India China Latest News Update: भारत और चीन ( India and China) के बीच लद्दाख सीमा पर गलवान घाटी के पास दोनों सेनाओं के बीच सोमवार 15 जून को देर रात झड़प हो गई, जिसमें भारतीय सेना के एक कर्नल समेत कुल 20 जवान शहीद हो गए।
भारत-चीन सीमा विवाद
- लद्दाख में दोनों देशों के बीच एक महीने से ज्यादा वक्त से तनाव चल रहा है।
- गलवान में चीनी सेना से संघर्ष में भारत के 20 जवान हुए शहीद ।
- चीन के 43 सैनिकों के मारे जाने की खबर।
- 16 जून की शाम से आधी रात तक ‘युद्ध’ चला।
- 5 मई से लगातार लद्दाख बॉर्डर पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच तनातनी चल रही थी।
- झगड़े की शुरुआत चीन की तरफ से तब हुई जब बातचीत के बाद उसे पीछे हटाया जा रहा था।
- हाथ, डंडे, पत्थर की यह लड़ाई इतनी भीषण थी कि कई सैनिक घाटी से ही नीचे गिर गए।
- पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के बीच मंगलवार रात देर तक गलवान में हुई घटना को लेकर बातचीत हुई ।
- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तीनों सेना के प्रमुखों और सीडीएस जनरल बिपिन रावत के साथ सीमा पर मौजूदा हालात को लेकर बैठक की।
- बैठक के बाद भारत ने सेना को फैसला लेने की पूरी छूट दे दी है।
लंबे समय से चले आ रहे भारत चीन के बीच सीमा विवाद ने मंगलवार को हिंसक रूप ले लिया । सोमवार की रात से ही भारत चीन सीमा LAC पर गलवान घाटी में दोनों देशों की सेनाओं के बीच जमकर डंडे और पत्थर बरसे। LAC (वास्तविक नियंत्रण रेखा) पर पिछले पचास सालों की सबसे बड़ी खूनी झड़प में भारतीय सेना के एक कर्नल समेत कुल 20 जवान शहीद हो गए जिसमें माना जा रहा है कि चीनी सेना को भी इसमें बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है और बड़ी तादाद में चीन के PLA सैनिक हताहत हुए हैं।
भारत चीन सीमा विवाद 1962 का इतिहास
इससे पहले बता दें कि 1962 के भारत-चीन युद्ध की शुरुआत भी इसी गलवान घाटी से हुई थी। भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 1954 में चीन कम्युनिस्ट पार्टी के चेयरमैन माओ जेडांग के साथ मिलकर हिंदी चीनी भाई भाई के नारे दिए, 1959 के तिब्बती विद्रोह के बाद जब चीन के दलाई लामा को भारत ने शरण दी, तो उसके बाद से ही भारत और चीन के बीच सीमा विवाद की श्रृंखलाएं बढ़ती चली गई।
लेकिन चालबाज चीन की इस नियत को भारत समझ नहीं पाया और 1962 में भारत के 20 हजार सैनिकों के सामने 80 हजार चीनी सैनिकों ने धावा बोल दिया। भारत को युद्ध की आशंका बिल्कुल भी नहीं थी। जिस कारण से भारत अपनी तैयारी पूरी नहीं कर पाया और अंततः 62 के युद्ध में भारत को पराजय का सामना करना पड़ा और चीन विजयी रहा, अक्साई चीन पर भी चीन ने नियंत्रण कर लिया।
सीमा विवाद को लेकर चीन की भारत को धमकी
सीमा विवाद को लेकर 5 मई से ही भारत को युद्ध की धमकी दे रहा चीन अब हिंसा पर उतर आया है, सोमवार की रात को LAC के पास गलवान घाटी में चीन ने भारतीय सैनिकों पर पत्थर और डंडे बरसाने शुरू कर दिए, झड़प एक पहाड़ी पर हो रही थी ऐसे में दोनों तरफ के सैनिकों ने एक-दूसरे को पहाड़ से नीचे फेंकना शुरू कर दिया खबरों के मुताबिक, जिस पहाड़ी पर झड़प हुई वो सैनिकों के भार से टूट कर नदी में आ गिरी जिसके कारण बड़ी तादाद में दोनों सेनाओं के जवान नदी में गिर गए और बड़ी संख्या में दोनों तरफ के सैनिक मारे गए।
