अभियान है। जिसके दो उपमिशन, स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) और स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) इसके अन्तर्गत आते हैं। इस अभियान के अंतर्गत 2 अक्टूबर 2019 तक “स्वच्छ भारत” की परिकल्पना को साकार करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। धूल-मिट्टी को साफ़ करने के लिए झाडू उठाकर स्वच्छ भारत अभियान को पूरे राष्ट्र के लिए एक जन-आंदोलन का रूप दिया और कहा कि लोगों को न तो स्वयं गंदगी फैलानी चाहिए और न ही किसी और को फैलाने देना चाहिए। उद्योगपति, खिलाड़ी और तकरीबन सभी लोगों ने इस मिशन की सराहना की और भारत को स्वच्छ बनाने के लिए झाड़ू लगाकर लोगों को जागरूक किया।
स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 (India Cleanest City Ranking 2021)’ अभियान कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति कोविंद ने क्या कहा?
स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 (India Cleanest City Ranking 2021) अभियान के तहत राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने शनिवार को 342 शहरों को सम्मानित किया। राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि महात्मा गांधी ने कहा था कि स्वच्छता सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए और गांधीजी की इसी प्राथमिकता को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छ भारत मिशन को जन आंदोलन के रूप में आगे बढ़ाया। राष्ट्रपति ने कहा कि 35 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों तथा शहरी क्षेत्र खुले में शौच से मुक्त हुए हैं।
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स्वच्छ भारत मिशन की सबसे बड़ी सफलता देश की सोच में बदलाव आना है जहां अब घर के छोटे बच्चे भी बड़ों को गंदगी फैलाने से रोकते और टोकते हैं। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि मनुष्यों द्वारा सिर पर मैला ढोना एक शर्मनाक प्रथा है और इसे रोकने की जिम्मेदारी केवल सरकार की ही नहीं बल्कि समाज और देश के सभी नागरिकों की भी है।
सबसे 10 सबसे गंदे शहर (10 लाख से ज्यादा आबादी)
- पटना (बिहार)
- पूर्वी दिल्ली (ईडीएमसी)
- चेन्नई (तमिलनाडु)
- कोटा (राजस्थान)
- उत्तरी दिल्ली
- मदुरै (तमिलनाडु)
- मेरठ (उत्तर प्रदेश)
- कोयंबटूर (तमिलनाडु)
- अमृतसर (पंजाब)
- फरीदाबाद (हरियाणा)
भारत के 10 सबसे गंदे शहर (10 लाख से कम आबादी वाले)
- गया (बिहार)
- बक्सर (बिहार)
- अबोहर (पंजाब)
- भागलपुर (बिहार)
- परसा बाजार (बिहार)
- शिलॉन्ग (मेघालय)
- ईटानगर (अरुणाचल प्रदेश)
- दीमापुर एमसी (नगालैंड)
- बिहारशरीफ (बिहार)
- सहरसा (बिहार)
भारत के 10 सबसे स्वच्छ शहर 2021
- इंदौर
- भोपाल
- विशाखापत्तनमसूरत
- मैसूर
- तिरुचिरापल्ली
- नई दिल्ली
- नवी मुम्बई
- तिरुपति
- वडोदरा
हम अपने देश को कैसे बना सकते हैं सबसे स्वच्छ?
कोई सरकार या नेता, देश को रातोंरात स्वच्छ नहीं कर सकता, अगर हम स्वयं अपनी सफाई की जिम्मेदारी लेते हैं तो यह सोच दूसरों में जागृत होगी और जिससे सभी लोग अपनी-अपनी ज़िम्मेदारी लेंगे और फिर देश गंदा नहीं बनेगा अर्थात हमें अपनी सफाई की जिम्मेदारी लेनी चाहिए, देश को स्वच्छ करने और रखने का यही मूल मंत्र है। हमें अपने घर के अंदर या बाहर या आसपास सभी जगह सफाई का ध्यान रखना चाहिए। सोशल मीडिया के माध्यम से स्वच्छता के तरीकों और महत्व को लगातार लोगों के बीच रखते रहना चाहिए। समय-समय पर अपने गांव शहर में होने वाली गंदगी को खत्म करने का प्रयत्न करना चाहिए। सरकार द्वारा नियुक्त स्वच्छता संबंधी लोगों से संपर्क करके या फिर टीमवर्क के माध्यम से भी इस कार्य को करके अपने गांव शहर को स्वच्छ रख सकते हैं।
स्वच्छता के क्या फायदे हैं?
