Delhi Weather (Delhi Rains): दिल्ली में बारिश ने राहत के साथ ढाया कहर

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Delhi Weather Today, Heavy rains in Delhi: राजधानी दिल्ली में भारी बारिश से एक तरफ गर्मी से राहत मिली लेकिन लोगों को उठाना पड़ा भारी नुकसान । कई लोगों की हुई मौत । आज पाठक जानेंगे कि क्या इसी प्रकार कष्टों का जीवन जीते रहें अथवा कोई लोक ऐसा है जहां सुख ही सुख हैं । आइए जानते हैं विस्तार से पूरा समाचार ।

Delhi Weather: Heavy rains in Delhi-मुख्य बिंदु

  • भारी बारिश से दिल्ली में हुई गर्मी से राहत, किन्तु भर गया जगह-जगह पर पानी
  • सफदरजंग वेधशाला ने सुबह साढ़े आठ बजे तक 74.8 मिली मीटर बारिश दर्ज की
  • वहीं पालम मौसम केंद्र ने 16.9 मिली मीटर वर्षा दर्ज की
  • अनेकों स्थानों पर बारिश के कारण फंसे कई वाहन, लगा ट्रैफिक जाम
  • कई हताहत और चार मौतों के होने की खबर भी आई सामने
  • बारिश के कारण कई वाहन खराब हुए, जाम की बनी स्थिति
  • लोगों को आवागमन में करना पड़ा दिक्कतों का सामना
  • एक ऐसा देश है सतलोक जहां नहीं है प्राकृतिक आपदाओं का झंझट

दिल्ली में बारिश का कहर

राजधानी दिल्ली में बारिश ने अपना कहर बरपाया है जिससे न केवल जल भराव की स्थिति पैदा हो गई है, बल्कि लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। इतना अधिक पानी भरा कि डीटीसी की बसें डूब गईं, कई झुग्गियां बह गईं और चार लोगों की मौत की सूचना है।

दिल्ली में हुआ जलभराव

तेज बारिश के कहर ने गर्मी से राहत दी लेकिन चारों ओर पानी पानी कर दिया। लोग पैदल जाने का रास्ता नहीं खोज पा रहे थे। मिंटो ब्रिज पर बस आधी से अधिक डूब गई थी। सफेद हाथी के ड्राइवर की डूबने से जान चली गई उसका शव तैरता हुआ किसी मजदूर के हाथ लगा। कई वाहन भी खराब होने की बात सामने आई है।

ITO में बहीं झुग्गियां

दिल्ली में जलस्तर तो बढ़ा ही लेकिन ITO के पास अन्ना नगर में सात आठ झुग्गियां भी बारिश के पानी में बह गईं। मकान भी तेज बारिश के कारण ढह गया। सामने बह रहे नाले में अचानक पानी के तेज बहाव के आने से मकान उसमें समाते गए।

मौत ने मचाया तांडव

Delhi Weather Today, Heavy rains in Delhi: दिल्ली के मिन्टों ब्रिज के नीचे एक छोटी मालवाहक गाड़ी के फंस जाने से एक 60 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई। बताया गया कि कुंदन कुमार नई दिल्ली रेलवे से कनॉट प्लेस से टाटा एस गाड़ी चला रहा था वहीं पानी के खत्म होने का इंतज़ार करता रहा लेकिन जलभराव में फंसकर उसकी मौत हो गई। अन्य घटना में मोहम्मद मतीन अचेत अवस्था में सौरभ विहार के छठ घाट में मिला।

अपोलो हॉस्पिटल में उसे मृत घोषित कर दिया गया। वहीं एक 29 वर्षीय मजदूर, जो दक्षिण पूर्वी दिल्ली में स्क्रैप की दुकान पर काम करता था, की मौत गहरे पानी में गिरने से हो गई है। जहाँगीर पुरी में एक 56 वर्षीय शख्स की मृत्यु बिजली के खम्भे से टकराने से हो गई है। हैदर अली के रूप में पहचाने गए व्यक्ति को बजे आर एम एल अस्पताल में मृत घोषित कर दिया गया।