नदी में बहकर भी कई सैनिकों ने गंवाई अपनी जान
पहाड़ से नीचे गलवान नदी बह रही थी उस वक्त गलवान नदी का पानी बर्फ के समान था क्योंकि यहां पर इस मौसम में भी रात के वक्त तापमान शून्य से भी नीचे चला जाता है।
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उसके बाद भारत ने भी चीन को मुंहतोड़ जवाब दिया और जवाबी कार्रवाई में चीन के कई सैनिकों को घायल कर दिया हालांकि अभी चीन में कुल मौतों की पुष्टि नहीं हुई है सिर्फ कुछ सैनिकों के हताहत होने की जानकारी ही मिली है।
भारत-चीन के बीच हिंसक झड़प
India China Latest News Update: जानकारी के मुताबिक, सोमवार को पीपी 14 पर एक लंबी बैठक चली । बैठक के बाद निर्णय लिया गया कि दोनों देशों के सैनिक ढाई से तीन किलोमीटर पीछे चले जाएंगे, लेकिन रात के बाद जैसे ही भारतीय सेना की एक छोटी पेट्रोलिंग पार्टी इस बात की तहकीकात करने गई कि मीटिंग में जिस बात पर सहमति बनी थी, उसे चीनी सेना मानती है या नहीं तो उसी दौरान चीनी सैनिकों ने घात लगाकर भारत की इस पेट्रोलिंग पार्टी को घेर लिया और मारपीट शुरू कर दी हालांकि शुरूआत में चीनी सैनिकों की तादाद भारतीय सैनिकों से ज्यादा थी जैसे ही कर्नल संतोष बाबू और बाकी सैनिकों को इस झड़प की जानकारी मिली वे तुरंत झड़प वाली जगह पहुंच गए और चीनी सैनिकों को मुंह तोड़ जवाब दिया।
Wang emphasises that both sides should strengthen communication and coordination through existing mechanism to resolve differences
— Press Trust of India (@PTI_News) June 17, 2020
भारतीय सेना ने अपने बयान में ‘हाई-ऑल्टिट्यूड’ इलाके और ‘सब-ज़ीरो’ तापमान यानी शून्य से भी नीचे तापमान का जिक्र किया है, सेना के आधिकारिक सूत्रों ने झड़प के दौरान किसी भी तरह से कोई फायरिंग से भी इंकार किया है, क्योंकि सैनिकों के पास किसी भी तरह का कोई हथियार नहीं था झड़प केवल लाठी और डंडों से ही हुई थी।
भारतीय जवानों ने निभाया कर्त्तव्य हुए किल्ड इन एक्शन
देर मंगलवार को भारतीय सेना ने आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा कि गलवान घाटी में 14-15 जून की रात को चीनी सैनिकों से हुई झड़प में तीन भारतीय सैनिकों की मौत हो गई थी, तथा बाद में गंभीर रूप से घायल उन 17 सैनिकों ने भी दम तोड़ दिया। इस तरह, कुल 20 सैनिक कारवाई के दौरान शहीद हो गए सेना ने मारे गए सैनिकों के लिए ‘किल्ड इन एक्शन’ शब्द का इस्तेमाल किया, जो कि भारतीय सेना किसी भी सैनिक के कर्तव्य निभाते हुए जान चले जाने के दौरान इस्तेमाल करती है।
India China Latest News Update-भारतीय सेना का बयान
भारतीय सेना ने अपने बयान में साफ तौर से कहा है कि “सेना अपने देश की संप्रभुता और अखंडता के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। संक्षिप्त बयान में ये भी कहा कि गलवान घाटी में जिस जगह भारत और चीन के सैनिकों की भिड़ंत हुई थी वहां अब डिसइंगेजमेंट हो चुका है यानी वहां सैनिक पीछे हट गए हैं
सीमा विवाद को लेकर दोनों देशों के बीच हुई बैठक
सोमवार को पीपी 14 और 17 नंबर पर दोनों देशों के फील्ड कमांडर्स की फ्लैग-मीटिंग हुई। पीपी 14 पर भारतीय सेना का नेतृव किया बिहार रेजीमेंट की 16वीं बटालियन (16 बिहार) के कमांडिंग ऑफिसर, कर्नल बी संतोष बाबू ने। 17 नंबर पेट्रोलिंग प्वाइंट पर भारत की तरफ से एक ब्रिगेडियर स्तर के अधिकारी ने फ्लैग-मीटिंग में हिस्सा लिया। चीन की तरफ से एक सीनियर कर्नल ने हिस्सा लिया।