India Cleanest City Ranking 2021: यदि सामाजिक माहौल सुधरेगा तो कई गंभीर रोगों से छुटकारा मिलेगा। गंदगी के चलते विभिन्न संक्रामक बीमारियां बच्चों व बड़ों को परेशान करती हैं जिससे शारीरिक दुर्बलता होने के साथ ही परिवार की आर्थिक स्थिति भी खराब हो जाती है। अगर स्वच्छता होगी तो लोग स्वस्थ होंगे और अगर लोग स्वस्थ होंगे तो संपन्न होंगे और सुखी रहेंगे इसलिए हमें हमेशा स्वच्छता का ध्यान रखना चाहिए।
संत रामपाल जी महाराज जी की शिक्षाओं से नागरिक जिम्मेदारबन रहे हैं।
जब तक इंसान अंतर्मन से शुद्ध नहीं होगा तब तक ना वह अपने घर की सफाई कर सकता है, ना आस-पड़ोस और न समाज की। एक शिक्षित, समझदार, जागरूक और ज़िम्मेदार व्यक्ति ही स्वयं के साथ-साथ अपने घर- परिवार और समाज का कल्याण कर सकता है यह बात संत रामपाल जी महाराज जी की शिक्षाओं में सर्वोपरि है। यह संत रामपाल जी महाराज जी की शिक्षाओं का ही असर है कि उनके शिष्य एक सभ्य और स्वच्छ वातावरण तैयार कर रहे हैं।
कैसे संत रामपाल जी महाराज जी समाज को स्वच्छ कर रहे हैं?
संत रामपाल जी महाराज जी का कोई भी शिष्य बीड़ी, तंबाकू, शराब, सिगरेट या अन्य किसी भी प्रकार का नशा नहीं करता जिससे नशे की वजह से होने वाली गंदगी नहीं होती तथा वातावरण शुद्ध और स्वच्छ रहता है। सरकार द्वारा चलाई जा रही स्वच्छता संबंधी सभी योजनाओं का संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य पालन करते हैं और लोगों को भी उनके प्रति जागरूक करते हैं। संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य अपने घरों और आश्रम में सुबह-शाम दोनों वक्त देसी घी का दीपक जलाते हैं।
ज़रा सोचिए जब पूरा विश्व संत रामपाल जी महाराज जी के शरण में होगा तो हर घर में देसी घी के दीपक जलने से कितना स्वच्छ और सुंदर माहौल उत्पन्न होगा। देसी घी की ज्योत जलने से वायु में व्याप्त नकारात्मकता और गंदगी स्वतः नष्ट होती है और यह वैज्ञानिक रूप से भी प्रमाणित है। अंतर मन की शुद्धि के लिए, संत रामपाल जी महाराज जी के सभी शिष्य कबीर परमेश्वर जी के तत्वज्ञान से ओतप्रोत अनमोल सत्संगों को सुनते हैं, “जीने की राह” और “ज्ञान गंगा” जैसी पवित्र धार्मिक पुस्तकों का अध्ययन करते हैं, सतनाम मंत्र का जाप और नियम मर्यादा में रहकर भक्ति करते हैं जिससे उनके परिवार में व्याप्त नशाखोरी खत्म होती है और रोजाना उनके साथ ईश्वरीय चमत्कार होते हैं।
यदि आप भी भारत को स्वच्छ राष्ट्र बनाना चाहते हैं तो बहुचर्चित पुस्तक “जीने की राह” पढ़िए और आध्यात्मिक तत्वज्ञान समझ कर संत रामपाल जी से नाम दीक्षा लें तथा मर्यादा में रहकर सद्भक्ति करें व अपना कल्याण कराएं और देश को स्वच्छ और समृद्ध बनाने में सहयोग दें।