हरियाणा के भिवानी जिले का मण्ढ़ाणा गाँव पिछले ढाई-तीन महीनों से बाढ़ की भयंकर त्रासदी का सामना कर रहा था। चारों ओर पानी का सैलाब था, रास्ते बंद हो चुके थे, खेतों में छह से आठ फुट तक पानी भर गया था और फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई थीं। गाँव के स्कूल, अस्पताल और सरकारी दफ्तर सभी पानी में डूब चुके थे। पीने के पानी और खाने की सामग्री की भारी कमी हो गई थी। ग्रामवासी प्रशासन से लेकर नेताओं तक हर जगह मदद की गुहार लगा चुके थे, लेकिन कहीं से भी ठोस सहायता नहीं मिली। इस भयानक संकट के समय जब गाँववाले पूरी तरह निराश हो चुके थे, तभी परमात्मा की कृपा के रूप में संत रामपाल जी महाराज का आशीर्वाद आया और सबके जीवन में नई उम्मीद की किरण जग गई।
गाँव की भयावह स्थिति
गाँव के लोग बताते हैं कि खेतों में उगाई गई बाजरा, धान, और अन्य फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गईं। पशुओं के बंधने की जगहों में पानी भर गया और मकानों के अंदर तक जल पहुँच गया था। कई परिवारों को अपने घर छोड़कर दूसरों के घरों में शरण लेनी पड़ी। बच्चों की पढ़ाई रुक गई, और बेटियों के स्कूल भी पानी में डूब गए। जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया था। लोग प्रशासन से बार-बार मदद की गुहार लगाते रहे, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। ऐसी स्थिति में गाँव के लोग निराशा के अंधकार में डूबे हुए थे।
सरपंच की प्रार्थना और संत का आशीर्वाद
जब गाँव मण्ढ़ाणा के सरपंच श्री संजय कौशिक जी को यह पता चला कि पड़ोस के गाँवों में संत रामपाल जी महाराज के अनुयायी बिना किसी स्वार्थ के बाढ़ राहत सामग्री बाँट रहे हैं, तो उनके मन में भी उम्मीद की एक किरण जाग उठी। उन्होंने खुद बरवाला जाकर सतगुरु के चरणों में एक प्रार्थना लिखकर भेजा। किसी ने भी नहीं सोचा था कि कुछ ही घंटों में उनकी प्रार्थना स्वीकार हो जाएगी और अगले दिन राहत सामग्री का एक बड़ा काफिला मण्ढ़ाणा पहुँच जाएगा।
अभूतपूर्व मदद


संत रामपाल जी महाराज ने गाँव मण्ढ़ाणा की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए उन्हें तुरंत 10,000 फीट लंबे 8 इंची पाइप, तीन बेहद शक्तिशाली 20 हॉर्स पावर की मोटरें और मोटर चलाने के लिए जरूरी सभी सामान मुहैया कराया। इसके साथ ही, स्टार्टर, कॉपर वायर, वाल्व सिस्टम और पाइप जोड़ने के उपकरण भी दिए गए ताकि गाँववाले तुरंत काम शुरू कर सकें। इतना ही नहीं, संत रामपाल जी महाराज ने यह भी भरोसा दिलाया कि अगर भविष्य में और किसी तरह की जरूरत पड़ी, तो वह भी पूरी की जाएगी।
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गाँववासियों की भावनाएँ
गाँववासी राहत सामग्री पाकर बेहद भावुक हो गए। सरपंच ने संत रामपाल जी महाराज का दिल से धन्यवाद किया और कहा कि जहाँ सरकार असफल रही, वहाँ संत रामपाल जी ने चमत्कार कर दिखाया। गाँव के बुजुर्ग, महिलाएँ और युवा सभी ने एक साथ कहा कि यह सहायता सिर्फ डूबते को तिनके का सहारा नहीं, बल्कि एक पूरे वृक्ष की तरह है, जिसने उन्हें जीने का नया साहस दिया है। गाँव के हर व्यक्ति ने महसूस किया कि सच्चे संत ही समाज की असली सेवा कर सकते हैं।
व्यापक सेवा अभियान
यह ध्यान देने योग्य है कि संत रामपाल जी महाराज की यह सेवा केवल मण्ढ़ाणा गाँव तक सीमित नहीं रही। हरियाणा के हिसार, बरवाला, गुराना, बधावड़, राड, लितानी और ढाणी खान बहादुर जैसे गाँवों में भी हजारों फीट पाइप, दर्जनों मोटरें और पंप उपलब्ध कराए गए हैं। इसके अलावा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर जैसे बाढ़ प्रभावित राज्यों में भी खाद्य सामग्री और आवश्यक राहत पहुँचाई जा रही है।
संत रामपाल जी महाराज ने आदेश दिया कि उनके सभी आश्रमों में चल रहे निर्माण कार्य तुरंत रोक दिए जाएँ और सारी शक्ति तथा संसाधन बाढ़ पीड़ितों की सेवा में लगाए जाएँ। यह आदेश उनकी करुणा और समाज सेवा की एक बेहतरीन मिसाल पेश करता है।
सच्चे संत की पहचान
गाँव के लोगों का कहना है कि सच्चा संत वही होता है जो समाज के भले के लिए हमेशा तैयार रहता है। संत रामपाल जी महाराज ने यह साबित कर दिया है कि एक असली गुरु सिर्फ प्रवचन देने तक सीमित नहीं होता, बल्कि जब जरूरत होती है, तब वह समाज के साथ खड़ा होता है। उन्होंने बाढ़ से प्रभावित लोगों को न केवल भौतिक मदद दी, बल्कि उनके हौसले को भी बढ़ाया।
मण्ढ़ाणा गाँव की यह कहानी हमें यह सिखाती है कि जब सच्चे संत की कृपा होती है, तो असंभव भी संभव बन जाता है। महीनों से डूबा हुआ गाँव, जहाँ कोई उम्मीद नहीं थी, वहाँ सिर्फ 24 घंटों में संत रामपाल जी महाराज की दया से एक नई सुबह आई। आज पूरा गाँव उनके चरणों में नतमस्तक है।