दोनों देशों के विदेश मंत्रालयों ने दी सफाई
India China Latest News Update: घटना के बाद भारत के विदेश मंत्रालय ने एक संक्षिप्त बयान जारी करते हुए कहा कि LAC के संदर्भ में जिस बात के लिए दोनों पक्ष रजामंद थे उसे चीन की सेना ने बदलने की कोशिश की, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता, अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, “15-16 जून की रात को जो हिंसक झड़प हुई वो चीन की तरफ से जमीनी परिस्थितियों को एक तरफा बदलने के कारण हुई, दोनों ही पक्षों को इस झड़प में नुकसान हुआ है।
China, India agree to resolve border clash in a fair way, de-escalate as soon as possible, reports Reuters quoting China foreign ministry pic.twitter.com/qxyepAB4VM
— ANI (@ANI) June 17, 2020
सेना को दी गई खुली छूट-सूत्र
सूत्रों के अनुसार, सेना को अपने हिसाब से फैसला लेने की छूट दे दी गई है। कैबिनेट कमिटी ऑन सिक्यॉरिटी अफेयर्स की बैठक में रक्षा मंत्री, तीनों सेना के चीफों ने इस बारे में फैसला किया ।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने जताया शोक
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने ट्विटर पर कहा, राष्ट्र उनकी बहादुरी और बलिदान को कभी नहीं भूलेगा। राष्ट्र इस कठिन घड़ी में सैनिकों के परिवारों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। हमें भारत की वीरता के शौर्य और साहस पर गर्व है।
गलवान में सैनिकों का शहीद होना परेशान करने वाला और दर्दनाक है। हमारे सैनिकों ने अनुकरणीय साहस और वीरता को कर्तव्य की पंक्ति में प्रदर्शित किया और भारतीय सेना की सर्वोच्च परंपराओं में अपने जीवन का बलिदान दिया।
The loss of soldiers in Galwan is deeply disturbing and painful. Our soldiers displayed exemplary courage and valour in the line of duty and sacrificed their lives in the highest traditions of the Indian Army.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) June 17, 2020
गृहमंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर बढ़ाया सेना का मनोबल
लद्दाख के गलवान में हमारी मातृभूमि की रक्षा करते हुए हमारे बहादुर सैनिकों को खोने का दर्द शब्दों में नहीं किया जा सकता। राष्ट्र हमारे अमर नायकों को सलाम करता है जिन्होंने भारतीय क्षेत्र को सुरक्षित करने और रखने के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया। उनकी बहादुरी उनकी भूमि के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
मैं उन परिवारों को नमन करता हूं, जिन्होंने ऐसे महान नायक भारतीय सेना को दिए हैं। भारत उनके सर्वोच्च बलिदान के लिए हमेशा ऋणी रहेगा। संपूर्ण राष्ट्र और मोदी सरकार इस दुख की घड़ी में सेना के परिवारों के साथ मजबूती से खड़ी है। घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना।
प्रधानमंत्री मोदी 19 जून को भारत-चीन सीमा पर राजनीतिक दलों के अध्यक्षों के साथ बैठक करेंगे
भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में स्थिति पर चर्चा करने के लिए, प्रधान मंत्री ने 19 जून को शाम 5 बजे सर्वदलीय बैठक बुलाई है। विभिन्न राजनीतिक दलों के अध्यक्ष इस Virtual meeting में भाग लेंगे।