यो न देस तुम्हार

महाभारत की प्रसिद्ध कथा में यक्ष और युधिष्ठिर संवाद में यक्ष ने दुनिया का सबसे बड़ा आश्चर्य पूछा था और युधिष्ठिर ने उसका उत्तर दिया था कि व्यक्ति प्रतिदिन लाखों लोगों को मरते देखता है फिर भी अमर होने की कामना करता है। यह आश्चर्य आज भी विद्यमान है। व्यक्ति प्रतिदिन आपदाएं, संकट और रुदन से जूझ रहा है लेकिन उसके बाद भी उसे चाहत है कि सब ठीक हो और वह यहीं मौज करे। यह मौज करने वाला स्थान नहीं है।

मौज करने वाला स्थान जहाँ कोई मृत्यु नहीं, सदा युवा शरीर है, कोई दुख नहीं वह सतलोक है। वहां बीमारी आदि नहीं है केवल एक तत्व का शरीर है। सतलोक के हम सभी वासी हैं लेकिन स्वयं गलती से आये। अब वापस जाना उतनी आसानी से संभव नहीं है। ज्ञान समझें और नाम दीक्षा लें अन्यथा देर हो जाएगी और आत्मा इसी लोक में धक्के खाएगी, कुत्तों, गधों और सुअर योनियों में भी जाएगी। समाधान केवल तत्वदर्शी सन्त रामपाल जी महाराज के पास है

संत गरीबदास जी के विचार

तत्वदर्शी सन्त की शरण में आकर सही भक्ति विधि अपनाकर ही उस देश में जहां हमारा अपना घर है वहाँ जाया जा सकता है। संत गरीबदास जी महाराज कहते हैं-

अजब नगर में ले गया, हमको सतगुरु आन |
झिलके बिम्ब अगाध गति, सूते चादर तान ||

अर्थात सतगुरु एक ऐसे अमर स्थान ले गया जहां केवल मौज है। सुंदर स्थान पर आराम से चादर ताने बेफिक्र होकर सो सकते हैं। अन्य वाणी में सन्त गरीबदासजी महाराज कहते हैं-

शंखों लहर मेहर की ऊपजैं, कहर नहीं जहाँ कोई |
दास गरीब अचल अविनाशी, सुख का सागर सोई ||

उस अमर स्थान सतलोक में कोई कहर नहीं है। वह वास्तव में सुख का सागर है। पूर्ण गुरु से नाम दीक्षा लेकर भक्ति नहीं की तो पुनः 84 लाख योनियों में चक्कर काटने होंगे और कष्ट भोगना होगा। इस लोक में आप किसी भी तरह सुरक्षित नहीं हैं। गरीबदास जी अन्य वाणी में बताते हैं-

चार मुक्ति जहाँ चम्पी करतीं, माया हो रही दासी |
दास गरीब अभय पद परसै, मिले राम अविनाशी ||

भावार्थ है कि उस परम धाम में अत्यधिक सुख है। साधक की मुक्ति की चार अवस्थाएं मानी जातीं हैं हालांकि बिन सतगुरु पूर्ण मोक्ष असम्भव है। ऐसे लोक में ये चारों मुक्तियाँ और माया दासी के समान हैं जिनके हम यहां इस लोक में गुलाम हैं।

अपने मूल घर सतलोक वापस कैसे जाए?

वर्तमान में सन्त रामपाल जी महाराज पूर्ण तत्वदर्शी सन्त हैं। ऐसे मनुष्य जिन्हें अपने मूल घर सतलोक वापस लौटने की अभिलाषा है वो सभी पूर्ण तत्वदर्शी सन्त रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लें और गुरु मर्यादा में रहकर गुरु उपदेश का अक्षरशः पालन कर सतगुरु की सेवा करके भक्ति करते हुए सतगति को प्राप्त हों । सतलोक जाने के पश्चात मृत्यु लोक में नहीं आना पड़ता और सर्व सुख भोगते हैं ।

या दुनियां में आई के, छांड़ि देय तू ऐठी |
लेना होय सो लेइले, उठी जातु है पैंठी ||

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