January 21, 2025

संत रामपाल जी के शिष्य ने मुस्लिम व्यक्ति का मोबाइल लौटाया, दिया ईमानदारी और भाईचारे का संदेश

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ईमानदारी और भाईचारा, मानवता का पहला गुण है लेकिन आज के दौर में जब दुनियाभर में लूट खसौट, चोरी, ठगी और जाति धर्म के नाम भेदभाव का बोलबाला हो तो ऐसे में मानवता के ये गुण कागजों पर ही लोगों को देखने व जुबान पर सुनने को मिलते हैं। परंतु दुनिया के सबसे बड़े समाज सुधारक संत रामपाल जी महाराज के दिए जा रहे सत्य आध्यात्मिक ज्ञान से मानवता के सभी गुण उनके अनुयायियों द्वारा चरितार्थ किये जा रहे हैं। 

संत रामपाल जी के अनुयायी ने 25 किलोमीटर वापिस जा लौटाया मोबाइल

महान समाज सुधारक और जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के शिष्य जिनका नाम रतिराम दास है, जो ग्राम लखनगुवा, जिला छतरपुर (मध्य प्रदेश) के निवासी हैं। ये उत्तरप्रदेश के गाजियाबाद जिले के वसुंधरा कैंप में टूरिस्ट ड्राइवर हैं। बीते रविवार 8 अक्टूबर को एक लखनऊ की पार्टी को इन्होंने कश्मीरी गेट (दिल्ली) से हल्द्वानी (उत्तराखंड) लेकर गए थे। जहां उन्होंने उस पार्टी को हल्द्वानी के काठगोदाम में छोड़ दिया। परंतु वे सज्जन जिनका नाम था मोहम्मद खान (लखनऊ, उत्तरप्रदेश) था ये पेशे से बिजनेसमैन हैं इनके साथ इनके मित्र भी थे, इनके मित्र फोन गाड़ी में ही रह गया था और उनको होटल में छोड़कर संत रामपाल जी के ड्राइवर शिष्य रतिराम जी 20-25 किलोमीटर दूर वापस निकल आये थे। फिर अचानक गाड़ी में फोन बजने की आवाज आई तो उन्होंने देखा की गाड़ी में फोन बज रहा है। रतिराम जी ने फोन को उठाया तो मोहम्मद खान बहुत घबराए लग रहे थे तब उन्होंने उन्हें उनका फोन लौटाने का आश्वासन दिया और वापस 25 किलोमीटर जाकर जहां उन्हें होटल में छोड़ा था, उनका फोन उन्हें लौटा दिया जिसकी कीमत 20 हजार से भी ज्यादा थी। 

ईमानदारी और भाईचारे का दिया संदेश

वहीं मोबाइल फोन वापिस मिलने पर मोहम्मद खान व उनके मित्र के चेहरे पर एक अजीब सी खुशी की लहर दौड़ रही थी। साथ ही रतिराम जी के बारे में जानने की भी बड़ी उत्सुकता दिखाई दे रही थी कि आज के दौर में भी ऐसे ईमानदारी की मिसाल कायम करने वाले व्यक्ति मौजूद हैं इसकी क्या वजह है क्योंकि आज तो किसी के दस रुपये भी किसी को मिल जायें तो उसे वापिस करने का इरादा भी नहीं होता और इन्होंने तो इतने दूर से वापिस आकर इतना मंहगा फोन वापिस कर दिया। 

■ Also Read: इंसानियत का परिचय देते हुए संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य

जिसके बाद मोहम्मद खान ने रतिराम जी की प्रशंसा की और इस ईमानदारी के पीछे का कारण जाना। तो रतिराम जी ने बताया कि मैं परमात्मा स्वरूप संत रामपाल जी महाराज का शिष्य हूँ। हमें संत रामपाल जी महाराज सत्य आध्यात्मिक ज्ञान प्रदान करते हैं जिसमें वे बताते हैं कि 

जैसे किरका जहर का रंग होरी हो, 

कहो कौन तिस खावे राम रंग होरी हो।।

तुमने उस दरगाह का मैल न देखा, 

धर्मराज के तिल तिल का लेखा। 

अर्थात गलत तरीके से अर्जित किया गया धन जहर (विष) के समान होता है। जिसका हिसाब धर्मराज (यम) के दरबार (महल) में होता है। इसलिए दूसरों का धन नहीं हड़पना चाहिए। वहीं हमारे गुरुदेव बताते हैं कि मानवता का यह महत्वपूर्ण गुण होता है कि वह सभी जाति, धर्म के लोगों को समान दृष्टि से देखे उनमें कोई भेदभाव न करे, क्योंकि सभी एक खुदा (परमात्मा/अल्लाह) के बच्चे हैं जो इनमें भेदभाव करता है वह परमात्मा का दोषी होता है। साथ ही, संत रामपाल जी महाराज परमेश्वर कबीर (अल्लाह कबीर) का दिया गया बताते हुए कहते हैं:

जीव हमारी जाति है, मानव धर्म हमारा।

हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई, धर्म नहीं कोई न्यारा।।

हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई, आपस में हैं भाई-भाई।

आर्य, जैनी और बिश्नोई, एक प्रभु के बच्चे सोई।।

तथा ईमानदारी से अपना जीवन यापन करें, दूसरों के धन पर नीयत खराब न करें। यहीं कारण है कि आज हम यह ईमानदारी का नेक कार्य कर पाए हैं। इसलिए धन्यवाद संत रामपाल जी महाराज का करिए मेरा नहीं।

बिजनैसमेन मोहम्मद खान ने किया संत रामपाल जी महाराज की सराहना

संत रामपाल जी के अनुयायी रतिराम जी ने बिजनसमैन मोहम्मद खान से कहा कि आप भी संत रामपाल जी महाराज के ज्ञान को समझो। जिसके बाद उन्हें रतिराम दास ने उनके मोबाइल पर Sant Rampal Ji Maharaj App डाउनलोड करवाया और संत रामपाल जी महाराज द्वारा लिखित पवित्र पुस्तक ज्ञान गंगा भेंट की। जिसके बाद मोहम्मद खान ने खुद कैमरा ऑन करवाकर संत रामपाल जी महाराज का बहुत-बहुत आभार प्रकट किया और उनकी सराहना की तथा उनके ज्ञान को समझने का वादा किया। साथ ही उन्होंने अपना नंबर भी रतिराम दास को प्रदान किया और संत रामपाल जी महाराज का जयकारा भी लगाया। जिसकी पुष्टि SA News की टीम ने मोहम्मद खान द्वारा रतिराम दास को प्रदान किये गए नम्बर पर कॉल करके पुष्टि की। जिससे यह घटना एक दम सत्य सिद्ध होती है।

संत रामपाल जी के तत्वज्ञान से लोगों में आ रहा बदलाव

रतिराम जी ने मोहम्मद खान को बताया कि हमारे गुरुजी के ज्ञान को समझकर लाखों लोग नशा, रिश्वतखोरी, जुआ, शराब, दहेज लेना देना छोड़ चुके हैं और एक सभ्य जीवन जी रहे हैं। हजारों लोगों की असाध्य कैंसर जैसी बीमारी संत रामपाल जी महाराज द्वारा प्रदान की गई सतभक्ति करने से ठीक हो चुकी है। वहीं संत रामपाल जी महाराज आध्यात्मिक मार्ग में फैले पाखंडवाद को समाप्त कर सभी प्रमाणित धर्मग्रंथों की तुलनात्मक समीक्षा करके शास्त्रानुकूल भक्ति जन सधारण तक पहुंचा रहे हैं। उनका मुख्य उद्देश्य है:

  • समाज में व्याप्त कुरीतियों का समूल नाश करना
  • दहेज प्रथा, मुत्युभोज, भ्रूण हत्या, छुआछूत, रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार आदि से मुक्त समाज का निर्माण करना है
  • नशा मुक्त भारत बनाना। समाज में मानव धर्म का प्रचार, भ्रूण हत्या पूर्ण रूप से बंद करना
  • छुआ-छूत रहित समाज का निर्माण
  • समाज से पाखंडवाद को खत्म करना
  • भ्रष्टाचार मुक्त समाज का निर्माण करना
  • समाज से जाति-पाति के भेद को मिटाना
  • समाज से हर प्रकार के नशे को दुर करना
  • समाज में शांति व भाईचारा स्थापित करना
  • विश्व को सतभक्ति देकर मोक्ष प्रदान करना
  • युवाओं में नैतिक और आध्यात्मिक जागृति लाना
  • समाज से दहेज रूपी कुरीति को जड़ से खत्म करना
  • सामाजिक बुराईयों को समाप्त करके स्वच्छ समाज तैयार करना
  • समस्त धार्मिक ग्रंथों के प्रमाण के आधार पर शास्त्र अनुकूल साधना समाज को देना।

वहीं संत रामपाल जी महाराज द्वारा प्रदान किये जा रहे तत्वज्ञान को जानने के लिए Sant Rampal Ji Maharaj Youtube Channel देखिये।

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